Saturday, 29 December 2012
Friday, 28 December 2012
सबूत मिटाने के मकसद से निकाली थी आंत
सबूत मिटाने के मकसद से निकाली थी आंत
गैंग रेप कांड के बाद छोटी आंत बाहर निकालने का मकसद डीएनए का सबूत खत्म करना था। लड़की के बेहोश हो जाने और बस में लहूलुहान होने के बावजूद उनकी दरिंदगी खत्म नहीं हुई। राम सिंह ने पुलिस को बताया कि रेप के बाद उसने डीएनए का सबूत खत्म करने के मकसद से हाथ से आंत बाहर निकाली थी। उसका इरादा कामयाब नहीं हुआ। मेडिकल जांच में डीएनए के सबूत मिले।
गैंग रेप कांड में गिरफ्तार अभियुक्तों ने रिमांड के दौरान पुलिस के सामने इस वारदात को 'शराब और हालात का नतीजा' बताया था। इन्होंने बताया था कि वह लोग शराब पीकर और चिकन खाकर रात में बस लेकर सड़क पर खड़ी किसी सेक्स वर्कर की तलाश में निकले थे। उनका प्लान था कि बाद में बगैर पेमेंट किए सेक्स वर्कर को मारपीट कर भगा देंगे और वह पुलिस कंप्लेंट भी नहीं करेगी। मुलजिमों ने पुलिस को बताया कि उनका इरादा किसी आम युवती के साथ रेप करने का नहीं था। इत्तफाक से मुनिरका बस स्टैंड पर उन्हें लड़की और उसका दोस्त नजर आ गए थे। आवाज लगाकर सवारी चढ़ाने में माहिर नाबालिग लड़के ने उन्हें बस में चढ़ा लिया था।
अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि बस में लड़की और उसके दोस्त के बैठने के बाद उन सभी की नजरें उन दोनों पर ही टिकी थीं। उनसे दोनों की नजदीकी देखी नहीं जा रही थी। छेड़छाड़ की पहल राम सिंह ने की थी। लड़की के दोस्त ने जबर्दस्त विरोध करते हुए अपनी बेहतर शारीरिक ताकत के सहारे इन्हें जमकर पीट दिया, लेकिन हमलावरों की संख्या ज्यादा होने और सिर में राम सिंह की आयरन रॉड के वार के बाद वह विरोध करने की हालत में नहीं रहा। इसके बाद इनकी दरिंदगी शुरू हुई।
गैंग रेप कांड के बाद छोटी आंत बाहर निकालने का मकसद डीएनए का सबूत खत्म करना था। लड़की के बेहोश हो जाने और बस में लहूलुहान होने के बावजूद उनकी दरिंदगी खत्म नहीं हुई। राम सिंह ने पुलिस को बताया कि रेप के बाद उसने डीएनए का सबूत खत्म करने के मकसद से हाथ से आंत बाहर निकाली थी। उसका इरादा कामयाब नहीं हुआ। मेडिकल जांच में डीएनए के सबूत मिले।
गैंग रेप कांड में गिरफ्तार अभियुक्तों ने रिमांड के दौरान पुलिस के सामने इस वारदात को 'शराब और हालात का नतीजा' बताया था। इन्होंने बताया था कि वह लोग शराब पीकर और चिकन खाकर रात में बस लेकर सड़क पर खड़ी किसी सेक्स वर्कर की तलाश में निकले थे। उनका प्लान था कि बाद में बगैर पेमेंट किए सेक्स वर्कर को मारपीट कर भगा देंगे और वह पुलिस कंप्लेंट भी नहीं करेगी। मुलजिमों ने पुलिस को बताया कि उनका इरादा किसी आम युवती के साथ रेप करने का नहीं था। इत्तफाक से मुनिरका बस स्टैंड पर उन्हें लड़की और उसका दोस्त नजर आ गए थे। आवाज लगाकर सवारी चढ़ाने में माहिर नाबालिग लड़के ने उन्हें बस में चढ़ा लिया था।
अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि बस में लड़की और उसके दोस्त के बैठने के बाद उन सभी की नजरें उन दोनों पर ही टिकी थीं। उनसे दोनों की नजदीकी देखी नहीं जा रही थी। छेड़छाड़ की पहल राम सिंह ने की थी। लड़की के दोस्त ने जबर्दस्त विरोध करते हुए अपनी बेहतर शारीरिक ताकत के सहारे इन्हें जमकर पीट दिया, लेकिन हमलावरों की संख्या ज्यादा होने और सिर में राम सिंह की आयरन रॉड के वार के बाद वह विरोध करने की हालत में नहीं रहा। इसके बाद इनकी दरिंदगी शुरू हुई।
यह है भारत माता के लिए आदरऔर प्रेम
Naveen Badania
रतन टाटा का टाटा को टाटा=> सच्ची घटना=>टाटा प्रशासनिक सेवा से किसी ने बताया कि 26/11 के हादसे के कुछ ही महीने बाद ताज होटल ग्रुप जो कि टाटा की मल्कियत है, ने अपने सारे देशी और विदेशी होटलों की पुन: मरम्मत के लिए एक बहुत बड़ा टेंडर मार्किट में डाला। जिन्होंने आवेदन किया, उनमे से कुछ पाकिस्तानी भी थे। अपना पक्ष मजबूत करने के लिए दो पाकिस्तानी उद्योगपति रतनटाटा से बगैर अपॉइंटमेंट लिए मुंबई में टाटा के मुख्यालय बॉम्बे हाउस पहुँच गये, क्यूंकि रतन टाटा उन्हें अपॉइंटमेंट नही दे रहे थे। उन्हें रिसेप्शन पर कई घंटे इन्तजार करवाया गया और फिरसन्देश आया कि रतन टाटा व्यस्त हैं और बिना अपॉइंटमेंट किसी से नही मिल सकते।
निराश होकर ये दोनों पाकिस्तानी दिल्ली गये और अपने HIGH COMMISSION के जरिये उस समय के उद्योग मंत्री श्री आनंद शर्मा सेमिले। शर्मा ने एकदम रतन टाटा को फ़ोन किया और कहा कि वे इन दो पाकिस्तानियोंसे मिल लें और और इनकी टेंडर एप्लीकेशन पर सहानुभुतिपुर्वक गौर करें। रतन टाटा ने जवाब दिया," आप बेशर्म हो सकते हैं, में नही। " और फ़ोन रख दिया।
कुछ और महीने बाद जब पाकिस्तान सरकार ने टाटा सूमो की कुछ गाड़ियाँ आयातकरने के लिए एक आर्डर दिया तो रतन टाटा ने एक भी गाडी पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया।
यह है भारत माता के लिए आदरऔर प्रेम जो रतन टाटा के दिल में है। ऐसी चीज जिससे आज के नेताओं को कुछ सीख लेनी चाहिए। कुछ मान्यताओं के लिए आपको खड़े होना ही पड़ेगा, नही तो आप हर चीज के लिए गिरते ही रहोगे।
जागो भारतीयों जागो। देश हर अन्य चीजों से सर्वोपरीहै। जय भारत !!!
सबूत मिटाने के मकसद से निकाली थी आंत
गैंग रेप कांड के बाद छोटी आंत बाहर निकालने का मकसद डीएनए का सबूत खत्म करना था। लड़की के बेहोश हो जाने और बस में लहूलुहान होने के बावजूद उनकी दरिंदगी खत्म नहीं हुई। राम सिंह ने पुलिस को बताया कि रेप के बाद उसने डीएनए का सबूत खत्म करने के मकसद से हाथ से आंत बाहर निकाली थी। उसका इरादा कामयाब नहीं हुआ। मेडिकल जांच में डीएनए के सबूत मिले।
गैंग रेप कांड में गिरफ्तार अभियुक्तों ने रिमांड के दौरान पुलिस के सामने इस वारदात को 'शराब और हालात का नतीजा' बताया था। इन्होंने बताया था कि वह लोग शराब पीकर और चिकन खाकर रात में बस लेकर सड़क पर खड़ी किसी सेक्स वर्कर की तलाश में निकले थे। उनका प्लान था कि बाद में बगैर पेमेंट किए सेक्स वर्कर को मारपीट कर भगा देंगे और वह पुलिस कंप्लेंट भी नहीं करेगी। मुलजिमों ने पुलिस को बताया कि उनका इरादा किसी आम युवती के साथ रेप करने का नहीं था। इत्तफाक से मुनिरका बस स्टैंड पर उन्हें लड़की और उसका दोस्त नजर आ गए थे। आवाज लगाकर सवारी चढ़ाने में माहिर नाबालिग लड़के ने उन्हें बस में चढ़ा लिया था।
अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि बस में लड़की और उसके दोस्त के बैठने के बाद उन सभी की नजरें उन दोनों पर ही टिकी थीं। उनसे दोनों की नजदीकी देखी नहीं जा रही थी। छेड़छाड़ की पहल राम सिंह ने की थी। लड़की के दोस्त ने जबर्दस्त विरोध करते हुए अपनी बेहतर शारीरिक ताकत के सहारे इन्हें जमकर पीट दिया, लेकिन हमलावरों की संख्या ज्यादा होने और सिर में राम सिंह की आयरन रॉड के वार के बाद वह विरोध करने की हालत में नहीं रहा। इसके बाद इनकी दरिंदगी शुरू हुई।
रतन टाटा का टाटा को टाटा=> सच्ची घटना=>टाटा प्रशासनिक सेवा से किसी ने बताया कि 26/11 के हादसे के कुछ ही महीने बाद ताज होटल ग्रुप जो कि टाटा की मल्कियत है, ने अपने सारे देशी और विदेशी होटलों की पुन: मरम्मत के लिए एक बहुत बड़ा टेंडर मार्किट में डाला। जिन्होंने आवेदन किया, उनमे से कुछ पाकिस्तानी भी थे। अपना पक्ष मजबूत करने के लिए दो पाकिस्तानी उद्योगपति रतनटाटा से बगैर अपॉइंटमेंट लिए मुंबई में टाटा के मुख्यालय बॉम्बे हाउस पहुँच गये, क्यूंकि रतन टाटा उन्हें अपॉइंटमेंट नही दे रहे थे। उन्हें रिसेप्शन पर कई घंटे इन्तजार करवाया गया और फिरसन्देश आया कि रतन टाटा व्यस्त हैं और बिना अपॉइंटमेंट किसी से नही मिल सकते।
निराश होकर ये दोनों पाकिस्तानी दिल्ली गये और अपने HIGH COMMISSION के जरिये उस समय के उद्योग मंत्री श्री आनंद शर्मा सेमिले। शर्मा ने एकदम रतन टाटा को फ़ोन किया और कहा कि वे इन दो पाकिस्तानियोंसे मिल लें और और इनकी टेंडर एप्लीकेशन पर सहानुभुतिपुर्वक गौर करें। रतन टाटा ने जवाब दिया," आप बेशर्म हो सकते हैं, में नही। " और फ़ोन रख दिया।
कुछ और महीने बाद जब पाकिस्तान सरकार ने टाटा सूमो की कुछ गाड़ियाँ आयातकरने के लिए एक आर्डर दिया तो रतन टाटा ने एक भी गाडी पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया।
यह है भारत माता के लिए आदरऔर प्रेम जो रतन टाटा के दिल में है। ऐसी चीज जिससे आज के नेताओं को कुछ सीख लेनी चाहिए। कुछ मान्यताओं के लिए आपको खड़े होना ही पड़ेगा, नही तो आप हर चीज के लिए गिरते ही रहोगे।
जागो भारतीयों जागो। देश हर अन्य चीजों से सर्वोपरीहै। जय भारत !!!
