Friday 31 May 2013

विनोद कुमार मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सहयोग से चलाई जाने वाली www.medguideindia.com नामक वेबसाइट पर जाकर आप अपने डॉक्टर द्वारा लिखी गयी महंगी दवाई का सस्ता विकल्प (जेनेरिक: उसी फार्मूले की पर दुसरे नाम से मिलने वाली दवा) तलाश कर अपनी दवाओं के बिल में उल्लेखनीय कमी ला सकते हैं।

उदहारण के तौर पर, ब्लड प्रेशर की "Angilos H" नामक दवा की दस गोलियों के पत्ते का दाम 126 रुपए है और उसी फार्मूले (एकदम समान मात्रा में रसायन) की अन्य दवा "Lostat H" की दस गोलियों का दाम 23 रुपए है। यानी एक पत्ते पर पुरे 103 रुपये की बचत।
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एंड़ियां रगड़ते भूखे बच्चे,खुले में सड़ता धान ..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण ..!
शीश गंवाते सैनिक,लटके पड़े किसान..
कोई पूछे कह देना हो रहा..भारत निर्माण..!
गर्त में जाती विकासदर,देश गंवाता मान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!
चीन ले गया जमीन, आँख दिखाता पाकिस्तान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!
माल उडाते कौए-बगुले, हंसोंका अपमान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!
मुंह ना खोले मौनू, मैडम ना देतीं कान..
कोई पूछे कह देना..हो रहा भारत निर्माण..!

भारत के इस निर्माण पे शक है मेरा
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आप भारत के नागरिक है इसका एक कानून है “Indian Citizenship Act” वो भी अंग्रेजो का बनाया हुआ है | आज़ादी के बाद हम उसमे संशोधन नही कर पाए | और येही कारण है अंग्रेजो ने वो कानून बनाया था इस हिसाब से के अंग्रेज भी इस देश के नागरिक हो सके | इस हिसाब से उस कानून की ड्राफ्टिंग की गयी है के विदेश से आकर लन्दन से आकर कोई आदमी भारत मे रेहने लगे और इतने साल तक रह ले तो वो भी भारत की नागरिकता का अधिकारी हो जाता है इसलिए उन्होंने ड्राफ्टिंग ऐसी की थी |
आज़ादी के बाद हमने उसमे थोडा भी संशोधन नही किया –

तो कोई भी विदेशी भारत मे आके नागरिक हो सकता है,

और नागरिक हो सकता है तो चुनाव लड़ सकता है,

चुनाव लड़ सकता है तो MP, MLA हो सकता है,

MP, MLA हो सकता है तो मिनिस्टर हो सकता है,

मिनिस्टर हो सकता है तो प्रधानमंत्री हो सकता है,

जो प्रधानमंत्री हो सकता है वो राष्ट्रपति भी हो सकता है,

तो आज़ादी का मैखोल नही तो क्या ??
दुनिया के किसी देश के संविधान मे यह व्यवस्था नही है | आप अमेरिका मे जाये रहना शुरू कर दे आपको ग्रीन कार्ड मिल जायेगा | लेकिन आप अमेरिका के राष्ट्रपति नही हो सकते जब तक आपका जन्म अमेरिका मे नही हुआ हो | आप कनाडा मे जाये, कनाडा के संविधान का अध्ययन करें, कनाडा के संविधान के अनुसार आप कनाडा की नागरिकता ले सकते है लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री नही हो सकते जब तक की आपका मूल जन्मस्थान कनाडा न हो | ब्रिटेन मे चले जाइये, फ्रांस, जर्मनी चले जाये दुनिया मे करीब 200 देश लगभग 2-3 देशो को छोड़ कर सभि देशो मे यह नियम है के जबतक की आप उस देश की धरती पर पैदा नही होते आप उस देश के संविधानिक पदों पर नही बैठ सकते | भारत मे ऐसी व्यवस्था नही है विदेश धरती पर पैदा हुआ कोई भी आदमी भारत मे आ कर नागरिकता ले सकता है और इस देश के सर्वोच्च शीर्ष संविधानिक पदों पर बैठ सकता है आप उसे रोक नही सकते | कानून है “Indian Citizenship Act” उसमे यह व्यवस्था है | अब अंग्रेजो की ज़माने की व्यवस्था है हम उसि को चला रहे है उसि को ढो रहे है |
*प्राचीनतम सफल ब्रेन सर्जरी
भारत में प्राचीन हड़प्पा सभ्यता की खुदाई से एक लगभग 4300 वर्ष पुरानी मानव खोपड़ी प्राप्त हुई है जो दुनिया की सबसे पुरानी ( ज्ञात) सफल मानव मस्तिष्क सर्जरी को दर्शाती है .
यह खोज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नेकी है । इस खोपड़ी का अध्याय करने से ज्ञात हुआ की यह अब तक की ज्ञात सर्वाधिक प्राचीन नर खोपड़ी है जिसका ऑपरेशन खोपड़ी में ड्रिल मशीन द्वारा छेद कर किया गया और ये ऑपरेशन पूर्णतया सफल भी रहा ।
इस प्रकार की सर्जरी को Trephination कहा जाता है । जब किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में भयंकर चोट लगती है जो मस्तिष्क/खोपड़ी के अंदरूनी भागो में हड्डी चटक जाया करती है इन्ही मस्तिष्क में बिखरी हड्डियों के चूरेआदि को मस्तिष्क से बहार निकलने की प्रक्रिया को Trephination कहा जाता है जिसमे खोपड़ी के एक छोटे से हिस्से में छेद कर ये ऑपरेशन किया जाता है ।
इसके अतिरिक्त कुछ दशकों पूर्व भी दुनिया के तथा भारत के कई स्थानों पर इस प्रकार के अवशेष प्राप्त हुए जिससे ये स्पष्ट होता है की प्राचीन भारत में निश्चय ही सफल ऑपरेशन किये जाते थे ।
किन्तु उन सभी में से ये खोज सबसे अधिक ठोस व् पुख्ता प्रमाण देती है ।वैज्ञानिकों के अनुसार इसका अध्ययन करने पता चलता है की ये व्यक्ति किसी जबरदस्त आघात का शिकार बना था, छेद की आंतरिक सीमा की3 मिमी चौड़ाई सावधानीपूर्वक किये गये ऑपरेशन को दर्शाती है, ऑपरेशन के पश्चात यह व्यक्ति स्वस्थ होकर काफी समय तक जीवित भी रहा ।

