Wednesday, 9 October 2013

स्व. मौलाना मुफ्ती अब्दुल कयूम

न्यायालयों में जजों की भारी कमी को देखते हुए "मीडिया" को न्याय देने का काम सौंपा गया लगता है... मीडिया में रोजाना ट्रायल, मीडिया में ही सुनवाई, मीडिया ही आरोप तय करके फांसी वगैरह जो भी सुनाना हो, सुना दे और मामला ख़त्म करे... शायद ऐसा ही कुछ चाहते होंगे देश के बुद्धिजीवी(??)... 

जिस तरह से देश की मुख्य समस्याओं को दरकिनार करते हुए समूचा मीडिया सिर्फ आसाराम के पीछे पड़ा हुआ है, उससे अब दुर्गन्ध उठने लगी है. जो लोग आसाराम के मामले में निरपेक्ष रूप से सोचते होंगे अब वे भी इस "अनथक मीडिया ट्रायल" के चलते किसी गहरे षडयंत्र की बू सूंघने लगे होंगे...

एक बात और भी है, इन "दल्लों" द्वारा चलाए जा रहे ऐसे "मीडिया ट्रायल" कभी भी "पवित्र परिवार के किसी सदस्य" अथवा रिलायंस-अम्बानी के खिलाफ नहीं चलाए जाते... 

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स्व. मौलाना मुफ्ती अब्दुल कयूम
जालंधरी संस्कृत ,हिंदी,उर्दू ,… फारसी व अंग्रेजी के जाने-माने विद्वान् थे। अपनी पुस्तक “गीता और कुरआन “में उन्होंने निशंकोच स्वीकार किया है कि, “कुरआन” की सैकड़ों आयतें गीता व उपनिषदों पर आधारित हैं।

मोलाना ने मुसलमानों के पूर्वजों पर भी काफी कुछ लिखा है । उनका कहना है कि इरानी “कुरुष ” ”कौरुष “व अरबी कुरैश मूलत : महाभारत के युद्ध के बाद भारत
से लापता उन २४१६५ कौरव सैनिकों के वंसज हैं, जो मरने से बच गए थे। अरब में कुरैशों के अतिरिक्त
“केदार” व “कुरुछेत्र” कबीलों का इतिहास भी इसी तथ्य को प्रमाणित करता है। कुरैश वंशीय खलीफा मामुनुर्र्शीद (८१३-८३५) के शाशनकाल में निर्मित खलीफा का हरे रंग का चंद्रांकित झंडा भी इसी बात को सिद्ध करता है।

कौरव चंद्रवंशी थे और कौरव अपने आदि पुरुष के रूप में चंद्रमा को मानते थे। यहाँ यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि इस्लामी झंडे में चंद्रमां के ऊपर “अल्लुज़ा” अर्ताथ शुक्र तारे का चिन्ह,अरबों के कुलगुरू “शुक्राचार्य “का प्रतीक ही है। भारत के कौरवों का सम्बन्ध शुक्राचार्य से छुपा नहीं है।

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इसी प्रकार कुरआन में “आद“ जाती का वर्णन है, वास्तव में द्वारिका के जलमग्न होने पर जो यादव वंशी अरब में बस गए थे, वे ही कालान्तर में “आद” कोम हुई।

अरब इतिहास के विश्वविख्यात विद्वान् प्रो० फिलिप के अनुसार २४वी सदी ईसा पूर्व में “हिजाज़” (मक्का-मदीना) पर जग्गिसा (जगदीश) का शासन था। २३५० ईसा पूर्व में शर्स्किन ने जग्गीसा को हराकर अंगेद नाम से राजधानी बनाई।

शर्स्किन वास्तव में नारामसिन अर्थार्त नरसिंह का ही बिगड़ा रूप है। १००० ईसा पूर्व अन्गेद पर गणेश नामक राजा का राज्य
था। ६ वी शताब्दी ईसा पूर्व हिजाज पर हारिस अथवा हरीस का शासन था। १४वी सदी के विख्यात
अरब इतिहासकार “अब्दुर्रहमान इब्ने खलदून ” की ४० से अधिक भाषा में अनुवादित पुस्तक “खलदून का मुकदमा” में लिखा है कि ६६० इ० से १२५८ इ० तक
“दमिश्क” व “बग़दाद” की हजारों मस्जिदों के निर्माण में मिश्री,यूनानी व भारतीय वातुविदों ने सहयोग
किया था।