सबूत मिटाने के मकसद से निकाली थी आंत
गैंग रेप कांड के बाद छोटी आंत बाहर निकालने का मकसद डीएनए का सबूत खत्म करना था। लड़की के बेहोश हो जाने और बस में लहूलुहान होने के बावजूद उनकी दरिंदगी खत्म नहीं हुई। राम सिंह ने पुलिस को बताया कि रेप के बाद उसने डीएनए का सबूत खत्म करने के मकसद से हाथ से आंत बाहर निकाली थी। उसका इरादा कामयाब नहीं हुआ। मेडिकल जांच में डीएनए के सबूत मिले।
गैंग रेप कांड में गिरफ्तार अभियुक्तों ने रिमांड के दौरान पुलिस के सामने इस वारदात को 'शराब और हालात का नतीजा' बताया था। इन्होंने बताया था कि वह लोग शराब पीकर और चिकन खाकर रात में बस लेकर सड़क पर खड़ी किसी सेक्स वर्कर की तलाश में निकले थे। उनका प्लान था कि बाद में बगैर पेमेंट किए सेक्स वर्कर को मारपीट कर भगा देंगे और वह पुलिस कंप्लेंट भी नहीं करेगी। मुलजिमों ने पुलिस को बताया कि उनका इरादा किसी आम युवती के साथ रेप करने का नहीं था। इत्तफाक से मुनिरका बस स्टैंड पर उन्हें लड़की और उसका दोस्त नजर आ गए थे। आवाज लगाकर सवारी चढ़ाने में माहिर नाबालिग लड़के ने उन्हें बस में चढ़ा लिया था।
अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि बस में लड़की और उसके दोस्त के बैठने के बाद उन सभी की नजरें उन दोनों पर ही टिकी थीं। उनसे दोनों की नजदीकी देखी नहीं जा रही थी। छेड़छाड़ की पहल राम सिंह ने की थी। लड़की के दोस्त ने जबर्दस्त विरोध करते हुए अपनी बेहतर शारीरिक ताकत के सहारे इन्हें जमकर पीट दिया, लेकिन हमलावरों की संख्या ज्यादा होने और सिर में राम सिंह की आयरन रॉड के वार के बाद वह विरोध करने की हालत में नहीं रहा। इसके बाद इनकी दरिंदगी शुरू हुई।
Tuesday, 25 December 2012
सब सत्ता के पण्डे हैं
कोई भी निष्पक्ष नहीं है सब सत्ता के पण्डे हैं
आज पुलिस के हाथों में भी अत्याचारी डंडे हैं
संसद के सीने पर ख़ूनी दाग दिखाई देता है
पूरा भारत जलियांवाला बाग़ दिखाई देता है
आज पुलिस के हाथों में भी अत्याचारी डंडे हैं
संसद के सीने पर ख़ूनी दाग दिखाई देता है
पूरा भारत जलियांवाला बाग़ दिखाई देता है
Monday, 24 December 2012
-इतालियन गुणों से भरी हुई !
बेक़सूर छात्रों की पिटाई करती दिल्ली पुलिस l इन्होने २ दिन अत्याचार किया और आखिर में दोष छात्रों पर डाल दिया
पुलिस ने कहा की उन्हें खुफिया खबर मिली है की असामाजिक तत्व धरना में शामिल
हुए है ! कसाब की आने की खबर इनकी खुफिया विभाग नहीं दे सकती है और सिर्फ
निहत्थे छात्रों, बच्चो और आम जनता की खबर दे देती है ! दिल्ली पुलिस महान
-इतालियन गुणों से भरी हुई !
पुलिस ने कहा की उन्हें खुफिया खबर मिली है की असामाजिक तत्व धरना में शामिल
हुए है ! कसाब की आने की खबर इनकी खुफिया विभाग नहीं दे सकती है और सिर्फ
निहत्थे छात्रों, बच्चो और आम जनता की खबर दे देती है ! दिल्ली पुलिस महान
-इतालियन गुणों से भरी हुई !
प्रणव मुखर्जी की बेटी
देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली में मुझे भी डर लगता है।......
जब राजा से फकीर तक की आवाज आने लगे कि इस शहर में हमें डर लगता है तब लोग सवाल पूछते हैं कि कानून-व्यवस्था किसके हाथ में है। कुछ ऐसी ही हालत दिल्ली की है। देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली में मुझे भी डर लगता है। शर्मिष्ठा ने कहा, 'मैं कोशिश करती हूं कि देर रात से पहले घर पहुंच जाऊं। रात 9 बजे के बाद धीर-धीरे डर सताने लगता है। मैं जिस इलाके में रहती हूं वहीं से मेरी दोस्त के पर्स छीन लिए गए। जब एक महिला से बेखौफ अपराधी अकेले पाकर पर्स छीन सकते हैं तो कुछ भी करने की हिम्मत रखते होंगे।'
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, मुझे अच्छा लग रहा है कि दिल्ली के नौजवान महिलाओं की सुरक्षा के लिए सड़क पर निकलकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस आवाज को बनाए रखने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में कोई महिला को बुरी नजर से देखने की हिम्मत न करे। गौरतलब है कि शर्मिष्ठा केवल इसलिए नहीं जानी जाती हैं कि वह राष्ट्रपति की बेटी हैं बल्कि मशहूर कथक डांसर भी हैं।
.....................................................................................
शराब और अश्लीलता बंद नहीं हुई तो बरबाद हो जायेगा देश - मोदी
.................................................................................
भारत के समाज में ८०% अपराध और ६५% दुर्घटनाये शराब की देन हैं, जो लोग सोचते हैं की बिना शराब के टैक्स से विकास नहीं किया जा सकता है वह गुजरात आये और जिसमे शराब की एक पैसे की कमाई नहीं लगी है. शराब यदि गरीब से १०० रुपये छिनता है तो मुश्किल से उसमे से ५ रूपया सरकार को मिलता है फिर सरकारे टैक्स के पैसे से गरीब को ९५/- रुपये दिलवाती हैं. यह सब क्यों करना. जब इससे किसी को भी फायदा नहीं है तो इसे एक झटके में बंद कर दिया जाना चाहिए.
समाज की सनातनी बनाये रखना है तो शराब और अश्लीलाता पर प्रतिबन्ध लगाना ही होगा नहीं तो हमारी आगे आने वाली पीढिया बरबाद हो जायेगी.
.................................................
आज तक मेरी तरफ आँख उठाकर देखने की हिम्मत भी किसी दुश्मन की नही हुई .. लेकिन आज मुझे अपनों ने ही लाठियों से पिटा !!
ये वही दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित हैं जिन्होंने अभी पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट को एक हलफनामा दिया था की दिल्ली के आजाद मैदान मे अवेध रूप से बनायीं मस्जिद को बो हाईकोर्ट के आदेश के बाबजूद भी नहीं तोड़ सकती क्यूंकि हमारे पास पर्याप्त पुलिस बल नहीं है..
जब राजा से फकीर तक की आवाज आने लगे कि इस शहर में हमें डर लगता है तब लोग सवाल पूछते हैं कि कानून-व्यवस्था किसके हाथ में है। कुछ ऐसी ही हालत दिल्ली की है। देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली में मुझे भी डर लगता है। शर्मिष्ठा ने कहा, 'मैं कोशिश करती हूं कि देर रात से पहले घर पहुंच जाऊं। रात 9 बजे के बाद धीर-धीरे डर सताने लगता है। मैं जिस इलाके में रहती हूं वहीं से मेरी दोस्त के पर्स छीन लिए गए। जब एक महिला से बेखौफ अपराधी अकेले पाकर पर्स छीन सकते हैं तो कुछ भी करने की हिम्मत रखते होंगे।'
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, मुझे अच्छा लग रहा है कि दिल्ली के नौजवान महिलाओं की सुरक्षा के लिए सड़क पर निकलकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस आवाज को बनाए रखने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में कोई महिला को बुरी नजर से देखने की हिम्मत न करे। गौरतलब है कि शर्मिष्ठा केवल इसलिए नहीं जानी जाती हैं कि वह राष्ट्रपति की बेटी हैं बल्कि मशहूर कथक डांसर भी हैं।
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शराब और अश्लीलता बंद नहीं हुई तो बरबाद हो जायेगा देश - मोदी
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भारत के समाज में ८०% अपराध और ६५% दुर्घटनाये शराब की देन हैं, जो लोग सोचते हैं की बिना शराब के टैक्स से विकास नहीं किया जा सकता है वह गुजरात आये और जिसमे शराब की एक पैसे की कमाई नहीं लगी है. शराब यदि गरीब से १०० रुपये छिनता है तो मुश्किल से उसमे से ५ रूपया सरकार को मिलता है फिर सरकारे टैक्स के पैसे से गरीब को ९५/- रुपये दिलवाती हैं. यह सब क्यों करना. जब इससे किसी को भी फायदा नहीं है तो इसे एक झटके में बंद कर दिया जाना चाहिए.
समाज की सनातनी बनाये रखना है तो शराब और अश्लीलाता पर प्रतिबन्ध लगाना ही होगा नहीं तो हमारी आगे आने वाली पीढिया बरबाद हो जायेगी.
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आज तक मेरी तरफ आँख उठाकर देखने की हिम्मत भी किसी दुश्मन की नही हुई .. लेकिन आज मुझे अपनों ने ही लाठियों से पिटा !!
-पूर्व जनरल वी के सिंह
लगता हैं अब समय आ गया है की सेना देश की बागडोर अपने हाथों में ले ले .. !!
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ये वही दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित हैं जिन्होंने अभी पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट को एक हलफनामा दिया था की दिल्ली के आजाद मैदान मे अवेध रूप से बनायीं मस्जिद को बो हाईकोर्ट के आदेश के बाबजूद भी नहीं तोड़ सकती क्यूंकि हमारे पास पर्याप्त पुलिस बल नहीं है..
और अब हजारोंप्रदर्शनकारी लोगों पर डंडे बरसाने के लिए इनके पास दिल्ली पुलिस है, हरियाणा पुलिस है,रिज़र्व पुलिस बल है रेपिड एक्शन फ़ोर्स है...अर्ध सैनिक बल हैं, आंसू गेस के गोले है, पानी की तेज़ बौछारें हैं.. और आन्दोलन को कुचलने के सारे इंतजाम हैं.......!!!
Sunday, 23 December 2012
दोषियो को फांसी
पूरे देश में देल्ही गैंग रैप के बाद दोषियो को फांसी देकर पीड़ित को न्याय दिलाने की माँग पुरजोर तरीके से उठाई जा रही है ,इस घटना के बाद होने वाले प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठी-चार्ज किया जाना आंसू गैस का प्रयोग देश में लोकतंत्र की स्थिति बयां करता है,भारतीय दंड संघिता 1860 का सबसे बड़ा दर्द ये है की जिस महिला/लड़की के साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध होता है तब उसी महिला को सिध्ह करना पड़ता है की उसके साथ रेप हुआ है आरोपी को न्यायलय कुछ सिध्ह करने को नहीं कहता बल्कि कोर्ट में परिवार का अकेला कमाने वाला है इस तर्क पर कोर्ट सहानुभूति दिखाता है,पीड़ित महिला से पुलिस से लेकर न्यायलय तक ऐसे -2 सवाल किये जाते है की भले घर की लड़की उनका जवाब भी नहीं दे पाती और 3/4 मामलो में आरोपी बाइज्ज़त बरी हो जाते है अभी 2010 में सी आर पी सी में कुछ महत्वपूर्ण संसोधन हुए जैसे फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर 3 महीने में न्याय देना बयानों की ऑडियो विडियो रिकॉर्डिंग,व पीडिता का बयान थाने से अलग कही बंद कमरे में लेना आदि,पर दुर्भाग्य से पुलिस व अदालते मिल कर इसकी धज्जिया उड़ा रहे है क्यों की केस लम्बा खीचने का फायदा ये होता की सबूत मिटाए जाने में आसानी हो जाती है हमें पारिवारिक मूल्य व संस्कार संजोने के साथ अश्लील सिनेमा का बहिस्कार,शिक्षा में संस्कार व आदर्श जोड़ने के साथ-2 शराबखोरी पर रोक तथा ऐसे मामलो का निपटारा तय अवधी में हो नहीं तो सम्बंधित लोगो पर कड़ी कार्यवाही हो जैसे प्रावधान करने होंगे तब शायद ये सिलसिला थमे,आप मित्रो के सुझाव आमंत्रित है-----विनय दिवेदी !!!!
