Saturday, 6 January 2018

सबके बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा :
१. जाति भारत में थी ,है और रहेगी .
२ जातिप्रथा के लगभग सभी विरोधी घोर जातिवादी हैं .
३ विश्व में सर्वत्र social Identities की ईकाइयां थीं ,हैं और रहेंगी .
४ भारतीय जाति व्यवस्था सब से अधिक लचीली और उदार है ,अन्यत्र के समाज अधिक कठोर हैं
५ ब्राह्मण भारत की अकेली सबसे बड़ी जाति है .
६ ब्राह्मणों ने मुसलमानों ,ईसाइयों और विधर्मियों का प्रचंड प्रतिरोध किया अतः सब उनके विरुद्ध झूठे प्रचार करते हैं .
७ ब्राह्मण विरोध के मूल में हिन्दू धर्म का विरोध है .
८ जाति ख़त्म नहीं होने वाली , जातिवाद ख़त्म हो सकता है .
९ जातिगत ऊंच नीच को अधर्ममय सर्व प्रथम ब्राह्मणों और धर्माचार्यों ने कुम्भ में घोषित किया १९१५ के पहले.
१० गाँधी जी से बहुत पहले जातिगत ऊंच नीच का प्रचंड विरोध ब्राह्मणों और धर्माचार्यों द्वारा आरम्भ हो चूका था
११संविधान में ऊंच नीच की भावना को दंडनीय अपराध घोषित करने में ब्राह्मण नेताओं की मुख्य भूमिका थी

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