Thursday 2 May 2013


भारत का दुर्भाग्य
नेताओ को सत्ता चाहिए, व्यपारियो को व्यपार चाहिए, युवाओ को मस्ती चाहिए, दलितों को आरक्षण चाहिए, छात्रों को नौकरी चाहिए, शिक्षको को सम्मान चाहिए, वकीलों को जीत चाहिए, अभिनेताओं को नाम चाहिए!
मगर किसी को देश नहीं चाहिए, छोटी2 खुशियों को पूरा करने मैं हमने अपना देश भुला दिया है , आज भारत अपने लिए कुछ मांग रहा है , चीन ने हमारी धरती माता को अपने कब्जे मैं ले लिया है , और हम अपने निजी कार्यो मैं इतना व्यस्त है , जैसे कुछ हुआ ही नहीं है !!!
आप सभी से अनुरोध है देश बचाओ , अगर देश ही ना रहेगा तो कुछ नहीं रहेगा , !
सरकार निक्कमी है आप निक्कमा न बनो, चीनी वस्तुओं का त्याग करो , !और कुछ समय देश के लिए निकालो !!!!!!!
जय हिन्द

No comments:

Post a Comment