, we want justice का नारा
कसाब की फांसी रोकने के लिए हुये प्रदर्शनो को दूर से शांतिपूर्वक देखने वाली कॉंग्रेस से , एक लड़की के बलात्कार के विरोध मे हो रहा प्रदर्शन देखा नहीं जा रहा , झेला नहीं जा रहा । सेना की टुकड़िया बुलाई जा रही है , जनता के विरोध और जनता को कुचलने के लिए ।
क्या ये प्रदर्शनकारी आतंकवादी है? क्या ये हिंदुस्तान के नहीं है? आखिर कारण क्या है जो कॉंग्रेस बलात्कार के विरोध मे अहिंसात्मक प्रदर्शन करने वाले युवाओ , यहा तक कि लड़कियो तक पर लाठीया भंजवा रही है?
एक ही कारण है जो अब समस्त देशवासियों को , ड्यूड़ों को, समझ लेना चाहिए - , ये गांधी की कॉंग्रेस नहीं है, ये सुभाषचंद्र बॉस , वल्लभभाई पटेल , तिलक की कॉंग्रेस नहीं है , ये कॉंग्रेस देशद्रोहियों की कॉंग्रेस है , विदेशियों की कॉंग्रेस है , ये वही कॉंग्रेस है जो बांग्लादेश से आए घुसपैठियों का स्वागत करते हुये उन्हे राशनकार्ड बांटती है और दूसरी और अपने देश के नागरिकों पर लाठीया बजवाती है , आंसू गेस के गोले छुडवाती है ।
ये वो कॉंग्रेस है जिसके मुख्य कथित भावी नेता राहुल गांधी पर बलात्कार का आरोप लगा, इस पार्टी के कई नेताओ पर जबरन सेक्स करने के , शोषण के मामले दर्ज हुये है, कॉंग्रेस के नेता बयान दे चुके है कि बलात्कार मे ज्यादा दोषी लडकिया होती है , अपनी मर्जी से बलात्कार करवाती है , इसीलिए इनसे बलात्कार के विरोध मे हो रहा प्रदर्शन देखा नहीं जा रहा ।
भारती
स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न
सत्तर साल के एक वृद्ध को कॉलेज की एक लड़की ने कहा-ःअंकल, पानी की बौछारो में आप कहाँ आ रहे है,
'सुमित चॉवला'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
क्या ये प्रदर्शनकारी आतंकवादी है? क्या ये हिंदुस्तान के नहीं है? आखिर कारण क्या है जो कॉंग्रेस बलात्कार के विरोध मे अहिंसात्मक प्रदर्शन करने वाले युवाओ , यहा तक कि लड़कियो तक पर लाठीया भंजवा रही है?
एक ही कारण है जो अब समस्त देशवासियों को , ड्यूड़ों को, समझ लेना चाहिए - , ये गांधी की कॉंग्रेस नहीं है, ये सुभाषचंद्र बॉस , वल्लभभाई पटेल , तिलक की कॉंग्रेस नहीं है , ये कॉंग्रेस देशद्रोहियों की कॉंग्रेस है , विदेशियों की कॉंग्रेस है , ये वही कॉंग्रेस है जो बांग्लादेश से आए घुसपैठियों का स्वागत करते हुये उन्हे राशनकार्ड बांटती है और दूसरी और अपने देश के नागरिकों पर लाठीया बजवाती है , आंसू गेस के गोले छुडवाती है ।
ये वो कॉंग्रेस है जिसके मुख्य कथित भावी नेता राहुल गांधी पर बलात्कार का आरोप लगा, इस पार्टी के कई नेताओ पर जबरन सेक्स करने के , शोषण के मामले दर्ज हुये है, कॉंग्रेस के नेता बयान दे चुके है कि बलात्कार मे ज्यादा दोषी लडकिया होती है , अपनी मर्जी से बलात्कार करवाती है , इसीलिए इनसे बलात्कार के विरोध मे हो रहा प्रदर्शन देखा नहीं जा रहा ।
भारती
स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न
सत्तर साल के एक वृद्ध को कॉलेज की एक लड़की ने कहा-ःअंकल, पानी की बौछारो में आप कहाँ आ रहे है,
आप घर पे जाईये बिमार हो जाईयेगा,चोट लग जायेगा आपको।
सत्तर साल के उस जवान का जवाब था-ःबेटी, अपनी जिन्दगी तो जी चूका मैं।
इस आन्दोलन के बाद शायद मेरी बेटी,मेरी पोती और तुम सब शायद निडर होके कहीं भी घुम सको।
इस लिये आन्दोलन को सफल बनाने आया हुँ मैं।
सलाम इस नौजवान उमँगो वाले वृद्धजन को।
'सुमित चॉवला'दिल्ली की मुख्यमंत्री कह रही है पुलिस क रवैया गलत है , अरे पुलिस को आदेश देने वाली क्या कोई और है ? पुलिस नागरिको पर रह-रह कर पूरे दिन से आंसू गैस, पानी की बौछारें और लाठियां बरसा रही है और आज देश का सर्वोच्च न्यायालय भी खामोश है क्यों ?
अब समझो और संभलो , we want justice का नाराराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
आज क्या स्थिति हो गयी है मेरे भारत देश की ? क्या इंडिया गेट पर देश के दुश्मनों से मुकाबला था जो सेना बुलाई गयी ? अब कहा है महिला आयोग ? अब कहा है मानवाधिकार आयोग ? कहा है युवाओ के पक्षधर बनने वाले कांग्रेस युवराज राहुल गाँधी ? शोक व्यक्त करने के लिए कहा है देश के राष्ट्रपति ? कहा गए सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले समाज के ठेकेदार ? अगर विपक्ष विरोध करता है तो वह राजीनीति हो जाती है , मीडिया फिर भी कांग्रेस के गुण गाने में लगी हुई है , ये सब क्या है ? आज कुछ गुंडों ने आन्दोलन में घुस कर उसे हिंसा का रूप दे दिया उन पर कार्यवाही क्यों नहीं , आम जनता पर पुलिस की लाठिया क्यों बरस रही है और वो गुंडे ही सरकार से बातचीत करेंगे क्यों ? सरकार जनता के बिच में आकार बातचीत क्यों नहीं करती ? कहा है प्रधानमंत्री जी ? क्या वो आज भी मौन है ? दिल्ली की मुख्यमंत्री कह रही है पुलिस क रवैया गलत है , अरे पुलिस को आदेश देने वाली क्या कोई और है ? पुलिस नागरिको पर रह-रह कर पूरे दिन से आंसू गैस, पानी की बौछारें और लाठियां बरसा रही है और आज देश का सर्वोच्च न्यायालय भी खामोश है क्यों ?
ईंट का ढेर
अभी डेढ़ घंटे पहले अचानक इंडिया गेट के पास अचानक हज़ार ईंट का ढेर दिखाई दिया! प्रदर्शनकारी छात्रो में किसी की समझ में नहीं आया की वोह वहाँ क्यूँ है! वह बेचारे केवल प्रदर्शन कर रहे थे फिर भी लगातार मार खा रहे थे! मीडिया झूठ बोल रही थी की वहाँ पुलिस मार पीट नहीं कर रही है जबकि पुलिस लगातार मार पीट कर रही थी!
अभी देखने में कि NSUI के लोग वहाँ आये और पत्थरबाज़ी करने लगे! उन्ही ईंटो से जो वहाँरखी गयी थीं! अब पुलिस के पास एक बेवजह का कारन है प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करने का! किसी का हाथ टूट गया है किसी का पैर, किसी की आँख फूट गयी है!
अरे कोशंखनाद धर्म और राजनीति
एक ही कारण है जो अब समस्त देशवासियों को , ड्यूड़ों को, समझ लेना चाहिए - , ये गांधी की कॉंग्रेस नहीं है, ये सुभाषचंद्र बॉस , वल्लभभाई पटेल , तिलक की कॉंग्रेस नहीं है , ये कॉंग्रेस देशद्रोहियों की कॉंग्रेस है , विदेशियों की कॉंग्रेस है , ये वही कॉंग्रेस है जो बांग्लादेश से आए घुसपैठियों का स्वागत करते हुये उन्हे राशनकार्ड बांटती है और दूसरी और अपने देश के नागरिकों पर लाठीया बजवाती है , आंसू गेस के गोले छुडवाती है ।ई हटाओ इस इटली की डायन को जो लगातार गंदे से गन्दा खेल खेल रही है भारत की 'सुमित चॉवला'
आपकी जानकारी के लिए ये बता दू की "सांप्रदायिक हिंसा निवारण विधेयक COMMUNAL VOILENCE PREVENTION ACT " नाम के कानून में ये प्रावधान रखा गया हैं की हिन्दू महिला के साथ बलात्कार को अपराध नहीं माना जाएगा...
फिर भी आप को लगता हैं की ये सरकार बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून बनाएगी ?
दोस्तों आपको ये भी पता होना चाहिए की इस बिल को लाने के लिए केजरीवाल की टीम सदस्य सजिया इल्मी लगी हुयी है.....सीधी साJitendra Pratap Singh
शबनम हाश्मी, तीस्ता जावेद कहा अपना मुंह .... करवा रही है ?क्या ये सिर्फ गुजरात में ही अपनी छाती कूटने के लिए पैदा हुई है ?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय विकास परिषद की 52वीं बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों को समाज में समान दर्जा हासिल कराने के लिए अनोखे तरीके से काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला दावा होना चाहिए।
http://hindi.in.com/http://www.bbc.co.uk/
Muslims must have first claim on India's resources: PM Manmohan Singh.
http://
शंखनाद धर्म और राजनीति
जनरल वी के सिंह को लाठी चार्ज मे गंभीर चोट आई..
जिस जनरल वीके सिंह को आज तक कोई पाकिस्तानी हाथ नहीं लगा पाया था उस जनरल को आज सोनिया की पुलिस ने लाठियों से मारा है ...
काहे का प्रजातंत्र ?? सोनिया तंत्र बोलो।।।!!
"हादसा एक दम नहीं होता, वक़्त करता है परवरिश बरसों....!"
शंकर दत्त फुलारा shared a photo.
अभी टीवी का खबरिया चैनल दिल्ली के गैंगरेप
की घटना पर समाचार चला रहा है |
जैसे ही ब्रेक आये : पहला विज्ञापन बोडी स्प्रे
का जिसमे लड़की आसमान से गिरती है ,
दूसरा कंडोम का , तीसरा नेहा स्वाहा-
स्नेहा स्वाहा वाला , और चौथा प्रेगनेंसी चेक
करने वाले मशीन का......
जब हर विज्ञापन, हर फिल्म में नारी को केवल
भोग की वस्तु समझा जाएगा तो बलात्कार के
ऐसे मालोंको बढ़ावा मिलना निश्चित
है ......क्योंकि
"हादसा एक दम नहीं होता,
वक़्त करता है परवरिश बरसों....!"
ऐसी निंदनीय घटनाओं केपीछे निश्चित तौर पर
भी बाजारवाद ज़िम्मेदार है ..
(रणवीर डागर )
Friday, 21 December 2012
चाणक्य के 15 सूक्ति वाक्य ---
चाणक्य के 15 सूक्ति वाक्य ----
1) "दूसरो की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी."
2)"किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए ---सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं."
3)"अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे डंस भले ही न दो पर डंस दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए. "
4)"हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है --यह कडुआ सच है."
5)"कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो ---मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ? इसका क्या परिणाम होगा ? क्या मैं सफल रहूँगा ?"
6)"भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये इस पर हमला करदो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो ."
7)"दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है."
8)"काम का निष्पादन करो , परिणाम से मत डरो."
9)"सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है."
10)"ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ."
11) "व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं."
12) "ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ,वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे. सामान स्तर के मित्र ही सुखदाई होते हैं ."
13) "अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो. छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो .सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो.आपकी संतति ही आपकी सबसे
अच्छी मित्र है."
14) "अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है ."
15) "शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है. शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर हैं ."
1) "दूसरो की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी."
2)"किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए ---सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं."
3)"अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे डंस भले ही न दो पर डंस दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए. "
4)"हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है --यह कडुआ सच है."
