Tuesday, 30 October 2012




अब तक मिली जानकारी के अनुसार ''पी ऍफ़ आई'' (popular front of india )नामक संगठन ने (जो की सिमी का बदला हुआ रूप है और फिलहाल मजदुर संगठन और मुस्लिम आरक्षण जैसी योजनाओं का चोला ओढ़े है )कोंग्रेस और दक्षिण के राज्यों में स्थित वामपंथी नेताओ और मुलायम सिंह के राजनेतिक संरक्षण और विभिन्न मुस्लिम मदरसों से प्राप्त होने वाली आर्थिक सहायता से 7 लाख सशस्त्र सेनिक इस देश में तैयार कर लिए है .......जो की आ
ने वाले कुछ ही सालों में में बहुत ही भयानक स्तिथि इस देश में पैदा करने वाले है यूँ तो संघ के अनुसार वो इससे निपटने की पूरी तय्यारी कर रहा है मगर फिर भी चूँकि पी ऍफ़ आई को राजनेतिक और देश विरोधी संरक्षण प्राप्त है तो ग्रह युद्ध की स्तिथि भयानक ही होगी .................

(ये संगठन पहले एक पादरी का हाथ काट कर मीडिया में चर्चा में आया था और हाल ही में मंगलोर में हुई एबीवीपी के सदस्यों सचिन और विशाल की हत्या में भी इनका हाथ होना पाया गया है )


ऐसा नहीं है की इसकी जानकारी इस देश की खुफिया एजेंसी को नहीं है ..मगर अभी केवल वेट एंड वाच की रणनीति के तेहत खुफिया एजेंसियों का काम करना ...मेरी समझ से परे हो रहा है .........

एक खुफिया एजेंसी में नियुक्त व्यक्ति इस मज़बूरी को राजनेतिक संरक्षण के द्वारा पैदा हुई मज़बूरी बता रहे है और कहते है की हमारे हाथ सरकार ने बाँध रखे है ...................अब में सोच नहीं पा रहा हूँ की ये खुफिया एजेंसियां सरकार के लिए कार्य करती है या देश के लिए ??????
प्रशांत शिशोदिया ....
.
नोट : इस तस्वीर में सबसे पहली फोटो आईबीएन 7 की उस रिपोर्ट की है जो एक बार ही फ्लेश हो कर रह गयी और दबा दी गयी ,दूसरी तस्वीर पी.ऍफ़.आई. की परेड रिहर्सल की है तथा तीसरी तस्वीर पिछले साल २६ नवम्बर की है जब दिल्ली में इनका आयोजन हुआ था और मुलायम ने भी उसमे शिरकत की थी
अब तक मिली जानकारी के अनुसार ''पी ऍफ़ आई'' (popular front of india )नामक संगठन ने (जो की सिमी का बदला हुआ रूप है और फिलहाल मजदुर संगठन और मुस्लिम आरक्षण जैसी योजनाओं का चोला ओढ़े है )कोंग्रेस और दक्षिण के राज्यों में स्थित वामपंथी नेताओ और मुलायम सिंह के राजनेतिक संरक्षण और विभिन्न मुस्लिम मदरसों से प्राप्त होने वाली आर्थिक सहायता से 7 लाख सशस्त्र सेनिक इस देश में तैयार कर लिए है .......जो की आ
ने वाले कुछ ही सालों में में बहुत ही भयानक स्तिथि इस देश में पैदा करने वाले है यूँ तो संघ के अनुसार वो इससे निपटने की पूरी तय्यारी कर रहा है मगर फिर भी चूँकि पी ऍफ़ आई को राजनेतिक और देश विरोधी संरक्षण प्राप्त है तो ग्रह युद्ध की स्तिथि भयानक ही होगी .................

(ये संगठन पहले एक पादरी का हाथ काट कर मीडिया में चर्चा में आया था और हाल ही में मंगलोर में हुई एबीवीपी के सदस्यों सचिन और विशाल की हत्या में भी इनका हाथ होना पाया गया है )


ऐसा नहीं है की इसकी जानकारी इस देश की खुफिया एजेंसी को नहीं है ..मगर अभी केवल वेट एंड वाच की रणनीति के तेहत खुफिया एजेंसियों का काम करना ...मेरी समझ से परे हो रहा है .........

