संस्कृत वाक्य अभ्यासः
किमपि सरलं सरलं वदतु
= कुछ भी सरल सरल बोलिये
= कुछ भी सरल सरल बोलिये
त्रुटि: भवति चेत् चिन्ता मास्तु
= दोष हो जाए तो भी चिन्ता न करें
= दोष हो जाए तो भी चिन्ता न करें
कोsपि न हसिष्यति , निश्चिन्तः भवतु
= कोई नहीं हँसेगा , निश्चिन्त राहिए
= कोई नहीं हँसेगा , निश्चिन्त राहिए
प्रतिदिनम एकं वाक्यं वदतु
= हररोज एक वाक्य बोलें
= हररोज एक वाक्य बोलें
प्रतिदिनम एकं वाक्यं पठतु
= हररोज एक वाक्य पढ़ें
= हररोज एक वाक्य पढ़ें
वर्षे 365 वाक्यानि भविष्यन्ति
= वर्ष में 365 वाक्य होंगे ।
= वर्ष में 365 वाक्य होंगे ।
(त्रिशतं पञ्चषष्ठि: वाक्यानि )
दशवर्षेषु सहस्त्राणि वाक्यानि
= दस वर्ष में हजारों वाक्य
= दस वर्ष में हजारों वाक्य
श्रवणम् , संभाषणम् , पठनम् , लेखनम्
= सुनना , बोलना , पढ़ना , लिखना ,
= सुनना , बोलना , पढ़ना , लिखना ,
संस्कृत-भाषायामेव भवतु
= संस्कृत में ही होने दीजिये
= संस्कृत में ही होने दीजिये
प्रातः - सायं संस्कृत कार्यम्
= सुबह शाम संस्कृत का काम
= सुबह शाम संस्कृत का काम
पवित्रे-कार्ये न कदापि विरामः
= पवित्र कार्य में न कभी विराम हो
= पवित्र कार्य में न कभी विराम हो
संकल्पबद्धा: वयं भवामः
= हम संकल्पबद्ध होते हैं ।
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= हम संकल्पबद्ध होते हैं ।
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संस्कृत वाक्य अभ्यासः
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सर्वे स्वं स्वं नाम वदन्तु
= सभी अपना नाम बोलिये
= सभी अपना नाम बोलिये
सर्वे स्वं स्वं नाम जानन्ति
= सब अपना अपना नाम जानते हैं ।
= सब अपना अपना नाम जानते हैं ।
बहु शोभनम् = बहुत अच्छा
सर्वे स्वं स्वं गोत्रं वदन्तु
= सभी अपना गोत्र बोलें ।
= सभी अपना गोत्र बोलें ।
गोत्रं न जानाति / न जानन्ति
= गोत्र नहीं जानते हो / जानते हैं
= गोत्र नहीं जानते हो / जानते हैं
पितामहस्य नाम वदतु
= दादाजी का नाम बोलिये
= दादाजी का नाम बोलिये
पितामहस्य नाम न जानाति
= दादाजी का नाम नहीं जानते हैं
= दादाजी का नाम नहीं जानते हैं
मातामहस्य नाम वदतु
= नानाजी का नाम बोलिये
= नानाजी का नाम बोलिये
मातामहस्य नाम न जानाति
= नानाजी का नाम नहीं जानते हैं ।
= नानाजी का नाम नहीं जानते हैं ।
पितामह्या: नाम , मातामह्या: नाम
= दादीजी का नाम , नानीजी का नाम
= दादीजी का नाम , नानीजी का नाम
स्वकुलस्य विषये न जानन्ति जनाः
= अपने कुल के बारे में लोग नहीं जानते हैं
= अपने कुल के बारे में लोग नहीं जानते हैं
अहो दुःखम् , अहो आश्चर्यम् ।
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