5)"कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो ---मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ? इसका क्या परिणाम होगा ? क्या मैं सफल रहूँगा ?"
6)"भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये इस पर हमला करदो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो ."
7)"दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है."
8)"काम का निष्पादन करो , परिणाम से मत डरो."
9)"सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है."
10)"ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ."
11) "व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं."
12) "ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ,वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे. सामान स्तर के मित्र ही सुखदाई होते हैं ."
13) "अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो. छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो .सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो.आपकी संतति ही आपकी सबसे
अच्छी मित्र है."
14) "अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है ."
15) "शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है. शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर हैं ."
"शान्ति के धर्म" के मामले तो गाहे-बगाहे सामने आते ही रहते हैं... पिछले माह "प्रेम के धर्म" का भी एक और मामला सामने आया है...
केरल में निवासरत एक वृद्ध महिला को बेवकूफ बनाकर वहाँ के स्थानीय चर्च के पादरियों ने उसकी २५ करोड की संपत्ति हथिया ली. उक्त निःसंतान महिला अपने बीमार पति के साथ अपने बंगले में रहती थी. चर्च के पादरी उसके घर "प्रार्थना" करवाने आते-जाते थे. धीरे-धीरे आसपास के लोगों का जमावड़ा भी होने लगा.
प्रार्थना के दौरान एक दिन यह महिला "नीमबेहोशी" की हालत में थी... उसी समय चालाक पादरियों ने उसके मुँह से निकलने वाली बुदबुदाहट को अपनी तरफ से अनुवाद करके भीड़ के सामने घोषित कर दिया कि उस महिला ने यह मकान और सारी संपत्ति चर्च को दान करने का फैसला ले लिया है... भीड़ ने जोर का जयकारा लगाया, और महिला के "दान" का गुणगान किया.
बाद में भी इन पादरियों ने उस महिला को विश्वास दिलाया कि यदि वह अपनी जमीन चर्च को दान में देगी, तो उसके पति की आवाज़ वापस आ जाएगी... लेकिन न तो वैसा होना था और न हुआ...
महिला ने अखबार में विज्ञप्ति छपवाकर चर्च के कार्डिनलों के खिलाफ भूख हडताल की घोषणा की है और कहा है कि यदि उसका मकान वापस नहीं दिया गया तो इस धोखाधडी के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी करेगी...
कुदरती खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ …
कुदरती खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ …
1. एक एकड़ में शीशम, आम, कटहल, सिल्वर ओक, चीकू, नारियल, पपीता, केला व सागौन आदि ऐसे पेड़ जो खेत की उर्वरता बढ़ाने में मदद करते हैं, को अवश्य लगाने चाहिए। इन वृक्षों पर बैठने वाले पंछी कीटों को खाकर फसलों को बचाने का काम करते हैं साथ ही खेत में खाद भी देते हैं। पंछी अनाज कम व फसल को नुकसान पहुँचाने वाले कीड़ों को अधिक खाते हैं। एक चिड़िया दिन में लगभग 250 सूंडी खा लेती है। पेड़ों से 10-20 साल में किसानों को अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलता है। जाटी आदि से पशुओं को आहार्। रसोई के लिए लकड़ी तथा परिवार के लिए फल मिलते हैं। पेड़ों के साथ गिलोय व काली मिर्च आदि लगाकर और अcधिक आर्थिक लाभ कमा सकते हैं।
2. एक ग्राम मिट्टी में लगभग 3 करोड़ सूक्ष्म जीव होते हैं। खेत के पत्तों, धान व अन्य प्रकार के चारे में आग लगाने एवं जहरीली खाद व कीटनाशकों को डालने, ट्रैक्टर से खेत जोतने पर ये सूक्ष्म जीव मरते हैं और धरती धीरे-धीरे बंजर बन जाती है।
3. अधिक पानी जमीन का शत्रु, नई जमीन का मित्र तथा फसलों व गोभी आदि सब्जियों का कचरा भूमि माता के वस्त्रों का काम करते हैं, जो जमीन को सर्दी गर्मी से बचाते हैं, तापमान को नियन्त्रित रखते हैं तथा जमीन की नमी को भी बरकरार रखते हैं। अत: भूमि की मल्चिंग के लिए फसलों का कचरा खेत के लिए खतरा नहीं उसकी ताकत है।
4. लगभग एक एकड़ भूमि में 90 हजार केंचुएँ होते हैं। एक केंचुवा खेत में हजारों किलोमीटर खुदाई करने की क्षमता रखता है। जो भूमि जैविक कृषि द्वारा पोषित होती है और जहाँ केचुँए संरक्षित किये जाते हैं उस भूमि की कीचड़ वर्षों में –
(क) 5 गुणा नाईट्रोजन की ताकत बढ़ जाती है।
(ख) 7 गुणा फास्फोरस की ताकत बढ़ जाती है।
(ग) 11 गुणा पोटास की ताकत बढ़ जाती है।
(घ) 2.5 गुणा मैग्नीशियम की ताकत बढ़ जाती है।
अत: प्राकृतिक खेती में कृत्रिम रासायनिक खाद, यूरिया, व डी.ए.पी. की जरूरत नहीं पड़ती है। गोबर, गोमूत्र व पेड़ के पत्तों से भूमि को ये पोषण तत्व स्वयं ही मिलते रहते हैं।
1. एक एकड़ में शीशम, आम, कटहल, सिल्वर ओक, चीकू, नारियल, पपीता, केला व सागौन आदि ऐसे पेड़ जो खेत की उर्वरता बढ़ाने में मदद करते हैं, को अवश्य लगाने चाहिए। इन वृक्षों पर बैठने वाले पंछी कीटों को खाकर फसलों को बचाने का काम करते हैं साथ ही खेत में खाद भी देते हैं। पंछी अनाज कम व फसल को नुकसान पहुँचाने वाले कीड़ों को अधिक खाते हैं। एक चिड़िया दिन में लगभग 250 सूंडी खा लेती है। पेड़ों से 10-20 साल में किसानों को अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलता है। जाटी आदि से पशुओं को आहार्। रसोई के लिए लकड़ी तथा परिवार के लिए फल मिलते हैं। पेड़ों के साथ गिलोय व काली मिर्च आदि लगाकर और अcधिक आर्थिक लाभ कमा सकते हैं।
2. एक ग्राम मिट्टी में लगभग 3 करोड़ सूक्ष्म जीव होते हैं। खेत के पत्तों, धान व अन्य प्रकार के चारे में आग लगाने एवं जहरीली खाद व कीटनाशकों को डालने, ट्रैक्टर से खेत जोतने पर ये सूक्ष्म जीव मरते हैं और धरती धीरे-धीरे बंजर बन जाती है।
3. अधिक पानी जमीन का शत्रु, नई जमीन का मित्र तथा फसलों व गोभी आदि सब्जियों का कचरा भूमि माता के वस्त्रों का काम करते हैं, जो जमीन को सर्दी गर्मी से बचाते हैं, तापमान को नियन्त्रित रखते हैं तथा जमीन की नमी को भी बरकरार रखते हैं। अत: भूमि की मल्चिंग के लिए फसलों का कचरा खेत के लिए खतरा नहीं उसकी ताकत है।
4. लगभग एक एकड़ भूमि में 90 हजार केंचुएँ होते हैं। एक केंचुवा खेत में हजारों किलोमीटर खुदाई करने की क्षमता रखता है। जो भूमि जैविक कृषि द्वारा पोषित होती है और जहाँ केचुँए संरक्षित किये जाते हैं उस भूमि की कीचड़ वर्षों में –
(क) 5 गुणा नाईट्रोजन की ताकत बढ़ जाती है।
(ख) 7 गुणा फास्फोरस की ताकत बढ़ जाती है।
(ग) 11 गुणा पोटास की ताकत बढ़ जाती है।
(घ) 2.5 गुणा मैग्नीशियम की ताकत बढ़ जाती है।
अत: प्राकृतिक खेती में कृत्रिम रासायनिक खाद, यूरिया, व डी.ए.पी. की जरूरत नहीं पड़ती है। गोबर, गोमूत्र व पेड़ के पत्तों से भूमि को ये पोषण तत्व स्वयं ही मिलते रहते हैं।
Tuesday, 18 December 2012
यह पढ़ाया जा रहा है आपके बच्चों को.....
यह पढ़ाया जा रहा है आपके बच्चों को.....
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वैदिक काल में विशिष्ट अतिथियों के लिए गोमांस का परोसा जाना सम्मान सूचक माना जाता था।
(कक्षा 6-प्राचीन भारत, पृष्ठ 35, लेखिका-रोमिला थापर)
महमूद गजनवी ने मूर्तियों को तोड़ा और इससे वह धार्मिक नेता बन गया।
तिलक, अरविन्द घोष, विपिनचन्द्र पाल और लाला लाजपतराय जैसे
नेता उग्रवादी तथा आतंकवादी थे
(कक्षा 12-आधुनिक भारत-विपिन चन्द्र, पृष्ठ 208)
400 वर्ष ईसा पूर्व अयोध्या का कोई अस्तित्व नहीं था। महाभारत और रामायण कल्पित महाकाव्य हैं।
(कक्षा 11, पृष्ठ 107, मध्यकालीन इतिहास, आर.एस. शर्मा)
वीर पृथ्वीराज चौहान मैदान छोड़कर भाग गया और गद्दार जयचन्द गोरी के खिलाफ युद्धभूमि में लड़ते हुए मारा गया।
(कक्षा 11, मध्यकालीन भारत, प्रो. सतीश चन्द्र)
औरंगजेब जिन्दा पीर थे।
(मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 316, लेखक-प्रो. सतीश चन्द्र)
राम और कृष्ण का कोई अस्तित्व ही नहीं था। वे केवल काल्पनिक कहानियां हैं।
(मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 245, रोमिला थापर)
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वैदिक काल में विशिष्ट अतिथियों के लिए गोमांस का परोसा जाना सम्मान सूचक माना जाता था।
(कक्षा 6-प्राचीन भारत, पृष्ठ 35, लेखिका-रोमिला थापर)
महमूद गजनवी ने मूर्तियों को तोड़ा और इससे वह धार्मिक नेता बन गया।
...(कक्षा 7-मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 28)
1857 का स्वतंत्रता संग्राम एक सैनिक विद्रोह था।
(कक्षा 8-सामाजिक विज्ञान भाग-1, आधुनिक भारत, पृष्ठ 166
, लेखक-अर्जुन देव, इन्दिरा अर्जुन देव)
महावीर 12 वर्षों तक जहां-तहां भटकते रहे। 12 वर्ष की लम्बी यात्रा के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने वस्त्र नहीं बदले। 42 वर्ष की आयु में उन्होंने वस्त्र का एकदम त्याग कर दिया।
(कक्षा 11, प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक-रामशरण शर्मा)
तीर्थंकर, जो अधिकतर मध्य गंगा के मैदान में उत्पन्न हुए और जिन्होंने बिहार में निर्वाण प्राप्त किया, की मिथक कथा जैन सम्प्रदाय की प्राचीनता सिद्ध करने के लिए गढ़ ली गई।
(कक्षा 11-प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक-रामशरण शर्मा)
जाटों ने, गरीब हो या धनी, जागीरदार हो या किसान, हिन्दू हो या मुसलमान, सबको लूटा।
(कक्षा 12 - आधुनिक भारत, पृष्ठ 18-19, विपिन चन्द्र)
रणजीत सिंह अपने सिंहासन से उतरकर मुसलमान फकीरों के पैरों की धूल अपनी लम्बी सफेद दाढ़ी से झाड़ता था।
(कक्षा 12 -पृष्ठ 20, विपिन चन्द्र)
आर्य समाज ने हिन्दुओं, मुसलमानों, पारसियों, सिखों और ईसाइयों के बीच पनप रही राष्ट्रीय एकता को भंग करने का प्रयास किया।
(कक्षा 12-आधुनिक भारत, पृष्ठ 183, लेखक-विपिन चन्द्र)1857 का स्वतंत्रता संग्राम एक सैनिक विद्रोह था।
(कक्षा 8-सामाजिक विज्ञान भाग-1, आधुनिक भारत, पृष्ठ 166
, लेखक-अर्जुन देव, इन्दिरा अर्जुन देव)
महावीर 12 वर्षों तक जहां-तहां भटकते रहे। 12 वर्ष की लम्बी यात्रा के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने वस्त्र नहीं बदले। 42 वर्ष की आयु में उन्होंने वस्त्र का एकदम त्याग कर दिया।
(कक्षा 11, प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक-रामशरण शर्मा)
तीर्थंकर, जो अधिकतर मध्य गंगा के मैदान में उत्पन्न हुए और जिन्होंने बिहार में निर्वाण प्राप्त किया, की मिथक कथा जैन सम्प्रदाय की प्राचीनता सिद्ध करने के लिए गढ़ ली गई।
(कक्षा 11-प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक-रामशरण शर्मा)
जाटों ने, गरीब हो या धनी, जागीरदार हो या किसान, हिन्दू हो या मुसलमान, सबको लूटा।
(कक्षा 12 - आधुनिक भारत, पृष्ठ 18-19, विपिन चन्द्र)
रणजीत सिंह अपने सिंहासन से उतरकर मुसलमान फकीरों के पैरों की धूल अपनी लम्बी सफेद दाढ़ी से झाड़ता था।
(कक्षा 12 -पृष्ठ 20, विपिन चन्द्र)
आर्य समाज ने हिन्दुओं, मुसलमानों, पारसियों, सिखों और ईसाइयों के बीच पनप रही राष्ट्रीय एकता को भंग करने का प्रयास किया।
तिलक, अरविन्द घोष, विपिनचन्द्र पाल और लाला लाजपतराय जैसे
नेता उग्रवादी तथा आतंकवादी थे
(कक्षा 12-आधुनिक भारत-विपिन चन्द्र, पृष्ठ 208)
400 वर्ष ईसा पूर्व अयोध्या का कोई अस्तित्व नहीं था। महाभारत और रामायण कल्पित महाकाव्य हैं।
(कक्षा 11, पृष्ठ 107, मध्यकालीन इतिहास, आर.एस. शर्मा)
वीर पृथ्वीराज चौहान मैदान छोड़कर भाग गया और गद्दार जयचन्द गोरी के खिलाफ युद्धभूमि में लड़ते हुए मारा गया।
(कक्षा 11, मध्यकालीन भारत, प्रो. सतीश चन्द्र)
औरंगजेब जिन्दा पीर थे।
(मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 316, लेखक-प्रो. सतीश चन्द्र)
राम और कृष्ण का कोई अस्तित्व ही नहीं था। वे केवल काल्पनिक कहानियां हैं।
(मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 245, रोमिला थापर)
''कर्तव्य मेरा सर्वोपरि''
एक लड़के के आपात आपरेशन के लिए एक फोन के बाद डाक्टर जल्दी जल्दी अस्पताल में प्रवेश करते हैं....उन्होंने - तुरंत अपने कपडे बदल कर सर्जिकल गाउन पहना, ऑपरेशन के लिए खुद को तैयार किया और ऑपरेशन थियेटर की तरफ चल पड़े...हॉल में प्रवेश करते ही उनकी नज़र लड़के की माँ पर जाती है...जो उनका इंतज़ार करती जान पड़ती थी और बहुत व्याकुलभी लग रही थी....
