केरल के लव जिहाद की उदहारण सुनो :-
एक नैय्यर ब्राह्मण परिवार की लड़की थी । जिसका किसी स्थानीय मुसलमान परिवार के लड़के से प्रेम सम्बन्ध हो गया और दोनों ने शादी का निश्चय किया ।
लेकिन लड़की के परिवार वाले न माने और लड़की ने भागने का निश्चय किया । और रात को लड़की उस मुल्ले के संग भाग कर मुम्बई आ गई । किसी किराए के मकान पर दोनों रहने लगे और स्थानी मुस्लिम संगठन पूरा खर्चा दे रहे थे । क्योंकि उनका मुजाहिद काफिरों की लड़की जो भगा कर लाया था । तो मदद करने का हक तो बनता ही है न !
तो करीब एक वर्ष दोनों का खर्चा पानी सही से चलता रहा । लड़की गाँय का माँस खाना, नमाज़ पढ़ना सब कुछ सीख गई थी और अब एक साल बाद तक तो लड़की गर्भवती भी हो चुकी थी । लेकिन एक रात के बाद वो जब सोकर उठी तो देखा कि उसका शौहर नहीं है । बहुत ढूँढा लेकिन नहीं मिला । क्योंकि वो रात को ही भाग चुका था । शायद दूसरा लव जिहाद करने को निकला हो ।
तो लड़की अकेली हो गई ऊपर से गर्भवती । अब सहारा देने को कोई न मिला । तो स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने भी सहायता बंद कर दी । मकान मालिक की दया से कुछ दिन वो वहाँ रही । और उसका खाना भी वही देता रहा । लेकिन अब मकान मालिक ने भी किराया माँगना शुरू किया और लड़की की मुसीबत बढ़ने लगी थी । तो उसी मुस्लिम संगठन के पास जाकर गुहार लगाई । तो वे इस शर्त पर मदद करने को राज़ी हुए कि " तुम्हें २४ घण्टे AC room में रखा जायेगा । तुम्हें कुछ नहीं करना बस खाना है और आराम करना है " तो लड़की को थोड़ा सहारा हुआ ।
लेकिन अब पहले तो मौलवीयों ने लड़की का गर्भ घिरवा दिया । और अब उसके कमरे में रोज़ कुछ मुसलमान आने लगे और उस लड़की की आबरू लूटने लगे । लेकिन लड़की के पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था । अब धीरे धीरे लड़की को भी अपने साथ हुए इस धोखे की समझ आने लगी । लेकिन अत्याधित सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई लड़की बिमार पड़ गई । यौन रोग लग गए । तो अपने किए पर पछताने लगी और रोने लगी ।
अब तो मुल्लाओं ने उसको कमरे में निरवस्त्र रखना शुरू कर दिया था ताकि काफिर लड़की को और ज़लील किया जा सके । तो एक दिन कमरे में से वो लड़की ने भागने के लिए खिड़की में से बाहर को नंगी हालत में ही छलाँग लगा दी । क्योंकि किराये का कमरा पहली मंज़िल पर ही था । और लड़की को ज्यादा चोट भी न आई । बिमार हालत में वो लड़की भागने लगी । और रिक्शा वाले के पास गई । रिक्शा वाले ने पहले तो कम्बल से उसे ढका और लेकर रिक्शा को भगाने लगा । पीछे से वे मुल्ले जो उसके साथ मज़ा करने आए थे, उन्होंने देख लिया और रिक्शा के पीछे भागते हुए पत्थर मारने लगे । लेकिन रिक्शा वाला साहसी था और रिक्शा तेज़ी से लेकर पुलीस थाने पहुँचा । पुलीस ने लड़की को सम्भाला और पूछताछ के बाद मुल्लों की स्लम बस्ती में छापा मारा जिसमें पहले से तैय्यार मुजाहिदों ने पिस्तौलों से हम्ला कर दिया । और अब वो बस्ती रण का मैदान बन गई । दोनों ओर से ज़बरदस्त फायरिंग हुई । जिमें एक कांसलेबल घायल हो गया । और तीन मुल्ले अल्लाह को प्यारे हो गए । कई लोगों को गिरफ्तार किया गया ।
और लड़की को केरल वापिस उसके घर पहुँचाया गया है । लेकिन जिस हालत में वो वापिस गई है । अपने किये पर शरमिंदा है ।
हिंदू लड़कियों से प्रश्न है कि यदि सभी लोग एक जैसे नहीं होते तो फिर क्यों नहीं आप लड़कियाँ हिंदू में से ही किसी अच्छे लड़के की तालाश करतीं ? अरे कम से कम तुम्हारी आबरू तो सुरक्षित रहेगी ! तुम्हारा सामूहिक शोषण तो नहीं होगा ?
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एक नैय्यर ब्राह्मण परिवार की लड़की थी । जिसका किसी स्थानीय मुसलमान परिवार के लड़के से प्रेम सम्बन्ध हो गया और दोनों ने शादी का निश्चय किया ।
लेकिन लड़की के परिवार वाले न माने और लड़की ने भागने का निश्चय किया । और रात को लड़की उस मुल्ले के संग भाग कर मुम्बई आ गई । किसी किराए के मकान पर दोनों रहने लगे और स्थानी मुस्लिम संगठन पूरा खर्चा दे रहे थे । क्योंकि उनका मुजाहिद काफिरों की लड़की जो भगा कर लाया था । तो मदद करने का हक तो बनता ही है न !
