Friday, 31 August 2012

एक नीम के पेड़ से

जबसे दुनिया को नीम के कीटनाशक और दुसरे गुणों का पता चला तबसे नीम को बढावा देने का काम शुरू हो गया पर भारतबासी ने कभी इसकी परवा नही की | भारत में अभी नीम के 220 लाख पेड़ है पर चीन में जहां कभी एक भी नीम का पेड़ नही था उहाँ अब 250 लाख नीम के
पेड़ हो गए है | अमेरिका, अफ्रीका, लातिन अमेरिका के सब देशो में जोर शोर से नीम के ऊपर काम हो रहा है | तंजानिया में 6 लाख . उगांडा में २ लाख नीम के पेड़ हो गए है |
नीम एक ऐसा पेड़ है जो 537 कीड़ो को नियंत्रित कर सकता है परन्तु हमारे देश में इसकी कोई कद्र नहीं है , हमारे वैज्ञानिक इस्पे बात नही करते | अगर आप धुप में नीम के पेड़ के निचे बैठे तोह १० डिग्री तापमान का फर्क होता है जो बहुत है एक तरह से नीम प्राकृतिक एयर कोंडीसोनर है | नीम २५० साल तक जिन्दा रहता है और ये एक ऐसा पेड़ है जो नुकसान दायक कीड़े की क्षमता कम कर देती है और अछे कीड़ो को बढावा देती है जो अद्भुत है | अगर GDP में नीम का फ़ायदा जोड़ा जाये तो हर साल 25000 डॉलर का फ़ायदा होता है एक नीम के पेड़ से

Thursday, 30 August 2012

हमारे आदिपुरुष श्रीराम के भारत में जन्म लेने की पुष्टि

एक अच्छी खबर यह आई है की विज्ञान ने भी हमारे आदिपुरुष श्रीराम के भारत में जन्म लेने की पुष्टि कर दी है. ज्ञातव्य है की श्रीराम का जन्म भारत में उस काल में हुआ था जहाँ तक हमारी इतिहास की पहुँच अभी तक नही हो पाई है और महज अनुमान के आधार पर ही
 कड़ियाँ जोडती रही है, परन्तु भारतीय अनुसंधानकर्ताओं ने बाल्मीकि रामायण में दिए गए सामग्री को आधार मानकर पिछले १० वर्षों से वैज्ञानिक पद्धति से उनकी प्रमाणिकता जाँच कर रही थी और उन्होंने बाल्मीकि रामायण में दिए गए तारीख, ग्रह-नक्षत्र, की स्थिति, भौगोलिक परिवेश एवं पारिस्थितिकी, प्लेनेटोरियम तकनीक एवं सॉफ्टवेयर, समुद्र विज्ञान आदि के माध्यम से गहन अध्यन के पश्चात निम्नलिखित प्रमुख निष्कर्ष को प्रस्थापित किया है.
१. आदिपुरुष श्रीराम का जन्म ९-१० जनवरी, ५११४ इस्वी पूर्व में हुआ था जो की बाल्मीकि रामायण में दिए गए तारीख चैत्र शुक्ल ९वीं की तारीख ठहरती है.
२. अक्षांस और देशान्तरों की गणना से श्रीराम की जन्म भूमि अयोध्या निर्धारित हुई है.
३. श्रीराम सपत्नीक एवं लक्ष्मण सहित २५वे वर्ष वनगमन किये थे अर्थात ५१३९ ईस्वी प...
ूर्व
४. वनवास के तेरहवें वर्ष अर्थात ५१५२ ईस्वी पूर्व खरदूषण का वध किया था. बाल्मीकि रामायण के अनुसार उस दिन सूर्यग्रहण था जो की प्लेनेटोरियम सॉफ्टवेयर से भी सिद्ध हुआ है.
५. National Institute of Oceanology के अनुसार रामसेतु ७१०० ईस्वी पूर्व भारत श्रीलंका के बिच समुद्र से उभरा हुआ था और आज की अपेक्षा समुद्र की स्थिति ९ फीट निचे थी. रामयुग तक यह अतिदुर्गम मार्ग था जिस पर लंका पर चढ़ाई करते समय राम की सेना ने पार करने योग्य पूल बांध लिया था.
६. दण्डकारण्य वन (जगदलपुर के निकट) में श्रीराम के ठहरने के पर्याप्त सबूत सहित अयोध्या से लंका तक २२५ स्थान खोज निकाले है जो बाल्मीकि रामायण की सत्यता को प्रमाणित करते है.
(साभार जी न्यूज)
जाहिर है यह तथ्य कैथोलिक इटालियन गैंग के नेतृत्व वाली सरकार के मुंह पर तमाचा है जो देशी और विदेशी ईसाई मिशनरियों के दवाब में श्रीराम के अस्तित्व को न केवल नकारती रही है बल्कि पाठ्य पुस्तकों में भी रामायण और महाभारत को काल्पनिक कथाओं के रूप में पढने को बाध्य कर रखी है.

