Friday, 2 September 2016

 BSF के सुपर-40

‘क्रोकोडाइल कमांडो ...

कश्मीर में हालात को काबू करने और आतंकियों को कुचलने के लिए BSF ने स्पेशल कमांडो तैनात किए हैं। इन्हे क्रोकोडाइल कमांडो कहा जाता है।

             आतंकियों को कुचलने में ये कमांडों माहिर होते हैं। इनकी ट्रेनिंग उस स्तर की होती है जिसके बारे में सुनकर आप हैरान होने के साथ इन पर गर्व करेंगे। इन कमांडोंज को क्रोकोडाइल कमांडों कहा जाता है। इनको ट्रेनिंग खास तौर पर आतंकियों को रौंदने और कुचलने के लिए दी जाती है। इन कमांडोज की खासियत ये है कि ये दुश्मन के बगल में मौजूद रहेंगे लेकिन उसे खबर तक नहीं लगेगी।
         क्रोकेडाइल कमांडोज दुश्मन के साथ इस कदर घुलमिल जाते हैं कि दुश्मन इनकी पहचान नहीं कर पाते हैं। इनकी वेशभूषा, चहरे का रंग, बिजली वाली चाल। ये कमांडो आसपास के माहौल और मौसम से ऐसे घुल मिल जाते हैं कि‍ इनको पहचानना मुश्किल हो जाता है.। ये कमांडों हर  परिस्थिति में दुश्मन पर हमला करने में सक्षम हैं। बीएसएफ इजराइल की तर्ज पर बॉर्डर की सुरक्षा के लिए आधुनिक हथियार भी खरीद रही है
        इन सुपर कमांडोज को ऑपरेशन के दौरान किसी भी तरह की बाधा को पार करने की ट्रेनिंग दी जाती है। ग्वालियर के टेकनपुर की बीएसएफ अकादमी में ये ट्रेन होते हैं। ये कमांडो दुश्मनों की बात ट्रेस करने में भी माहिर होते हैं। कश्मीर के जंगलों में बैठे पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान और लोकेशन ट्रेस करने के बाद उन को नेस्तानबूद करने में ये माहिर होते हैं। कश्मीर में इनकी तैनाती से पाकिस्तान और वहां की सेना परेशान है।
BSF के सुपर40 क्रोकोडाइल कमांडोज जमीन के साथ साथ पानी के अंदर भी लड़ाई लड़ने में एक्सपर्ट होते हैं। आतंकी पानी के रास्ते भागने की कोशिश करे तो कैसे उसको काबू में करना है ये कमांडो जानते हैं। जमीन पर रेंगते हुए आंतकी तक ये कमांडों कब पहुंच जाते हैं आतंकियों को पता ही नहीं चलता। कश्मीर की भौगोलिंक संरचना को देखते हुए बीएसएफ के ये कमांडों बेहद अहम हैं।
इन  को क्रोकोडाइल कमांडों क्यों कहा जाता है
 दरअसल इन कमांडोज को ट्रेनिंग के दौरान मगरमच्छ से प्रेरणा लेने को कहा जाता है। जिस तरह मगरमच्छ धैर्य रखते हुए बेहद खामोश रहता है. पानी में उसकी सिर्फ आंखें नजर आती हैं। उसी तरह ये कमांडो भी धैय़ के साथ खामोशी से अपने शिकार का इंतजार करते हैं। जिस दौरान ये शिकार पर आंखे टिका देते हैं उसके बाद इनकी हलचल बंद हो जाती है।
BSF के सुपर कमांडों को तैयार करने का काम 2009 में शुरू हुआ था। ग्वालियर के टेकनपुर नें 7 सौ एकड़ में फैली फैक्ट्री में इनको ट्रेनिंग दी जाती है। ये जगह ग्वालियर से महज 32 किलोमीटर दूर है। बीएसएफ ने हाल में ही राजस्थान और गुजरात की सीमा पर क्रोक्रोडाइल कमांडो के साथ डेजर्ट स्कॉरर्पियन कमांडो की टीमें भी तैनात की हैं। बीएसएफ के इन सुपर कमांडो के रहते कश्मीर में पाकिस्तान की कोई चाल कामयाब नहीं होने पाएगी।



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