Thursday 7 May 2015

इस मंदिर में बिना ईंधन जलती है ज्योत

इस मंदिर में बिना ईंधन जलती है ज्योत

मां ज्वाला शक्तिपीठ कांगड़ा घाटी का प्रसिद्ध मंदिर है। इस स्थान पर मां सती की जीभ गिरी थी। यहां कि देवी मां अंबिका और अनमाता भैरव के रूप में भगवान शिव हैं। इस मंदिर में ज्वाला रूप में माता का पूजन किया जाता है। यहां की नौ ज्वालाओं का नाम देवी के नाम पर रखे गए हैं। इनके नाम इस प्रकार है महाकाली, मां अन्नपूर्णा, मां चंडी, मां हिंगलाज, विन्ध्यवासिनी, महालक्ष्मी, महा सरस्वती, मां अम्बिका और अंजना देवी।

मंदिर में लगातार किसी भी ईंधन या सहायता के बिना ,एक चटटान से निकलती ये ज्वालाएं देखी जा सकती है। कहते हैं सम्राट अकबर ने आग बुझाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन हर बार असफल रहा। अंत में उसे भी मां की शक्ति का आभास हुआ आैर उसने यहां सोने का छत्र चढ़ाया। ज्वाला देवी शक्तिपीठ में माता की ज्वाला के अलावा एक अन्य चमत्कार भी देखने को मिलता है। मंदिर के पास ही 'गोरख डिब्बी' है। यहां एक कुण्ड में पानी खौलता हुआ प्रतीत होता, जबकि छूने पर कुंड का पानी ठंडा लगता है।

ज्वालादेवी की कथा

ज्वाला माता से संबंधित गोरखनाथ की कथा इस क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। कथा है कि भक्त गोरखनाथ यहां माता की आरधाना किया करता था। एक बार गोरखनाथ को भूख लगी तब उसने माता से कहा कि आप आग जलाकर पानी गर्म करें, मैं भिक्षा मांगकर लाता हूं। माता आग जलाकर बैठ गए और गोरखनाथ भिक्षा मांगने चले गए।
इसी बीच समय परिवर्तन हुआ और कलियुग आ गया। भिक्षा मांगने गए गोरखनाथ लौटकर नहीं आए। तब ये माता अग्नि जलाकर गोरखनाथ का इंतजार कर रही हैं। मान्यता है कि सतयुग आने पर बाबा गोरखनाथ लौटकर आएंगे, तब-तक यह ज्वाला यूं ही जलती रहेगी।

कैसे पहुंचे

यहां पहुंचना बेहद आसान है। यह जगह वायु मार्ग, सड़क मार्ग और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुडी हुई है।
वायु मार्ग
ज्वाला जी मंदिर जाने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा गगल में है, जो कि ज्वाला देवी मंदिर से 46 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यहां से मंदिर तक जाने के लिए कार व बस सुविधा उपलब्ध है।

रेल मार्ग
रेल मार्ग से जाने वाले यात्री पठानकोट से चलने वाली स्पेशल ट्रेन की सहायता से मरांदा होते हुए पालमपुर आ सकते है। पालमपुर से मंदिर तक जाने के लिए बस व कार सुविधा उपलब्ध है।

सड़क मार्ग
पठानकोट, दिल्ली, शिमला आदि प्रमुख शहरो से ज्वालामुखी मंदिर तक जाने के लिए बस व कार सुविधा उपलब्ध है। यात्री अपने निजी वाहनो व हिमाचल प्रदेश टूरिज्म विभाग की बस से भी वहां तक पहुंच सकते है। दिल्ली से ज्वाला जी के लिए दिल्ली परिवहन निगम की सीधी बस सुविधा भी उपलब्ध है।




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