Friday, 14 August 2015

चमत्कारिक चूर्ण:: मोटापा एवं अनेक रोगों से मुक्त होने का अचूक उपाय
मेथी दाना -२५० ग्राम ,अजवाइन-१०० ग्राम ,काली जीरी-५० ग्राम ।
      उपरोक्त तीनो चीज़ों को साफ़ करके हल्का सा सेंक लें ,फिर तीनों को मिलाकर मिक्सर मेंइसका पॉवडरबना लें और कांच की किसी शीशी में भर कर रख लें । रात को सोते समय १/२चम्मच पॉवडरएक गिलास कुनकुने पानी के साथ नित्य लें ,इसके बाद कुछ भी खाना यापीना नहीं है ।इसे सभी उम्र के लोग लेसकते हैं । फायदा पूर्ण रूप से ८०-९० दिन में हो जायेगा ।
लाभ :-
इस चूर्ण को नित्य लेने से शरीर के कोने -कोने में जमा पड़ी सभी गंदगी (कचरा )मल और पेशाब द्वारा निकलजाता है ,फ़ालतू चर्बी गल जाती है ,चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाती है ,और शरीर तेजस्वी और फुर्तीला होजाता है ।अन्य लाभ इस प्रकार हैं --
१. गठिया जैसा ज़िद्दी रोग दूर हो जाताहै ।
२. शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है ।
३. पुरानी कब्ज़ से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है ।
४. रक्त -संचार शरीर में ठीक से होने लगता है ,शरीर की रक्त - नलिकाएं शुद्ध हो जाती हैं ,रक्त में सफाई और शुद्धता की वृद्धि होती है ।
५. ह्रदय की कार्य क्षमता में वृद्धिहोती है ,कोलेस्ट्रोलकम होता है ,जिस से हार्ट अटैक का खतरा नहीं रहता |
६. हड्डियां मजबूत होती हैं ,कार्य करने की शक्तिबढ़ती हैं ,स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होतीहै ।थकान नहीं होती है ।
७. आँखों का तेज़ बढ़ता है ,बहरापन दूर होता है ,बालों का भी विकास होता है,दांत मजबूत होते हैं ।
८. भूतकाल में सेवन की गयी एलोपैथिकदवाओं के साइड - इफेक्ट्स से मुक्ति मिलतीहै ।
९. खाना भारी मात्रा में या ज्यादाखाने के बाद भी पच जाता है (इसका मतलब येनहीं है कि आप जानबूझ कर ज्यादा खा ले) ।
१०. स्त्रियों का शरीर शादी के बादबेडौल नहीं होता ,शेप में रहता है ,,शादी के बाद होने वालीतकलीफें दूर होती हैं ।
११. चमड़ी के रंग में निखार आता है ,चमड़ी सूख जाना ,झुर्रियां पड़ना आदि चमड़ी के रोगों से शरीर मुक्त रहता है ।
१२. शरीर पानी ,हवा ,धूपऔर तापमान द्वारा होने वाले रोगों से मुक्त रहता है ।
१३. डाइबिटीज़ काबू में रहती है ,चाहें तोइसकी दवा ज़ारी रख सकते हैं।
१४. कफ से मुक्ति मिलती है ,नपुंसकता दूर होती है,,व्यक्ति का तेज़ इस से बढ़ता है ,जल्दी बुढ़ापा नहीं आता ,। उम्र बढ़ जाती है |
१५. कोई भी व्यक्ति ,किसी भी उम्र का हो ,इस चूर्ण का सेवन कर सकता है ,मात्रा का ध्यान रखें ।
· पुरानी कब्जी से होने वाले रोग दूर होते है। पाचन शक्ति बढ़ती है।
· गठिया वादी हमेशा के लिए समाप्त होती है।
· दांत मजबूत बनते है। हडिंया मजबूत होगी।
· आख का तेज बढ़ता है कानों से सम्बन्धित रोग व बहरापन दूर होता है।
· शरीर में अनावश्यक कफ नहीं बनता है।
· कार्य क्षमता बढ़ती है, शरीर स्फूर्तिवान बनता है। घोड़े के समान तीव्र चाल बनती है।
· चर्म रोग दूर होते है, शरीर की त्वचा की सलवटें दूर होती है , टमाटर जैसी लालिमा लिये शरीर क्रांति-ओज मय बनता है।
· स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा कदम आयु भी बढ़ती है , यौवन चिरकाल तक बना रहता है।
· पहले ली गई एलोपेथिक दवाईयां के साइड इफेक्ट को कम करती है।
· इस दवा को लेने से शुगर (डायबिटिज) नियंत्रित रहती है।
· बालों की वृद्धि तेजी से होती है।
· शरीर सुडौल , रोग मुक्त बनता है।
स्वामी रामदेवजी के योग करने से दवाई का जल्दी लाभ होता है।
परहेजः -
 1. इस दवाई को लेने के बाद रात्रि मे कोई दूसरी खाद्य-सामग्री नहीं खाएं।
2. यदि कोई व्यक्ति धुम्रपान करता है , तम्बाकू-गुटखा खाता या मांसाहार करता है तो उसे यह चीजे छोड़ने पर ही दवा फायदा पहुचाएंगी।
3. शाम का भोजन करने के कम-से-कम दो घण्टे बाद दवाई लें।

 कालीजीरी, करजीरा। संस्कृत अरण्यजीरक, कटुजीरक, अंग्रेजी पर्पल फ्लीबेन। लैटिन वर्नोनिया एन्थेलर्मिटिका।
गुण :
काली जीरी आकार में छोटी और स्वाद में तेज, तीखी होती है। इसका फल कडुवा होता है। यह पौष्टिक एवं उष्ण वीर्य होता है। यह कफ, वात को नष्ट करती है और मन व मस्तिष्क को उत्तेजित करती है। इसके प्रयोग से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं और खून साफ होता है। त्वचा की खुजली और उल्टी में भी इसका प्रयोग लाभप्रद होता है। यह त्वचा के रोगों को दूर करता है, पेशाब को लाता है एवं गर्भाशय को साफ व स्वस्थ बनाता है। यह सफेद दाग (कुष्ठ) को दूर करने वाली, घाव और बुखार को नष्ट करने वाली होती है। सांप या अन्य विषैले जीव के डंक लगने पर भी इसका प्रयोग लाभकारी होता हैं।
 ज्ञान अर्जन मौन ग्रुप 7404437199

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