प्राचीन विकसित ब्रेन सर्जरी का अंदाज लगाने के लिए निम्न आधुनिक ब्रेन सर्जरी का एक विडियो देखें :
http://www.youtube.com/watch?v=M8j5CF7KeBU

जिससे आपको यह ज्ञात होगा की ब्रेन सर्जरी के लिए सेकड़ों औजारों के साथ साथ कुशलता भीकितनी आवश्यक है जो हमारे पूर्वजों के पास भरपूर थी । और इसी प्रकार के सफल ऑपरेशन वे आज से करीब ६००० वर्ष पूर्व कर चुके थे ।
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सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी गौ माता की सेवा करते हुए 
ये तमाचा है उन नीचे दर्जे के और अपने आप को मॉडर्न समझने वाले कूल dude जो भारतीय संस्कृति और परम्पराओं की खिल्ली उड़ाते हैं. इसे देखिये, जितनी सफलता इस गोमाता के बालक ने पाई है क्या उनमें से कोई कूल डूड कल्पना भी नहीं कर सकता सचिन ने कितना कुछ पाया है
जीवन में? फिर भी देखिये भक्ति की शक्ति और गोमाता के प्रति सचिन तेंदुलकर की श्रद्धा को. ..
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*एक बार स्वामी विवेकानंद जी से किसी ने जिज्ञासा की और अपना प्रश्न पूछा .."हिन्दुओं में बाल विवाह होता है, ये गलत है, हिन्दू धर्म में सुधार होना चाहिए !

स्वामी जी ने उस से पूछा :-"क्या हिन्दू धर्म ने कभी कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति का विवाह होना चाहिए और वह विवाह उसके बाल्यकाल में ही होना चाहिए "

प्रश्न पूछनेवाला थोडा सा सक् पकाया फिर भी जिद करते हुए बोला ...."हिन्दुओं में बाल विवाह नहीं होते क्या ?

स्वामी जी :- पहले ये बताओ "विवाह का प्रचलन हिन्दू समाज में है अथवा हिन्दू धर्म में। धर्म तो ब्रह्मचर्य पर बल देता है। 2 5 वर्ष के अवस्था से पहले गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करने की अनुमति कोई स्म्रति नहीं देती और स्मरति भी तो समाज-शास्त्र ही है ये समाज का विधान है' .....

स्वामी जी ने थोडा विराम लिया और फिर से बोले :- धर्म तो विवाह की बात करता ही नहीं है। धर्म , पत्नी प्राप्ति की नहीं, ईश्वर -प्राप्ति की बात करता है ..प्रश्न फिर हुआ .स्वामी जी सुधार होना तो जरूरी है

स्वामी जी : अब आप खुद ही निर्णय करे की ..सुधार किसका होना जरूरी है .. समाज का या हिन्दू धर्म का ... हमें धर्म-सुधार की नहीं, समाज सुधार की जरूरत है और ये ही अपराध हम अब तक करते आ रहे है ... हमें समाज- सुधार की जरूरत थी और करने लग गए धर्म में सुधार

स्वामी जी आगे बोले ...धर्म सुधार के नाम पर हिन्दुओं का सुधार तो नहीं हुआ किन्तु ये सत्य है की हिन्दुओं का विभाजन अवश्य हो गया। उनमे हीन भावना अधिक गहरी जम गई। धर्म सुधार के नाम पर नए -नए सम्प्रदाय बनते गए और वो सब हिन्दू समाज के दोषों को,हिन्दू धर्म से जोड़ते रहे और
इनको ही गिनाते रहे साथ ही साथ ये सम्प्रदाय भी एक दुसरे से दूर होते गए.सब में एक प्रतिस्प्रधा सी आ गई है और हर सम्प्रदाय आज इसमें जीतना चाहता है, प्रथम आना चाहता है --हिन्दू धर्म की आलोचना करके "शाशन की कृपा पाना चाहता है और उसके लिए हिन्दू धर्म की आलोचना करना सबसे सरल उपाय है ...

आज देखो, ये जितने भी सम्प्रदाय हैं हिन्दुओं की तुलना में ईसाईयों के अधिक निकट हो गए हैं। वे हिन्दू समाज के दोषों को -हिन्दू धर्म के साथ जोड़कर हिन्दुओं के दोष और ईसाईयों के गुण बताते हैं। पहले ही हिन्दू मुगलों के हिंसा से पीड़ित रहे हैं।

ये दुर्भाग्य ही तो है ..समाज सुधार को ..धर्मके सुधार से जोड़ देना ..जबकि धर्म में सुधार की जरूरत ही नहीं थी .जरूरत तो केवल धर्म के अनुसार समाज में सुधार करने 
की है ....

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ये हैं डॉ शंकर गोवडा | ये रहते हैं कर्णाटक के मंड्या नामक जगह में | इनकी ख़ास बात ये हैं की ये त्वचा रोग के डॉ हैं और अपने मरीजो से फीस के नाम पर मात्र 5 रुपैये लेते हैं , इनका अपना कोई क्लिनिक भी नहीं , एक मित्र की दूकान के बगल में थोड़ी सी जगह में बैठे मिलते हैं डॉ साहब ||

इनकी सच्ची सेवा के लिए एक लाइक तो बनता हैं ||

Thursday 30 May 2013

लगभग देश में 8000 ऐसे आतंकवादी आये हुए है जिनका निशाना लड़किया है ....और तरीका सब से अलग है !

आज कल ज्यादा लोग अपने मोबाईल की इ रिचार्ज करा रहे है ,लड़किया भी, जैसे ही लड़की दूकान पर जाती है और बोलती है की मेरा मोबाईल रिचार्ज कर दो १००/२०० रुपये से .. दूकानदार लड़की से उसका नंबर अपने कॉपी में लिख लेता है फिर रिचर्ज कर देता है..अब दूकानदार को पता चल गया की यह नंबर एक लड़की का है ..फिर ऐसे नंबर आतंकवादी संघटन के पास चला जाता है ..इसके बदले में दूकान वाले को पैसा मिलता है !

