Sunday 9 October 2016


Praveen Jha
सदियों पहले, यानी ईसाई धर्म के आने से पूर्व नॉर्वे में नॉर्स गॉड्स की पूजा होती थी। उस समय नॉर्वे के बीहड़ और पहाड़ों पर कई राजाओं का राज था। उस समय के कुछ हिस्से 'वाईकिंग युग' भी कहलाता है। ईसाई धर्म को चुनौती देने वाले और ईंग्लैंड जाकर चर्च से पादरियों को समंदर में फेंक देने वाले खूँखार लोग थे। खूँखार थे या पता नहीं, पर अफवाह ऐसी ही फैलाई गई।
नॉर्स देवराज थे 'थोर' जो वर्षा के देव भी थे। उनकी सभा इंद्र की भाँति होती जिसे 'वलहल्ला' कहा जाता। यहाँ तक की उनका अस्त्र भी वज्र ही था।
नॉर्स विनाशों के देवता थे 'ओडिन' जो एकनेत्री थे। उनकी छवि शिव से मिलती है। रूप-रंग भी। 'सन्स ऑफ ऑडिन' एक हुड़दंग युवा संगठन है जो 'मॉरल पॉलिसिंग' का काम करता है। शिवसेना टाइप।
एक नागराज भी हैं जो अपने सर पर पृथ्वी धारण करते हैं। एक सुभाषी भगवान है जो शंख बजाते हैं तो पूरे विश्व में गूँज सुनाई देती है। बिल्कुल पाँचजन्य की भाँति। कई देवियाँ हैं।
ऐसे ही कई देवी-देवता ग्रीक संस्कृति में भी हैं। पर स्कैन्डिनैविया के भूले-बिसरे भगवानों में कुछ हिंदू धर्म से जुड़ा रहस्य नजर आता है। जो कहीं इन बीहड़ों और पहाड़ों में दबा पड़ा है।
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