चुण्डावत मांगी सेनाणी, सर काट दे दियो क्षत्राणी ....

चुण्डावत मांगी सेनाणी, सर काट दे दियो क्षत्राणी ....

एक ऐसी रानी जिसने युद्ध में जाते अपने पति को निशानी मांगने पर अपना सिर काट कर भिजवा दिया था यह रानी बूंदी के हाडा शासक की बेटी थी और उदयपुर (मेवाड़) के सलुम्बर ठिकाने के रावत रतन सिंह चु
ण्डावत की रानी थी जिनकी शादी का गठ्जोडा खुलने से पहले...ही उसके पति रावत रतन सिंह चुण्डावत को मेवाड़ के महाराणा राज सिंह (1653-1681) का औरंगजेब के खिलाफ मेवाड़ की रक्षार्थ युद्ध का फरमान मिला नई-नई शादी होने और अपनी रूपवती पत्नी को छोड़ कर
रावत चुण्डावत का तुंरत युद्ध में जाने का मन नही हो रहा था यह बात रानी को पतालगते ही उसने तुंरत रावत जी को मेवाड़ की रक्षार्थ जाने व वीरता पूर्वक युद्ध करने का आग्रह किया युद्ध में जाते रावत चुण्डावत पत्नी मोह नही त्याग पा रहे थे सो युद्ध में जाते समय उन्होंने अपने सेवक को रानी के रणवास में भेज रानी की कोई निशानी लाने को कहा सेवक के निशानी मांगने पर रानी ने यह सोचकर कि कहीं उसके पति पत्नीमोह में युद्ध से विमुख न हो जाए या वीरता नही प्रदर्शित कर पाए इसी आशंका के चलते इस वीर रान
ी ने अपना शीश काट कर ही निशानी के तौर पर भेज दिया ताकि उसका पति अब उसका मोह त्याग निर्भय होकर अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध कर सके और रावत रतन सिंह चुण्डावत ने अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका औरंगजेब की सेना के साथभयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृभूमिके लिए शहीद हो गया

Monday, 27 August 2012

हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है


एक बार एक हंस और एक हंसिनी जंगल में घूम रहे थे बातों बातों में समय का पता नहीं चला शाम हो गयी, वो अपने घर का रास्ता भूल गए और चलते-चलते एक सुनसान जगह पर एक पेड़ के नीचे जाकर रुक गए . हंसिनी बोली मैं बहुत थक गयी हूँ चलो रात यहीं बिताते हैं सुबह होते ही चल पड़ेंगे. हंस बोला ये बहुत सुनसान और वीरान जगह लगती है ''यहाँ कोई उल्लू भी नहीं रहता है'' चलो कोई और जगह देखते हैं . उसी पेड़ पर बैठा एक उल्लू हंस और हंसिनी बातें सुन रहा था वो बोला आप लोग घबराएँ नहीं मैं भी यहीं रहता हूँ , डरने की कोई बात नहीं है आप सुबह होते ही चले जाईयेगा . हंस और हंसिनी उल्लू की बात मानकर वहीँ ठहर गए .

सुबह हुई हंस और हंसिनी चलने लगे तो उल्लू ने उन्हें रोक लिया और हंस से बोला तू हंसिनी को लेकर नहीं जा सकता ये मेरी पत्नी है.हंस बोला भाई ये क्या बात कर रहे हो तुम जानते हो कि हंसिनी मेरी पत्नी है.उल्लू बोला नहीं हंसिनी मेरी पत्नी है तू इसे लेकर नहीं जा साकता . धीरे-धीरे झगड़ा बढ गया और तू-तू में-में होने लगी . उल्लू हंस की बात मानने को तैयार ही नहीं था . तभी चतुराई से उल्लू बोला

