अखंड भारत के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल को भव्य स्मरणांजलिः स्टेचू ऑफ यूनिटी का निर्माण
• सरदार सरोवर बांध से ३.२२ किमी दूर साधु टापू पर होगा निर्माण
• १८२ मीटर की ऊंचाई के साथ बनेगी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा
• दर्शक गैलरी, म्यूजियम और प्रदर्शनी केन्द्र होंगे मुख्य आकर्षण
• किसानों के पास से खेती के पुराने औजार एकत्रित करने के अभियान का होगा शुभारंभ
• सरदार के जीवनकार्य की भव्य विरासत भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित होगी
• वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा यह स्थान
राष्ट्र की आजादी और एकता के झंडाबरदार सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत की आजादी की जंग के लिए जनता का समर्थन प्राप्त करने और छोटे-बड़े रजवाड़ों को एकत्र कर अखंड भारत के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत के इतिहास को उन्होंने नई दिशा प्रदान की। गुजरात के इस महान सपूत का नाम भावी पीढ़ियों के लिए हमेशा अविस्मरणीय और प्रेरणास्त्रोत बना रहे इसके लिए मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार सरोवर बांध के निकट ही सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा के निर्माण का संकल्प किया है।
समग्र विश्व में अपनी तरह की बेजोड़ साबित होने वाली इस प्रतिमा का नाम योग्य एवं अत्यंत सार्थक हो, इस हेतु इसे “स्टेचू ऑफ यूनिटी” का नाम दिया गया। १८२ मीटर की ऊंचाई के साथ यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। विश्वप्रसिद्ध अमेरिका की स्वतंत्रता की देवी की प्रतिमा “स्टेचू ऑफ लिबर्टी” के मुकाबले यह प्रतिमा तकरीबन दो गुनी ऊंची होगी।
श्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि, “इस प्रतिमा की ऊंचाई महज मीटर या फुट में ही नहीं बल्कि शैक्षणिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय और आध्यात्मिक मूल्यों के सन्दर्भ में भी अधिक होगी। मेरा स्वप्न आने वाली सदियों के लिए इस स्थान को एक प्रेरणास्त्रोत के स्वरूप में विकसित करने का है।”
“स्टेचू ऑफ यूनिटी” भारत के लौह पुरुष को उनकी जयंती पर अत्यंत सार्थक स्मरणांजलि अर्पित करेगी।
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• सरदार सरोवर बांध से ३.२२ किमी दूर साधु टापू पर होगा निर्माण
• १८२ मीटर की ऊंचाई के साथ बनेगी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा
• दर्शक गैलरी, म्यूजियम और प्रदर्शनी केन्द्र होंगे मुख्य आकर्षण
• किसानों के पास से खेती के पुराने औजार एकत्रित करने के अभियान का होगा शुभारंभ
• सरदार के जीवनकार्य की भव्य विरासत भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित होगी
• वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा यह स्थान
राष्ट्र की आजादी और एकता के झंडाबरदार सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत की आजादी की जंग के लिए जनता का समर्थन प्राप्त करने और छोटे-बड़े रजवाड़ों को एकत्र कर अखंड भारत के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत के इतिहास को उन्होंने नई दिशा प्रदान की। गुजरात के इस महान सपूत का नाम भावी पीढ़ियों के लिए हमेशा अविस्मरणीय और प्रेरणास्त्रोत बना रहे इसके लिए मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार सरोवर बांध के निकट ही सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा के निर्माण का संकल्प किया है।
समग्र विश्व में अपनी तरह की बेजोड़ साबित होने वाली इस प्रतिमा का नाम योग्य एवं अत्यंत सार्थक हो, इस हेतु इसे “स्टेचू ऑफ यूनिटी” का नाम दिया गया। १८२ मीटर की ऊंचाई के साथ यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। विश्वप्रसिद्ध अमेरिका की स्वतंत्रता की देवी की प्रतिमा “स्टेचू ऑफ लिबर्टी” के मुकाबले यह प्रतिमा तकरीबन दो गुनी ऊंची होगी।
श्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि, “इस प्रतिमा की ऊंचाई महज मीटर या फुट में ही नहीं बल्कि शैक्षणिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय और आध्यात्मिक मूल्यों के सन्दर्भ में भी अधिक होगी। मेरा स्वप्न आने वाली सदियों के लिए इस स्थान को एक प्रेरणास्त्रोत के स्वरूप में विकसित करने का है।”
“स्टेचू ऑफ यूनिटी” भारत के लौह पुरुष को उनकी जयंती पर अत्यंत सार्थक स्मरणांजलि अर्पित करेगी।
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