Monday, 25 May 2015

हम गौरवशाली सनातन धर्म का एक अंश हैं...!

क्या आप जानते हैं कि...
 प्रकाश की किरण में समाहित सात रंगों की खोज न्यूटन ने नहीं की है  बल्कि, यह तो हमारे वेदों में लाखों बरस पहले से ही लिखा हुआ है जिस समय न्यूटन तो क्या. ईसा मसीह तक का जन्म नहीं हुआ था...!
आज पश्चिमी देशों द्वारा यह दावा किया जाता है कि प्रकाश की किरण में समाहित सात रंगों की खोज न्यूटन ने  1666 ईस्वी में प्रिज्म के माध्यम से की है..!ये थ्योरी हमारे हिन्दू सनातन धर्म द्वारा लाखों वर्ष पूर्व ही खोजा जा चुका है.....  हमारे वेदों में इस बात का साफ उल्लेख है तथा, इस बात को हिन्दू का बच्चा-बच्चा जानता है
चूँकि वेद एक धार्मिक ग्रन्थ है. इसीलिए, वेदों में इस बात को धार्मिक तरीके से समझाया गया है..
1. आधुनिक विज्ञान कहता है कि. सूर्य स्थिर नहीं. बल्कि गतिमान है और, हमारे वेद में लिखा भी लिखा है कि. सूर्य देवता  रथ पर सवार होकर भ्रमण करते हैं..( अर्थात सूर्य गतिमान है.. स्थिर नहीं)
2. न्यूटन ने कहा है कि सूर्य की किरणें सात रंगों से मिलकर बनी है. और, हमारा वेद भी कहता है कि. सूर्य के रथ में सात घोड़े हैं.. (अर्थात, सूर्य की किरणें सात रंगों से मिलकर बनी है..)
3. न्यूटन ने कहा है कि. सूर्य की किरणों के सातों रंग जब आपस में मिलते हैं तो उनका रंग सफ़ेद हो जाता हैऔर, हमारा वेद भी कहता है कि.. सूर्य देवता के रथ में सात में सात घोड़े हैं और, उनका रंग उजला (सफ़ेद ) है...!
 वेद लाखों वर्ष पुराना ग्रन्थ है और, उस समय न्यूटन तो क्या पश्चिमी देशों में सभ्यता का जन्म भी नहीं हुआ था.... और, कंदराओं में रहकर और कंद मूल खा कर अपना जीवनयापन किया करते थे
 गर्व करें कि हम परम गौरवशाली और समृद्ध हिन्दू सनातन धर्म का एक अंश हैं...!

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