कि हम पंचों से इस बात का फैसला करवाएंगे कि हंसिनी किसकी पत्नी है . हंस के पास कोई चारा नहीं था . उल्लू उनको लेकर पास के गाँव में गया और हंस ने पंचों को अपनी व्यथा सुनाई.
फिर फैसले के लिए पंचायत बुलाई गयी सभी पंचों ने विचार विमर्श किया और सोचा कि हंस तो कहीं बाहर से यहाँ आया है और उल्लू तो हमारे गाँव में ही रहता है इसलिए हंसिनी उल्लू को ही दे देते हैं जिससे हंसिनी हमारे गाँव में ही रहेगी. पंचों ने फैसला सुनाया हंस को बोले कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और उसे तुम उसे लेकर नहीं जा सकते हो.हंस दुखी होकर रोने लगा.
फिर तीनों लोग वापस गाँव से बाहर निकल कर उसी पेड़ के पास जाकर रुके. हंस बहुत दुखी था तभी उल्लू बोला हंस दुखी मत हो हंसिनी तेरी ही पत्नी है और तू ही इसे लेकर यहाँ से जायेगा. लेकिन मेरी एक नसीहत सुन ''ये जगह इसलिए इतनी सुनसान और वीरान नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है बल्कि इसलिए सुनसान और वीरान कि यहाँ ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लू की बात मान कर फैसले लेते हैं''.
दोस्तों आने वाले समय में हमें ऐसे पंचों को हटाना है
और ऐसे पंच ढूढने हैं जो उल्लुओं की बात न मानें तभी हमारा देश खुशहाल हो सकेगा ....

Saturday, 25 August 2012

इस्लामी आतंक फैलाने की खुली धमकी देनेवाले असादुद्दीन ओवैसी के ट्विटर अकाउंट @asadowaisi और अकबरुद्दीन ओवैसी की वेबसाइट akbarowaisi.org पर अब तक पाबंदी क्यों नहीं लगाई ?


कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रवादी नेताओ के ट्विटर अकाउंट और हिंदू वेबसाइट्स पर पाबंदी लगा दी है लेकिन भारत में इस्लामी आतंक फैलाने की खुली धमकी देनेवाले असादुद्दीन ओवैसी के ट्विटर अकाउंट @asadowaisi और अकबरुद्दीन ओवैसी की वेबसाइट akbarowaisi.org पर अब तक पाबंदी क्यों नहीं लगाई ?

जानिये इन दोनों देशद्रोही ओवैसी भाइयो की असलियत !

१) भगवान श्रीराम और उनकी माँ कौशल्या का सरेआम अपमान किया
http://www.youtube.com/watch?v=OPZYR4Lsm68&feature=related

२) नरेंद्र मोदी कों उम्र कैद कि सजा देने कि मांग कि
http://khabar.ibnlive.in.com/news/68356/12/4

३) चार मीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी जी के मंदिर पर ‘आरती के समय घंटे’ बजाने पर कांग्रेस कि मदद से रोक
http://shankhnaadblog.blogspot.in/2012/04/atrocities-on-hindus-in-hyderabad-by.html

४) अकबरुद्दीन ओवैसी ने राम नवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर निकलने वाली शोभा यात्रा को अनुमति ना देने की प्रशासन से माँग की|
http://www.medleynews.com/news/india/akbaruddin-owaisi-planning-to-ban-hindus-festivals-6539.html

५) चुनाव के वक्त पोलिंग एजंट कि पिटाई, पुलिस कों धमकी
http://hindi.oneindia.in/news/2009/04/18/1240030206.html
http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/1968/2/219

६) मुस्लिम आरक्षण ना देनेवाली पार्टी कों वोट ना देने की अपील !
http://www.khaskhabar.com/hindi-news/muslims-must-get-reservation--owassi-092011252058524497.html
http://twocircles.net/2012jul11/implement_reservations_else_say_good_bye_muslims_votes_2014_islamic_summit_hyderabad.html

७) समर्थकों ने हैद्राबाद में दंगे करवाकर सैकड़ो हिंदुओ कि हत्या कि, गाय काटी
http://twocircles.net/2012apr08/curfew_imposed_hyderabad.html

८) कहा के बांग्लादेशी मुस्लिमो कों भारत से वापिस भेजने पर भारत का हर एक मुसलमान आतंकवादी बन जायेगा
http://www.timesofassam.com/headlines/few-pertinent-questions-to-a-prominent-muslim-leader-asaduddin-owaisi/

