कलाकार.श्री शशिकांत ढोतरे जी के बनाये चित्र ...
सभी चित्र रंगीन पेंसिल से कागज पर बने हैं। जिसे देखकर अक्सर ही भ्रम हो जाता है । वाकई में अद्भुत.बिल्कुल.अद्भुत .अविश्वससनीय पेंटिंग !
कौन कहता है हमारे देश में कलाकार नहीं है ? एक था ''मकबूल फ़िदा हुसैन'' जिसे नारी में सिर्फ ''कामभोग'' दिखाई देता था ! और एक ये है शशिकांत जी जिन्हें नारी में एक भारतीय सौंदर्य और गृहणी नजर आती है !
नमन है शशिकांत जी की कला को ...
सभी चित्र रंगीन पेंसिल से कागज पर बने हैं। जिसे देखकर अक्सर ही भ्रम हो जाता है । वाकई में अद्भुत.बिल्कुल.अद्भुत .अविश्वससनीय पेंटिंग !
कौन कहता है हमारे देश में कलाकार नहीं है ? एक था ''मकबूल फ़िदा हुसैन'' जिसे नारी में सिर्फ ''कामभोग'' दिखाई देता था ! और एक ये है शशिकांत जी जिन्हें नारी में एक भारतीय सौंदर्य और गृहणी नजर आती है !
नमन है शशिकांत जी की कला को ...
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