एक खुफिया एजेंसी में नियुक्त व्यक्ति इस मज़बूरी को राजनेतिक संरक्षण के द्वारा पैदा हुई मज़बूरी बता रहे है और कहते है की हमारे हाथ सरकार ने बाँध रखे है ...................अब में सोच नहीं पा रहा हूँ की ये खुफिया एजेंसियां सरकार के लिए कार्य करती है या देश के लिए ??????
प्रशांत शिशोदिया ....
.
नोट : इस तस्वीर में सबसे पहली फोटो आईबीएन 7 की उस रिपोर्ट की है जो एक बार ही फ्लेश हो कर रह गयी और दबा दी गयी ,दूसरी तस्वीर पी.ऍफ़.आई. की परेड रिहर्सल की है तथा तीसरी तस्वीर पिछले साल २६ नवम्बर की है जब दिल्ली में इनका आयोजन हुआ था और मुलायम ने भी उसमे शिरकत की थी

Sunday, 28 October 2012

भगवान राम जब अयोध्या लौट कर आये थे


भगवान राम जब अयोध्या लौट कर आये थे, यदि उस समय हमारी मिडिया रही होती तो प्रेस कांफ्रेंस में कैसे कैसे सवाल करती.....

-आपके टीम के श्री हनुमान को लंका सन्देश देने भेजा था पर उन्होंने वहाँ आग लगा दी.... क्या आपकी टीम में अंदरूनी तौर पर वैचारिक मतभेद है?

- क्या हनुमान के ऊपर अशोक वाटिका उजाड़ने के आरोप में वन विभाग द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?

- आपके सहयोगी श्री सुग्रीव पर अपने भाई का राज्य हड़पने का आरोप है|....क्या आपने इसकी जांच करवाई?

- क्या ये सच है कि सुग्रीव की राज्य हड़पने की साजिश के मास्टर माइंड आप है?

- आप चौदह साल तक वनवास में रहे... आपको अपने खर्चे चलाने के लिए फंड कहाँ से मिले?

- क्या आपने उस फंड का ऑडिट करवाया है?

- आपने सिर्फ रावण पर हमला क्यों किया, जबकि राक्षस और भी थे? क्या ये लंका की डेमोक्रेसी को अस्थिर करने की साजिश थी?

- क्या ये सच नहीं है कि रावण को परेशान करने के मकसद से आपने उनके परिवार के निर्दोष लोगो जैसे कुम्भकरण पर हमला किया?

- क्या आपकी टीम के हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी की जगह पूरा पहाड उखाड़ लेना सरकारी जमीन के साथ छेड़छाड़ नहीं?

- क्या ये सच नहीं कि आपने हमले से पहले समुद्र पर पुल बनाने का ठेका अपने करीबी नल और नील को नहीं दिया?

- आपने पुल बनाने के लिए छोटी छोटी गिलहरियों से काम करवाया..... क्या इसके लिए आप पर बाल श्रम कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?

- आपने बिना किसी पद पर रहते हुए युद्ध के समय इन्द्र से सहायता प्राप्त की और उनका रथ लेकर रावण पर हमला किया.. क्या आप इन्द्र की टीम ए है?

- इस सहायता के बदले में क्या आपने इन्द्र को ये वादा नहीं किया कि अयोध्या का राजा बनने के बाद आप उन्हें अयोध्या के आस पास की जमीन दे देंगे?

- आप युद्ध में अयोध्या से रथ न मंगवा कर इन्द्र से रथ लिया.... क्या ये इन्द्र की कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया?

- क्या आपने जामवंत को सहायता के बदले राष्ट्रपति बनाने का वादा नहीं किया?
विभीषण अपने टीम में शामिल करके आपने दल-बदल क़ानून का सरासर उलंघन नहीं किया ?

- और आखिरी सवाल, कि आपने भरत को राजा बनाया ... क्या आपको अपनी नेतृत्व क्षमता संदेह था?

बोलो सियापति श्री रामचंद्र की जय.... :) :)

हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं. ??

गलतफहमी---

लोगों को इस बात की बहुत बड़ी गलतफहमी है कि...... हिन्दू सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं...!
लेकिन ऐसा है नहीं..... और, सच्चाई इसके बिलकुल ही विपरीत है...!

दरअसल.... हमारे वेदों में उल्लेख है .... 33""कोटि"" देवी-देवता..!
अब ""कोटि"" का अर्थ""प्रकार"" भी होता है.. और ............ ""करोड़"" भी...!