फिर उस लड़की की मोबाईल पर कॉल आने लगता है..कभी रौंग नंबर , कभी दोस्ती के बहाने ..पटाने का पासा फेका जाता है ..अगर 100 में से एक भी लड़की उनसे पट गयी तो उनका मकसद कामयाब ...........पहले दोस्ती, फिर झूठा प्यार , फिर शादी का झासा .....लड़की को ऐसा किया जाता है की वो शादी कर ले या घर से भाग जाये .......उसके बाद धरम परिवर्तन पहले....फिर 2 / 3 महीने के बाद वो लड़का अचानक भाग जाता है ...उसके बाद लड़की का जीवन बर्बाद ...फिर लड़के के दोस्त आयेंगे और बोलेंगे की उम भी हमारे मिशन में शामिल हो जाओ...

हाँ, इन सब मे लडकी का जीवन बर्बाद होने की फुल फुल गारंटी है.

इसलिए आप सब से निवेदन है की इ रिचार्ज नहीं कराये..सिर्फ कूपन से ही कराये रिचार्ज

यह बात अपने घर में और सभी जानने वाले को बताये और सतर्क रहे !

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1858 में Indian Education Act बनाया गया। इसकी ड्राफ्टिंग 'लोर्ड मैकोले' ने की थी। लेकिन उसके पहले उसने यहाँ (भारत) के शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था, उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत के शिक्षा व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी। अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W.Litnar और दूसरा था Thomas Munro, दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। 1823 के आसपास की बात है ये Litnar , जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100 % साक्षरता है, और उस समय जब भारत में इतनी साक्षरता है और मैकोले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी "देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था" को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह "अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था" लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे और मैकोले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है:
"कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।"

इसलिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया, जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज के तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया उनमे आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा-पीटा, जेल में डाला।
1850 तक इस देश में '7 लाख 32 हजार' गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे '7 लाख 50 हजार', मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में 'Higher Learning Institute' हुआ करते थे उन सबमे 18 विषय पढाया जाता था और ये गुरुकुल समाज के लोग मिल के चलाते थे न कि राजा, महाराजा, और इन गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी।
इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया, उस समय इसे 'फ्री स्कूल' कहा जाता था, इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी और ये तीनों गुलामी के ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी इस देश में हैं और मैकोले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि:
"इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने 
परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।"
उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, अरे हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, दूसरों पर रोब क्या पड़ेगा।

लोगों का तर्क है कि अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है, दुनिया में 204 देश हैं और अंग्रेजी सिर्फ 11 देशों में बोली, पढ़ी और समझी जाती है, फिर ये कैसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा है। शब्दों के मामले में भी अंग्रेजी समृद्ध नहीं दरिद्र भाषा है। इन अंग्रेजों की जो बाइबिल है वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईशा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे। ईशा मसीह की भाषा और बाइबिल की भाषा अरमेक थी। अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी, समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त हो गयी। संयुक्त राष्ट संघ जो अमेरिका में है वहां की भाषा अंग्रेजी नहीं है, वहां का सारा काम फ्रेंच में होता है।
जो समाज अपनी मातृभाषा से कट जाता है उसका कभी भला नहीं होता और यही मैकोले की रणनीति थी।

- स्व॰ श्री राजीव भाई


अधिकतर लोग गोरे होने के लिए क्या क्या नहीं करते अलग-अलग cream लगाते रहते हैं जैसे fair n lovely और इससे होता क्या है गोरे तो होते नहीं बल्कि ऐसा करने से त्वचा का प्राकर्तिक रंग ख़राब हो जाता है। और टी वी पर एक एड आती है जिसमे शाहरूख चिल्लाता है कि लडकियों वाली क्रीम छोडो मर्द बनो और मर्दो वाली क्रीम लगाओ.....fair n handsome.......पर किसी भी क्रीम से कोई फ़ायदा नही होता कभी भी.........सिर्फ़ एक तरीका है लूटने का। अगर आपको सच में गोरा होना है तो प्रकृति से जुड़िये जिससे आप सच में गोरे हो जाओगे।

1) हल्दी एक ऐसी ओषधि है जो कि त्वचा के रंग को निखारने में बहुत मदद करती है। मैं आपको एक घरेलु face pack बताता हूँ जिससे आपका रंग कुछ ही दिनों में निखर उठेगा। थोडा सा बेसन लें उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाएं और उसमें इतना दूध मिलाये की एक पेस्ट बन जाए इसके बाद 15 मिनट इसे सूखने दें। उसके बाद हलके गरम पानी से चेहरे को थोडा गीला करके हल्का सा scrub की लरह धीरे धीरे पूरे चेहरे पर मसल लें और फिर चेहरा धो लें। आपको पहले दिन से ही फ़र्क पता चलने लगेगा आपके चेहरे का रंग साफ़ होने लगेगा और कुछ ही दिनों में आपको मिलेगा गोरी त्वचा।

2) अगर आप दाग धब्बो से परेशान है तो रोज उन पर कच्चा आलू काट कर मसले सब साफ़ हो जायेंगे।

3) अगर आप मुहांसो से परेशान है तो अपने चेहरे पर ग्वार(aloevera) की जैल लगाए, आप अपने घर में ग्वार को आसानी से लगा सकते है और उसे छील कर गुद्दे का प्रयोग कर सकते है या फ़िर बाजार से भी जैल ले सकते है।

4) अगर हाथ, पैर की त्वचा का रंग एक सा न हो या त्वचा धूप में जल गयी हो तो आटे को छान कर उसमें से चोकर निकालकर चोकर में हल्दी व मलाई डाल कर उसे मिला ले . मिलाकर हाथ व पैर मैं लगा कर हल्के हाथों से मलकर हटा ले. धूप से जली त्वचा साफ़ हो जाएगी और त्वचा में चमक भी आएगी।

पूरे शरीर की त्वचा के लिए चिरोंजी दाने में दूध डालकर उसे रात भर भीगने दे फिर सुबह पीस कर इसमें देसी गुलाब और गेंदे के फूलों की पत्तियों को मिलाकर उबटन बना ले, फिर उसे लगाये . शरीर की त्वचा कांतिमय हो जाएगी और उसके छिद्रों की सफाई भी अच्छे से हो जाएगी।
परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।"
उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, अरे हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, दूसरों पर रोब क्या पड़ेगा।

लोगों का तर्क है कि अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है, दुनिया में 204 देश हैं और अंग्रेजी सिर्फ 11 देशों में बोली, पढ़ी और समझी जाती है, फिर ये कैसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा है। शब्दों के मामले में भी अंग्रेजी समृद्ध नहीं दरिद्र भाषा है। इन अंग्रेजों की जो बाइबिल है वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईशा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे। ईशा मसीह की भाषा और बाइबिल की भाषा अरमेक थी। अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी, समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त हो गयी। संयुक्त राष्ट संघ जो अमेरिका में है वहां की भाषा अंग्रेजी नहीं है, वहां का सारा काम फ्रेंच में होता है।
जो समाज अपनी मातृभाषा से कट जाता है उसका कभी भला नहीं होता और यही मैकोले की रणनीति थी।