डॉक्टर को देखते ही लड़के की माँ एकदम गुस्से से बोली : आपने आने इतनी देर क्योंकर दी..?
आपको पता नहीं है कि मेरे बेटे की हालत बहुत गंभीर है..? आपको अपनी जिम्मेदारी का अहसास है की नहीं..??
डॉक्टर मंद मंद मुस्कुराते हुए कहता है : मैं अपनी गलती के लिए आपसे
माफ़ी मांगता हूँ...फोन आया तब मैं अस्पताल में नहीं था,जैसे ही खबर मिली मैं तुरंत अस्पताल के लिए निकल पड़ा..रास्ते में ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से थोड़ी देर हो गयी. अब आप निश्चिन्त रहो मैं आ गया हूँ भगवान की मर्ज़ी से सब ठीक हो जाएगा..अब आप विलाप करना छोड़ दो..''
इस पर लड़के की माँ और ज्यादा गुस्से से :
विलाप करना छोड़ दूं मतलब..? आपके कहने का मतलब क्या है..? मेरे बच्चे को कुछ हो गया होता तो.? इसकी जगह आपका बच्चा होता तो आप क्या करते..??
डॉक्टर फिर मंद मंद मुस्कुराते हुए : शांत हो जाओ बहन, जीवन और मरण वो तो भगवान के हाथ में है, मैं तो बस एक मनुष्य हूँ, फिर भी मैं मेरे से जितना अच्चा प्रयास हो सकेगा वो मैं करूँगा..बाकी आपकी दुआ और भगवान की मर्ज़ी..! क्या अब आप मुझे ऑपरेशन थियेटर में जाने देंगीं.?? डॉक्टर ने फिर नर्स को कुछ सलाह दी और ऑपरेशन रूम में चले गए..
कुछ घंटे बाद डॉक्टर प्रफुल्लित मुस्कान लिए ऑपरेशन रूम से बाहर आकर लड़के की माँ से कहते हैं : भगवान का लाख लाख शुक्र है की आपका लड़का सही सलामत है, अब वो जल्दी से ठीक हो जाएगा और आपको ज्यादा जानकारी मेरा साथी डॉक्टर दे देगा..ऐसा कह कर डॉक्टर तुरंत वहांसे चल पड़ते हैं..
लड़के की माँ ने तुरंत नर्स से पुछा : ये डॉक्टर साहब को इतनी जल्दी भी क्या थी.?
मेरा लड़का होश में आ जाता तब तक तोरूक जाते तो क्या बिगड़ जाता उनका..? डॉक्टर तो बहुत घमंडी लगते हैं''
ये सुनकर नर्स की आँखों में आंसू आ गए और कहा :''मैडम ! ये वही डॉक्टर हैं
जिनका इकलौता लड़का आपके लड़के की अंधाधुंध ड्राइविंग की चपेट में आकर
मारा गया है..उनको पता था की आपके लड़के के कारण ही उनके इकलौते लड़के की जान गयी है फिर भी उन्होंने तुम्हारे लड़के की जान बचाई है...और जल्दी वो इसलिए चले गए क्योंकि वे अपने लड़के की अंतिम क्रिया अधूरी छोड़ कर आ
गए थे...
मोरल :''कर्तव्य मेरा सर्वोपरि''
***दिया शर्मा
डॉक्टर को देखते ही लड़के की माँ एकदम गुस्से से बोली : आपने आने इतनी देर क्योंकर दी..?
आपको पता नहीं है कि मेरे बेटे की हालत बहुत गंभीर है..? आपको अपनी जिम्मेदारी का अहसास है की नहीं..??
डॉक्टर मंद मंद मुस्कुराते हुए कहता है : मैं अपनी गलती के लिए आपसे
माफ़ी मांगता हूँ...फोन आया तब मैं अस्पताल में नहीं था,जैसे ही खबर मिली मैं तुरंत अस्पताल के लिए निकल पड़ा..रास्ते में ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से थोड़ी देर हो गयी. अब आप निश्चिन्त रहो मैं आ गया हूँ भगवान की मर्ज़ी से सब ठीक हो जाएगा..अब आप विलाप करना छोड़ दो..''
इस पर लड़के की माँ और ज्यादा गुस्से से :
विलाप करना छोड़ दूं मतलब..? आपके कहने का मतलब क्या है..? मेरे बच्चे को कुछ हो गया होता तो.? इसकी जगह आपका बच्चा होता तो आप क्या करते..??
डॉक्टर फिर मंद मंद मुस्कुराते हुए : शांत हो जाओ बहन, जीवन और मरण वो तो भगवान के हाथ में है, मैं तो बस एक मनुष्य हूँ, फिर भी मैं मेरे से जितना अच्चा प्रयास हो सकेगा वो मैं करूँगा..बाकी आपकी दुआ और भगवान की मर्ज़ी..! क्या अब आप मुझे ऑपरेशन थियेटर में जाने देंगीं.?? डॉक्टर ने फिर नर्स को कुछ सलाह दी और ऑपरेशन रूम में चले गए..
कुछ घंटे बाद डॉक्टर प्रफुल्लित मुस्कान लिए ऑपरेशन रूम से बाहर आकर लड़के की माँ से कहते हैं : भगवान का लाख लाख शुक्र है की आपका लड़का सही सलामत है, अब वो जल्दी से ठीक हो जाएगा और आपको ज्यादा जानकारी मेरा साथी डॉक्टर दे देगा..ऐसा कह कर डॉक्टर तुरंत वहांसे चल पड़ते हैं..
लड़के की माँ ने तुरंत नर्स से पुछा : ये डॉक्टर साहब को इतनी जल्दी भी क्या थी.?
मेरा लड़का होश में आ जाता तब तक तोरूक जाते तो क्या बिगड़ जाता उनका..? डॉक्टर तो बहुत घमंडी लगते हैं''
जिनका इकलौता लड़का आपके लड़के की अंधाधुंध ड्राइविंग की चपेट में आकर
मारा गया है..उनको पता था की आपके लड़के के कारण ही उनके इकलौते लड़के की जान गयी है फिर भी उन्होंने तुम्हारे लड़के की जान बचाई है...और जल्दी वो इसलिए चले गए क्योंकि वे अपने लड़के की अंतिम क्रिया अधूरी छोड़ कर आ
गए थे...
