मित्रों बिना पुर्वग्रेह के अधूरे विदेशी आधुनिक ज्ञान के कारण ये देत्यों और दानवों पूरी पृथ्वी पर अपनी भोग-वाशना की प्यास बुझाने के लिए ? आधुनिकता के नाम पर ये पूरी पृथ्वी का नाश करने पर उतावले हैं , और पूरी मानवता और पर्यावरण को गंभीर संकट में डाल दिया है ग्लोबल-वार्मिग का झूठा प्रोपोगंडा कर एक-दूसरों पर कीचड़ उछाल रहें हैं ? सच तो ये है जबसे इन देत्यों और इन राखछसों के हात वेद-शास्त्र, जो लूट कर अपनी व्यवसायिक भूख मिटाने के लिए कर रहें हैं , इसमें से अथर्वेद जिसमें तंत्र-विध्या, (तांत्रिक विज्ञानं) जैविक-रसायन, (विष विज्ञानं) सम्मोहन आदि से ये मनुष्यों का मानसिक हरण कर बदहवास बुरी तरेह पुरे पर्यावरण को लूट रहे हैं ,, वहीँ अभी भी कुछ रेहेस्यों की पहली अनछुई है , और इन विनाश्कारि ज्ञानीयों के जिए रेहेस्य बनी हुयी है , अब लगभग पूरा विज्ञानं लगभग विनाश करने के बाद आये परिणामों के बाद आब भारतियों के ऋषिओं के ज्ञान पर अपना ध्यान गढ़ाए हुए है की कैसे ये भारतीय अपनी प्राकर्तिक संरचना से अपना जीवन यापन करते थे -----इसका कारण है की जो भी वेदों और शास्त्रों में लिखा गया है वह लगभग बिकुल सटीक बैठता है ----उधाहरण के लिए देखिये ___---------
Kashyapa Mahamuni:
Marichi son was one of the ten manasa putras of Brahma. Has 13 daughters Adit, Diti, Kadree, Danu etc. His sons Avatsara and Asita also Garuda and Aruna. 12 adityas are sons of Aditi & Kashyapa. He is als father of Devas, Asuras, Nagas, Apsaras, Ghandharvas, Rahu and all humanity. Through Aditi he begot Agni and Aditya. Second wife is Diti gave Datyas. Diti daughter of Dasaratha and has sister Sati a consort of Shiva. He wrote vaastu sastra and built palaces for kings etc.
Kashyapa Mahamuni:
Marichi son was one of the ten manasa putras of Brahma. Has 13 daughters Adit, Diti, Kadree, Danu etc. His sons Avatsara and Asita also Garuda and Aruna. 12 adityas are sons of Aditi & Kashyapa. He is als father of Devas, Asuras, Nagas, Apsaras, Ghandharvas, Rahu and all humanity. Through Aditi he begot Agni and Aditya. Second wife is Diti gave Datyas. Diti daughter of Dasaratha and has sister Sati a consort of Shiva. He wrote vaastu sastra and built palaces for kings etc.
Rig-Veda 1.50.4 specifies velocity of light as
“taranirvisva darsato jyotiskrdasi
surya visvama bhasi rocanom”
surya visvama bhasi rocanom”
Sayancarya 1400AD
“ Yojananan saharam dve dve sate dve ca yojane ekna
nimisardhena karma mana namostute”
Sun light travels 2202 yojanas in ½ nimisha. Yojana is 9.11 miles, and there are 8,10,000 half nimisha in one full day of Earth. One second there are 8/75 half nimishas. Thus 2202*9.11/(8/75) =1,88064 miles/sec. (Maxmuller compilation of Rig-Veda 1890 not trustable of the figures and dates etc. since he distorted them heavily). Saayana Bhashya gives correct versions of the calculations.
Yojana Arthsatra gives 9.11 miles as 8000dhanus. One dhanasu is 6 feet. Arya bhata gives yojana as four krosas i.e 5 miles. Units specified in their work Saayana Bhashya is really marvelous. परन्तु ये वाक्य जो ना वेद्लिपि में हैं न संस्कृत में ये ब्रह्म-वाक्य है जो गुप्त शास्त्रों का सांकेतिक भाषा में लिखा गया है इसका अनुवाद अबतक रेहेस्यों में दफ़न है और पहली बना हुआ है ?
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