- स्व॰ श्री राजीव भाई


अधिकतर लोग गोरे होने के लिए क्या क्या नहीं करते अलग-अलग cream लगाते रहते हैं जैसे fair n lovely और इससे होता क्या है गोरे तो होते नहीं बल्कि ऐसा करने से त्वचा का प्राकर्तिक रंग ख़राब हो जाता है। और टी वी पर एक एड आती है जिसमे शाहरूख चिल्लाता है कि लडकियों वाली क्रीम छोडो मर्द बनो और मर्दो वाली क्रीम लगाओ.....fair n handsome.......पर किसी भी क्रीम से कोई फ़ायदा नही होता कभी भी.........सिर्फ़ एक तरीका है लूटने का। अगर आपको सच में गोरा होना है तो प्रकृति से जुड़िये जिससे आप सच में गोरे हो जाओगे।

1) हल्दी एक ऐसी ओषधि है जो कि त्वचा के रंग को निखारने में बहुत मदद करती है। मैं आपको एक घरेलु face pack बताता हूँ जिससे आपका रंग कुछ ही दिनों में निखर उठेगा। थोडा सा बेसन लें उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाएं और उसमें इतना दूध मिलाये की एक पेस्ट बन जाए इसके बाद 15 मिनट इसे सूखने दें। उसके बाद हलके गरम पानी से चेहरे को थोडा गीला करके हल्का सा scrub की लरह धीरे धीरे पूरे चेहरे पर मसल लें और फिर चेहरा धो लें। आपको पहले दिन से ही फ़र्क पता चलने लगेगा आपके चेहरे का रंग साफ़ होने लगेगा और कुछ ही दिनों में आपको मिलेगा गोरी त्वचा।

2) अगर आप दाग धब्बो से परेशान है तो रोज उन पर कच्चा आलू काट कर मसले सब साफ़ हो जायेंगे।

3) अगर आप मुहांसो से परेशान है तो अपने चेहरे पर ग्वार(aloevera) की जैल लगाए, आप अपने घर में ग्वार को आसानी से लगा सकते है और उसे छील कर गुद्दे का प्रयोग कर सकते है या फ़िर बाजार से भी जैल ले सकते है।

4) अगर हाथ, पैर की त्वचा का रंग एक सा न हो या त्वचा धूप में जल गयी हो तो आटे को छान कर उसमें से चोकर निकालकर चोकर में हल्दी व मलाई डाल कर उसे मिला ले . मिलाकर हाथ व पैर मैं लगा कर हल्के हाथों से मलकर हटा ले. धूप से जली त्वचा साफ़ हो जाएगी और त्वचा में चमक भी आएगी।

पूरे शरीर की त्वचा के लिए चिरोंजी दाने में दूध डालकर उसे रात भर भीगने दे फिर सुबह पीस कर इसमें देसी गुलाब और गेंदे के फूलों की पत्तियों को मिलाकर उबटन बना ले, फिर उसे लगाये . शरीर की त्वचा कांतिमय हो जाएगी और उसके छिद्रों की सफाई भी अच्छे से हो जाएगी।

Wednesday 29 May 2013

**एक बार स्वामी विवेकानद जी से किसी ने एक सभा में कहा कि ..स्वामी जी ,मैंने कभी मूर्ति पूजा नहीं कि है क्योंकि मैं मूर्ति पूजा का विरोधी हूँ ..

स्वामी जी हलकी सी मुस्कराहट के बाद बोले - "आपने मूर्ति पूजा नहीं की और आप इस निर्णय पर पहच गए कि मूर्ति पूजा से ईस्वर नहीं मिल सकता है। यह तो वैसा ही है कि आप पानी में उतरे नहीं और आपने सिध्यांत बना लिया की तैरना संभव ही नहीं है"

स्वामी जी मूर्ति तो खाती नहीं है फिर उसे भोग लगाने का क्या लाभ -यह तो पाखण्ड ही है ..उस सज्जन ने फिर से पूछा

स्वामी जी पहले जोर से हँसे और बोले ... " भगवान् की मूर्ति को भोग लगाने वाला भी जानता है कि मूर्ति खाती नहीं है और वैसे भी भगवान को खिलाने वाला वह होता ही कौन है ? भगवान् ही उसके पालन करता हैं ,किन्तु वह अपना भाव सम्प्प्रेषित करता है।जो कुछ भगवान् ने उसे प्रदान किया है वह उसी में से भगवान् का भोग लगाकर ,अपनी कृतज्ञता जताता है जिसे अन्तर्यामी प्रभु ग्रहण करते हैं "
स्वामी जी थोड़ी देर के लिए चुप हुए और आगे बोले .. "जैसे इन भोतिक आँखों से ,न दिखाई पड़ने वाला ,आपका प्रभु आपकी प्रार्थना या मुसलमानों की नमाज़ को ग्रहण करता है ,वैसे ही वह भोग लगाने वाले अपने भक्त का भाव ग्रहण करता है "

अब स्वामी जी की आवाज़ में तेज़ और उग्रता आने लगी थी ..स्वामी जी आगे बोले " आपके पास क्या प्रमाण है कि आपकी प्रार्थना या नमाज़ तो वह सुन लेता है ,किन्तु भोग लगाने वाले भक्त का भाव वह ग्रहण नहीं करता है , क्या आपके पास आपकी प्रार्थना या नमाज़ , सुनी गई है .इसकी कोई रसीद यानी पावती आती है क्या ?..... और सभा में एक गहन शांत छा गई 
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पटाखे भी घर में एक दो सालो तक पडे रहे तो बारूद ...
अपनी औकात भूल जाता हे ,फिर आप , मै ,और देश तो ....
अहिंसा के आदर्श के निचे ...नपुंसक बन गया ६५ वर्षों में तो ...
इतनी हैरानी क्यूँ हे !
 

