इस्लाम में ड्रग बहुत हराम माना गया है .. शरिया कानूनों से चलने वाले देशो जैसे सऊदी अरब, ईरान आदि देशो में ड्रग्स स्मगलर का सर कलम कर दिया जाता है ...
लेकिन एक विरोधाभाष से भी है की पुरे विश्व को ड्रग्स का कच्चा माल यानी अफीम इस्लामिक देश अफगानिस्तान ही सप्लाई करता है ... जब अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा किया था तो उसने सख्ती से शरिया कानून लागु किया लेकिन उसने अफीम की खेती और खरीदफरोख्त पर रोक नही लगाई बल्कि उसे बढ़ावा दिया ...
ड्रग्स के लिए दो कच्चे माल होते है ... कोका पेड़ की पत्तियाँ जिससे कोकेन बनता है और दूसरा ओपियम की पत्तिया जिससे मेरुजुआना से लेकर हीरोऐन बनता है ...
कोका का सबसे बड़ा उत्पादक देश साउथ अमेरिकी देश कोलम्बिया है और कोलम्बिया के कई चर्च इस धंधे में लिप्त है ...
अफीम या ओपियम का सबसे बड़ा उत्पादक अफगानिस्तान है और वहां से कई इस्लामिक सन्गठन इसके व्यवसाय में लिप्त है ...
दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग्स स्मगलर कोलंबिया का पाब्लो एस्कोबार था जो कोलम्बिया के आधे से भी ज्यादा एरिया पर अपनी सरकार चलता था ..कोलम्बिया का राष्ट्रपति भी उसके आगे सर झुकाता था .. कोलंबिया के सभी चर्च और उस रीजन के कार्डिनल यानी सभी ईसाई धार्मिक संगठनो का उसे समर्थन प्राप्त था ... बदले में पाब्लो एस्गोबार उन्हें भारी रकम देता था ... पाब्लो एस्कोबार को "किंग ऑफ़ कोकेन" कहते थे ...१९८० में उसकी कुल सम्पत्ति १०० मिलियन डालर थी .. उसने कोलम्बिया के आधे हिस्से पर कब्जा करके कोलंबिया के खुबसूरत शहर मेडीलीन [मेजिलिन] को अपनी राजधानी बनाया ....
उसने पोप को अपनी राजधानी में बुलाया था और पोप उसके बारे में जानते हुए भी उसके बुलावे पर मेजिलिन गये थे और उसकी मेहमानवाजी स्वीकार की थी .. उसने अपनी बहन को एक ट्रस्ट बनाकर उसकी आड़ में खूब समाजसेवा भी करता था ...
जब अमरीकी युवा कोकेन के जाल में फंसकर खत्म होने लगे तो अमरीकी सरकार ने पाब्लो और उसके साम्राज्य को खत्म करने की ठानी ... उसी समय कोलम्बिया में एक युवा राष्ट्रपति बने जो खुद भी कोलम्बिया से ड्रग्स खत्म करना चाहते थे .. उन्होंने अमरीकी एफबीआई और कोलम्बिया पुलिस और अमेरिकी सेना के साथ मिलकर ड्रग्स के खिलाफ एक लड़ाई छेड़ दी ... पाब्लो भागकर एक होटल में छुप गया ... लेकिन जैसे ही उसने अपनी पत्नी को फोन किया एफबीआई ने उसकी लोकेशन पता लगा ली और उसके शरीर में सैकड़ो गोलियां उतार दी ... हलांकि पाब्लो अपने देश में रोबिब हुड की तरह था ...
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कहते है एक एक धार्मिक गुरु कभी हानि या लाभ को कैलकुलेट करके किसी से मिलने के लिए हां या ना नही कह सकता ..चूँकि वो एक धार्मिक गुरु है इसलिए उसे बिना किसी डर झिझक या लाभ हानि पर विचार किये बगैर सबसे मिलना चाहिये ...