९) म्यानमार से खदेड़े जा चुके मुसलमानों कों हैद्राबाद में बसाया
http://www.deccanherald.com/content/268264/25-myanmarese-muslims-seek-refuge.html

Wednesday, 22 August 2012


देश का गौरव, सीएजी विनोद राय..PM हो या CM सब इन से थर्राते हैं...पहले 2G और फिर ‘कोल ब्लाक’ आवंटन में देश को हुई भारी क्षति का खुलासा करने वाले विनोद राय..ऐसे कुछ लोग देश को बचाए हुए हैं...इन्हें शत शत नमन..!!!
 

कांग्रेसियों के मुह पर थूकता हुआ मुंबई पोलिस का जवान।


राज ठाकरे को मंच पर फूल देने वाले सिपाही ने खुद को कहा जिंदा लाश
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महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के मुखिया राज ठाकरे को मंच पर फूल भेंट करने वाले पुलिसकर्मी प्रमोद तावड़े ने कहा कि उसके इस कदम से उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। उनसे अपनी हत्‍या की आशंका भी जताई लेकिन साथ ही कहा कि उसे इसका डर नहीं है। सिपाही ने कहा, 'मेरा डर खत्‍म हो गया है, मैं
 एक जिंदा लाश हूं।' पुलिसकर्मी ने आरोप लगाया कि आजाद मैदान हिेंसा के मामले में दोषियों के खिलाफ केवल कागजी कार्रवाई हुई है।

11 अगस्‍त को मुंबई में हुई हिंसा के विरोध और गृह मंत्री आरआर पाटील के इस्‍तीफे की मांग के समर्थन में गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक मोर्चा निकालने के बाद राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्‍ट्र विदेशियों और मुंबई बांग्‍लादेशियों का अड्डा बन गया है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि मुंबई के पुलिस कमिश्‍नर अरुप पटनायक ने आजाद मैदान में हिंसा करने वाले अपराधियों को छुड़वाया। महिला पुलिसकर्मियों पर अत्‍याचार हुआ, उन्‍हें पीटा गया। मोर्चा निकालने वाले हथियारों के साथ आए थे और पुलिस कमिश्‍नर को सब पहले से पता था।


गृह मंत्री पाटिल पुलिसवालों को मार खाने पर मजबूर करते हैं। उन्‍होंने कहा, 'बाबरी मस्जिद यूपी में गिरती है और मुंबई में दंगे होते हैं। लेकिन यूपी में जब बुद्ध की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो महाराष्‍ट्र के दलित नेता कुछ क्‍यों नहीं बोलते। मुझे यहां आने से रोका जा रहा था। बाकी नेता भड़काऊ भाषण देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्‍यों नहीं होती।'
 — 






2) हजारों की भीड़ वाला बाबा रामदेव का प्रदर्शन हो या राज ठाकरे का हो… शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके "भगवा" वालों ने दर्शा दिया है कि "हममें" और "उनमें" बहुत फ़र्क है… (हालांकि सेकुलर कीड़े फ़िर भी नहीं मानेंगे…)


कांग्रेसियों के मुह पर थूकता हुआ मुंबई पोलिस का जवान।

मुंबई के भायखाल मे तैनात कांस्टेबल प्रमोद तावड़े ने आज राज ठाकरे के मंच से मुंबई पोलिस से त्यागपत्र दिया॥ प्रमोद तावड़े के अनुसार कांग्रेस सरकार और मुंबई पुलिस कमिश्नर ,मुंबई पोलिस मे नौकरी करने की शर्त मे बंगलादेशी मुल्लों की लात खाने को अनिवार्य कर रहे है ऐसी हिंदुविरोधी नौकरी तावड़े नहीं करेगा॥ज्ञातव्य रहे की प्रमोद तावड़े को भटके हुए कांग्रेसी मुल्लों ने आजाद मैदान मे मारा था और मुंबई पुलिस ने आत्म रक्षा मे उसे लाठी तक उठाने से मना किया॥उसी जगह पर एक गर्भवती महिला कांस्टेबल को मुल्लों ने मार डाला था॥

Tuesday, 21 August 2012

गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पारिकर (बीजेपी )

गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पारिकर (बीजेपी ) ,आईआईटी मुंबई.. 

