Tuesday 10 December 2013

जादूटोनाविरोधी अधिनियम जागृत देवस्थान बंद करानेका षड्यंत्र !

हिंदुओंकी श्रद्धाओंपर आघात करनेवाले जादूटोनाविरोधी अधिनियमके विरुद्ध पनवेलमें निषेध मोर्चा आयोजित

अधिनियम निरस्त होनेतक वैध पद्धतिसे लडाई आरंभ करेंगे !

अंग्रेजोंके कार्यकालमें जितने कठोर अधिनियम नहीं बनाए गए थे, वर्तमानमें उससे अधिक कठोर अधिनियम पारित कर हिंदुओंकी श्रद्धास्थानोंका भंजन किया जा रहा है । हम भी अंधश्रद्धाओंके विरुद्ध हैं; किंतु अंधश्रद्धा दूर करने हेतु धर्मकी उचित शिक्षा देना आवश्यक है । तथाकथित समाजसेवी संगठन अनुचित प्रथाओंका निर्मूलन करनेके नामपर धर्मसंस्कारोंका ही निर्मूलन करनेकी योजना बना रहे हैं । इस अधिनियमकी संदिग्धता तथा शब्दोंकी परिभाषा स्पष्ट न करनेके कारण अधिनियमका अनुचित उपयोग होनेकी संभावना अधिक है । अत: धर्महित हेतु यह अधिनियम ही निरस्त किया जाए, समितिने ऐसी भूमिका अपनायी है तथा अधिनियम निरस्त होनेतक समिति यह लडाई वैधपद्धतिसे लडती रहेगी, इस अवसरपर हिंदू जनजागृति समितिके श्री. बळवंत पाठक ने ऐसा मत व्यक्त किया ।
जादूटोनाविरोधी अधिनियम जागृत देवस्थान बंद करानेका षड्यंत्र !
जादूटोनाविरोधी अधिनियम जागृत देवस्थान बंद करानेका षड्यंत्र है; क्योंकि इस अधिनियमानुसार चमत्कार, दैवी शक्ति आदिकी परिभाषा स्पष्ट नहीं की गई है । महाराष्ट्र स्थित अनेक मंदिरोंमें तीर्थ, विभूति, आदिद्वारा उपाय किए जाते हैं । ऐसी उपचारपद्धतिको इस अधिनियमके अंतर्गत अपराध ठहराया गया है । ये उपचार करानेवालोंको भी हथकडी लग सकती है । ईसाई पंथमें चमत्कार दिखानेके पश्चात ही संतत्व घोषित किया जाता है, तो क्या पोप जॉन पॉलके महाराष्ट्र आनेपर उन्हें बंदी बनाएंगे ? धर्मद्रोही विचारपद्धतिवाले व्यक्तियोंद्वारा सिद्ध किया यह अधिनियम ज्योतिषशास्त्रको भी अंधश्रद्धा ठहराता है । वर्तमान अधिनियम सक्षम होते हुए इस अधिनियमकी क्या आवश्यकता है !
उपस्थित मान्यवर

श्री. मंगल पाटिल, गोरक्षा प्रमुख, पेण, भारत स्वाभिमान ट्रस्टके मुंबई जिला अध्यक्ष श्री. नथुराम तटकरे, योगवेदांत सेवा समितिके श्री. डांबरे, स्वामी समर्थ मठाधिपति श्री. सुधाकर घरत, ब्रह्मकर्मी संगठनके श्री. दिगंबर पांगारकर, ह.भ.प. गोरक्षनाथ महाराज, राजमुद्रा संगठनके श्री. संजय पाटिल, वज्रदलके श्री. दिनेश कोंडविलकर, काळीवलीके जय मल्हार सेवाभावी सामाजिक संस्थाके भक्त
मोर्चा देखकर हिंदुओंद्वारा व्यक्त की गई प्रतिक्रिया

१. यदि अधिनियम पारित करना ही है, तो सारे धर्मांे हेतु करना आवश्यक है । केवल हिंदुओं हेतु अधिनियम पारित करना अनुचित है । - श्री. अश्विनीकुमार मिश्रा

२. कांग्रेस प्रशासनद्वारा ऐसे ही कृत्य अपेक्षित ! - श्री. अनिल आघाडे
क्षणचित्र

१. फेरीमें जादूटोनाविरोधी अधिनियमका सही स्वरूप सामने लानेवाला मूकनाट्य प्रस्तुत किया गया ।
२. इस अवसरपर उपस्थितव्यक्तियोंने अधिनियमके विरुद्ध, तथा हिंदुत्ववादी एवं वारकरियोंको संभ्रमित करनेवाले प्रशासनके विरुद्ध तीव्र नारेबाजी की ।
३. मार्गपर उपस्थित लो़गोंका सकारात्मक प्रतिसाद था । मोर्चामें सम्मिलित लोगोंका उत्साह देखकर मार्गपर उपस्थित सारे लोग रुककर मोर्चा देख रहे थे तथा घोषणा भी दे रहे थे ।
४. जय मल्हार सेवाभावी सामाजिक संस्थाके श्री खंडोबा मंदिरमें नवरात्रिका कार्यक्रम होनेपर भी मोर्चामें १० श्रद्धालू मोर्चामें हुए थे ।

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