Tuesday, 5 May 2015

चीन ने भारत पर हमला किया था 1962 में !
और ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हमला था ! इसको इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण
माना जाता है कि उस समय vk krishna menon जैसा नेता भारत का
रक्षा मंत्री था !!
दुर्भाग्यपूर्ण वाली बात ये है कि VK krishan
menon थे तो भारत के रक्षा मंत्री लेकिन हमेशा विदेश
घूमते रहते थे ! उनको हिदुस्तान रहना अच्छा ही
नहीं लगता था आमेरिका अच्छा लगता था !फ्रांस अच्छा
लगता था !ब्रिटेन अच्छा लगता था ! नुयोर्क उनको हमेशा अच्छा लगता
था ! उनकी तो मजबूरी थी कि
भारत मे पैदा हो गए थे ! लेकिन हमेशा उनको विदेश रहना और वहाँ
घूमना ही अच्छा लगता था ! और जो काम उनको रक्षा
मंत्री का सौंपा गया था उसको छोड़ वो बाकी
सब काम करते थे ! विदेश मे घूमते रहना !कभी
किसी देश कभी किसी देश मे
जाकर कूट नीति ब्यान दे देना ! !
और ये किस तरह के अजीब किसम के
आदमी थे !आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है !
1960 -61 मे एक बार संसद मे बहस हो रही
थी तो वीके कृशन ने खड़े होकर
अपनी तरफ से एक प्रस्ताव रखा !
प्रस्ताव क्या रखा ??
उन्होने कहा देखो जी पाकिस्तान ने तो 1948 मे हमसे
समझोता कर लिया कि वह आगे से कभी हम पर
हमला नहीं करेगा ! और दुनिया के आजू-बाजू मे और
कोई हमारा दुश्मन है नहीं ! तो हमे बार्डर पर सेना
रखने कि क्या जरूरत है सेना हटा देनी चाहिए ! ऐसे
उल्टी बुद्धि के आदमी थे vk krishan
menon ! और ये बात वो कहीं साधारण सी
बैठक मे नहीं लोकसभा मे खड़े होकर बोल रहे थे ! कि
ये सेना हमको हटा देनी चाहिए ! इसकी
जरूरत नहीं है !!
तो कुछ सांसदो मे सवाल किया कि अगर भविष्य मे किसी
देश ने हमला कर दिया तो कया करेंगे ???? अभी तो आप
बोल रहे है कि सेना हटा लो ! पर अमरजनसी जरूरत
पड़ गई तो कया करेंगे ???
तो उन्होने ने कहा इसके लिए पुलिस काफी है !
उसी से काम चला लेगे ! ऐसा जवाब vk krishann
manon ने दिया !!
ऐसी ही एक बार कैबनेट कि
मीटिंग थी प्रधान मंत्री और
बाकी कुछ मंत्री माजूद थे ! vk kirshan
ने एक प्रस्ताव फिर लाया और कहा ! देखो जी हमने
सीमा से सेना तो हटा ली है ! अगर सेना
नहीं रखनी तो पैसे खर्च करने कि क्या
जरूरत है ! तो बजट मे से सेना का खर्च भी कम कर
दिया !
और तो और एक और मूर्खता वाला काम किया ! उन्होने कहा अगर
सेना ही नहीं है तो ये बंब,बंदुके
बनाने की क्या जरूरत है ! तो गोला बारूद बनाने वाले
कारखानो मे उत्पादन पर रोक लगा दी और वहाँ
काफी बनाने के प्याले चाय बनाने के प्याले आदि का काम
शुरू करवा दिया !!
और उनको जो इस तरह के बयान आते थे तो चीन को
लगा कि ये तो बहुत मूर्ख आदमी है ! कहता है सेना
को हटा लो ! सेना का खर्चा कम कर दो ! गोला बारूद बनाना बंद कर दो !
और खुद दुनिया भर मे घूमता रहता है ! कभी सेना के
लोगो के पास न जाना ! सेना के साथ को meeting न करना ! इस तरह
के काम करते रहते थे !
तो चीन को मौका मिल गया ! और चीन एक
मौका ये भी मिल गया !चीन को लगा
की vk kirashan तो प्रधानमंत्री (नेहरू )
के आदमी है !! तो शायद नेहरू की
भी यही मान्यता होगी !
क्यूंकि vk krishan नेहरू का खास दोस्त था तो नेहरू ने उसको
रक्षा मंत्री बना दिया था ! वरना vk krishan कोई बड़ा