आइये आपको आज बताते है गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पारिकर के बारे में
जहा तक मेरी जानकारी वे भारत के पहले मुख्यमंत्री है जिन्होंने आईआईटी उतीर्ण
है
इन्होने गोवा में पेट्रोल में उत्पादन शुल्क हटा दिया है जिसके कारण वहा
पेट्रोल पुरे भारत में सबसे सस्ता उपलब्ध है मात्र 55 रुपैये प्रति लीटर ||
वे हमेशा गो एयर नमक विमान की सेवा के दौरान औसत श्रेणी (सामान्य श्रेणी ) में
सफ़र करते है पर किसी का ध्यान नहीं जाता इनपर.......वे एक आम नागरिक की ही
तरह बस में सफ़र करते है और बाकियों की तरह क़तर में खड़े होते है ......मनोहर
जी कभी भी विमान में उच्च श्रेणी में यात्रा नहीं करते |
वे विमान में बड़े ही आराम से बाकि अन्य यात्रियों के साथ ही बैठते है |
मुझे लगता है उनकी इसी सादगी के कारण ही बहुत से विमान के कार्यकर्ता और
यात्रिगन उन्हें पहचान नहीं पते की वो एक मुख्यमंत्री के साथ बैठे है |
जब ये बात मैंने अपने एक सहयोगी को बताया जो मेरे साथ यात्रा कर रहा था तो
उसने कहा की ऐसा हो सकता है पर उनके ऑफिस वालो ने उनके बगल की दोनों सीट भी
रिजर्व की होगी ताकि वो आरामपूर्वक यात्रा करे लेकिन जब हमने पीछे देखा तो ऐसा
कही नहीं था मुख्यमंत्री जी बीच वाली सीट पर बैठे थे और उनके दाय और बाए दो आम
नागरिक और वो ज़रा सा भी असहज महसूस नहीं कर रहे थे

जब विमान दिल्ली पंहुचा वो उतरने वालो में सबसे पहले भी नहीं थे ...वो आम
यात्रियों की तरह कतार में ही उतरे ....
आम तौर पर आपने देखा होगा की कोई नेता के आने पर उसके लिए एक बड़ी सी गाडी आती
है साथ में 10 -12 चमचे.....पर यहाँ ऐसा बिलकुल भी नहीं था .....उन्होंने किसी
को भी आने से मन किया था .....और न उनके लिए कोई कार आई थी.......उन्होंने
अपना सामान खुद ही उठाया (एक बैग और एक अटैची ) और खुद ही पैदल आगे चल पड़े और
एक आम नागरिक की ही तरह बस में बैठ गए
बस में एक शादीशुदा जोड़े ने उन्हें पहचान लिया और उनसे बात शुरू की....जब
मैंने उनकी वार्तालाप सुनी तब ही मैं समझ गया की वो न सिर्फ एक महान सज्जन
पुरुष है बल्कि मानवता के कर्मठ योगी भी है ......उन्होंने एक फोर्मल
कमीज़.....काली पैंट और पैरो में साधारण सी चमड़े की चप्पल पहन रखी थी
...........
उनकी बातो में कभी भी ये नहीं झलका की वो एक नेता है वो एक आम इंसान की तरह ही
बात कर रहे थे ..........
तब ही मुझे पता चला वो भारत के पहले मुख्यमंत्री है जिन्होंने आइआइटी -आईएएन
की डिग्री प्राप्त की है
मैंने यह भी जानाकि वे गोवा राजनीति को सुनहरे मुकाम पर लेजाने का प्रयास कर
रहे है
मैं ना ही गोवा का निवासी हूँ ना उनको वोट कर सकता हूँ गोवा में पर उनकी
कर्मठता देखकर यही कहूँगा जिन्हें भी इंसान पहचानने की समझ है वो मनोहर जी को
जरुर वोट करेगा ........

