== मोदी जी अगर 2024 तक प्रधानमंत्री बने रहे
तो ये तय है कि..
भारतीय सेना विश्व की सबसे शक्तिशाली
सेना होगी ..//:- जनरल बिपित रावत
== भारत की जल्द 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के दरवाजे पर दस्तक।जिसकी हमने 200 साल गुलामी की उससे ही छीनेंगे पांचवां स्थान..//
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== जो कल तक JNU में भारत तेरे टुकड़े होंगे नारे लगा रहे थे वो आज कोंग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं?
== क्या राहुल गांधी हार्दिक पटेल, चंद्रशेखर रावण ,कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवानी जैसे के हाथों में देश सुरक्षित रह सकता है जवाब दीजिये ..?
== आतंकवाद का पालन पोषण:- पाकिस्तान करता है।देखभाल :- चीन करता है।
वकालत :- कांग्रेस करती है
== प्रियंका वाड्रा तुम गंगा की बेटी नहीबल्कि,
सैकडो संतो की कातिल इंदिरा की पोती ओर ..
10 हजार सिखो के कातिल राजीव गांधी की बेटी हो
== 8 राज्यों में हिंदुओं को मिल सकता है अल्पसंख्यक का दर्जा! अल्पसंख्यक आयोग जल्द करेगा फैसला!
ये है कोंग्रेस के 60 सालों
== पाकिस्तान एक ऐसा राक्षस है जिसकी जान कांग्रेस नामक तोते में बंद है, कांग्रेस की गर्दन मरोड़ दी जाये तो राक्षस खुद ही मर जायेगा -
राजन सिंह
== मुझे अगर प्रधानमंत्री बनाया गया तों मैं देश के हर नागरिक को हर रोज़ 1 लाख़ रूपये दे सकता हूँ।बोलने में क्या जाता हैं!
पाकिस्तान एक ऐसा राक्षस है जिसकी जान कांग्रेस नामक तोते में बंद है, कांग्रेस की गर्दन मरोड़ दी जाये तो राक्षस खुद ही मर जायेगा
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good news -70 साल का इंतजार खत्म,
पहली बार *मिजोरम* पहुँची ट्रेन!...मोदी है तो मुमकिन है...
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मुफ्तखोरी भारत को धीरे धीरे बर्बाद कर रही है ..//
जो कांग्रेस सब्सिडी के सिलेंडर साल में 7-9 करने में उलझी रहती थी, 72 हजार देगी ?भारत में कुछ लोग ऐसे हैं ..500, 1000 रुपए मिल जाए तो ये लोग लादेन को भी वोट दे देंगे
== राहुल ने MP के युवाओं को ₹4000,राजस्थान के युवाओं को ₹10000 अभी तक नही दिया है,अब पुरे देश को ₹72000 पर ठगने की तैयारी
== 72000 क्या एक चवन्नी नहीं मिलेगी, उल्टा लालच में एक ईमानदार और त्यागी प्रधानमंत्री मोदी से हाथ धो बैठोगे
== हमारे टैक्स के पैसों को जेहादियों घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों को गरीब बता कर बांटेगी कांग्रेस
हिन्दूओ को कुछ नहीं मिलने वाला है
== फ्री बिजली-पानी, फ्री बेरोजगारी भत्ता चुनाव में वही मुद्दा बनाते हैं जिनके पास देश कि समस्या का समाधान नहीं होता
वोट बैंक के लिए मुफ्तखोरी भारत को भारत को किस कद्र धीरे धीरे बर्बाद कर रही है उस पर मद्रास हाईकोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेहद चिंता भी जता चुके है और कहा मुफ्त का चावल तमिलनाडु के लोगो को निक्कमा बना दिया ..ये बन्द हो और सिर्फ बीपीएल लोगो को मिले
ये निक्कमापन कर्नाटक में 2017 में देखा ...कर्नाटक यात्रा के दौरान मैं उडुपी से 200 किलोमीटर दूर अपने मित्र के विशाल रिजॉर्ट में रुका था । मित्र का करीब 20 एकड़ में सुपारी प्लांटेशन था .. मित्र के पिता जी ने बताया कि पहले मजदूर बहुत काम करते थे लेकिन अब कर्नाटक की कांग्रेस रकार की नीति मजदूर काम करने नहीं आते बल्कि सारा दिन घर में पड़े रहते हैं
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हर महीने राशन कार्ड होल्डर को 30 किलो चावल एक किलो दाल और नमक तथा तेल का एक पैकेट मुफ्त में देती है
अब इससे फायदा नही हुआ ..उल्टे कर्नाटक में खेतो और बागानों में काम करने के लिए अब मजदूर नही मिलते .. मछली व्यापारियों को मछुयारे नही मिलते क्योकि सब निठ्ठले हो गये .. सबको मुफ्त में राशन तेल नमक मिल रहा है तो कोई काम क्यों करे ..
