Saturday 21 December 2013

गोबर गैस के प्लांट

रसोई गैस की कमी व उसकी कीमतों में हो रहे इजाफे से जहां पूरे देशवासी परेशान हैं। वहीं गुजरात का एक गांव ऐसा है, जहां के लोगों को इसकी कोई चिंता नहीं। इन्हें रसोईगैस की किल्लत या उसकी बढ़ रही कीमतों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
 पालीताणा तहसील के मेढा व लाखावाड गांव में लगभग 150 परिवार रहते हैं। इस गांवों में गोबर गैस के प्लांट ने इन लोगों की सारी मुश्किलें खत्म कर दी हैं। इतना ही नहीं, इन गांवों के लोग खेती के लिए भी रासायनिक पदार्थो की जगह कुदरती प्रयोगों का ही इस्तेमाल करते हैं। गांवों में लगे गोबर गैस के प्लांट में ऑग्रेनिक वेस्ट से भी गैस पैदा होती है।
 अब से लगभग आठ साल पहले राज्यसभा के सांसद मनसुखभाई जब एग्रो इंडस्ट्रीज चेयरमैन के पद पर थे, तब उन्होंने वैकल्पिक ऊर्जा के प्रयोग के लिए ग्रामीणों को जाग्रत किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां गोबर गैस के प्लांट भी शुरु करवाए और इस काम में उन्हें ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिला। इसी का परिणाम है कि आज ये गांव रसोई गैस की किल्लत से पूरी तरह मुक्त हैं।

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