Sunday 27 April 2014

आतंकियों को मौत की सजा नही बल्कि अमेरिकी स्टाइल में सजा दो ...


आतंकियों को मौत की सजा नही बल्कि अमेरिकी स्टाइल में सजा दो ...यानी उन्हें जीते जी तडपा तडपा कर रखो की वो खुद हर पल मौत की भीख मांगे ...
अमेरिका ने सुदूर प्रशांत महासागर के एक टापू ग्वांतानामो पर एक ऐसी बदनाम जेल बनाई है जिसमे सिर्फ आतंकी ही रखे गये है .. इस द्वीप पर अमेरिका या कोई भी अंतर्राष्ट्रीय कानून लागु नही होता ...यहां करीब 5000 अमेरिकी सैनिक और असैनिक कर्मचारी रहते हैं.
यहां के समुद्री तटों पर रेत नहीं, बल्कि कंकड़ हैं. यह इग्वाना नाम की छिपकिली के लिए उपयुक्त माना जाता है और इस प्रजाति को नुकसान पहुंचाने वाले को 10000 डॉलर तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. पास में एक छोटा सा हवाई अड्डा है, जहां से हफ्ते में एक बार फ्लोरिडा की उड़ान भरी जा सकती है. रेडियो डीटीएमओ में काम करने वाले अधिकारी स्टैन टिरवियोली का कहना है, "ग्वांतानामो बे ऐसा है, जैसे कि आप 20 साल पीछे चले गए हों."
यहां फिलहाल 154 कैदी रहते हैं. इनमें 9/11 का मास्टरमाइंड कहा जाने वाला खालिद शेख मुहम्मद भी है. ज्यादातर कैदियों को बिना किसी आरोप के यहां रखा गया है और कईयों के खिलाफ कार्रवाई शुरू भी नहीं हुई है.
राष्ट्रपति बनने के बाद बराक ओबामा ने इस जेल को बंद करने की कोशिश की थी लेकिन अमेरिकी सांसदों के दबाव में वह ऐसा नहीं कर पाए.
खालिद शेख मुहम्मद ने अपने हर वालो को एक पत्र लिखा था जिसमे कहा था की खुदा से तुम लो यही प्रार्थना करो की मुझे जल्द से जल्द मौत नसीब हो और मुझे इस नर्क से छुटकारा मिले ... यहाँ कैदियों को हर रोज १०० से ज्यादा कोड़े मारे जाते है ...फिर उन्हें उस पर लाने के लिए बाम भी दिया जाता है फिर अले दिन फिर से कोड़े बरसाए जाते है ..
आर ऐसा भारत में होता तो सेकुलर सूअर, अदालते, मानवाधिकारवादी दोगले छाती कूट कूटकर पगला जाते

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