सोलर एनर्जी में से अकेले गुजरात का हिस्सा 70% से अधिक है।

गुजरात में नर्मदा नदी पर बनी 19,000 किमी की नहरों का जाल विश्व का सबसे बड़ा नहर नेटवर्क है। इन्हीं नहरों पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाकर बिजली उत्पादन की महत्त्वाकांक्षी योजना पर द्रुत गति से कार्य जारी है… वर्तमान में देश के कुल 1000 MW सोलर एनर्जी में से अकेले गुजरात का हिस्सा 70% से अधिक है।

अनुमान है कि यदि नहरों के ऊपर स्थित इस खाली स्थान का 10% भी उपयोग कर लिया जाए तो लगभग 3000 MW का उत्पादन किया
 जा सकता है। नहरों के ऊपर सोलर पैनल लगाने का दोहरा फ़ायदा है, पहला तो यह कि गर्मी के दिनों में पानी बचता है, क्योंकि वह धूप से उड़ेगा नहीं और दूसरा यह कि सोलर पैनलों के नीचे ठण्डा पानी रहने से, जमीनी सोलर पैनलों के मुकाबले 60% अधिक विद्युत उत्पादन होता है… 

Wednesday, 15 August 2012

वास्तव में स्वतंत्रता नहीं आई


14 अगस्त 1947 की रात्रि को जो कुछ हुआ था वो वास्तव में स्वतंत्रता नहीं आई थी अपितु ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर का एग्रीमेंट हुआ था पंडित नेहरु और लोर्ड माउन्ट बेटन के बीच में.Transfer of Power और Independence ये दो अलग विषय हैं.स्वतंत्रता और सत्ता का हस्तांतरण ये दो अलग विषय हैं एवं सत्ता का हस्तांतरण कैसे होता है ? आप देखते होंगे क़ि एक पार्टी की सरकार है, वो चुनाव में पराजित जाये, दूसरी पार्टी की सरकार आ

ती है तो दूसरी पार्टी का प्रधानमन्त्री जब शपथ ग्रहण करता है, तो वो शपथ ग्रहण करने के तुरंत पश्चात एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर करता है, आप लोगों में से बहुतों ने देखा होगा, तो जिस रजिस्टर पर आने वाला प्रधानमन्त्री हस्ताक्षर करता है, उसी रजिस्टर को 'ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर' की बुक कहते हैं तथा उस पर हस्ताक्षर के पश्चात पुराना प्रधानमन्त्री नए प्रधानमन्त्री को सत्ता सौंप देता है एवं पुराना प्रधानमंत्री निकल कर बाहर चला जाता है.यही नाटक हुआ था 14 अगस्त 1947 की रात्रि को 12 बजे.लार्ड माउन्ट बेटन ने अपनी सत्ता पंडित नेहरु के हाथ में सौंपी थी, और हमने कह दिया कि स्वराज्य आ गया | कैसा स्वराज्य और काहे का स्वराज्य ? अंग्रेजो के लिए स्वराज्य का अर्थ क्या था ? और हमारे लिए स्वराज्य का आशय क्या था ? ये भी समझ लीजिये | अंग्रेज कहते थे क़ि हमने स्वराज्य दिया, अर्थात अंग्रेजों ने अपना राज आपको सौंपा है जिससे कि आप लोग कुछ दिन इसे चला लो जब आवश्यकता पड़ेगी तो हम पुनः आ जायेंगे | ये अंग्रेजो की व्याख्या (interpretation) थी एवं भारतीय लोगों की व्याख्या क्या थी कि हमने स्वराज्य ले लिया तथा इस संधि के अनुसार ही भारत के दो टुकड़े किये गए एवं भारत और पाकिस्तान नामक दो Dominion States बनाये गए हैं | ये Dominion State का अर्थ हिंदी में होता है एक बड़े राज्य के अधीन एक छोटा राज्य, ये शाब्दिक अर्थ है और भारत के सन्दर्भ में इसका वास्तविक अर्थ भी यही है. अंग्रेजी में इसका एक अर्थ है "One of the self-governing nations in the British Commonwealth" तथा दूसरा "Dominance or power through legal authority "| Dominion State और Independent Nation में जमीन आसमान का अंतर होता है | मतलब सीधा है क़ि हम (भारत और पाकिस्तान) आज भी अंग्रेजों के अधीन ही हैं. दुःख तो ये होता है कि उस समय के सत्ता के लालची लोगों ने बिना सोचे समझे अथवा आप कह सकते हैं क़ि पूरी मानसिक जागृत अवस्था में इस संधि को मान लिया अथवा कहें सब कुछ समझ कर ये सब स्वीकार कर लिया एवं ये जो तथाकथित स्वतंत्रता प्राप्त हुई इसका कानून अंग्रेजों के संसद में बनाया गया और इसका नाम रखा गया Indian Independence Act अर्थात भारत के स्वतंत्रता का कानून तथा ऐसे कपट पूर्ण और धूर्तता से यदि इस देश को स्वतंत्रता मिली हो तो वो स्वतंत्रता, स्वतंत्रता है कहाँ ? और इसीलिए गाँधी जी (महात्मा गाँधी) 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में नहीं आये थे. वो नोआखाली में थे और कोंग्रेस के बड़े नेता गाँधी जी को बुलाने के लिए गए थेकि बापू चलिए आप.गाँधी जी ने मना कर दिया था. क्यों ? गाँधी जी कहते थे कि मै मानता नहीं कि कोई स्वतंत्रता मिल रही है एवं गाँधी जी ने स्पष्ट कह दिया था कि ये स्वतंत्रता नहीं आ रही है सत्ता के हस्तांतरण का समझौता हो रहा है और गाँधी जी ने नोआखाली से प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी | उस प्रेस स्टेटमेंट के पहले ही वाक्य में गाँधी जी ने ये कहाकि मैं भारत के उन करोड़ों लोगों को ये सन्देश देना चाहता हूँ कि ये जो तथाकथित स्वतंत्रता (So Called Freedom) आ रही है ये मै नहीं लाया | ये सत्ता के लालची लोग सत्ता के हस्तांतरण के चक्कर में फंस कर लाये है | मै मानता नहीं कि इस देश में कोई आजादी आई है | और 14 अगस्त 1947 की रात को गाँधी जी दिल्ली में नहीं थे नोआखाली में थे | माने भारत की राजनीति का सबसे बड़ा पुरोधा जिसने हिन्दुस्तान की आज़ादी की लड़ाई की नीव रखी हो वो आदमी 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में मौजूद नहीं था | क्यों ? इसका अर्थ है कि गाँधी जी इससे सहमत नहीं थे | (नोआखाली के दंगे तो एक बहाना था वास्तव में बात तो ये सत्ता का हस्तांतरण ही थी) और 14 अगस्त 1947 की रात्रि को जो कुछ हुआ है वो स्वतंत्रता नहीं आई .... ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर का एग्रीमेंट लागू हुआ था !!