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अग्निवेश उसी छतीसगढ़ के रहने वाले है जहाँ सबसे अधिक धर्मान्तरण का कार्य हो रहा है! भोले भले आदिवासियों को लगातार इसाई बनाया जा रहा है! बहुत से लोगो का मानना है की अग्निवेश क्रिस्चियन मिशनरी का एजेंट है जो की भगवा वस्त्र का फायदा उठा कर हिन्दू धर्म की नीव कमज़ोर कर रहा है ताकि लोगो के दिमाग में प्रश्न उठाये जा सके, उनको भ्रमित किया जा सके!
सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात की अग्निवेश एक संस्था चलता है जिसका नाम " World Council of Arya Samaj" जिसका की वह अध्यक्ष भी है! अपने पद का दुरूपयोग कर इसने "सत्यार्थ प्रकाश" के आखिरी 4 अध्याय हटवा दिए हैं! सोनिया गाँधी के यह बहुत बड़े प्रशंसक है और सोनिया इनको अधेरी सुरंग में अध्यात्म की रौशनी की किरण की तरह लगती है! सालो साल इनकी वेबसाइट पर इनकी फोटो पड़ी थी सोनिया और पोप के आगे शीश झुकाए! क्या यह सब एक आर्य समाजी सन्यासी को शोभा देता है?
इन महाशय की संस्था ही लगातार यह बात फैला रही है की आर्य बाहर से आये थे जबकि विश्व के शीर्षस्थ इतिहासकारों ने इस बात का खंडन किया है!
बाकि इनके किस्से तो आप सभी जानते ही होंगे! आगे क्या कहूं? यह व्यक्ति भगवा वस्त्रो में छिपा भेड़िया है!


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आज एक एसएमएस मिला.पाकिस्तान का प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारत का प्रधान मंत्री न अवाज़ और ना शरीफ.
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एक अंग्रेज व्यापारी महाराज रणजीतसिंह दरबार में हाजिर हुआ और महाराज को अपने साथ में लाया हुआ बहुत सा कांच का बेशकीमती सामान दिखाया। उसे पूरी उम्मीद की महाराज काफी सारा सामन उससे खरीदेंगे।

महाराज ने उन सभी चीजों में से सबसे कीमती फूलदान उठाया और उसे दरबार के बीच में फेंक दिया। कांच का होने से फूलदान चकनाचूर हो गया।

महाराज ने वे सभी टुकड़े मंगवाकर गंभीर स्वर में उस व्यापारी से पूछा अब इस टूटे हुए फूलदान की क्या कीमत है। व्यापारी ने जबाब दिया- अब इसका मूल्य कुछ भी न रहा।

इसके बाद महाराज ने अपने एक सेवक को पीतल की एक दवात देकर आज्ञा दी- इसे हथौड़े से तोड़ों और फिर बाजार जाकर इसे बेच आओ। सेवक ने ऐसा ही किया। थोड़ी देर में सेवक ने दो पैसे लाकर महाराज को दे दिए।

महाराज उस व्यापारी से बोले ‘मेरा देश गरीबों का देश है, हमें ऐसी परदेशी वस्तुओं की आवश्यकता नहीं। हम तो उन देशी वस्तुओं का उपयोग करते हैं जिनका वास्तविक मूल्य कम हो लेकिन टूटने के बाद भी कुछ न कुछ मूल्य जरूर हो।

महाराज ने विदेशी व्यापारी को फूलदान के कुछ पैसे दिए और साथ ही कुछ नसीहत भी दी कि वो ये न समझे कि महाराज विदेशी कीमती चीजें नहीं खरीद सकते लेकिन मेरे लिए देश में बनी स्वदेशी चीजें ज्यादा मायने रखती हैं।
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आचार्य चाणक्य के नगर अफगानिस्तान से हिंदू मिट गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है जो चाणक्य के अखंड भारत की सीमा हुआ करता था जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज वहा भी हिंदू नही है
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा
केरल मे १० साल पहले तक ६०% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ १०% हिंदू केरल मे है
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है
1569 तक ईरान का नाम पारस
या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर
मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता . लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा ..
एक नाव मे बैठकर २१ पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है
अफनिस्तान मेँ हिन्दू खत्म हो गया पाकिस्तान बाँग्लादेश मेँ हिन्दू खत्म होने की कगार पर है और भारत मेँ भी हिन्दु घट ही रहा है इसके कारण क्या है ????
क्या कारण है कि किसी मुस्लिम बस्ति मेँ अकेले घुसने मेँ हमेँ डर लगने लगता है ??
क्या कारण है कि हमने कभी किसी भी देश पर आक्रमण नहीँ किया फिर भी लोगोँ ने हमारी सीमाओँ हमारी संस्कृति को तहस नहस किया
क्या कारण है कि आज कोई भी नेता खुल कर मुस्लिमोँ के लिये हज सब्सिडी आरक्षण बालिका विद्या धन जैसी योजनायेँ लागू करके धर्मनिरपेक्ष बन जाता है और विरोध करने वाला सामप्रदायिक
क्या कारण है कि कुछ उलेमा हाजी काजी 15 मिनट मेँ भारत तोड़ने की बात तक कर जाते हैँ और हम कुछ नहीँ कर पाते
कुछ तो कारण होँगे....

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युद्ध में उन्हीं को विजय प्राप्त होती है, जो शत्रु की निर्बलता के समय उस पर प्रहार करते हैं...!!!

गाँधी ने लगवा दिया था "शिवा बावनी " पर प्रतिबन्ध |

इतिहास का काला सच :-
गाँधी ने लगवा दिया था "शिवा बावनी " पर प्रतिबन्ध |
बहुतो को तो ये पता ही नहीं होगा की @एडमिन क्या
कह रहा हैं ? चलिए जानते हैं ...............