परम्परागत सपाट छत वाली मस्जिदों के स्थान पर शिव
पिंडी कि आकृति के गुम्बदों व उस पर अष्ट दल कमल कि उलट उत्कीर्ण शैली इस्लाम को भारतीय
वास्तुविदों की देन है। इन्ही भारतीय वास्तुविदों ने “बैतूल हिक्मा” जैसे ग्रन्थाकार का निर्माण
भी किया था।

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गुजरात -गुजरात है ,मोदी-मोदी है..
 गुजरात सरकार को विश्व में दूसरी सबसे अच्छी राज्य सरकार घोषित किया गया है और इसे घोषित किया है इंटरनेशनल कोंसिल ऑफ़ यू.एन . ने ........
10 साल पहले गुजरात पर विश्व बैंक का 50,000 करोड़ रूपये क़र्ज़ था लेकिन आज गुजरात सरकार के ही 1 लाख करोड़ रूपए विश्व बैंक में जमा हैं .
आज गुजरात में -----------
1.--कोई शराब की दुकान नहीं है .
2.--24 घंटे बिजली उपलब्ध है .
3.--100% महिलाये पढ़ रही हैं .
4.--पुरे भारत का 15% आयत गुजरात से होता है.
5.--शेयर मार्किट में 30% गुजरात का निवेश है .
6.--टाटा, रिलायंस, फोर्ड, नोकिया, B.M.W., हौंडा इत्यादी सब गुजरात में हैं
और अगले 10 साल में ये सिंगापुर को पीछे छोड़नवाला है ..

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मीडिया को अपने धधे से फुर्सत नहीं ,देश जाए भाड़ में
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1. पाकिस्तान भारत में घुस आया हैं 15 दिन से लगातार युद्ध चल
रहा हैं लेकिन आसाराम से फुर्सत नहीं।
2. आंध्रा जल रहा हैं गृहयुद्ध जैसे हालात हैं लेकिन आसाराम से फुर्सत
नही हैं।
3. पन्ना ईस्माइल, विलाल मालिक जैसे खूंखार आतंकवादीयो से कई
घंटे गोली बारी आंध्रा चितूर में हुई जिसमें एक सब इंस्पेक्टर शहीद
हो गया लेकिन मीडिया ने एक बार
नही दिखाया क्योंकि आसाराम से फुर्सत नही।
4. आतंकी यासीन भटकल ने खुलासा किया हैं की नवरात्र में
आतंकवादी हमले कर के सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जाएगा इसे
नही दिखाएँगे जब कोई भ्रष्ट मक्कार कुकुर मुत्ता बोलता हैं की इस दंगे
के पीछे आरएसएस का हाथ हैं तो बिना जाँच पड़ताल किये दिन भर
दिखाते हैं।
5. कितने गाँव में बिजली नही हैं, पीने के लिए पानी नही हैं ,सड़क पर
तालाब जैसे हालात हैं मगर ये धृतराष्ट्र की तरह देख नही पाते
क्योंकि आसाराम से फुर्सत नही मिल रही है।
6. कितने परिवार में पैसे के कारण
बच्चियों की शादी नही हो रही हैं ,बच्चो का एडमिसन
नही हो रहा हैं ,भुखमरी से परिवार आत्महत्या के कगार पर हैं लेकिन
मीडिया को आसाराम से फुर्सत नही हैं।
7. शुकन्या और उसका परिवार लापता हैं लेकिन पैसे और डर के कारण
एक बार भी मीडिया ने नही दिखाया।
आज मीडिया वालो का अगर जाच कराया जाएँ तो दुनिया में
सबसे अधिक भ्रष्ट इसी पेसे के लोग मिलेंगे आज मीडिया अगर
इमानदार हो जाएँ तो किसी भी सरकार
या अधिकारी की हिम्मत नही हैं की वो भ्रष्टाचार करें।
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आज से 21 वर्ष पहले मनमोहन सिंह ने कहा था कि उदारीकरण और वैश्वीकरण के परिणाम 20साल में देखने को मिलेंगे!
परिणाम आज सामने है 1991 में 67 टन सोना गिरवी रखा गया था और आज 2013 में 500टन (5 लाख किलो ) सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई है! वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने 500 टन सोना गिरवी रखने का सुझाव दिया है !
देश को इतना कंगाल कर दिया है कि कांग्रेस सरकार 500 टन
सोना गिरवी रखेगी !ये 500 टन सोना कितने का है ?आइये देखें !
अगर 10 ग्राम सोना --------------------- 30000 (30 हजार ) रुपए का
500 टन सोने की कीमत 1 लाख 50 हजार करोड़ है !
और मंदमोहन सिंह का एक कोयला घोटाला 1 लाख 80 हजार करोड़ का है बाकी घोटाले अलग है !
हो रहा है भारत नीलाम !
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