नतीजा . अब कर्नाटक की खेती किसानी, बागवानी, फिशिंग आदि उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो चुके है ..
ठीक यही तमिलनाडु में हो रहा है ...तमिलनाडु के उद्योग और खेती बुरी तरह प्रभावित हो रहे है ..लोगो को सरकार मुफ्त में चावल, तेल नमक मसाला आदि दे रही है इसलिये अब कोई काम नही करना चाहता ...
मद्रास हाईकोर्ट ने इस परंपरा पर चिंता जताते हुए कहा कि राजनीतिक दल वोट के लिए देश को बर्बाद कर रहे हैअब कल्पना करिए कि राहुल गांधी ने जो ₹12000 देने का वायदा किया है वह इस देश की जीडीपी को इस देश के उद्योग धंधे को किस तरह बर्बाद कर देगा और लोगों को किस कदर काम चोर बना देगा
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गरीबी हटाओ प्रपंच का नया प्रपंच....//
चिदंबरम पप्पू जालसाजी वोट कमाओ कांग्रेसी योजना..//
ये योजना सिर्फ 20% ऐसे अति गरीब परिवारों के लिए हैं जिनकी मासिक आय 12000/- रूपए से कम हैं। उसमें लाभ देने का तरीका यह होगा कि अगर मान लो कि आपके परिवार की आय 10000/- रूपए मासिक हैं तो आपको 2000/- रूपए मिलेगा और अगर मेरे परिवार की मासिक आय 11500/- रूपए हैं तो मुझे 500/- रुपए महीना मिलेगा। और पप्पू डायलॉग ऐसे मार रहा जैसे कि बहुत बड़ी योजना लेकर आया हो मने 20% लोगों के नाम पर 100% लोगों को बरगलाने के नाम पर वोट हथियाने का मंदबुद्धि पप्पू छाप दिमाग।
Sanjeev Tripathi
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इतनी धनराशि की व्यवस्था वह कँहा से करेगा?
राहुल गांधी ने आज कहा है कि यदि सत्ता में आ गए तो 25 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष ₹72000/ के हिसाब से ₹18,000,000,000,000 करोड़ सीधे उनके खाते में डाल दूंगा.
यानी देश के बजट का 75% . क्या राहुल गांधी बताएंगे इतनी धनराशि की व्यवस्था वह कँहा से करेगा?
Uma Shanker Singh
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राहुल गांधी जी के वादे के इस झुनझुने को सही भी मानें और 5 करोड़ परिवार को मिनिमम 6000₹/महीने की भी मदद देनी हो तो 30 हज़ार करोड़ रुपए चाहिए होंगे हर महीने। यानी साल का साढ़े तीन लाख करोड़ से ज़्यादा। पैसे उगाने का कोई पेड़ लगाने का इरादा है या कोई और स्कीम है?
मजे की बात ये की भारत की कुल जीडीपी 121 लाख करोड़ रुपये है ...फिर कृषि और रक्षा तथा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कहाँ से पैसे आएंगे ?