"शिवा बावनी "52 छन्दों का एक संग्रह हैं जिसमे
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रसंशा गायी गयी हैं
और इस बात का वर्णन हैं की किस प्रकार उन्होंने
हिन्दू धर्म और राष्ट्र की रक्षा की |

"शिवा बावनी" में एक छंद हैं की यदि शिवाजी न होते
तो सारा देश मुस्लमान हो जाता -

"कुम्करण असुर अवतारी औरंगजेब ,
कशी प्रयाग में दुहाई फेरी रब की |
तोड़ डाले देवी देव शहर मुहल्लों के ,
लाखो मुसलमाँ किये माला तोड़ी सब की |
"भूषण" भणत भाग्यो काशीपति विश्वनाथ |
और कौन गिनती में भुई गीत भव की |
काशी कर्बला होती मथुरा मदीना होती |
शिवाजी न होते तो सुन्नत होती सब की |

यह "शिवाबावनी " लाखो के लिए आनंद और
स्फुर्थी का श्रोत हैं अवं साहित्य और इतिहास
में अद्वितीय महत्त्व रखती हैं ,
परन्तु गाँधी तो अपनी मुस्लिम तुष्टिकरण
की धुन में लगे हुए थे और इस ध्येय की
पूर्ति के लिए हिन्दू संस्कृति ,इतिहास
और धर्म के दमन के अतिरिक्त उसके सामने
कोई सरल मार्ग न था |

:- साक्ष्य :-गाँधी वध क्यों से ||

निष्कर्ष :-कुल मिला के हिन्दुओं को निर्बल और मुल्लो
का तुस्टी करण करना चाहते थे गाँधी ||
ऋग्वेद- प्रकाश के वेग की गाड़ना प्राचीन भारत के वेदों में की गई थी।
प्रकाश के वेग की गाड़ना मेक्स वेळ के द्वारा उनीसवी शताब्दी में की गई थी, परन्तु वास्तव में इसका सही सही निर्धारण ऋग्वेद में किया गया है, इसका पुनः विस्तार चौदहवीं शताब्दी में सयाना ने किया था।
सूर्य के वेग को साथ विभिन्न रंग के घोड़ों के रथ पर स्वर इश्वर की तरह वर्णित किया गया था, वास्तव में हम जानते हैं की सात रंग ही मुख्य होते हैं, हिन्दुओं ने ग्रहों की गति का सही सही आंकलन बगैर टेलिस्कोप के किया। नीचे लिंक दिया है कोई संदेह हो तो उसको खोल कर भी गंड़ना कर सकते हैं
ऋग्वेद का चौथा श्लोक।
तरणिर्विश्वदर्शतो जयोतिष्क्र्दसि सूर्य |
विश्वमा भासिरोचनम
which means “Swift and all beautiful art thou, O Surya (Surya=Sun), maker of the light, Illuming all the radiant realm.”
मोक्ष धाम पर्व , शांति पर्व महाभारत में बताया गया है की 15 निमिषा=1 कस्था
नोट:- निमिशार्दा= आधा निमिषा
15 निमिषा=1 कस्था
30 कसता=1 कला
30.3 कला=1 मुहूर्त
30 मुहूर्त= 1 दिव्य रात्रि(दिन और रात)
हम जानते हैं की दिन और रात चौबीस घंटे के होते हैं
इस प्रकार 24 घंटे = 30 x 30.3 x 30 x 15 निमिषा 
409050 निमिषा = 86,400 सेकेण्ड 
1निमिषा = 0.2112 सेकेण्ड (This is a recursive decimal! Wink of an eye=.2112 seconds!)
1/2निमिषा = 0.1056 seconds

एक यूनिट की दुरी : योजन 
Yojana is defined in Chapter 6 of Book 1 of the ancient vedic text “Vishnu Purana” as follows

10 परमानुस = 1 परसुक्ष्मा 
10 परसुक्ष्मा = 1 त्रसरेणु 
10त्रसरेणु = 1 महराजा (particle of dust)धूल का कण 
10महराजा = 1 Bálágraबालाग्र (hair’s point)बाल का सिरा 
10बालाग्र = 1 लिख्षा 
10 लिख्षा = 1 यूका 
10यूका = 1 यवोदर (heart of barley)
10 यवोदर = 1यव (barley grain of middle size)
10 यव = 1 Angula अनगुल (1.89 cm or approx 3/4 inch)
6 fingers अंगुल = 1 पद the breadth of it)
2 पद = 1 Vitasti वितस्ति (span)
2वितस्ति = 1हस्त (cubit)
4 हस्त = मनुष्य की ऊंचाई = 6 feet फुट 
2000 Dhanus धनुष = 1 Gavyutiगव्युति (distance to which 
a cow’s call or lowing can be heard) = 12000 feet फुट
4 गव्युति = 1 योजन = 9.09 miles मील

Calculation: So now we can calculate what is the value of the speed of light in modern units based on the value given as 2202 yojanas in 1/2 nimesa
सावधानी:- अब आप गड़ना कर सकते हैं सूर्य की दुरी की जो की दी हुई है 2202 योजन 1/2 निमिषा में
= 2202 x 9.09 miles per 0.1056 seconds
=2202 x 9.09 मील/0.1056 सेकेण्ड
= 20016.18 miles per 0.1056 seconds
=20016.18मील/ 0.1056 सेकेण्ड
= 189547 miles per second !!
=189547 मील/सेकेण्ड
As per the modern science speed of light is 186000 miles per second !
इस हिसाब से आधुनिक विज्ञान के बराबर ही गति प्राप्त हुई यानी 186000 सेकेण्ड
गड़ना कितनी सटीक है आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं और भारतीय सांखिकी कितनी विकसित थी की एक दोहे में पूरी गड़ना वर्णित कर दी
इसको कोई भी थोड़ी सावधानी बरत कर निकाल सकता है
http://colonp.in/post/20773048390/speed-of-light-is-calculated-in-vedas-more-accurately
जय भारतीय सभ्यता की, जय भारत माता की, जय हो हमारे ऋषि मुनि(वैज्ञानिक) की ..
प्रस्तुति व अनुवादित:- नीरज कौशिक
 — with जितेन्द्र सिंह 'सदैव 
अनिल कपूर की फिल्म 'नायक' की तर्ज पर नागदा की सुनंदा खैरवार एक दिन के लिए नगरपालिका अध्यक्ष बनीं। हालांकि 'नायक' में अनिल कपूर एक दिन के मुख्यमंत्री बने थे। दरअसल, 12वीं में नागदा टॉपर बनने पर शहर ने सुनंदा का स्वागत कुछ इसी तरह करने का फैसला किया था।
बाबा राम देव ने आज बिलकुल सही प्रश्न उठाया है ..यदि उनके गुरु के गायब होने का मामला इतना महत्वपूर्ण है की तुरंत सी बी आई जांच कराई जा रही है तो मेरा सरकार से व्यक्तिगत रूप से यह आग्रह है की इन सब मामलो की जांच तो उससे पहले ही की जानी चाहिए…