रोम की यात्रा पर गये सर्वोच बौद्धधर्म गुरु दलाई लामा ने ईसाई धर्म के सर्वोच धर्मिक गुरु पोप फ्रांसिस से मिलने का समय माँगा ... लेकिन पोप फ्रांसिस ने ये कहते हुए दलाई लामा से मिलने से इनकार कर दिया की वो दलाई से मिलकर चीन को नाराज नही करना चाहते
अब एक बड़े धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक गुरु राजनितिक नेता बनकर लाभ और हानि का कैल्कुलेशन कर रहा है ... जब आप सन्यास ले लेते है तब आप मोह माया और सांसारिक रिश्तो से उपर उठकर विचार करते है ... लेकिन ये कैसा पोप है जो किसी दुसरे धर्म के सर्वोच्च नेता से सिर्फ इसलिए मिलने से इंकार कर देता है की कोई उससे नाराज न हो जाए ..
सच में पाखंड छल और प्रपंच का दूसरा नाम ही चर्च है ...
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बैंगलौर के कोंग्निजेंट कम्पनी के इंजीनियर मेहदी मसरूर के द्वारा आईएसआईएस के चीफ बगदादी के सम्पर्क में रहकर उसका ट्विटर हैंडल चलाने की घटना ने साबित कर दिया की जो लोग सोचते है की मुस्लिम युवको को उच्च शिक्षा देकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल कर लेंगे वो एकदम गलत सोचते है ....
जितना ज्यादा पढ़ा लिखा मुसलमान ...उतना बडा आंतकी बनता है ...
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यदि आप कहे की मैं पहले मुसलमान हूँ उसके बाद कुछ और---तो आप धर्मनिरपेक्ष हो
.
यदि आप कहो की मैं वन्देमातरम नहीं गाऊंगा----तब भी आप धर्मनिरपेक्ष हो
.
यदि आप अपने धर्म के नाम पर किसी के खिलाफ फतवा निकाल दी---तब भी आप धर्मनिरपेक्ष हो
.
यदि आपका लड़का धर्म के नाम पर लड़ाई करने इराक और सीरिया गया हो---तब भी आप धर्मनिरपेक्ष हो और मासूम हो
.
यदि कश्मीर और आसाम में चुन-चुन कर हिन्दुओं को मारा जाये---तब भी आपकी सरकार धर्मनिरपेक्ष है
.
इशाई मिशनरी और मश्जिद-मदरसे द्वारा चाहे जितने भी हिन्दुओं का धर्म-परिवर्तन करा लिया जाये---तब भी वो धर्मनिरपेक्ष ही रहेंगे
.
लेकिन गलती से भी आपने अपनेआप को हिन्दू बोल दिया तो आप सांप्रदायिक हो गए
और यदि आपके मुँह से कहीं राम-राम निकल गया तब तो आफत ही आफत...आप संघी माने जाओगे, आप साम्प्रदायिक माने जाओगे...आपसे इस देश को खतरा होने लगेगा , सारे मीडिया वाले और सेक्सुलर टाइप के लोग सुबह से देर रात तक आपके पीछे पड़ जायेंगे।
.