मोरल :''कर्तव्य मेरा सर्वोपरि''
***दिया शर्मा
Sunday, 16 December 2012
लहसुन कुदरती खूबियों से लबरेज
लगभग पाँच हजार वर्ष पहले भी लहसुन के करिश्माई रोगनाशक गुणों का चिकित्सकों को ज्ञान था। भारत ने लहसुन को जन-जन तक पहुँचाने में काबिले तारीफ योगदान दिया। भारत के ही आयुर्वेदाचार्य की बदौलत लहसुन के गुणों को वैज्ञानिकों ने कसौटी पर कसा तथा यूनान, मिस्र आदि देश के लोगों को इसके दिव्य गुणों से परिचित करवाया। वहीं से यह कंद अपने अमृतोपम गुणों के कारण दुनियाभर में लोकप्रिय हो गया। मसाले के तौर पर तो यह हरा और सूखा काम में लिया जाता है, पर इसके चिकित्सकीय गुणों से आज भी आम अवाम अनजान है।
म्यूनिख रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. स्ट्रीफोर्ड ने अपने गहन शोध निष्कर्ष में इसे खुदा की खास नियामत ठहराते हुए दिल, दिमाग और पूरे शरीर के लिए एक शक्तिशाली टॉनिक बताया है।
आयुर्वेद ग्रंथ 'भावप्रकाश' के मुताबिक- 'लहसुन वृष्य स्निग्ध, ऊष्णवीर्य, पाचक, सारक, रस विपाक में कटु तथा मधुर रस युक्त, तीक्ष्ण भग्नसंधानक (टूटी हड्डी जोड़ने वाला), पित्त एवं रक्तवर्धक, शरीर में बल, मेधाशक्ति तथा आँखों के लिए हितकर रसायन है। यह हृदय रोग, जीर्ण रोग (ज्वरादि), कटिशूल, मल एवं वातादिक की
म्यूनिख रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. स्ट्रीफोर्ड ने अपने गहन शोध निष्कर्ष में इसे खुदा की खास नियामत ठहराते हुए दिल, दिमाग और पूरे शरीर के लिए एक शक्तिशाली टॉनिक बताया है।
आयुर्वेद ग्रंथ 'भावप्रकाश' के मुताबिक- 'लहसुन वृष्य स्निग्ध, ऊष्णवीर्य, पाचक, सारक, रस विपाक में कटु तथा मधुर रस युक्त, तीक्ष्ण भग्नसंधानक (टूटी हड्डी जोड़ने वाला), पित्त एवं रक्तवर्धक, शरीर में बल, मेधाशक्ति तथा आँखों के लिए हितकर रसायन है। यह हृदय रोग, जीर्ण रोग (ज्वरादि), कटिशूल, मल एवं वातादिक की
विबंधता, अरुचि, काम, क्रोध, अर्श, कुष्ठ, वायु, श्वांस तथा कफ नष्ट करने वाला सदाबहार कंद है।' इसे तेल, अवलेह, भस्म, खोया बनाकर, लहसुन कल्प कर, खीर बनाकर, छोंक लगाकर, हरी या सूखी अवस्था में चटनी, अचार बनाकर काम में लिया जाता है।
लहसुन में रासायनिक तत्वों का भंडार है। इसकी एक-एक तुरी अनेक खाद्य तत्वों से भरपूर है। इसमें वाष्पशील तेल 0.06 प्र.श., प्रोटीन - 6.03 प्र.श., वसा (चर्बी) 1.00 प्र.श., कार्बोहाइड्रेट्स 29.00 प्र.श., खनिज पदार्थ 1.00 प्र.श., चूना 0.03 प्रतिशत, स्फुर तत्व 31.00 प्र.श., लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम में विद्यमान है। बेशक लहसुन कुदरती खूबियों से लबरेज है। लेकिन इसे उचित अनुपात में ही लेना चाहिए। इस्तेमाल के वक्त कुछ अन्य सावधानियाँ भी ध्यान रखें।
गौरतलब रहे कि लहसुन की तासीर काफी गर्म और खुश्क रहती है। कई लोगों के मिजाज को यह सध नहीं पाता है। खासकर गर्मी के मौसम में पित्त प्रधान प्रकृति वाले इसका इस्तेमाल संतुलित रूप में ही करें। अगर लहसुन का कुछ दुष्प्रभाव महसूस हो तो मरीज को गोंद कतीरा, धनिया, बादाम-रोगन, नींबू, पुदीना देते रहने से उसका दुष्प्रभाव शमित हो जाएगा। घी में भून लेने से भी यह कुप्रभावी नहीं रहता। बीमारी की हालत में किसी जानकार के बताए अनुपात में ही लें एवं परहेज बताए तो वह भी रखें।
लहसुन में रासायनिक तत्वों का भंडार है। इसकी एक-एक तुरी अनेक खाद्य तत्वों से भरपूर है। इसमें वाष्पशील तेल 0.06 प्र.श., प्रोटीन - 6.03 प्र.श., वसा (चर्बी) 1.00 प्र.श., कार्बोहाइड्रेट्स 29.00 प्र.श., खनिज पदार्थ 1.00 प्र.श., चूना 0.03 प्रतिशत, स्फुर तत्व 31.00 प्र.श., लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम में विद्यमान है। बेशक लहसुन कुदरती खूबियों से लबरेज है। लेकिन इसे उचित अनुपात में ही लेना चाहिए। इस्तेमाल के वक्त कुछ अन्य सावधानियाँ भी ध्यान रखें।
गौरतलब रहे कि लहसुन की तासीर काफी गर्म और खुश्क रहती है। कई लोगों के मिजाज को यह सध नहीं पाता है। खासकर गर्मी के मौसम में पित्त प्रधान प्रकृति वाले इसका इस्तेमाल संतुलित रूप में ही करें। अगर लहसुन का कुछ दुष्प्रभाव महसूस हो तो मरीज को गोंद कतीरा, धनिया, बादाम-रोगन, नींबू, पुदीना देते रहने से उसका दुष्प्रभाव शमित हो जाएगा। घी में भून लेने से भी यह कुप्रभावी नहीं रहता। बीमारी की हालत में किसी जानकार के बताए अनुपात में ही लें एवं परहेज बताए तो वह भी रखें।
Saturday, 1 December 2012
लव जिहाद हो गया
मेरे सभी दोस्तों को वन्देमातरम !!!
जव जिहाद का सबसे बड़ा कारण एक ये भी हैं कि हिन्दू लडकियां अपना मोबाईल रिचार्ज जब कराती हैं वहां ऐसे लव जिहादी खड़े रहते हैं जो इन लडकियों पर नजर रखते हैं और धीरे धीरे बातचीत और फिर सीधे उस लड़की कि जिंदगी ख़राब .... अब हिन्दू लडकियां जाग्रत न हुयीं तो राम भी नहीं बचा सकते !!!
दोस्तों आज तक आपने ये बहुत सुना है कि यहाँ लव जिहाद हो गया , वहां लव जिहाद हो गया ... इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि हिन्दू संस्कृति को कैसे ख़तम किया जाए इसके लिए इन्होने सबसे अच्छे और नए रस्ते निकले जिनमे लव जिहाद मुख्य है ,, !!!!
दोस्तों ये जो बाते मै आपको बताने जा रहा हूँ ये सब एक लव जिहाद मे शामिल मुस्लिम युवक और लव जिहाद का शिकार हुयी एक हिन्दू लड़की ने ही बताई हैं परन्तु इन दोनों का आपस मै कोई लेना देना नहीं है ----- आगे पढ़ें
भारत मे प्रतिवर्ष लव जिहाद के लिए २००० करोड़ से लेकर २२०० करोड़ रूपया आता है अरब देशो और पाकिस्तान से !!!!
भारत लव जिहाद का मुख्य रोल "" केरल "" मे एक संघठन है जिसका नाम है "" पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया "" निभा रहा है .. इस संघठन का पहले कई देश विरोधी गतिविधियों मे भी नाम आया है ... केरल से ये पैसा भारत के समस्त राज्यों मे जाता है जिसमे उत्तर प्रदेश पश्चिम और उत्तराखंड का केंद्र बरेली है ... अब तो पता चला है कि उत्तराखंड के मैदानी छेत्र हल्द्वानी और काशीपुर भी इसके केंद्र बनते जा रहे हैं .. जहाँ भाजपा के शाशन मे ये कम था वहां आज कांग्रेस के शाशन मे ये चरम पर है ..... धीरे धीरे ये बीमारी पूरे भारत मे फैलाती जा रही है !!
दोस्तों ये जो बाते मै आपको बताने जा रहा हूँ ये सब एक लव जिहाद मे शामिल मुस्लिम युवक और लव जिहाद का शिकार हुयी एक हिन्दू लड़की ने ही बताई हैं परन्तु इन दोनों का आपस मै कोई लेना देना नहीं है ----- आगे पढ़ें
भारत मे प्रतिवर्ष लव जिहाद के लिए २००० करोड़ से लेकर २२०० करोड़ रूपया आता है अरब देशो और पाकिस्तान से !!!!
भारत लव जिहाद का मुख्य रोल "" केरल "" मे एक संघठन है जिसका नाम है "" पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया "" निभा रहा है .. इस संघठन का पहले कई देश विरोधी गतिविधियों मे भी नाम आया है ... केरल से ये पैसा भारत के समस्त राज्यों मे जाता है जिसमे उत्तर प्रदेश पश्चिम और उत्तराखंड का केंद्र बरेली है ... अब तो पता चला है कि उत्तराखंड के मैदानी छेत्र हल्द्वानी और काशीपुर भी इसके केंद्र बनते जा रहे हैं .. जहाँ भाजपा के शाशन मे ये कम था वहां आज कांग्रेस के शाशन मे ये चरम पर है ..... धीरे धीरे ये बीमारी पूरे भारत मे फैलाती जा रही है !!
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भारत मे जहाँ जहाँ लव जिहाद के केंद्र हैं वहां से डेली प्रत्येक लव जिहादी को १००० रुपये और एक मोटरसाईकिल दी जाती है और मोबाईल का बिल भी दिया जाता है और कहा जाता है कि जाओ दिन मे कम से कम एक हिन्दू लड़की को अपना शिकार बनाओ इस तरह लव जिहाद कि शुरुआत हो जाती है और फिर उस हिन्दू लड़की को वो लड़का बहला फुसलाकर उसके साथ निर्ममता से व्यवहार करता है और उसको ये दिन मे २०-२० बार बलात्कार करते हैं और मस्जिदों मे ले जाते हैं मदरसों मे ले जाते हैं जहाँ मुल्ले हिन्दू लड़की कि जन्दगी ख़राब कर देते हैं ... !!!जव जिहाद का सबसे बड़ा कारण एक ये भी हैं कि हिन्दू लडकियां अपना मोबाईल रिचार्ज जब कराती हैं वहां ऐसे लव जिहादी खड़े रहते हैं जो इन लडकियों पर नजर रखते हैं और धीरे धीरे बातचीत और फिर सीधे उस लड़की कि जिंदगी ख़राब .... अब हिन्दू लडकियां जाग्रत न हुयीं तो राम भी नहीं बचा सकते !!!
गला और छाती की बीमारी का इलाज
गला और छाती की बीमारी का इलाज :
गले में किनती भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो, इसकी सबसे अछी दावा है हल्दी । जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये सब बिमारिओं में आधा चम्मच कच्ची हल्दी का रस लेना और मुह खोल कर गले में डाल देना , और फिर थोड़ी देर चुप होके बैठ जाना तो ये हल्दी गले में नीचे उतर जाएगी लार के साथ ; और एक खुराक में ही सब बीमारी ठीक होगी दुबारा डालने की जरुरत नहीं । ये छोटे बचों को तो जरुर करना ; बचों के टोन्सिल जब बहुत तकलीफ देते हैं , न तो हम ऑपरेशन करवाके उनको कटवाते है ; वो करने की जरुरत नही है हल्दी से सब ठीक होता है ।
गले और छाती से जुडी हुई कुछ बीमारिया है जैसे खासी ; इसका एक इलाज तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने से तुतंत ठीक हो जाती है चाहे कितनी भी जोर की खासी हो । दूसरी दावा है अदरक , ये जो अदरक है इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रखलो और टाफी की तरह चूसो खासी तुरंत बंद हो जाएगी । अगर किसीको खासते खासते चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस ले लो
और उसमे थोड़ा पान का रस मिला लो दोनों एक एक चम्मच और उसमे मिलाना थोड़ा सा गुड या सहिद । अब इसको थोडा गरम करके पी लेना तो जिसको खासते खासते चेहरा लाल पड़ा है उसकी खासी एक मिनट में बंद हो जाएगी । और एक अछी दवा है , अनार का रस गरम करके पियो तो खासी तुरन्त ठीक होती है । काली मिर्च है गोल मिर्च इसको मुह में रख के चबालो , पीछे से गरम पानी पी लो तो खासी बंद हो जाएगी, काली मिर्च को चुसो तो भी खासी बंद हो जाती है ।
छाती की कुछ बिमारिया जैसे दमा, अस्थमा, ब्रोंकिओल अस्थमा, इन तीनो बीमारी का सबसे अछी दवा है गाय मूत्र ; आधा कप गोमूत्र पियो सबेरे का ताजा ताजा तो दमा ठीक होता है, अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल अस्थमा ठीक होता है । और गोमूत्र पीने से टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार पांच छे महीने पीना पड़ता है । दमा अस्थमा का और एक अछी दावा है दालचीनी, इसका पाउडर रोज सुबह आधे चम्मच खाली पेट गुड या सहिद मिलाके गरम पानी के साथ लेने से दमा अस्थमा ठीक कर देती है ।
छाती की कुछ बिमारिया जैसे दमा, अस्थमा, ब्रोंकिओल अस्थमा, इन तीनो बीमारी का सबसे अछी दवा है गाय मूत्र ; आधा कप गोमूत्र पियो सबेरे का ताजा ताजा तो दमा ठीक होता है, अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल अस्थमा ठीक होता है । और गोमूत्र पीने से टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार पांच छे महीने पीना पड़ता है । दमा अस्थमा का और एक अछी दावा है दालचीनी, इसका पाउडर रोज सुबह आधे चम्मच खाली पेट गुड या सहिद मिलाके गरम पानी के साथ लेने से दमा अस्थमा ठीक कर देती है ।
स्मारक, अस्पताल, सड़क, ......
मोहनदास गांधी के नाम से करीब
985475 स्मारक, अस्पताल, सड़क, योजनायें है!
नेहरु के नाम से करीब 746185 योजनायें स्मारक है!
985475 स्मारक, अस्पताल, सड़क, योजनायें है!
