Thursday, 14 May 2015

 एक शोधपूर्ण सच्चाई 

ब्राजील देश ने हमारी देसी गायों का आयात कर अब तक 65 लाख गायों की संख्या कर ली है । और इससे भी दोगुनी उन लोंगो ने दूसरे देशों में निर्यात की है।उन लोगों ने दिल से इन गौवंश (  सांडो सहित ) की सेवा कर आज औसत में एक गाय से दिनभर में करीब 40 लीटर दूध पाने की शानदार स्थिति बना ली ।

अब सुनिए दूसरी बात :
ब्राजील इस दूध से पाउडर बना कर ऑस्ट्रेलिया निर्यात करता है  और ऑस्ट्रेलिया अपनी जर्सी -होलस्टीन युवान ( जिन्हें हम गाय कहते नहीं थकते ! ) के दूध से पाउडर निकाल कर हमारे देश भारत को भेजता है । इस पाउडर को ऑस्ट्रेलिया में उपयोग में लाने पर कड़ा प्रतिबन्ध है । वे सिर्फ ब्राजील के दूध पाउडर को ही उपयोग में लाते हैं ।

क्यों ? क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के दूध पाउडर से डायबिटीज़, कैंसर जैसी भयंकर बीमारी फैलती है । आज हमारा भारत डायबिटीज़ व कैंसर की बीमारी की विश्व राजधानी बनता जा रहा है । भारत की प्रत्येक डेयरी में हुए सम्पूर्ण दूध में से फेट ( क्रीम-मक्खन ) निकालकर उसमे इस आयातित दूषित ऑस्ट्रेलियन दूध पाउडर को मिलाकर प्रोसेस किया जाकर थैलियों के माध्यम से हमारी रसोई तक पहुंचाया जाता है ।

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पाकिस्तान रहने वाले हिंदुओं पर सनसनीखेज खुलासा

कोई भी हिंदू विवाहित नहीं

पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी इस समय 30 लाख के करीब है। वहां रहने वाले हिंदुओं पर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हैरानी की बात है कि पाकिस्तान के सबसे बड़े अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में कोई भी हिंदू विवाहित नहीं है या यूं कह लें कि सभी पाकिस्तानी हिंदू कुंवारे हैं। यह एक कटु सत्य है और इस सत्य पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट और सरकार भी अपनी मौहर लगा चुकी है।

इतिहास शोधकर्ता सुरेंद्र कोछड़ ने बुधवार यह उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान में किसी भी हिंदू के पास शादी का प्रमाण-पत्र नहीं है, जिस से यह साबित हो सके कि पाकिस्तान में रहते हिंदू शादीशुदा हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हिंदू अनेकों बार पाकिस्तान सरकार से हिंदू विवाह पंजीकरण एक्ट पास करने की गुहार लगा चुके हैं।

कोछड़ ने बताया कि पाकिस्तान में हिंदू विवाह पंजीकरण एक्ट पास न होने के कारण वहां हुई हिंदू शादियों को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है और इस कारण वहां के हिंदुओं को अनेकों सामाजिक व आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिना शादी प्रणाण पत्र के जहां एक ओर विधवा हिंदू औरतें दिवगंत पति की संपत्ति पर दावा नहीं कर पाती, वहीं जब शादीशुदा हिंदू महिआयों से मुस्लिम अगवाकारों द्वारा अपहरण के बाद जबरदस्ती शादी की जाती है तो हिंदू-विवाह प्रमाण पत्र पास न होने के कारण उन्हें अदालती न्याय नहीं मिल पाता। 

यह एक्ट लागू न होने के कारण अपने पतियों से मतभेद या उन के हाथों प्रताड़ित होने के बावजूद हिंदू महिलाएं अदालत में तलाक तथा पुन: विवाह के लिए आवेदन नहीं कर सकतीं। पाकिस्तानी हिंदुओं की मांग पर सन् 2014 में हिंदू मैरिज़ बिल नैशनल असैंबली में पेश तो किया गया था, परन्तु वह बिल पास न हो सका। 

उसके बाद वर्ष 2015 के आरम्भ में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा नवाज़ शरीफ सरकार को प्रस्तावित हिंदू विवाह पंजीकरण विधेयक मसौदा जनवरी 2015 के दूसरे सप्ताह तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था, परन्तु एक बार फिर कोर्ट के आदेश और पाकिस्तानी हिंदुओं की गुहार न्यायाल्य की फाईलों के नीचे दब कर रह गई।कोछड़ के अनुसार पाकिस्तानी हिंदू चाईल्ड मैरिज़ रिस्टरेंट (प्रतिबंध) एक्ट 2013, जिस के अंत्रगत 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी समुदाय या धर्म के लड़के या लड़की की शादी नहीं की जा सकती; को भी सख़्ती से लागू करवाने के गुहार लगा रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि सिंध जैसे बहु गिनती वाले हिंदू राज्य में भी शरेआम मुस्लिम युवकों द्वारा नाबालिग हिंदू लड़कियों को उठाया जाता है और उन्हें जबरन इस्लाम कुबूल करवा कर मुसलमान बना दिया जाता है।

चाईल्ड मैरिज़ रिस्टरेंट एक्ट सख़्ती से लागू न होने के कारण किसी भी जज ने आज तक किसी कम उम्र पाकिस्तानी हिंदू लड़की के इस मामले में अदालत में पेश होने पर उसकी उम्र जानने की जहमत नहीं की। इस कारण अदालत में पेश किए जाने वाले अधिकतर मामलों में फरियाद करने वाले हिंदुओं को इन्साफ नहीं मिल पाता।

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