१-रानी लक्ष्मी बाई के मौत के पीछे सिंधिया परिवार का कितना हाथ था ?
२-चन्द्र शेखर आज़ाद की मृत्यु नेहरू के घर पर उनकी गरमा गरम बहस के कुछ घंटे बाद ही इलाहबाद में ही क्यों हो जाती है ??
३-भगत सिंह के पहचान में मुख्य भूमिका निभाने वाला सोभा सिंह से ऐसा कांग्रेसियों का कौन सा प्रेम है जो उसके नाम पर दिल्ली में सरकारी इमारतों का नाम रखवा रही है?
४-नेता जी सुभाष चन्द्र बोश के मौत के पीछे नेहरु की कितनी भूमिका रही?
५-लोर्ड माउंट बेटन की बीबी से नेहरू जी के ऐसे कौन से रिश्ते थे जिस कारन वह अंग्रेजो की हर बात मान लिए और भारत माता के दो तुकडे करने के लिए राज़ी हो गए ?
६-सरदार पटेल जैसे महान नेता को नेपथ्य में धकेलने में नेहरू का कितना हाथ था??
७-कश्मीर के मुद्दे को जान बुझकर अपने कश्मीरी रिश्तेदारों के कारण लटकाकर रखने में नेहरू की कितनी भूमिका थी?
८-नेहरु के समय जनसंघ के महान नेता श्यामा प्रसाद के मौत के पीछे नेहरु की कितनी भूमिका रही ??
९-लाल बहादुर शास्त्री के मौत में इंदिरा गांधी का क्या योगदान था ?
१०-जनसंघ के महान विचारक और प्रसिद्द दार्शनिक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के मौत में इंदिरा गांधी की क्या भूमिका थी ?
११-संजय गांधी के मौत में इंदिरा गांधी का क्या योगदान रहा ??
१२-सोनिया और माधव राव में ऐसे कौन से सम्बन्ध थे जो की शादी के बाद भी एक ही गाडी में आधी रात को दारु पीकर अकेले दिल्ली में घुमते रहते थे ?
१३-इंदिरा गांधी के गोली मारे जाने के बाद सोनिया गांधी द्वारा उन्हें अस्पताल में ले जाने में की गयी देरी जान बुझकर थी या संयोग था इसकी जांच क्यों न की जाय ??
१४-भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य अभियुक्त को देश से भगाने में गांधी परिवार का क्या योगदान रहा??
१५-दंगो में दंगाईयो को भड़का कर लाखो सिक्ख भाइयो को मरवाने वाला कौन है?
१६-माधव राव ऐसा कौन सा राज़ जानते थे जिसके कारण उनकी असामयिक मौत हो गयी ?
१७-क्वात्रोची के बंद खातो को चुपके से बिना देश को बताये चालू कर देने के पीछे किसका हाथ था ?
१८-राहुल गांधी किस नियम के अंतर्गत अवैध होते हुए भी भारत में दोहरी नागरिकता ग्रहण किये हुए है ??
१९-रोबेर्ट वाड्रा के परिवार वालो के रहस्यमय मौत की जिम्मेवारी किस पर है ??
२०- सुल्तानपुर के गेस्ट हाउस में रात को शराब पीकर अपने अँगरेज़ मित्रो के साथ लड़की के साथ बलात्कार करने वाला कौन है ??

इसके अलावा प्रश्न बहुत है पर कम से कम इन मामलो की जांच करायी ही जानी चाहिए.

फिर यदि सी बी आई को टाइम मिल जाय तो अवश्य ही वह गुरु शंकर देव के गायब होने की जांच कर ले.

Tuesday 28 May 2013

प्रमेय होती है जिसका हम नवमी-दसमी से लेकर बारह्वी कक्षा तक प्रयोग करते हैं, जिसे हम पईथागोरस थेओरम कहते हैं| पईथागोरस का जन्म हुआ ईशा से आठ शताब्दी पहले और ईशा के पंद्रहवी शताब्दी पहले के भारत के गुरुकुलों के रिकार्ड्स बताते हैं कि वो प्रमेय हमारे यहाँ था, उसको हम बोधायन प्रमेय के रूप में पढ़ते थे|

बोधायन एक महिर्षि हुए उनके नाम से भारत में ये प्रमेय ईशा के जन्म के पंद्रहवी शताब्दी पहले पढाई जाती थी यानि आज से लगभग साढ़े तीन हज़ार साल पहले भारत में वो प्रमेय पढाई जाती थी, बोधायन प्रमेय के नाम से और वो प्रमेय है - किसी आयत के विकर्ण द्वारा व्युत्पन्न क्षेत्रफल उसकी लम्बाई एवं चौड़ाई द्वारा पृथक-पृथक व्युत्पन्न क्षेत्र फलों के योग के बराबर होता है। तो ये प्रमेय महिर्षि बोधायन की देन है जिसे हम आज भी पढ़ते हैं और पईथागोरस ने बेईमानी करके उसे अपने नाम से प्रकाशित करवा लिया है और सारी दुनिया आजतक भ्रम में है |--
शुल्ब सूत्र या शुल्बसूत्र संस्कृत के सूत्रग्रन्थ हैं जो स्रौत कर्मों से सम्बन्धित हैं। इनमें यज्ञ-वेदी की रचना से सम्बन्धित ज्यामितीय ज्ञान दिया हुआ है। संस्कृत कें शुल्ब शब्द का अर्थ नापने की रस्सी या डोरी होता है। अपने नाम के अनुसार शुल्ब सूत्रों में यज्ञ-वेदियों को नापना, उनके लिए स्थान का चुनना तथा उनके निर्माण आदि विषयों का विस्तृत वर्णन है। ये भारतीय ज्यामिति के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं।

शुल्बसूत्र, स्रौत सूत्रों के भाग हैं ; स्रौतसूत्र, वेदों के उपांग (appendices) हैं। शुल्बसूत्र ही भारतीय गणित के सम्बन्ध में जानकारी देने वाले प्राचीनतम स्रोत हैं।
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शुल्बसूत्रों में बौधायन का शुल्बसूत्र सबसे प्राचीन माना जाता है। इन शुल्बसूत्रों का रचना समय १२०० से ८०० ईसा पूर्व माना गया है।

अपने एक सूत्र में बौधायन ने विकर्ण के वर्ग का नियम दिया है-

दीर्घचातुरास्रास्याक्ष्नाया रज्जुः पार्च्च्वमानी तिर्यङ्मानीच |
यत्पद्ययग्भूते कुरुतस्तदुभयं करोति ||

एक आयत का विकर्ण उतना ही क्षेत्र इकट्ठा बनाता है जितने कि उसकी लम्बाई और चौड़ाई अलग-अलग बनाती हैं। यहीं तो पाइथागोरस का प्रमेय है। स्पष्ट है कि इस प्रमेय की जानकारी भारतीय गणितज्ञों को पाइथागोरस के पहले से थी। दरअसल इस प्रमेय को बौधायन-पाइथागोरस प्रमेय कहा जाना चाहिए।
दालों के औषधीय गुण ----------
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अरहर की दाल पित्त, कफ और खून के विकार को समाप्त करती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, विटामिन ए तथा बी तत्व पाये जाते हैं। इसका छिलका पशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
जानिये इसके फ़ायदे:-

दालों का हमारे भोजन में विशेष स्‍थान है। हम अक्‍सर तरह-तरह की दालें खाते हैं, लेकिन क्‍या आप जानते है कि इन दालों में कितने गुण छुपे हुए हैं?