तो... मूर्खों ने उसे हिंदी में.... करोड़ पढना शुरू कर दिया...... जबकि वेदों का तात्पर्य ..... 33 कोटि... अर्थात ..... 33 प्रकार के देवी-देवताओं से है...(उच्च कोटि.. निम्न कोटि..... इत्यादि शब्दतो आपने सुना ही होगा.... जिसका अर्थ भीकरोड़ ना होकर..प्रकार होता है)

ये एक ऐसी भूल है.... जिसने वेदों में लिखे पूरे अर्थ को ही परिवर्तित कर दिया....!
इसे आप इस निम्नलिखित उदहारण से और अच्छी तरह समझ सकते हैं....!
--------------- ------
अगर कोई कहता है कि......बच्चों को""कमरे में बंद रखा"" गया है...!
और दूसरा इसी वाक्य की मात्रा को बदल कर बोले कि...... बच्चों को कमरे में "" बंदर खा गया"" है.....!! (बंद रखा= बंदर खा)
--------------- ------

कुछ ऐसी ही भूल ..... अनुवादकों से हुई ..... अथवा... दुश्मनों द्वारा जानबूझ कर दिया गया.... ताकि, इसे HIGHLIGHT किया जा सके..!

सिर्फ इतना ही नहीं....हमारे धार्मिक ग्रंथों में साफ-साफउल्लेख है कि....""निरंजनो निराकारो..एको देवो महेश्वरः""..... ........ अर्थात.... इस ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही देव हैं... जो निरंजन...निराका र महादेव हैं...!
साथ ही... यहाँ एक बात ध्यान में रखने योग्य बात है कि..... हिन्दू सनातन धर्म..... मानव की उत्पत्तिके साथ ही बना है..... और प्राकृतिक है...... इसीलिए ... हमारे धर्ममें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीना बताया गया है...... और, प्रकृति को भी भगवान की उपाधि दी गयी है..... ताकि लोगप्रकृति के साथ खिलवाड़ ना करें....!
जैसे कि....

@@ गंगा को देवी माना जाता है...... क्योंकि ... गंगाजल में सैकड़ों प्रकार की हिमालय की औषधियां घुली होती हैं..!

@@ गाय को माता कहा जाता है ... क्योंकि .... गाय का दूध अमृततुल्य ... और, उनका गोबर... एवंगौ मूत्र में विभिन्न प्रकार की... औषधीय गुण पाए जाते हैं...!

@@ तुलसी के पौधे को भगवान इसीलिए माना जाता है कि.... तुलसी के पौधे के हर भाग में विभिन्न औषधीय गुण हैं...!

@@ इसी तरह ... वट और बरगद के वृक्ष घने होने के कारण ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं.... और, थके हुए राहगीर को छाया भी प्रदान करते हैं...!

यही कारण है कि.... हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथों में ..... प्रकृति पूजा को प्राथमिकता दी गयी है.....क्योंकि, प्रकृति से ही मनुष्य जाति है.... ना कि मनुष्य जाति से प्रकृति है..!
अतः.... प्रकृति को धर्म से जोड़ा जाना और उनकी पूजा करना सर्वथा उपर्युक्त है.... !
यही कारण है कि........ हमारे धर्म ग्रंथों में.... सूर्य, चन्द्र...वरुण.... वायु.. अग्नि को भी देवता माना गया है.... और, इसी प्रकार..... कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैं...!
इसीलिए, आपलोग बिलकुल भी भ्रम में ना रहें...... क्योंकि... ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही देव हैं... जो निरंजन...निराका र महादेव हैं...! —

.अतः कुल 33 प्रकार के देवता हैं......

12 आदित्य है ----->धाता,मित्, अर्यमा,शक्र,वरुण,अंश,भग , विवस्वान,पूषा,सविता,त्वष्टा,एवं विष्णु..!

8 वसु हैं......धर,ध्रुव,सोम,अह,अनिल,अनल,प्रत्युष,एवं.,प्रभाष

11 रूद्र हैं...हर ,बहुरूप.त्र्यम्बक.अपराजिता.वृषाकपि .शम्भू.कपर्दी..रेवत ..म्रग्व्यध.शर्व..तथा.कपाली.

2 अश्विनी कुमार हैं.....

कुल................12 +8 +11 +2 =33


धन्यवाद !