नेता नहीं था देशा का ! जनता मे कोई उनका प्रभाव
नहीं था ! बस नेहरू की
दोस्ती ने उनको रक्षा मंत्री बना दिया !!
और वो हमेशा जो भाषण देते थे !लंबा भाषण देते थे 3 घंटे 4 घंटे !
लेकिन आप उनके भाषण का सिर पैर नहीं निकाल सकते
थे कि उन्होने बोला क्या ! ऐसे मूर्ख व्यक्ति थे vk krishan
menon !
तो ये सब मूर्खता देख कर चीन ने भारत पर हमला किया
और भारत का एक इलाका था aksai chin !
वहाँ चीन ने पूरी ताकत से हमला किया !
और हालात क्या थे आप जानते है ! सेना को वापिस बुला लिया था
पहले ही !! सेना का बजट कम था ! गोला बारूद के
कारखाने बंद थे !! तो चीनी सैनिको ने बहुत
मनमानी कि उस askai chin के क्षेत्र मे !!
और जो सबसे बुरा काम किया ! चीनी सैनिको
ने सैंकड़ों महिलाओ के साथ जमकर बलत्कार किए !! वहाँ हजारो
युवको कि ह्त्या करी ! askai chin का जो इलाका है
वहाँ सुविधाए कुछ ऐसे है कि लोग वैसे ही अपना
जीवन मुश्किल से जी पाते है ! रोज का
जीवन चलाना ही उनको लिए
किसी युद्ध से कम नहीं होता ऊपर से
चीन का हमला !!
तो वहाँ के लोगो ने उस समय बहुत बहुत दुख झेला ! और वहाँ
हमारी सेना नहीं थी ! तो वहाँ
लोगो के मन हमारी सरकार के विरुद्ध एक विद्रोह
की भावना उतपन हुई ! और वो आज भी
झलकती है ! आज भी आप वहाँ जाये तो
वहाँ लोग ये सवाल करते है कि जब चीन ने हमला किया
था तो आपकी सेना कहाँ थी ! और सच है
हम लोगो के पास इसका कोई जवाब नहीं ! तो उनमे एक
अलगाव कि भावना उतपन हुई जो अलग क्षेत्र की मांग
करने लगे !!!
तो हमले मे चीन ने हमारी 72 हजार
वर्ग मील जमीन पर कब्जा कर लिया ! और
हमारा तीर्थ स्थान कैलाश मानसरोवर भी
चीन के कब्जे मे चला गया ! और बहुत शर्म कि बात
है आज हमे अपने तीर्थ स्थान पर जाने के लिए
चीन से आज्ञा लेनी पड़ती
है ! और इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ नेहरू और vk
krishan menon जैसे घटिया और मूर्ख किसम के नेता थे !!!
__________________________
__________________________
तो युद्ध के बाद एक बार संसद मे भारत-चीन युद्ध पर
चर्चा हुई ! सभी सांसदो के मुह से जो एक स्वर सुनाई
दे रहा था ! वो यही था !कि किसी
भी तरह चीन के पास गई 72 हजार वर्ग
मील जमीन और हमारा तीर्थ
स्थान कैलाश मानसरोवर वापिस आना चाहिए !
महावीर त्यागी जी जो उस
समय के बहुत महान नेता थे !उन्होने ने सीधा नेहरू
को कहा कि आप ही थे जिनहोने सेना हटाई ! सेना का
बजट कम किया ! गोला बारूद बनाने के कारखाने बंद करवाये! आप
ही के लोग विदेशो मे घूमा करते थे ! और
आपकी इन गलितयो ने चीन को मौका मिला
और उसमे हमला किया और हमारी 72 हजार वर्ग
मील जमीन पर कब्जा कर लिया !!
अब आप ही बताए कि आप ये 72 हजार वर्ग
मील जमीन को कब वापिस ला रहे
है ?????!
तो इस हरामखोर नेहरू का जवाब सुनिए ! नेहरू ने कहा फिर क्या
हुआ अगर वो जमीन चली गई !
चली गई तो चली गई ! वैसे भी
बंजर जमीन थी घास का टुकड़ा
नहीं उगता था ! ऐसी जमीन
के लिए क्या चिंता करना !!
तो त्यागी जी ने बहुत ही
बढ़िया जवाब दिया ! त्यागी जी ने कहा नेहरू
जी उगता तो आपके सिर पर भी कुछ
नहीं ! तो इसको भी काट कर
चीन को देदो ! और इत्फ़ाक से नेहरू उस समय
पूरी तरह गंजा हो चुका था !!

No comments:

Post a Comment