सोच विचार कर फैसला लेना क्योंकि मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने युवाओं को ₹4000 महीना देने का वायदा किया था और आज तक ₹1 नहीं दिया
Jitendra Pratap Singh
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राहुल गाँधी क-के-बाद-एक 10 झूठ
राहुल गाँधी की चुनावी रणनीति साफ है- मीडिया के समुदाय विशेष की मदद से फर्जी ख़बरें फैलाते रहना, और जनता को बेहोश रखने के लिए ‘₹12,000 महीना’ जैसी हवा-हवाई स्कीमों का चूरन हवा में उड़ाते रहना। पर उनकी इस नीति को कितनी सफलता मिलेगी, यह वक्त ही तय करेगा
1.
राहुल गाँधी दावा करते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव ‘विचारधारा’ की लड़ाई हैं, और इस लड़ाई में वह और कॉन्ग्रेस ही भारत के एकलौते तारक-उद्धारक हैं। वह भाजपा (जो कि 1980 में बनी ही थी) पर 1947 में विभाजन के समय भारत के विभाजन का समर्थन करने का आरोप लगाते हैं, और अपनी पार्टी को एकता, प्रेम, और भाईचारे का समर्थक बताते हैं।
पर सच्चाई इसके उलट है। कॉन्ग्रेस वही पार्टी है जिसने ‘हिन्दू आतंकवाद’ का शिगूफा छेड़ा और भारत की छवि बर्बाद की। राहुल गाँधी खुद अमेरिकी राजदूत से एक शाखा लगा कर व्यायाम-देशभक्ति सिखाने और बाढ़ में स्वयंसेवक भेजने वाले आरएसएस को आतंकी अल-कायदा से खतरनाक संगठन बता आए थे। साधुओं को जेल भेजने और मोदी को सत्ताच्युत करने की अपील पाकिस्तान में करने वाली भी यही पार्टी है।
हिन्दुओं को जाति से लेकर भाषा तक हर तरीके से बाँटना और मुसलमानों को एकजुट कर, तुष्टीकरण कर, वोटबैंक बनाना ही कॉन्ग्रेस की नीति है।
2.
राहुल गाँधी के अनुसार मोदी ने मनरेगा और अन्य जनकल्याण योजनाओं को राजनीतिक विद्वेष के चलते बर्बाद कर दिया। यह दावा भी यथार्थ के विपरीत है। राजग सरकार ने न केवल मनरेगा में न केवल आमूलचूल सुधार किए, ताकि लाभार्थियों तक इसके लाभ सीधे पहुँचें, बल्कि इसके लिए बजट आवंटन भी सर्वकालिक उच्चतम स्तर ₹60,000 करोड़ मोदी सरकार के इस वर्ष के अंतरिम बजट में हुआ है।
3.
राफेल का मुद्दा नाहक उठाने में राहुल गाँधी को सरकारी विमान-निर्माण कम्पनी HAL से अत्याधिक प्रेम हो गया है। रैली में उन्होंने दावा किया कि HAL के बनाए मिग-21 विमानों से ही बालाकोट पर हमला हुआ था। जबकि बालाकोट पर बमबारी मिराज-2000 लड़ाकू जेटों से की गई थी। इसे बनाने वाली वही दसाँ है जिससे कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राफेल बनाने को लेकर खफा हैं। वहीं HAL के काम-काज पर संसद की वह समिति सवाल खड़े कर चुकी है जिसके मुखिया कॉन्ग्रेस के लोकसभा दल के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे हैं।
4. ‘
राफेल का भूत राहुल गाँधी के फिर से चिपट गया। बीच में ऐसा लगा था कि जब ऑपइंडिया ने राफेल की डील असफल होने में उनका निजी आर्थिक हित दिखा दिया तो राफेल वाला भूत शायद उतर गया हो, पर इस रैली में वह फिर इसी भूत से पीड़ित नज़र आए।
राफेल की संप्रग सरकार के समय कीमत और शर्तों से लेकर दसाँ द्वारा अनिल अम्बानी के चयन की प्रक्रिया तक वह हर पहलू पर झूठ बोलते पकड़े गए हैं। यहाँ तक कि वह कभी यह दावा करते थे कि पूर्व रक्षा मंत्री पार्रिकर ने उनके कान में घोटाले की बात कबूली, तो कभी पत्रकार एन राम के फोटोशॉप किए गए रक्षा मंत्रालय के नोट से दोबारा उन्हीं पार्रिकर को उनके अंतिम दिनों में घेरने की कोशिश करते।
5.