Monday, 8 October 2012

जब उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया -




मित्रों मेरे यहाँ जब मैं गांधीनगर में आया तो उससे पहले मैं दिल्ली में रहता था ,कई वर्षों से गुजरात आया नहीं था ,अचानक गुजरात का कार्य मेरे जिम्मे आ गया ,और मुझे याद है जब मुझे मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया गया तो उस समय अटल जी ने मेरे पास फोन किया मुझे ये बताने के लिए, उन्होंने पूछा कि भई कहाँ हो ,मैंने कहा कि मैं शमशान में हूँ, ये सुनकर वे हंस पड़े और बोले कि यार तुम श्मशान में हो ,मैं तुमसे अब क्या बात करूँ ,मैंने कहा नहीं अटल जी आपने मुझे फोन किया है तो कोई काम होगा आप बताइए ,अटल जी बोले अच्छा ये बताओ कि कितनी बजे लौटोगे और ये तुम शमशान में क्यों हो, मैंने बताया कि ये जो माधवराव सिंधिया जी का निधन हुआ है एक्सीडेंट होने के कारण उसमें उनके साथ एक पत्रकार भी था गोपाल नाम का ,उसकी भी उनके साथ ही मृत्यु हुई है ,तो मैं गोपाल के क्रियाकर्म में आया हूँ क्योंकि माधवराव जी के क्रियाकर्म में तो सब जायेंगे लेकिन गोपाल के क्रियाकर्म में कौन जाएगा,उसके क्रियाकर्म में भी तो कोई होना चाहिए , मैं उस गोपाल के क्रियाकर्म में था कोई और राजनेता नहीं था बस दो-चार उसके पत्रकार मित्र थे ,

तो उसके बाद रात को मैं अटल जी से मिलने गया वहाँ जाकर पता चला कि मुझे ये गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ है और कुछ दिनों बाद मुझे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेनी है, तो ये जानने के बाद मैंने दिल्ली से गुजरात में फोन मिलाया अपनी पार्टी के दफ्तर में , मैंने कहा भई ये तुम मुझे बुला तो रहे हो लेकिन मैं रहूँगा कहाँ क्योंकि मेरे पास तो घर नहीं है, तो उन्होंने कहा कि आप चिंता मत कीजिये हम सर्किट हॉउस में आपको एक कमरा बुक करवा देंगे , तो मैंने उनसे कहा कि देखो भैया आप कमरा जरूर बुक करवाइए लेकिन एक बात का ध्यान रहे ,मैं कोई MLA या अभी सरकार का हिस्सा नहीं हूँ इसलिए अगर उस कमरे के किराए का पूरा पैसा राज्य कि सरकार लेती है तो ही कमरा बुक करवाइयेगा, वो अलग बात है कि गुजरात में सरकार मेरी ही पार्टी कि थी लेकिन फिर भी मैंने पूरा चार्ज देकर वो कमरा बुक करवाया और वहीं से जिंदगी कि शुरुआत एक नए मोड़ पे हुई दोस्तों

खैर कुछ दिनों सर्किट हाउस के उस कमरे में रहा, फिर उसके बाद शपथ-समारोह हुआ ,मुख्यमंत्री बना और फिर उसके कारण एक quarter दे दिया गया रहने के लिए लेकिन जब मैं वहाँ सर्किट हाउस के कमरे में था और अभी मेरा मुख्यमंत्री बनना बाकी था तो ढेरों लोग मुझे मिलने आते थे ,सब कहते थे मोदी जी अब आप आये हो ,चुनाव सिर पे है ,कैसे जीतोगे , कुछ भी करो या ना करो लेकिन बस एक काम जरूर कर दो, कम से कम गाँव में शाम को खाना खाते समय तो बिजली मिले बस इतना कर दो , मित्रों आपको जानके आश्चर्य होगा कि उस समय मेरे गुजरात में शाम को भोजन के समय भी बिजली उपलब्ध नहीं होती थी ,अँधेरा रहता था और लोग मुझे यही कहते थे कि साहब बस इतना कर दो , मित्रों मैं भी गाँव से हूँ और एक गरीब परिवार से हूँ तो मुझे मालुम था कि जब परीक्षा के दिन होते हैं और रात को बिजली चली जाती है तो एक विद्यार्थी को कितनी पीड़ा होती है ,उस पीड़ा को मैंने भुगता हुआ था , तो मैंने तय किया कि मैं कुछ करूँगा और मैं उस पर सोचने लगा लेकिन करीब एक साल तक मैं इस बारे में कुछ कर नहीं पाया क्योंकि उसी साल चुनाव हुए और मैं दौबारा चुनकर आया,

जब मैं दौबारा चुना गया तो मैंने अपने अफसरों को बुलाया और कहा कि हमें जनता को 24 घंटे बिजली देनी है , उन सारे अफसरों ने और मेरी पूरी सरकार ने मना कर दिया कि गुजरात में 24 घंटे देने के लिए बिजली है ही नहीं और ये सम्भव ही नहीं है , छह महीने तक फाइलें घुमती रही मैं चीखता रहा कि अरे भई कुछ करो लेकिन कुछ नहीं हुआ

