Wednesday 29 May 2013

गाँधी ने लगवा दिया था "शिवा बावनी " पर प्रतिबन्ध |

इतिहास का काला सच :-
गाँधी ने लगवा दिया था "शिवा बावनी " पर प्रतिबन्ध |
बहुतो को तो ये पता ही नहीं होगा की @एडमिन क्या
कह रहा हैं ? चलिए जानते हैं ...............

"शिवा बावनी "52 छन्दों का एक संग्रह हैं जिसमे
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रसंशा गायी गयी हैं
और इस बात का वर्णन हैं की किस प्रकार उन्होंने
हिन्दू धर्म और राष्ट्र की रक्षा की |

"शिवा बावनी" में एक छंद हैं की यदि शिवाजी न होते
तो सारा देश मुस्लमान हो जाता -

"कुम्करण असुर अवतारी औरंगजेब ,
कशी प्रयाग में दुहाई फेरी रब की |
तोड़ डाले देवी देव शहर मुहल्लों के ,
लाखो मुसलमाँ किये माला तोड़ी सब की |
"भूषण" भणत भाग्यो काशीपति विश्वनाथ |
और कौन गिनती में भुई गीत भव की |
काशी कर्बला होती मथुरा मदीना होती |
शिवाजी न होते तो सुन्नत होती सब की |

यह "शिवाबावनी " लाखो के लिए आनंद और
स्फुर्थी का श्रोत हैं अवं साहित्य और इतिहास
में अद्वितीय महत्त्व रखती हैं ,
परन्तु गाँधी तो अपनी मुस्लिम तुष्टिकरण
की धुन में लगे हुए थे और इस ध्येय की
पूर्ति के लिए हिन्दू संस्कृति ,इतिहास
और धर्म के दमन के अतिरिक्त उसके सामने
कोई सरल मार्ग न था |

:- साक्ष्य :-गाँधी वध क्यों से ||

निष्कर्ष :-कुल मिला के हिन्दुओं को निर्बल और मुल्लो
का तुस्टी करण करना चाहते थे गाँधी ||

No comments:

Post a Comment