Friday, 3 August 2012

उमना के उन्मान का शिकार हुआ आसाम


उमना के उन्मान का शिकार हुआ आसाम

आसाम की जिस जातीय हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और लाखों लोग बेघर हो गये उसके मूल में कौन है इसकी जांच पड़ताल से जो नतीजे सामने आ रहे हैं वह खतरनाक संकेत कर रहे हैं. खुफिया एजंसियों आईबी की शुरूआती जांच रिपोर्ट बता रही है कि आसाम उमना के उन्मान का शिकार हो गया. असम हिंसा के पीछे यूनाइटेड मुस्लिम नेशनलिस्ट आर्मी (उमना) का हाथ हो सकता है जो कि विदेशी मदद से आसाम में सक्रिय है।

भारतीय खुफिया एजंसी आईबी के हवाले से न्यूज वेबसाइट रिडिफ ने दावा किया है कि खुफिया अधिकारियों को जो नई जानकारी मिल रही है उसके बाद अब लग रहा है कि असम में हिंसा के पीछे इसी उमना नामक मुस्लिम संगठन का हाथ है जिसने बोडो जनजातियों के घरों पर हमला किया और उनको हिंसक होने के लिए उकसाया. उमना के बारे में जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे इस बात को बल मिल रहा है कि हो सकता है विदेशी पैसों और हथियारों की मदद से उमना ने ही असम की ताजा हिंसा को अंजाम दिया जिसके कारण दो लाख से अधिक लोग बेघर हो गये और सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

क्यों नहीं आयेगे एनजीओ जनलोकपाल के दायरे में ?


  • अन्ना "द सुपारी अनशनकारी" के अंधे भक्तो क्या सिर्फ इन दस सवालों का जबाब दे सकते हो ?

    सिर्फ 10 सवाल का जबाब दे दो अगर तुम सब अन्ना अंध भक्तों में से कोई वो भ जबाब दे दे तर्कों के साथ ...

    1 - अन्ना के आन्दोलन से माँ भारती के चित्र को क्यों उतारा गया |

    2- अन्ना के आन्दोलन में भारत माता के लिए दिन रात एक करने वाले राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ को बार बार अपमानित किया गया जबकि बुखारी जो खुद को आई एस आई का एजेंट बताता है और वन्दे मातरम् भारत माता की जय को इस्लाम के खिलाफ बता कर फतवा जारी करता है उस बुखारी के तलुए क्यों चाटे गए ?

