Monday, 31 October 2016

केरल बन रहा हिन्दुओं का श्मशान : बढ़ रही हैं नृशंस हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएँ

तस्वीरें और भी हैं, नाम और भी हैं, लेकिन इस जगह हिन्दुओं पर अत्याचार का ये सिलसिला थम नहीं रहा ! बात हो रही साक्षरता के मामले में देश में प्रथम माने जाने वाले राज्य केरल की। मगर साक्षरता के पीछे इस राज्य में एक बात जो हमेशा भारतीय मीडिया और राजनीति द्वारा छिपाने की कोशिश होती है, वो है – वामपंथी और इस्लामिक ताकतों द्वारा हिन्दुओं पर बढ़ रहे अत्याचार। अत्याचार भी ऐसे कि जानकर ही रूह काँप जाए। यही कारण है कि पिछले दशक में ही केरल की कई जगहों से हिन्दुओं का पलायन बड़े स्तर पर हुआ है। माता पिता के सामने वामपंथी सन्गठन ने पी.वी.सुजीत को तलवार से काट दिया  कन्नूर जिले में 28 वर्षीय पी.वी.सुजीत की धारदार हथियारों से सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने पापिनिस्सेरी में उनके माता-पिता के सामने ही हत्या कर दी। पी. वी. सुजीत जो एक आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ता थे, उन पर करीब 10 लोगों ने अर्धरात्रि में उनके घर में घुसकर तब धावा बोला जब वह घर में अकेले थे।सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने सुजीत, उसके माता-पिता और उनके भाई की पिटाई कर सुजीत पर तलवार से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। एक घटना का विरोध जिस स्तर तक होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ। क्यूंकि मरने वाला व्यक्ति हिन्दू था शायद इसलिए इस खबर को किसी ने भी आवाज नहीं दी थी।

बात हो रही है केरल के कासकेरल के कासरगोड जिले स्थित पदन्ना गांव की जो आमतौर पर ऐसे व्यापारियों के लिए जाना जाता है, जो अपनी किस्मत लिखने अरब जाते हैं। मतलब माइग्रेशन यहां के डीएनए में है। इस गांव के आलीशान घरों के आगे विदेशी कमाई से लग्जरी कारों की लाइन लग गई है। गांव में अधिकतर लोग पढ़े-लिखे हैं।
मगर अब इस गांव पर आतंकी संगठन आईएस से जुड़ने का कलंक लग गया है। खबर अनुसार केरल के लापता 21 लोगों में से 11 इसी गांव के हैं। माना जा रहा है कि ये सीरिया जाकर आईएस में शामिल हो गए हैं। ये भी पता चला है कि पदन्ना से लापता लोगों में डॉक्टर, इंजीनियर और मैनेजमेंट प्रफेशनल हैं, जो खाड़ी देशों में मोटी सैलरी वाली जॉब करते थे। कुछ समय तक भाईचारे के प्रतीक चार किमी के दायरे वाले इस गांव में आज 35 मस्जिदें हैं। मगर मस्जिदों के बीच कुछ मंदिर भी स्थित हैं। हिन्दुओं को मन्दिर में जाते हुए भी डर लगता है क्यूंकि हिन्दुओं को धार्मिक आधार पर हर दिन धमकियां और मानसिक पीड़ाएं दी जाती हैं। ये सिर्फ एक गाँव की नहीं पुरे केरल की ही बात हो चली है कि इस्लामिक आतंकी सन्गठन वहां आराम से पैर पसार रहे हैं। मगर केरल के ऊपर अभी तक किसी की नजर नहीं गई है। केरल धीरे-धीरे देश से अलग होता जा रहा है और देश का मीडिया व देश के बुद्धिजीवी सेक्युलर स्वभाव के साथ मुस्लिम तुष्टीकरण नीति के तहत बस पैसों के नीचे खेल रहे हैं।

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