Sunday, 6 October 2013

आज तक न्यूज़ का सबसे बड़ा खोला

आज तक न्यूज़ का सबसे बड़ा खोलाषा ...(मुझे तो ये तस्बीरे देख के शिंदे का बयान याद आ रहा है बेकसूर मुसलमानों को न पकड़ा जाए हाहाहा देख लो शिंदे साहब ये सब आपकी सरकार के निचे इस देश में होता रहा लेकीन आपकी सरकार कुछ नहीं कर पाई )


अभी तक आपने हिंदुस्तान में पकड़े गए आतंकियों को पुलिस की गिरफ्त में देखा होगा और कारनामों को सिर्फ सुना होगा. लेकिन हम आपको बताएंगे कि मुंबई हमले में आतंकी अजमल आमिर कसाब को हिंदी सिखाने वाले टीचर अबू जुंदाल को कैसे हिंदुस्तान में मिली आतंकवादी बनने की ट्रेनिग.


तस्वीरों में फैयाज कागजी एक साथ कई लड़कों को जेहाद की क्लास दे रहा है. फैयाज लोगों को इस क्लास के जरिये गुमराह करने की कोशिश में जुटा है. तस्वीरों में दो और लड़के भी दिखे हैं, जिनके बारे में जांच एजेंसियों को अब तक कोई खास जानकारी हाथ नहीं लगी है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये दोनों लड़के औरंगाबाद हथियार केस में शामिल हैं और फिलहाल फरार हैं.

एक तस्वीर में फैयाज कागजी हिमायत बेग को आतंकी की लाइब्रेरी में कुछ किताबें दिखाने की कोशिश कर रहा है. आपको बता दें कि हिमायत बेग को साल 2010 में मुंबई एटीएस ने पुणे के जर्मन बेकरी बम ब्लास्ट में पकड़ा था, जिसे फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.

एक तस्वीर है किसी धार्मिक प्रोग्राम की, जहां तमाम लड़कों को आतंकी बनाने के लिये पूरी तरह से प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है.


इस आतंक की पाठशाला में तालीम लेने के बाद क्लास के लड़कों ने जो किया, उसने हिंदुस्तान को कभी ना भूलने वाला दर्द दिया. इसी क्लास में आतंक की शिक्षा लेने के बाद अबू जुंदाल ऐसा खूंखार हो गया कि पाकिस्तान में जाकर मुंबई हमले की तैयारी में शामिल हो गया और मौत बांटने आ रहे 10 पाकिस्तानी हमलावरों को न सिर्फ हिंदी बोलने की ट्रेनिंग दी, बल्कि कराची के कंट्रोल रूम में बैठकर हमले के लिये कसाब समेत सारे आतंकियों को फोन पर निर्देश भी देता रहा.

ये आतंक की सबसे खौफनाक क्लास मुंबई से बेहद करीब चल रही थी, लेकिन देश की किसी भी जांच एजेंसी को कोई भनक नहीं लग पाई. नतीजा मुंबई हमले की शक्ल में सबके सामने है.


और भी... http://aajtak.intoday.in/story/the-inside-story-of-mumbai-attacks-and-terror-team-1-743793.html

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मुस्लिम अगर सरकारी लोन नही चुकाते तो कोई बात नही, उन्हें परेशान न किया जाये -- कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख 

राजनीतिक पार्टियां मुस्लिम वोट बैंक पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही हैं। इसी का नमूना कर्नाटक में उस वक्त देखने को मिला जब प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रेजिडेंट जी. परमेश्वर ने एक सभा में कहा कि अगर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सरकारी लोन नहीं चुकाना चाहते हैं तो, कोई बात नहीं क्योंकि यह विकास की प्रकिया का एक हिस्सा है।

परमेश्वर ने अल्पसंख्यकों के लिए योजनाओं पर कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित एक वर्कशॉप के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सरकारी एजेंसियों से लोन लेते हैं और नहीं चुकाते हैं तो कोई बात नहीं। इतना ही नहीं, उन्होंने कर्नाटक माइनॉरिटीज डिवेलपमेंट बोर्ड द्वारा दी जाने वाली लोन की राशि को बढ़ाकर 50 लाख तक करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि लोन लेने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अगर चीट करते हैं तो कोई बात नहीं। सरकारी एजेंसियों से कई लोगों ने हजारों करोड़ ठगा है। यह विकास प्रकिया का एक हिस्सा है।

इस वर्कशॉप में केंद्रीय मंत्री के. रहमान खान (अल्पसंख्यक मामले), पूर्व सांसद सी. के. जाफर शरीफ, मंत्री कमरुल इस्लाम, आर. रोशन बेग और नसीर अहमद भी मौजूद थे।
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