राहुल गाँधी कभी यह साफ-साफ नहीं बता पाए कि आखिर मोदी ने अम्बानी को कितने का ‘गलत फायदा’ पहुँचाया। वह कभी ₹1 लाख करोड़ कहते हैं, कभी ₹1 लाख 30 हजार करोड़, कभी 1 लाख उड़ा कर केवल ₹30 हजार करोड़।
जबकि सच्चाई यह है कि ऑफसेट का पूरा कॉन्ट्रैक्ट ही ₹29,000 करोड़ का है जिसमें दसाँ के अलावा MBDA, Thales और Safran नामक तीन और कम्पनियों की भी देनदारी बनती है।
6.
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष यह भी अक्सर कहते हैं कि मोदी ने अमीरों का कर्जा कर दिया। पर कितने का किया, यह संख्या भी चुनाव पास आने के साथ बढ़ती रहती है। 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान यह आँकड़ा ₹20,000 करोड़ था, जो आज ₹3.5 लाख करोड़ हो गया।
एक बार फिर अगर हम सच्चाई के आईने को देखें तो अमीरों का कर्जा माफ करना तो दूर, मोदी सरकार ने ₹9,000 करोड़ न चुकाने पर विजय माल्या की ₹13,000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली, और Insolvency and Bankruptcy Code के जरिए 2 साल में ₹3 लाख करोड़ की वसूली कर्ज लेकर न चुकाने वाले बड़े लेनदारों से की।
7.
जिन राज्यों में कॉन्ग्रेस हालिया समय में राज्य सरकार में आई है, वहाँ कर्ज माफी का आलम यह है कि किसान सर पीट रहे हैं। किसी ने कर्ज-माफी स्कीम में खुद के अपात्र होने पर आत्महत्या कर ली, तो ₹24,000 की कर्ज माफी की उम्मीद में किसी को ₹13 से ही संतोष करना पड़ा। किसान सामूहिक आत्महत्या की भी धमकी दे रहे हैं।
राजस्थान में ही, जहाँ राहुल गाँधी बोल रहे थे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्ज माफी न कर पाने का ठीकरा भाजपा के सर फोड़ दिया। वहीं कर्नाटक में कर्ज-माफी के बाद भी किसानों को कर्ज चुकाने का नोटिस थमाया जाना जारी है। ₹44,000 करोड़ की कर्ज माफी का दावा करने वाली कर्नाटक की संप्रग सरकार केवल 800 लाभार्थी प्रस्तुत कर पाई।
8.
राहुल गाँधी वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाते हैं कि शराब व विमान कारोबारी ने विदेश फरार होने के पूर्व जेटली से ‘मुलाकात’ की थी। जेटली यह साफ कर चुके हैं कि माल्या ने राज्यसभा सदस्यता का दुरुपयोग कर उनसे बात करने का प्रयास भर किया था, पर उन्होंने बात करने से साफ मना कर दिया था।
फिर राहुल गाँधी एक कॉन्ग्रेस नेता को ‘चश्मदीद’ बना के ले आए कि जेटली-माल्या में 20 मिनट बात हुई थी। पर अरुण जेटली के उस दिन के शिड्यूल में ऐसी बातचीत ही नामुमकिन निकली।
इसके अलावा यह भी सवाल लाजमी है कि मोदी या जेटली की अगर माल्या से कोई साठ-गाँठ होती तो क्या आज माल्या को प्रत्यर्पण और कर्ज की लगभग डेढ़गुणा संपत्ति का जब्त होना झेलना पड़ता?