साला लगता है जैसे हिंदुस्तान में हिन्दू होने पर गर्व करना ही पाप हो गया।
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यदि आप कहे की मैं पहले मुसलमान हूँ उसके बाद कुछ और---तो आप धर्मनिरपेक्ष हो
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यदि आप कहो की मैं वन्देमातरम नहीं गाऊंगा----तब भी आप धर्मनिरपेक्ष हो
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यदि आप अपने धर्म के नाम पर किसी के खिलाफ फतवा निकाल दी---तब भी आप धर्मनिरपेक्ष हो
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यदि आपका लड़का धर्म के नाम पर लड़ाई करने इराक और सीरिया गया हो---तब भी आप धर्मनिरपेक्ष हो और मासूम हो
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यदि कश्मीर और आसाम में चुन-चुन कर हिन्दुओं को मारा जाये---तब भी आपकी सरकार धर्मनिरपेक्ष है
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इशाई मिशनरी और मश्जिद-मदरसे द्वारा चाहे जितने भी हिन्दुओं का धर्म-परिवर्तन करा लिया जाये---तब भी वो धर्मनिरपेक्ष ही रहेंगे
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लेकिन गलती से भी आपने अपनेआप को हिन्दू बोल दिया तो आप सांप्रदायिक हो गए
और यदि आपके मुँह से कहीं राम-राम निकल गया तब तो आफत ही आफत...आप संघी माने जाओगे, आप साम्प्रदायिक माने जाओगे...आपसे इस देश को खतरा होने लगेगा , सारे मीडिया वाले और सेक्सुलर टाइप के लोग सुबह से देर रात तक आपके पीछे पड़ जायेंगे।
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साला लगता है जैसे हिंदुस्तान में हिन्दू होने पर गर्व करना ही पाप हो गया।
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धर्मांतरण वाले मुद्दे पर एबीपी न्यूज़ के पेट मे दर्द क्यों हो रहा है और यह चैनल हिन्दू विरोधी क्यों है??.....
पहले एबीपी न्यूज़ का नाम स्टार न्यूज़ था. ABP News एक स्वतंत्र संस्था हुआ करती थी. एबीपी न्यूज़ का पूरा नाम पहले "एसोसिएटेड बैप्टिस्ट प्रेस" हुआ करता था. बाद मे इसे आनंद बाज़ार पत्रिका ने खरीद लिया......
आनंद बाज़ार पत्रिका को फंडिंग भी इसाइयों की संस्था ने किया था. इसीलिए आज ABP ग्रूप के तीन चैनल हैं. एक हिन्दी न्यूज़ दिखाता है, दूसरा चैनल मराठी समाचार को दिखाता है और तीसरा चैनल बांग्ला भाषा मे समाचार प्रदर्शित करता है.....
लेकिन इसके कर्मचारी और विचारधारा वही हिन्दू विरोधी बनी रही है.
टीआरपी के मामले मे दूसरे नंबर पर रहने वाली एबीपी न्यूज़ के मुख्य संपादक भी शाजी जमाँ हैं. जो अपनी कट्टरता के लिए प्रसिद्ध हैं. शायद यही कारण है की दीपावली, होली जैसे सभी प्रमुख हिन्दू पर्व-त्योहारों पर सबसे पहले विरोध करने वाला यही चैनल है.....
इसका एक और प्रूफ आपको देता हूँ. आप अपने ब्राऊजर मे abpnews.comटाइप कीजिये. इसी ईसाई संस्था की वेबसाइट खुलेगी.....
टीआरपी के मामले मे दूसरे नंबर पर रहने वाली एबीपी न्यूज़ के मुख्य संपादक भी शाजी जमाँ हैं. जो अपनी कट्टरता के लिए प्रसिद्ध हैं. शायद यही कारण है की दीपावली, होली जैसे सभी प्रमुख हिन्दू पर्व-त्योहारों पर सबसे पहले विरोध करने वाला यही चैनल है.....
इसका एक और प्रूफ आपको देता हूँ. आप अपने ब्राऊजर मे abpnews.comटाइप कीजिये. इसी ईसाई संस्था की वेबसाइट खुलेगी.....
ABP News की सच्चाई को सामने लाने के लिए इस् पोस्ट को अधिक से अधिक कॉपी-पेस्ट और शेयर करें. क्योंकि इस हिन्दूद्रोही न्यूज़ चैनल की सच्चाई सामने लानी बहुत जरूरी है.....
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गैर-मुस्लिम महिलाओं को दास बनाना, उनसे सेक्स करना जायज: - Aajtak India Today http://t.co/b0FXV0HHN6 via @aajtak
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