Saturday, 30 May 2015

1946 पहली बार ऐसी अफावाएं सामने आई की धरती के निचे भी जीव रहते है,जो हम जैसे नही पर तकनीक मे हमसे आगे जरुर है।
Rechard Sahver नाम के विज्ञानिक का दावा था की उन्होंने परग्रहीयो से मुलाकात की है।इनका कहना था उन्होंने ऐसे परग्रहीयों के साथ हफ्तों तक निवास किया,जो जमीन के भीतर रहते हैं।
इनका दावा था की ये ऐसे शहर मे जा चुके है जो जमीन के निचे बसा हुआ था।वे उन परग्राहियो 
से मिलते है,उनके घर जाते है और वे उनके अकल्पनीय तकनीक और अविष्कारो को देखते हैं,जो की उनके द्वारा निर्मित थे।इन्होने कहा की उन लोगों ने मुझे mind control करने का मोका दिया ओर तकनीक सिखाई।
1942 जब जर्मन के विज्ञानिक राडार सिस्टम को जमीन पे स्थापित कर रहे थे तब उन्होंने पाया की धरती के निचे भी पहले कोई सभ्यता फल फूल रही है।
अमरीकन satellite ने 1970
मे कुछ ऐसे चित्र उतरी ध्रुव(नार्थ पोल) से लिए जो की dark shaped spot थे।
Geologists(Earth Huge Cavity)की थ्योरी को नही बताते और ये भी नही बताते की धरती के भीतर बड़ी मात्रा मे फेली हुई लम्बी चोड़ी खाली जगह है।इस जगह पर मानव जीवन सम्भव नही क्योंकि high temperature or low oxygen है।मतलब साफ़ है इस जगह पे वही जीव रह सकते है जिन्हें हवा की बहुत कम आवस्यकता है यानी हम कह सकते हैं की पाताल वासी के लोग।
अमरीका के विज्ञानिक मानते है की धरती के निचे शहर,पृथ्वी के 4th Dimension पर हो सकता है जहाँ पाताल वासी या परग्राही रहते हैं।और चूँकि इनको कम हवा की जरूरत होती है इसलिए वे पृथ्वी के ऐसे भाग मे रहते है जहाँ electromagnetic फील्ड मिलती हो और शायद यही इनका भोजन या इनके यान की उर्जा हो,और ufo इनका सुरक्षा कवच,जिससे ये मंगल या अन्य गृह पर आसानी से जा सके जहाँ हवा पानी का वातावरण बहुत कम हो??
हमारे वेदों शास्त्रों पुराणों मे इनका जिक्र है?? क्या ये असुर है
या प्रेत??इनको क्या कहा गया है हमारे ग्रंथो मे??
सोर्सेज~https://m.facebook.com/photo.php…

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