Wednesday, 26 August 2015

सहजन खाओ सेहत बनाओ   .........
भारत में एक से बढ़कर एक सेहत का खजाना मौजूद है। चाहे वो सब्जी के रूप में हो, चाहे फलों के रूप में और चाहे आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में। सहजन (Drumstick) एक ऐसी की रोगनाशक शक्ति है जिसे सब्जी के रूप में भारत के विभिन्न राज्यों में उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार सहजन 300 से भी अधिक रोगों को दूर भगाने वाली प्राकृतिक औषधि है जिसे हफ्ते में 1-2 दिन खाते रहने से कई बीमारियाँ दूर हो जाती है।
सहजन या मुनगा जड़ से लेकर फूल-पत्तियों तक सेहत का खजाना है। इसके ताजे फूल से हर्बल टॉनिक बनाया जाता है और इसकी पट्टी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। सहजन का वनस्पति नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। फिलीपीन्स, मैक्सिको, श्रीलंका, मलेशिया आदि देशों में सहजन का उपयोग बहुत अधिक किया जाता है।
भारत में खासकर दक्षिण भारत में इसका उपयोग विभिन्न ब्यंजनो में खूब किया जाता है। इसका तेल भी निकाला जाता है और इसकी छाल पत्ती गोंद, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवाएं तैयार की जाती हैं। आयुर्वेद में 300 रोगों का सहजन से उपचार बताया गया है। इसलिए इसके खाने से लाभों के बारे में बताया जा रहा है –
1. सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार इसमें दूध की तुलना में 4 गुना कैल्शियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है। प्राकृतिक गुणों से भरपूर सहजन इतने औषधीय गुणों से भरपूर है कि इसकी फली के अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं। यह सिर्फ खाने वाले के लिए ही नहीं, बल्कि जिस जमीन पर यह लगाया जाता है, उसके लिए भी लाभप्रद है।
2. सहजन पाचन से जुड़ी समस्याओं को खत्म कर देता है। हैजा, दस्त, पेचिश, पीलिया और कोलाइटिस होने पर इसके पत्ते का ताजा रस, एक चम्मच शहद, और नारियल पानी मिलाकर लें, यह एक उत्कृष्ट हर्बल दवाई है।
3. कुपोषण पीड़ित लोगों के आहार के रूप में सहजन का प्रयोग करने की सलाह दी गई है। एक से तीन साल के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह वरदान माना गया है। सहजन की जड़ का अजवाइन, हींग और सौंठ के साथ काढ़ा बनाकर पीने का प्रचलन है। इसका काढ़ा साइटिका रोग के साथ ही, पैरों के दर्द व सूजन में भी बहुत लाभकारी है।
4. इसका जूस प्रसूता स्त्री को देने की सलाह दी जाती है। इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है।
5. इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती है। इसके अलावा इसमें आयरन, मैग्नीशियम और सीलियम होता है। इसीलिए महिलाओं व बच्चों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए। इसमें जिंक भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि पुरुषों की कमजोरी दूर करने में अचूक दवा का काम करता है। इसकी छाल का काढ़ा और शहद के प्रयोग से शीघ्र पतन की बीमारी ठीक हो जाती है और यौन दुर्बलता भी समाप्त हो जाती है।
6. सहजन में ओलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह एक तरह का मोनोसैच्युरेटेड फैट है और यह शरीर के लिए अति आवश्यक है। साथ ही सहजन में विटामिन सी बहुत मात्रा में होता है। यह कफ की समस्या में भी रामबाण दवा की तरह काम करता है। जुकाम में सहजन को पानी में उबाल कर उस पानी का भाप लें।

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