आखिर में मैंने फैसला किया कि अब इस काम को मैं अपने हाथ में लूँगा और मैंने एक ज्योतिग्राम योजना बनाई जिसके जरिये मैंने केवल 1000 दिन के अंदर-२ गुजरात में 24 घंटे 3-Phased Uninterrupted Power Supply उपलब्ध करवाई , मित्रों ये मात्र 1000 दिन में 24 घंटे बिजली देना कैसे सम्भव हुआ ,ये बातें मैं आपको सिर्फ इसलिए बता रहा हूँ कि आपको विश्वास हो जाए कि देश को बदला जा सकता है , वो ही मुलाजिम ,वो ही बिजली कम्पनियां ,वो ही फाइलें ,वो ही दफ्तर ,वो ही सरकारी अफसर सब कुछ वही लेकिन फिर भी स्तिथियाँ बदली जा सकी , और कोई ऐसा नहीं था कि मोदी से पहले बिजली के बटन बंद कर रखे थे और मोदी के कहने से वे बटन चालू कर दिए , इस ज्योतिग्राम योजना को जमीन पर उतारने के लिए मुझे 1000 दिन में बिजली के 23 लाख नए खम्बे डालने पड़े , Can You Imagine केवल 1000 दिनों में बिजली के 23 लाख नए खम्बे डालना......क्या लगता है

मैंने महाराष्ट्र से पूरा माल उठवा लिया ,मध्य-प्रदेश से उठवा लिया ,राजस्थान से उठवा लिया, उस समय देश में इनका जितना भी जहां भी manufacturing होता था सारा का सारा मैं खरीद कर गुजरात में ले आता था, इन्हीं 1000 दिनों में मैंने बिजली के 53,000 नए Transformers लगवाए गुजरात में , मित्रों आपके महाराष्ट्र के गाँव में अगर कोई Transformer जल जाता होगा तो 3-4 महीनों तक उसे बदला या ठीक नहीं किया जाता होगा, मेरे यहाँ भी यही होता था ,किसान रोता था ,वो बिजली कम्पनियों के दफ्तर में जाकर आरती उतारता था और साथ में प्रसाद भी चढा देता था लेकिन उसके बाद भी 45 दिनों तक Transformer change नहीं होता था ,उसकी फसल बर्बाद हो जाती थी ,उसके सपने चूर-२ हो जाते थे लेकिन परिस्तिथि बदलती नहीं थी मित्रों , ऐसी व्यवस्था के भीतर भी सिर्फ 1000 दिन में मैंने 56,000 नए Transformers लगवाकर दिखाए और इन्हीं 1000 दिनों में 75000 Kms कि बिजली कि तारें बिछवाई ,अब आप सोचिये मित्रों वही मुलाजिम, वही बिजली कम्पनियां ,वही फाइलें ,वही दफ्तर ,वही सरकारी अफसर लेकिन इस सबके बावजूद जब मैं कर सकता हूँ तो आप भी कर सकते हैं दोस्तों ,आप भी कर सकते हैं बस करने का नेक और मजबूत इरादा चाहिए साथियों ''

- नरेंद्र मोदी

एक निगाह इस पर भी


कांग्रेसी गिरोह के वे सदस्य जो वॉलमार्ट का समर्थन कर रहे हैं, वे एक निगाह इस पर भी डालें तो मेहरबानी होगी…

- जापान ने तम्बाकू, चावल, पेट्रो पदार्थों, ताज़ा भोजन, सब्जियाँ, नमक इत्यादि 78 वस्तुओं के व्यापार-विनिमय में किसी भी विदेशी कम्पनी को अनुमति देने से इंकार किया हुआ है…

- ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया ने दुग्ध उत्पादों, चावल, मक्का और खाद जैसी कई वस्तुओं के व्यापार क्षेत्र में विदेशी कम्पनियों को अनुमति नहीं दी।

- जर्मनी ने 1200 वर्ग मीटर से बड़े शॉपिंग मॉल्स के लिए कई कड़े नियम बना रखे हैं…

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देश की जनता को बहलाने-फ़ुसलाने के लिए बार-बार यह दुहाई दी जा रही है कि जो राज्य चाहें वे वॉलमार्ट को आने दें या न दें यह उनकी चॉइस है… जबकि हकीकत यह है कि भारत ने पहले ही BIPAs नामक अंतर्राष्ट्रीय कानून संधि पर हस्ताक्षर कर रखे हैं, जिसके अनुसार भारत के प्रत्येक राज्य को विदेशी निवेशक को "समान अधिकार" (Level Playing Field) देना अनिवार्य है। इसलिए जो राज्य वॉलमार्ट को अपने यहाँ आने से मना करेगा, वह न्यायालय में हारेगा…