1946 के आम चुनावो के बाद जो सर्वदलीय संसद बनी उसमे विभाजन के प्रस्ताव को पारित करने हेतु सयुक्त रूप से 157 वोट समर्थन में डाले गए , जिसमे प्रमुख पार्टिया {कांग्रेस , मुस्लिम लीग और कंस्युनिस्ट पार्टी थी } पहला हाथ नेहरू ने उठाया था।
देश को बाटने के विरोध में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के 13 वोट पड़े और रामराज्य परिषद के 4 वोट पड़े इस तरह विभाजन का प्रस्ताव पारित हो गया।
उसके बाद की समस्त प्रक्रिया दिल्ली में आरंगजेब रोड स्थित मुहमद अली जिन्ना के घर पर ही सम्पूर्ण हुई।
देश को बाटने के विरोध में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के 13 वोट पड़े और रामराज्य परिषद के 4 वोट पड़े इस तरह विभाजन का प्रस्ताव पारित हो गया।
उसके बाद की समस्त प्रक्रिया दिल्ली में आरंगजेब रोड स्थित मुहमद अली जिन्ना के घर पर ही सम्पूर्ण हुई।
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हार्दिक हमेशा दावा करते हैं कि उनका किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई वास्ता नहीं है, लेकिन हार्दिक की पिछली राजनीतिक गतिविधियां मोदी विरोधी रही हैं। हार्दिक ने हमेशा पीएम मोदी का विरोध किया है।
2014 में आयोजित हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हार्दिक सक्रिय तौर पर 'आम आदमी पार्टी' का समर्थन कर रहे थे। चुनाव के दौरान ही हार्दिक द्वारा किए गए ट्वीट में मोदी को 'जनता का सबसे बुरा विश्वासघाती' बताया गया था।
हार्दिक के नजदीकी मित्र चिराग पटेल भी पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के मुख्य सदस्यों में से एक हैं। चिराग ने 2012 में गुजरात विधानसभा चुवाव में पूर्व सीएम केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी की ओर से घाटलोडिया विधानसभा से आनंदीबेन पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। बाद में 'आम आदमी पार्टी' जॉइन कर ली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हार्दिक ने 'आम आदमी पार्टी' के समर्थन में काम किया था।
26 मार्च, 2014 को किए एक ट्वीट में हार्दिक ने नरेंद्र मोदी को 'धोखेबाज' बताया। ट्वीट में लिखा 'धोखेबाज कौन है, वो हम सब गुजरात वाले जानते हैं। मोदी सबसे बड़ा धोखेबाज है।'
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अजीब हाल है देश के लोगो का, एक तरफ नींद हैं, जो लोगों को रात भर नही आती l
और..दूसरी तरफ ज़मीर हैं, जो हर वक़्त सोया रहता हैं l
और..दूसरी तरफ ज़मीर हैं, जो हर वक़्त सोया रहता हैं l
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चार दोस्त होटल में खाना खाने के बाद आपस में बिल देने पर
उलझ पड़े सब बोल रहे थे में बिल दूंगा
.
आखिर में तय हुआ जो होटल का चक्कर लगाकर पहले आएगा वो बिल देगा...
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उन्होंने मेनेजर को सिटी बजाने को कहा
.
मैनेजर ने सीटी बजाई चारों भाग पड़े।
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मैनेजर आज भी उनके आने का इन्तजार कर रहा है...
ये होती है दोस्ती....
उलझ पड़े सब बोल रहे थे में बिल दूंगा
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आखिर में तय हुआ जो होटल का चक्कर लगाकर पहले आएगा वो बिल देगा...
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उन्होंने मेनेजर को सिटी बजाने को कहा
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मैनेजर ने सीटी बजाई चारों भाग पड़े।
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मैनेजर आज भी उनके आने का इन्तजार कर रहा है...
ये होती है दोस्ती....
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