9.
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट से अपनी नियुक्ति जीत कर आए सीबीआई प्रमुख अलोक वर्मा को मोदी ने गलत तरीके से हटा दिया। यहाँ भी सच्चाई कुछ और है। आलोक वर्मा की अदालती जीत प्रक्रियागत मुद्दा थी– सुप्रीम कोर्ट ने उनके हटाए जाने के फैसले पर टिप्पणी न करते हुए केवल यह पाया था कि उन्हें हटाने के लिए न्यायोचित प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक उन्हें हटाने का अधिकार केवल उन्हें नियुक्त करने वाली उस समिति का था जिसके सदस्य मुख्य न्यायाधीश, पीएम, और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता थे।
आलोक वर्मा को अंत में इसी समिति के बहुमत के निर्णय से पदमुक्त किया गया।
10.
राहुल गाँधी ने मृतप्राय ‘जय शाह मुद्दे’ को फिर उछाल यह जताने की कोशिश की कि मोदी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह को गलत तरीके से पैसा दे कर उनके ₹50,000 के व्यापार को ₹80 करोड़ महीने का बना दिया था। इस आरोप का ऑपइंडिया विस्तृत रूप से खण्डन अपने पोर्टल पर छाप चुका है।
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केसरी
मैं केसरी फ़िल्म देखने गया था,,,जब से सिनेमा हॉल के बाहर निकला हुन मन मे कुछ सवाल क्रोन्ध रहे है ,,,कुछ तस्वीरें साफ हो रही है,,,कुछ चालें समझ भी आ रही है.
वामपंथी इतिहासकारों और कांग्रेसी सरकारों ने इतिहास के नाम पर हमें सिर्फ मुग़लों और गांधी-नेहरू परिवार की हफीम चटाई है,,ताकि ये क़ौम जाग न पाए,,इसे वोटर (गुलाम) बनाये रखा जा सके.हमें पाठ्यक्रम यूं पढ़ाया गया है मानो भारत का इतिहास मुग़लों से आरंभ हो कर गांधी-नेहरू पर खत्म हो जाता है...हमारे वीरों की अजय अमर गाथाओं को सुनियोजित तरीके से दफन कर दिया गया..मैंने कभी सारागढ़ी का नाम तक न सुना था न पढ़ा था,,या यूं कहिए मुझ तक सारागढ़ी का नाम आने ही नहीं दिया गया.वो तो भला हो सोशल मीडिया का जिसने हमें इस कैद से मुक्ति दिलाई... मैंने सारागढ़ी की जंग के विषय मे सर्वप्रथम सोशल मीडिया के जरिये जाना ,,सोचिए,,,कितने ही गुमनाम सपूत होंगे जिनके बलिदान व पहचान को गांधी-नेहरू के काले साये ने ढक लिया...
आखिर क्यों हमारे हीरो हमसे व हमारी पीढ़ियों से छुपा कर रखे गए??क्यों सारागढ़ी ,गुरु गोबिंदसिंह,गुरु तेग बहादुर,नेताजी,भगत सिंह जैसे बेशुमार घरतीपुत्रों के नामों से दूर रख कर एक ही खानदान व एक ही परिवार को हम पर थोपा गया??हमें हमारे इतिहास से इसलिए अनभिज्ञ रखा गया ताकि हमारी पीढियां मानसिक 'गुलाम' रहें??? या कोई एक वर्ग विशेष नाराज न हो जाए?...
याद रहे जो इतिहास को मसलते है,,इतिहास उन्हें मसल देता है
-मनोज कुरील
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गरीबों को लालच देने वाले Rahul gandhi पहले ये बतायें की ये खैरात बाँटने को ₹3000अरब कहाँ से लाओगे,,?