दाल भारतीय थाली का एक अहम हिस्‍सा है। देश भर में यह अलग-अलग तरीके से पकाई जाती है। ये दालों सेहत के लिहाज से भी काफी उपयोगी हैं। दालों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, फास्‍फोरस और खनिज तत्‍व पाये जाते हैं जो स्‍वास्‍थ्‍य के‍ लिए बहुत जरूरी हैं। आइए जानते हैं दालों के औषधीय गुणों के बारे में।

दाल और उनके फायदे -

अरहर - यह पित्त, कफ और खून के विकार को समाप्‍त करती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फास्‍फोरस, विटामिन ए तथा बी तत्‍त पाये जाते हैं। इसका छिलका पशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

अरहर के उबले हुए पत्तों को घाव पर बांधने से घाव भरने में मदद मिलती है।
अफीम का दुष्‍प्रभाव पड़ने पर अरहर के पत्‍तों का रस पिलाने से फायदा होता है।
खाने में छिलका रहित दाल का प्रयोग किया जाता है जिससे कफ और खांसी में आराम मिलता है।

उड़द - इसमें फास्‍फोरिक एसिड ज्‍यादा मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी होता है। इसकी चूनी का इस्‍तेमाल कई रोगों से उपचार के लिए किया जाता है।


उड़द की दाल वात, कब्‍जनाशक और बलवर्धक होती है।
फोड़ा होने पर उड़द की दाल की पीठी रखने से फायदा होता है।
हड्डी में दर्द होने पर इसे पीस कर लेप लगाने से फायदा होता है।


मूंग - इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा रेशे जैसे तत्‍व पाये जाते हैं। यह कफ और पित्‍त के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। खाने के बाद यह आसानी से पच जाती है।

मूंग की दाल आंखों की रोशनी बढ़ाती है।
बुखार होने पर मूंग की दाल खाने से फायदा होता है।
चावल के साथ तैयार खिचड़ी मरीजों के लिए पौष्टिक और सुपाच्‍य होती है।
मूंग के आटे का हलवा शक्तिवर्धक होता है।
१. १७६० – राबर्ट क्लाइव ने कोलकाता में पहला कसाईखाना खोला।

२. १८६१ – रानी विक्टोरिया ने भारत के वाइसराय को लिख कर गायों के प्रति भारतीयों की भावनाओं को आहत करने को उकसाया ।

३. १९४७ – स्वतंत्रता के समय भारत में ३०० से कुछ अधिक कल्लगाह थे । आज ३५,००० अधिकृत और लाखों अनधिकृत वधशालाएँ हैं ।

४. गाय की प्रजातियाँ ७० से घटकर २५ रह गई हैं । इनमें भी कुछ तो लुप्त होने के कगार पर हैं ।

५. स्वतंत्रता के बाद गायों की संख्या में ८० प्रतिशत की गिरावट आई है ।

६. १९९३-९४ भारत ने १,०१,६६८ टन गोमांस निर्यात किया । १९९४-९५ का लक्ष्य दो लाख टन था ।

७. हम वैनिटी बैग और बेल्ट के लिये गाय का चमड़ा, मन्जन के लिये हड्डियों का चूर्ण, विटामिन की गोलियों के लिये रक्त और मिठाई में सोने-चांदी के वर्कों हेतु बछड़े की आंतें पाने के लिये गो हत्या करते हैं ।

८. ऐसा समझा जाता है कि १९९३ में लातूर और १९९४ में बिहार जैसे भूकंपों के पीछे गो हत्या का कारण है ।

जागौ देशवासियों जागौ,,,,,,
सेकूलर नहीं सनातनी बनो, इंडियन नहीं हिन्दुस्तानी बनो ॥

Monday 27 May 2013

BOSS :-अगर मेरे हवाई जहाज़ में 50 ईंटे हो और मैं एक नीचे फ़ेंक दूं तो कितने बचेंगे ?
Employee :- 49

BOSS :-तीन वाक्य में बताओ कि हाथी को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए, (2) हाथी को उसमे रखिये और (3) फ्रीज़ बंद
कर दीजिये !

BOSS :-अब 4 वाक्य में बताओ कि हिरन को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए (2 ) हाथी को बाहर निकालिए (3) हिरन
को अन्दर रखिये 4)फ्रीज़ ...बंद कर दीजिये!

BOSS :-आज जंगल में शेर का जन्मदिन मनाया जा रहा है, वहां एक को छोड़ कर सब जानवर मौजूद है, बताओ कौन गैरमौजूद है?
Employee :- हिरन, क्योंकि वो फ्रीज़ में बंद है 

!BOSS :- बताओ, एक बूढी औरत मगरमच्छो से भरी तालाब को कैसे पार कर सकती है ?
Employee :- बड़े आसानी से, क्योंकि सारे मगरमच्छ शेर के जन्मदिन के पार्टी में गए हैं!

BOSS :- अच्छा आखिरी सवाल, वो बूढी औरत मर कैसे गयी?
Employee :- hmmmmm ....... लगता है सर कि वो तालाब में फिसल
गयी अथवा गिर गयी होगी..... Errrrrrrrrrrr..

BOSS:- अबे गधे, उसके सिर पर ईंट लगी थी जो मैंने Airplane से फेंकी थी,
यही problem है कि तुम अपने काम में जरा भी ध्यान नहीं लगाते हो और
तुम्हारा दिमाग कही और रहता है,
You should always be focused on your job ! Understand ?
.
.
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Morel:- जितना मर्ज़ी PREPARE कर लो अगर बोस ने ठान ली है
तो बो तुम्हारी बजा के रहेगा