Thursday, 17 October 2013

स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ




अंग्रेजो ने एक ऐसा इंडिया का निर्माण किया जो भारत से घृणा करता है - जिसके लिए भारत की हर बात अंधविश्वास, अवैज्ञानिकता, दकियानूसी सोच और पिछड़ेपन का प्रतिक है, जो इतनी अधिक हिन भावना से ग्रस्त है की उसके लिए अमेरिका, यूरोप स्वर्ग है, वहाँ की हर सोच प्रगति की निशानी वहाँ के औरतों के नंगेपन में उसे नारी स्वतंत्रता का दर्शन होता है, वहाँ की अवैज्ञानिक भाषा उसे विश्वभाषा दिखाई देती है, वहाँ का अज्ञान उसकी दृष्टि में विज्ञान है, उनकी क्रूरता में उसके साहस और उसकी कायरता में अहिंसा का दर्शन होता है, लूट से एकत्रित संपत्ति की और न देख वह उसे एक विकसित राष्ट्र कहता है।

अंग्रेज जाते जाते एक संधि के अनुसार यहाँ के गाँधी-नेहरु को सत्ता सौंप गए लेकिन विभाजन से पीड़ित हमलोगोंको का ध्यान इस ओंर नही गया अंग्रेजो के जाने को ही हमने आजादी मान ली। 15 अगस्त 1947 से पहले भारत अंग्रेजो का गुलाम था और आज इंडिया का गुलाम है। व्यक्ति हो या देश जब अपनि प्रकृति का विरोध करने लगता है, बीमार हो जाता है और जबतक वह अपनी प्रकृति को नहीं समझता स्वस्थ नही हो सकता।

भारत ऋषि प्रधान राष्ट्र था; ऋषि अर्थात जिन्होंने जड़ से ऊपर एक चेतन तत्त्व का साक्षातकार किया था उनका उद्देश्य शरीर की सीमा में अपने आपको बांधने की प्रबृत्ति से मनुष्य को मुक्त करना रहा। भोग में डूबा व्यक्ति शरीर की सीमा से मुक्त नही हो सकता, इसलिए ऋषियों ने त्याग को महत्व दिया और भोग की निःसारता को समझ उसे त्यागना ही उचित समझा। भौगोलिक दृष्टि से भारत का सम्बंध जितने भी देश से रहा हो लेकिन भारत की संस्कृति का प्रभाव पूरी दुनिया पर था। भारत पर अंग्रेजों, मुघलों का आक्रमण केबल एक देश का दुसरे देश पर आक्रमण ही नही था अपितु यह असुरों का ऋषि संस्कृति पर आक्रमण था। असुर अर्थात शरीर को ही सब कुछ मानने वाले।

शरीर को ही सबकुछ मानने से शरीर को भोगों से तृप्त करने के लिए अधिक से अधिक भोग जुटाना ही एक मात्र उद्देश्य रह जाता है, इसके लिए अधिक से अधिक लोगों के अधिकार छीनना अधिकाधिक को अपने वश में करना बहुत बड़ा गुण मन जाता है यह अत्यन्त स्वाभाविक है की जहाँ त्याग की प्रबृत्ति वाले अधिक हो वहाँ भोग की सामग्री प्रचुर मात्रा में ही होगी इसलिए भारत पर हमेशा से असुरों का आक्रमण होता रहा और कई बार असुरों का राज्य स्थापित हो गया। इंडिया असुरों को आदर्श मानने वालों का देश हैं। रामायण का युद्ध सरल था क्योंकि उसमे एक पक्ष में धर्म था और एक पक्ष में अधर्म था जबकि महाभारत का युद्ध जटिल था उसमे दोनों पक्ष में अपने ही प्रियजन थे। आज भी यही स्थिति हमारी है, आज भारत का युद्ध इंडिया से है इसलिए यह युद्ध बहुत ही जटिल है। ब्रेनवाश होने और मेकौले की शिक्षा गले में उतरने से बहुत से युवा उस अंग्रेजो के बनाये इंडिया के खेमे में है।
राजीव दीक्षित

...........................................................................

1 - The Complete Truth of Sant #Asharam ji Bapu (संत आशारामजी बापू की पूरी सच्चाई) - http://wp.me/p3W8mM-84

2 - संस्कृति पर कुठाराघात http://wp.me/p3W8mM-8c

3 - Why every time Saints are being targeted -http://wp.me/p3W8mM-8l

4 - आखिर क्यों है सबसे ज्यादा निशाने पर #बापूजी ? -http://wp.me/p3W8mM-8s

5 - साजिश को सच का रूप देने की मनोवैज्ञानिक रणनीति -http://wp.me/p3W8mM-8z

6 - आखिर क्या है सच ! - http://wp.me/p3W8mM-8F

7 - यह षडयंत्र नही तो और क्या है ? -http://wp.me/p3W8mM-8L

8 - जानिये झूठी और सच्ची खबरों में अंतर -http://wp.me/p3W8mM-8S

9 - Breaking India by Media (बापूजी फरार है ऐसी झूठी खबरें मीडिया द्वारा फैलाई गई ) - http://wp.me/p3W8mM-8Y

10- 'अश्लील विडियो बरामद हुआ है' ऐसी झूठी खबरें फैलाई -http://wp.me/p3W8mM-97

11- पंचेड बूटी (अफीम) का सच - http://wp.me/p3W8mM-9d

12 - कौन-सी पत्रकारिता है यह ? - http://wp.me/p3W8mM-9j

13 - भारत देश की शान है बापूजी - http://wp.me/p3W8mM-9o

14 - Channel Lock Campaign - http://wp.me/p3W8mM-9u

15 - षडयंत्र का पर्दाफाश - http://wp.me/p3W8mM-9B

16 - उनके हथकंडो को सीधे व भोले-भले हिन्दू नहीं देख पा रहे है - http://wp.me/p3W8mM-9J

17 - Bright Life - Descriptions of His Holiness Sant Shri Asharamji Bapu - http://wp.me/p3W8mM-9R

18 - Social Services - http://wp.me/p3W8mM-9X

19 - मीडिया ने ये कभी दिखाया ? - http://wp.me/p3W8mM-a4

20 - Pujya Bapuji Supporters Protest at Shastri Bhawan , Delhi - http://wp.me/p3W8mM-ah

21 - Kansa Ke Vadh ki Pratiksha (कंस के वध की प्रतीक्षा) -http://wp.me/p3W8mM-ao

...............................................................






No comments:

Post a Comment