नेहरु के नाम से करीब 746185 योजनायें स्मारक है!
इंद्रा गांधी के नाम से करीब 652864
सड़कें, इमारत, योजनायें है!
राजीव गांधी के नाम से करीब 695824 योजनायें, भवन, अस्पताल, स्कूल है!
लेकिन इस देश में बाकी के 7 लाख
क्रांतिकारी जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी उनके नाम से मात्र 80000 योजनायें, भवन, स्मारक, स्कूल, अस्पताल आदि है!
सड़कें, इमारत, योजनायें है!
राजीव गांधी के नाम से करीब 695824 योजनायें, भवन, अस्पताल, स्कूल है!
लेकिन इस देश में बाकी के 7 लाख
क्रांतिकारी जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी उनके नाम से मात्र 80000 योजनायें, भवन, स्मारक, स्कूल, अस्पताल आदि है!
Thursday, 29 November 2012
कैप्टन बाबा हरभजन सिंह!!!!
कैप्टन बाबा हरभजन सिंह!!!!
एक अद्दभुत चमत्कार.......जिसे जान कर आप को हैरानी और अपने आप शर्मिदंगी जरुर महसूस होगी!!!!
आज भारत देश का जो हाल है वो आप सभी जानते है .भारत देश को लुटने वाले इस के अपने ही बाशिंदे है . मगर आप माने या न माने लेकिन हमारे भारत देश में मरने के बाद भी तीन दशकों से एक फौजी सरहदों की रक्षा कर रहा है। इस फौजी को अब लोग कैप्टन बाबा हरभजन सिंह के नाम से पुकारते हैं।
4 अक्टूबर 1968 में सिक्किम के साथ लगती चीन की सीमा के साथ नाथुला पास में गहरी खाई में गिरने से मृत्यु हो गई थी। लोगों का ऐसा मानना है कि तब से लेकर आज तक यह सिपाही भूत बन कर सरहदों की रक्षा कर रहा है। इस बात पर हमारे देश के सैनिकों को पूरा विश्ववास तो है ही लेकिन चीन के सैनिक भी इस बात को मानते हैं क्योंकि उन्होंने कैप्टन बाबा हरभजन सिंह को मरने के बाद घोड़े
कैप्टन हरभजन सिंह का जन्म 3 अगस्त 1941 को पंजाब के कपूरथला जिला के ब्रोंदल गांव में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1966 में 23वीं पंजाब बटालियन ज्वाइन की थी। वह सिक्किम जब 4 अक्टूबर 1968 में टेकुला सरहद से घोड़े पर सवार होकर अपने मुख्यालय डेंगचुकला जा रहे थे तो वह एक तेज बहते हुए झरने में जा गिरे और उनकी मौत हो गई। उन्हें पांच दिन तक जीवित मानकर लापता घोषित कर दिया गया था। पांचवें दिन उनके साथी सिपाही प्रीतम सिंह को सपने में आकर मृत्यू की जानकारी दी और बताया की उनका शव कहां पड़ा है। उन्होंने प्रीतम प्रीतम सिंह से यह भी इच्छा जाहिर की कि उनकी समाधि भी वहीं बनाई जाए। पहले प्रीतम सिंह कि बात का किसी ने विश्वास नहीं कि लेकिन जब उनका शव उसी स्थल पर मिला जहां उन्होंने बताया था तो सेना के अधिकारियों को उनकी बात पर विश्वास हो गया। और सेना के अधिकारियों ने उनकी छोक्या छो नामक स्थान पर उनकी समाधि बना डाली।
हर वर्ष उन्हें 15 सितंबर से 15 नंवबर तक वार्षिक छुट्टी पर जाना होता है। इस दौरान फौज के दो सिपाही उनका सामान लेकर घर जाते हैं और उनकी छुट्टी खतम होने पर उनका सामान वापस लेकर आते है। इस दौरान युनिट के सभी फौजियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती हैं।
सिक्कम के लोग भगवान कंचनजुंगा के बाद दूसरा भगवान इन्हें मानते हैं।
है न हेरान करने वाली देश-भग्ती.....देश प्रेम...मरने के बाद भी देश वासियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी का फर्ज अदा किया जा रहा है .
एक अद्दभुत चमत्कार.......जिसे जान कर आप को हैरानी और अपने आप शर्मिदंगी जरुर महसूस होगी!!!!
आज भारत देश का जो हाल है वो आप सभी जानते है .भारत देश को लुटने वाले इस के अपने ही बाशिंदे है . मगर आप माने या न माने लेकिन हमारे भारत देश में मरने के बाद भी तीन दशकों से एक फौजी सरहदों की रक्षा कर रहा है। इस फौजी को अब लोग कैप्टन बाबा हरभजन सिंह के नाम से पुकारते हैं।
4 अक्टूबर 1968 में सिक्किम के साथ लगती चीन की सीमा के साथ नाथुला पास में गहरी खाई में गिरने से मृत्यु हो गई थी। लोगों का ऐसा मानना है कि तब से लेकर आज तक यह सिपाही भूत बन कर सरहदों की रक्षा कर रहा है। इस बात पर हमारे देश के सैनिकों को पूरा विश्ववास तो है ही लेकिन चीन के सैनिक भी इस बात को मानते हैं क्योंकि उन्होंने कैप्टन बाबा हरभजन सिंह को मरने के बाद घोड़े
उनके आज भी रात को ही जवान वर्दी को प्रेस कर देते हैं उनके जूतों को पॉलिश कर दिया जाता है क्योंकि ऐसी धारणा है कि उन्हें सुबह सरहद पर डयूटी पर जाना होता है। उनके कमरे में रोजाना सफाई की जाती है सरकार ने उन्हें मृत न घोषित करते हुए उनकी सेवाओं को जारी रखा उनके परिवार के सदस्यों को पेंशन नहीं मिलती थी उनका वेतन उनके घर बाकायदा फौज के जवान देकर जाते थे। मरने के बाद बाबा कैप्टन बाबा को सेना के अधिकारियों ने सिपाही से पदोन्नत कर कैप्टन बना दिया। पर सवार होकर सरहदों की गश्त करते हुए देखा है।वह किसी न किसी तरह सीमा के पार होने वाली गतिविधियों की जानकारी आज भी सेना के अधिकारियों को दे देते हैं। अब काफी समय के बाद सेना ने उनका वेतन बंद कर दिया है। हालांकि उनकी समाधि पर चढऩे वाला चढ़ावा उनके घर आज भी भिजवा दिया जाता है।
हर वर्ष उन्हें 15 सितंबर से 15 नंवबर तक वार्षिक छुट्टी पर जाना होता है। इस दौरान फौज के दो सिपाही उनका सामान लेकर घर जाते हैं और उनकी छुट्टी खतम होने पर उनका सामान वापस लेकर आते है। इस दौरान युनिट के सभी फौजियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती हैं।
सिक्कम के लोग भगवान कंचनजुंगा के बाद दूसरा भगवान इन्हें मानते हैं।
है न हेरान करने वाली देश-भग्ती.....देश प्रेम...मरने के बाद भी देश वासियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी का फर्ज अदा किया जा रहा है .
Tuesday, 27 November 2012
एक पुरानी, लेकिन अति-महत्वपूर्ण पोस्ट दोबारा डाल रहा हूँ -
एक पुरानी, लेकिन अति-महत्वपूर्ण पोस्ट दोबारा डाल रहा हूँ -
मैं नीचे एक लिस्ट दे रहा हूं उसे चेक करके सच-सच बतायें कि इसके अनुसार आप कितने “सामाजिक” हैं?
1) आप अपने बिल्डिंग/गली/मोहल्ले/सोसायटी में रहने वाले कितने व्यक्तियों को चेहरे से, कितनों को नाम से जानते हैं? उनमें से कितनों के बारे में यह जानते हैं कि वह क्या काम करता है?
2) जिन्हें आप व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, उनके घर वर्ष में कितनी बार गये हैं?
3) आपकी कालोनी में हुई कितनी शादियों / अर्थियों में आप कितनी बार गये हैं? कितनी बार आप होली-दीवाली के अलावा भी पड़ोसियों से बात करते, मिलते हैं?
4) आप अपनी कालोनी/सोसायटी की किसी मीटिंग अथवा समिति में कितनी बार गये है? क्या आप किसी सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था से जुड़े हुए हैं? और उसकी गतिविधियों में माह में कितनी बार जाते हैं?
5) क्या आप अपने इलाके के पार्षद (Corporator), विधायक, सांसद को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं? उनके फ़ोन नम्बर या पता आपको मालूम है? अपने इलाके के राजनैतिक कार्यकर्ताओं-मवालियों-गुण्डों को आप पहचानते हैं या नहीं?
6) क्या आप जानते हैं कि आपके मोहल्ले-गली-वार्ड का बिजली कनेक्शन किस ट्रांसफ़ार्मर से है? आप अपने इलाके के बिजली विभाग के बारे में उनके फ़ोन नम्बर के अलावा और क्या जानते हैं?
7) क्या आप जानते हैं कि आपके इलाके-मोहल्ले-गली-सड़क को पानी की सप्लाई कहाँ से होती है? क्या कभी आपने मोहल्ले की पानी की पाइप लाइन की संरचना पर ध्यान दिया है?
8) क्या आप कॉलोनी की सीवर लाइन के बारे में जानकारी रखते हैं, कि वह कहाँ से गई है, कहाँ-किस नाले में जाकर मिलती है, कहाँ उसके चोक होने की सम्भावना है… आदि-आदि?
9) आपके मोहल्ले में अमूमन लगातार वर्षों तक घूमने वाले अखबार हॉकर, ब्रेड वाले, दूध वाले, टेलीफ़ोन कर्मी, बिजलीकर्मी, नलकर्मी, ऑटो रिक्शा वाले आदि में से आप कितनों को चेहरा देखकर पहचान सकते हैं?
10) जिस सड़क-गली-मोहल्ले से आप रोज़ाना दफ़्तर-बाज़ार आदि के लिये गुजरते हैं क्या आप उस पर चल रही किसी “असामान्य गतिविधि” का नोटिस लेते हैं? क्या आपने कभी अवैध मन्दिर-दरगाह या अतिक्रमण करके बनाई गई गुमटियों-ठेलों-दुकानों-मकानों पर ध्यान दिया है?
यह तमाम जानकारियाँ “सामाजिक जागरुकता” के तहत आती हैं, जिनकी जानकारी सामान्य तौर पर "थोड़ी या ज्यादा", प्रत्येक व्यक्ति को होनी ही चाहिये… क्योंकि “बुरा समय” कहकर नहीं आता, कहीं ऐसा न हो कि खतरा आपके चारों ओर मंडरा रहा हो और आप अपने घर में टीवी ही देखते रह जायें…।
==================
अब स्कोर की बारी - यदि ऊपर दी गई 10 प्रश्नावली में से 7-8 पर आपका उत्तर "हाँ" है तो आप निश्चित रूप से "जागरुक" की श्रेणी में आते हैं, यदि आपके उत्तर 4-5 के लिये ही "हाँ" हैं, तब आपको और अधिक जानकारी एकत्रित करने की आवश्यकता है, और यदि आपका जवाब सिर्फ़ 1 या 2 के लिये ही "हाँ" है, तब इसका मतलब है कि आप निहायत "गैर-सामाजिक" और "खुदगर्ज़" किस्म के इंसान हैं…
2) जिन्हें आप व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, उनके घर वर्ष में कितनी बार गये हैं?
3) आपकी कालोनी में हुई कितनी शादियों / अर्थियों में आप कितनी बार गये हैं? कितनी बार आप होली-दीवाली के अलावा भी पड़ोसियों से बात करते, मिलते हैं?
4) आप अपनी कालोनी/सोसायटी की किसी मीटिंग अथवा समिति में कितनी बार गये है? क्या आप किसी सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था से जुड़े हुए हैं? और उसकी गतिविधियों में माह में कितनी बार जाते हैं?
5) क्या आप अपने इलाके के पार्षद (Corporator), विधायक, सांसद को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं? उनके फ़ोन नम्बर या पता आपको मालूम है? अपने इलाके के राजनैतिक कार्यकर्ताओं-मवालियों-गुण्डों को आप पहचानते हैं या नहीं?
