Tuesday, 4 August 2015

दो मित्र घुमते - २ काबुल जा पहुंचे जहाँ उन्हें कोई नहीं जानता था।
एक नाई था और दूसरा कसाई।
वह चाहते थे कि इस नगर में उनकी आवभगत हो, लोग उनका सम्मान करें।
उन्होंने एक जुगत लगाई। दोनों मित्र आपस में ऊंचे स्वर में बात करने लगे और व्यर्थ विवाद करने लगे।
बातचीत के समय एक मित्र दुसरे को मौलवी साहेब कहकर सम्बोधित करता तो दूसरा पहले को हाजी साहेब।
खैर ! बात समाप्त हुई और एक मौलवी साहेब के नाम से जाना जाने लगा और दूसरा हाजी साहेब के नाम से। उन्हें वह सम्मान मिल गया जो वह चाहते थे।
तभी से अफ़ग़ानिस्तान में एक कहावत प्रसिद्द है, " तू मुझे मुल्ला कह, मैं तुझे हाजी कहता हुँ. "
आज जब ओवैसी का बयान और उसपर कुछ हिन्दू नेताओं की प्रतिक्रिया देखि तो मुझे वह कहावत याद आ गई। ना ओवेसी की कोई ओकात है और ना ही ऊसी पर प्रतिक्रिया देने वाले नेताओ की कोई ओकात है, दोनों एक दूसरे को प्रासंगिक बनाये रखते है।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,






ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से करीब 150 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में स्थित ‘व्हीलर द्वीप’ का नाम परमाणु वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर होगा।
देश के सबसे उन्नत मिसाइल परीक्षण गढ़ के रूप में मशहूर इस द्वीप को अब ‘कलाम द्वीप’ के नाम से जाना जाएगा। इस द्वीप से पृथ्वी, अग्नि, आकाश, ब्रह्मोस, प्रहार, शौर्य, निर्भय जैसी विभिन्न प्रकार की 75 मिसाइलों का परीक्षण हो चुका है।
स्वयं मिसाइल मैन कलाम ने भी इस द्वीप से कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। इस द्वीप पर सिर्फ जहाज के जरिए ही पहुंचा जा सकता है।

No comments:

Post a Comment