Sunday 23 December 2012

"हादसा एक दम नहीं होता, वक़्त करता है परवरिश बरसों....!"


अभी टीवी का खबरिया चैनल दिल्ली के गैंगरेप
की घटना पर समाचार चला रहा है |
जैसे ही ब्रेक आये : पहला विज्ञापन बोडी स्प्रे
का जिसमे लड़की आसमान से गिरती है ,
दूसरा कंडोम का , तीसरा नेहा स्वाहा-

स्नेहा स्वाहा वाला , और चौथा प्रेगनेंसी चेक
करने वाले मशीन का......
जब हर विज्ञापन, हर फिल्म में नारी को केवल
भोग की वस्तु समझा जाएगा तो बलात्कार के
ऐसे मालोंको बढ़ावा मिलना निश्चित
है ......क्योंकि
"हादसा एक दम नहीं होता,
वक़्त करता है परवरिश बरसों....!"
ऐसी निंदनीय घटनाओं केपीछे निश्चित तौर पर
भी बाजारवाद ज़िम्मेदार है ..

(रणवीर डागर )

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