6) क्या आप जानते हैं कि आपके मोहल्ले-गली-वार्ड का बिजली कनेक्शन किस ट्रांसफ़ार्मर से है? आप अपने इलाके के बिजली विभाग के बारे में उनके फ़ोन नम्बर के अलावा और क्या जानते हैं?
7) क्या आप जानते हैं कि आपके इलाके-मोहल्ले-गली-सड़क को पानी की सप्लाई कहाँ से होती है? क्या कभी आपने मोहल्ले की पानी की पाइप लाइन की संरचना पर ध्यान दिया है?
8) क्या आप कॉलोनी की सीवर लाइन के बारे में जानकारी रखते हैं, कि वह कहाँ से गई है, कहाँ-किस नाले में जाकर मिलती है, कहाँ उसके चोक होने की सम्भावना है… आदि-आदि?
9) आपके मोहल्ले में अमूमन लगातार वर्षों तक घूमने वाले अखबार हॉकर, ब्रेड वाले, दूध वाले, टेलीफ़ोन कर्मी, बिजलीकर्मी, नलकर्मी, ऑटो रिक्शा वाले आदि में से आप कितनों को चेहरा देखकर पहचान सकते हैं?
10) जिस सड़क-गली-मोहल्ले से आप रोज़ाना दफ़्तर-बाज़ार आदि के लिये गुजरते हैं क्या आप उस पर चल रही किसी “असामान्य गतिविधि” का नोटिस लेते हैं? क्या आपने कभी अवैध मन्दिर-दरगाह या अतिक्रमण करके बनाई गई गुमटियों-ठेलों-दुकानों-मकानों पर ध्यान दिया है?
यह तमाम जानकारियाँ “सामाजिक जागरुकता” के तहत आती हैं, जिनकी जानकारी सामान्य तौर पर "थोड़ी या ज्यादा", प्रत्येक व्यक्ति को होनी ही चाहिये… क्योंकि “बुरा समय” कहकर नहीं आता, कहीं ऐसा न हो कि खतरा आपके चारों ओर मंडरा रहा हो और आप अपने घर में टीवी ही देखते रह जायें…।
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अब स्कोर की बारी - यदि ऊपर दी गई 10 प्रश्नावली में से 7-8 पर आपका उत्तर "हाँ" है तो आप निश्चित रूप से "जागरुक" की श्रेणी में आते हैं, यदि आपके उत्तर 4-5 के लिये ही "हाँ" हैं, तब आपको और अधिक जानकारी एकत्रित करने की आवश्यकता है, और यदि आपका जवाब सिर्फ़ 1 या 2 के लिये ही "हाँ" है, तब इसका मतलब है कि आप निहायत "गैर-सामाजिक" और "खुदगर्ज़" किस्म के इंसान हैं…
Sunday, 25 November 2012
राईट बंधुओं ने पहला विमान.....
आज भी हम भारतीय यह मानते हैं कि 17 दिसंबर
1903 में राईट बंधुओं ने पहला विमान बना कर
अमरीका के दक्षिण कैरोलीना के समुद्री तटों पर
उड़ाया जो 120 फुट की ऊंचाई तक उड़ने के बाद नीचे
गिर गया था| जबकि इससे आठ वर्ष पहले एक
1903 में राईट बंधुओं ने पहला विमान बना कर
अमरीका के दक्षिण कैरोलीना के समुद्री तटों पर
उड़ाया जो 120 फुट की ऊंचाई तक उड़ने के बाद नीचे
गिर गया था| जबकि इससे आठ वर्ष पहले एक
मराठी श्री शिवकर बापूजी तलपडे ने सन 1895 में
मुंबई के चौपाटी के समुद्री तट पर एक विमान बना कर
उड़ाया था जो 1400 फुट की ऊंचाई तक उड़ा और
सुरक्षित नीचे उतार लिया गया| मज़े की बात इसमें
कोई भी चालक नहीं था| इस महान वैज्ञानिक ने इसे
ज़मीन से ही नियंत्रित कर उड़ाया था| उससे भी अधिक
मज़े की बात यह है कि इसकी प्रेरणा उन्होंने
महर्षि भारद्वाज के विमानशास्त्र से ली जो भारद्वाज
मुनि कई हज़ार साल पहले लिख चुके हैं| बाद में
अंग्रेजों ने झांसा देकर उनसे इस विमान का डिजाइन
हथिया लिया| इस घटना के कुछ ही समय पश्चात
श्री शिवकर बापूजी तलपडे की रहस्यमय तरीके से मौत
हो गयी| किन्तु मैकॉले मानस पुत्र इस सच्चाई
को आज तक हमारे पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं कर पाए|
जबकि आज तक राईट बंधुओं का गुणगान गाए जा रहे
हैं|
मुंबई के चौपाटी के समुद्री तट पर एक विमान बना कर
उड़ाया था जो 1400 फुट की ऊंचाई तक उड़ा और
सुरक्षित नीचे उतार लिया गया| मज़े की बात इसमें
कोई भी चालक नहीं था| इस महान वैज्ञानिक ने इसे
ज़मीन से ही नियंत्रित कर उड़ाया था| उससे भी अधिक
मज़े की बात यह है कि इसकी प्रेरणा उन्होंने
महर्षि भारद्वाज के विमानशास्त्र से ली जो भारद्वाज
मुनि कई हज़ार साल पहले लिख चुके हैं| बाद में
अंग्रेजों ने झांसा देकर उनसे इस विमान का डिजाइन
हथिया लिया| इस घटना के कुछ ही समय पश्चात
श्री शिवकर बापूजी तलपडे की रहस्यमय तरीके से मौत
हो गयी| किन्तु मैकॉले मानस पुत्र इस सच्चाई
को आज तक हमारे पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं कर पाए|
जबकि आज तक राईट बंधुओं का गुणगान गाए जा रहे
हैं|
Saturday, 24 November 2012
इसे एक बार ज़रूर पढ़े ......।।।।
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बात दुर्ग के रेलवे स्टेशन की है .., कल रात .,मैं ट्रेन के इंतज़ार में रेल्वे - प्लेटफार्म पर टहल रहा था .,
एक वृद्ध महिला , जिनकी उम्र लगभग 60 - 65 वर्ष के लगभग रही होगी ., वो मेरे पास आयी और मुझसे खाने के लिए पैसे माँगने लगी ....
उनके कपडे फटे ., पूरे तार - तार थे ., उनकी दयनीय हालत देख कर ऐसा लग रहा था की पिछले कई द
िनों से भोजन भी ना किया हो ..
मुझे उनकी दशा पर बहुत तरस आया तो मैंने अपना पर्स टटोला ., कुछ तीस रुपये के आसपास छुट्टे पैसे और एक हरा " गांधी " मेरे पर्स में था .,
मैंने वो पूरे छुट्टे उन्हें दे दिए...
मैंने पैसे उन्हें दिए ही थे ., की इतने में एक महिला ., एक छोटे से रोते - बिलखते., दूधमुहे बच्चे के साथ टपक पड़ी ., और छोटे दूधमुहे बच्चे का वास्ता देकर वो भी मुझसे पैसे माँगने लगी ... मैं उस दूसरी महिला को कोई ज़वाब दे पाता की उन वृद्ध माताजी ने वो सारे पैसे उस दूसरी महिला को दे दिए ., जो मैंने उन्हें दिए थे .... पैसे लेकर वो महिला तो चलती बनी... लेकिन मैं सोच में पड़ गया ... मैंने उनसे पूछा की-" आपने वो पैसे उस महिला को दे दिए ..??? "
उनका ज़वाब आया -" उस महिला के साथ उसका छोटा सा दूधमुहा बच्चा भी तो था ., मैं भूखे रह लूंगी लेकिन वो छोटा बच्चा बगैर दूध के कैसे रह पायेगा ... ??? भूख के मारे रो भी रहा था ..."
उनका ज़वाब सुनकर मैं स्तब्ध रह गया .... सच ... भूखे पेट भी कितनी बड़ी मानवता की बात उनके ज़ेहन में बसी थी ....
उनकी सोच से मैं प्रभावित हुआ ., तो उनसे यूं ही पूछ लिया की यूं दर -बदर की ठोकरे खाने के पीछे आखिर कारण क्या है ...???
उनका ज़वाब आया की उनके दोनों बेटो ने शादी के बाद उन्हें साथ रखने से इनकार कर दिया ., पति भी चल बसे .., आखिर में कोई चारा न बसा ...
बेटो ने तो दुत्कार दिया ., लेकिन वो भी हर बच्चे में अपने दोनों बेटो को ही देखती है ., इतना कहकर उनकी आँखों में आंसू आ गए ...
मैं भी भावुक हो गया .,मैंने पास की एक कैंटीन से उन्हें खाने का सामान ला दिया ... मैं भी वहा से फिर साईड हट गया ...
लेकिन बार-बार ज़ेहन में यही बात आ रही थी ., की आज की पीढी कैसी निर्लज्ज है ., जो अपनी जन्म देने वाली माँ तक को सहारा नहीं दे सकती ...??? लानत है ऐसी संतान पर .... और दूसरी तरफ वो " माँ " ., जिसे हर बच्चे में अपने " बेटे " दिखाई देते है ....
धन्य है " मातृत्व-प्रेम "......
मुझे उनकी दशा पर बहुत तरस आया तो मैंने अपना पर्स टटोला ., कुछ तीस रुपये के आसपास छुट्टे पैसे और एक हरा " गांधी " मेरे पर्स में था .,
मैंने वो पूरे छुट्टे उन्हें दे दिए...
मैंने पैसे उन्हें दिए ही थे ., की इतने में एक महिला ., एक छोटे से रोते - बिलखते., दूधमुहे बच्चे के साथ टपक पड़ी ., और छोटे दूधमुहे बच्चे का वास्ता देकर वो भी मुझसे पैसे माँगने लगी ... मैं उस दूसरी महिला को कोई ज़वाब दे पाता की उन वृद्ध माताजी ने वो सारे पैसे उस दूसरी महिला को दे दिए ., जो मैंने उन्हें दिए थे .... पैसे लेकर वो महिला तो चलती बनी... लेकिन मैं सोच में पड़ गया ... मैंने उनसे पूछा की-" आपने वो पैसे उस महिला को दे दिए ..??? "
उनका ज़वाब आया -" उस महिला के साथ उसका छोटा सा दूधमुहा बच्चा भी तो था ., मैं भूखे रह लूंगी लेकिन वो छोटा बच्चा बगैर दूध के कैसे रह पायेगा ... ??? भूख के मारे रो भी रहा था ..."
उनका ज़वाब सुनकर मैं स्तब्ध रह गया .... सच ... भूखे पेट भी कितनी बड़ी मानवता की बात उनके ज़ेहन में बसी थी ....
उनकी सोच से मैं प्रभावित हुआ ., तो उनसे यूं ही पूछ लिया की यूं दर -बदर की ठोकरे खाने के पीछे आखिर कारण क्या है ...???
उनका ज़वाब आया की उनके दोनों बेटो ने शादी के बाद उन्हें साथ रखने से इनकार कर दिया ., पति भी चल बसे .., आखिर में कोई चारा न बसा ...
बेटो ने तो दुत्कार दिया ., लेकिन वो भी हर बच्चे में अपने दोनों बेटो को ही देखती है ., इतना कहकर उनकी आँखों में आंसू आ गए ...
मैं भी भावुक हो गया .,मैंने पास की एक कैंटीन से उन्हें खाने का सामान ला दिया ... मैं भी वहा से फिर साईड हट गया ...
लेकिन बार-बार ज़ेहन में यही बात आ रही थी ., की आज की पीढी कैसी निर्लज्ज है ., जो अपनी जन्म देने वाली माँ तक को सहारा नहीं दे सकती ...??? लानत है ऐसी संतान पर .... और दूसरी तरफ वो " माँ " ., जिसे हर बच्चे में अपने " बेटे " दिखाई देते है ....
धन्य है " मातृत्व-प्रेम "......
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