तो करीब एक वर्ष दोनों का खर्चा पानी सही से चलता रहा । लड़की गाँय का माँस खाना, नमाज़ पढ़ना सब कुछ सीख गई थी और अब एक साल बाद तक तो लड़की गर्भवती भी हो चुकी थी । लेकिन एक रात के बाद वो जब सोकर उठी तो देखा कि उसका शौहर नहीं है । बहुत ढूँढा लेकिन नहीं मिला । क्योंकि वो रात को ही भाग चुका था । शायद दूसरा लव जिहाद करने को निकला हो ।
तो लड़की अकेली हो गई ऊपर से गर्भवती । अब सहारा देने को कोई न मिला । तो स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने भी सहायता बंद कर दी । मकान मालिक की दया से कुछ दिन वो वहाँ रही । और उसका खाना भी वही देता रहा । लेकिन अब मकान मालिक ने भी किराया माँगना शुरू किया और लड़की की मुसीबत बढ़ने लगी थी । तो उसी मुस्लिम संगठन के पास जाकर गुहार लगाई । तो वे इस शर्त पर मदद करने को राज़ी हुए कि " तुम्हें २४ घण्टे AC room में रखा जायेगा । तुम्हें कुछ नहीं करना बस खाना है और आराम करना है " तो लड़की को थोड़ा सहारा हुआ ।
लेकिन अब पहले तो मौलवीयों ने लड़की का गर्भ घिरवा दिया । और अब उसके कमरे में रोज़ कुछ मुसलमान आने लगे और उस लड़की की आबरू लूटने लगे । लेकिन लड़की के पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था । अब धीरे धीरे लड़की को भी अपने साथ हुए इस धोखे की समझ आने लगी । लेकिन अत्याधित सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई लड़की बिमार पड़ गई । यौन रोग लग गए । तो अपने किए पर पछताने लगी और रोने लगी ।
अब तो मुल्लाओं ने उसको कमरे में निरवस्त्र रखना शुरू कर दिया था ताकि काफिर लड़की को और ज़लील किया जा सके । तो एक दिन कमरे में से वो लड़की ने भागने के लिए खिड़की में से बाहर को नंगी हालत में ही छलाँग लगा दी । क्योंकि किराये का कमरा पहली मंज़िल पर ही था । और लड़की को ज्यादा चोट भी न आई । बिमार हालत में वो लड़की भागने लगी । और रिक्शा वाले के पास गई । रिक्शा वाले ने पहले तो कम्बल से उसे ढका और लेकर रिक्शा को भगाने लगा । पीछे से वे मुल्ले जो उसके साथ मज़ा करने आए थे, उन्होंने देख लिया और रिक्शा के पीछे भागते हुए पत्थर मारने लगे । लेकिन रिक्शा वाला साहसी था और रिक्शा तेज़ी से लेकर पुलीस थाने पहुँचा । पुलीस ने लड़की को सम्भाला और पूछताछ के बाद मुल्लों की स्लम बस्ती में छापा मारा जिसमें पहले से तैय्यार मुजाहिदों ने पिस्तौलों से हम्ला कर दिया । और अब वो बस्ती रण का मैदान बन गई । दोनों ओर से ज़बरदस्त फायरिंग हुई । जिमें एक कांसलेबल घायल हो गया । और तीन मुल्ले अल्लाह को प्यारे हो गए । कई लोगों को गिरफ्तार किया गया ।
और लड़की को केरल वापिस उसके घर पहुँचाया गया है । लेकिन जिस हालत में वो वापिस गई है । अपने किये पर शरमिंदा है ।
हिंदू लड़कियों से प्रश्न है कि यदि सभी लोग एक जैसे नहीं होते तो फिर क्यों नहीं आप लड़कियाँ हिंदू में से ही किसी अच्छे लड़के की तालाश करतीं ? अरे कम से कम तुम्हारी आबरू तो सुरक्षित रहेगी ! तुम्हारा सामूहिक शोषण तो नहीं होगा ?
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आत्महत्या करने वाले किसानों की 180 विधवाओं को 15-15 हज़ार रुपयों से मदद की है।
नाना पाटेकर साहब के इस बेहतरीन काम को अंजाम देने के लिए दिल से सलाम,
काश कि आप जैसी सोच रखने वाले और लोग आगे आएँ तो एक बड़ी क्रांती की मशाल जलाई जा सकती है, काश कि हमारे देश के नेताओं की सोच आप जैसी हो जाए।
नाना पाटेकर साहब के इस बेहतरीन काम को अंजाम देने के लिए दिल से सलाम,
काश कि आप जैसी सोच रखने वाले और लोग आगे आएँ तो एक बड़ी क्रांती की मशाल जलाई जा सकती है, काश कि हमारे देश के नेताओं की सोच आप जैसी हो जाए।
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