    3-बाबा रामदेव का अपमान स्वयं अन्ना हजारे ने क्यों किया और कई बार किया , क्या देश भक्त ऐसे ही होते है ,, यही काम अन्ना के साथ मैंने किया तो आप सब निंदा कर रहे हो ,, ये अच्छा है मैं करू तो ..... कोई बात नहीं मैं नहीं रुकुंगा ,, और बाबा भी अन्ना की असलियत समझ चुके है लेकिन बाबा संत है और संत सहज होता है मैं संत नहीं हूँ बाबा का अपमान नहीं भूल सकता ||

    4- पहले अग्निवेश ने भगवान् शिव का अपमान किया फिर कुमार विश्वाश ने बाबा रामदेव जी और ब्रह्मा विष्णु महेश का उपहास उड़ाया फिर भी वो टीम में बने रहे मगर जब अन्ना के खिलाफ अग्निवेश गया तो उसको निकाल दिया गया , क्या अन्ना भगवान् शिव से बड़ा है ? जो अन्ना गैंग को करोडो हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वाले अग्निवेश से आपत्ति नहीं हुयी लेकिन अन्ना के खिलाफ जाते ही बाहर का रास्ता दिखा दिया ? कुमार विश्वाश बाबा और त्रिदेव का अपमान करके आज भी बना हुआ है यानी अन्ना ही धर्म और देश से बड़ा है अन्ना अंध भक्तों के लिए ?

    5- अन्ना गैंग में शामिल संदीप पांडे , मेधा पाटकर , अखिल गोगोई ,हर्ष मंदर , तीस्ता जावेद शितालवाद , सोनिया गाँधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् के सदस्य और जस्टिस फॉर अफज़ल गुरु के सदस्य , सेना के विशेषाधिकार हटाने की मांग करने वाले संगठन बैन अफसपा के सद्श्य भी है यानी सारी गतिविधियाँ राष्ट्रद्रोही है तो अन्ना टीम में ये सब क्या कर रहे है ?

    6- जनलोकपाल में लोकायुक्त की नियुक्ति कौन करेगा और लोकायुक्त कौन कौन होंगे ? अन्ना गैंग में शामिल मैगैसे पुरुष्कार विजेता , विधि विशेषज्ञ , रिटायर जज ,, और वो कौन है ?? स्वयम अन्ना , किरण बेदी , अरविन्द केजरीवाल , आतंकियों के लिए जस्टिस मांगने वाले मेधा पाटकर,संदीप पांडे , अरुंधती राय , अखिल गोगोई , स्टाम्प चोर शांति भूषण , सलमान खान को हिट एंड रन मामले में सलमान खान को मदद करने वाला संतोष हेगड़े , कश्मीर को तौड़ने की बात करने वाला शांति भूषण ,, अगर ये लोकायुक्त बनेगे तो अफज़ल और कसाब में से एक को जनलोकपाल नियुक्त करने की सिफारिस मैं कर देता हूँ इन हरामियों को ...

    7- क्यों नहीं आयेगे एनजीओ जनलोकपाल के दायरे में ?

    8- सोनिया गाँधी देश के ऐसे कौन से सवैधानिक पद पर है जो अन्ना बार बार उसको पत्र लिखते है ? कैसे पुरे करेगी सोनिया अन्ना की मांगो को जब वो चुड़ैल किसी सवैधानिक पद पर नहीं है ?

    9- अन्ना 5 राज्यों के चुनाव में बीमार रहे लेकिन कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल के खानदानी अवार्ड समारोह में इनाम लेने चले गए और चुनाव खत्म होते ही फिर से अनशन का ड्रामा क्यों किया जा रहा है जबकि शिवराज सिंह चौहान सीबीआई जांच की मांग मान चूका है ?

    10- जब शांति भूषण पर न्यायालय ने लखनऊ में खरीदी गयी कोठी में स्टाम्प चोरी के मामले में दोषी मान लिया तो वो अन्ना गैंग का हिस्सा क्यों है ? क्या अन्ना को न्यायालय के आदेश का सम्मान नहीं करना चाहिए था ? क्या ऐसी देश द्रोहियों और धर्म द्रोहियों के गैंग से हम इन्साफ की उम्मीद करते है ?