दुनिया मे युद्ध कैसे करवाए जाते हैं !
दोस्तो बात है 1979 की ! अमेरिका का एक अखबार है जिसका नाम है washington post ! उसमे july के महीने मे एक खबर आई ! 16 जुलाई 1979 को अमेरिका के washington post अखबार के front page पर एक खबर छपी ! खबर ये थी कि ईरान और इराक नाम के दो पड़ोसी देश ! इनके बीच मे एक क्षेत्र है उसको अरबी भाषा मे shatt-al-arab कहते हैं तो shatt-al-arab नाम का जो क्षेत्र है उसमे बहुत अधिक मात्रा मे तेल छिपा हुआ है ! ये खबर अमेरिका के washington post अखबार मे छपी !!
अब ये खबर जब छपी तो दोनों देशो की सरकारो के कान खड़े हो गए ! तो उन्होने देखना शुरू किया कि ये जो shatt-al-arab नाम का क्षेत्र है इसमे इतना अधिक तेल है ! और खबर जब छपी तो उसमे refrence दिया गया कि अमेरिका के जो अन्तरिक्ष मे सैटेलाइट है उनसे मिली जानकारी के अनुसार !
तो दोनों देशो को और ज्यादा विश्वास हो गया !
तो ईरान और इराक दोनों देशो के कान खड़े हो गए और दोनों देशो ने कहना शुरू किया ये जो shatt-al-arab क्षेत्र है ये हमारा है ! ईरान ने claim हमारा है इराक ने claim किया नहीं हमारा है ! जब दोनों देशो ने एक साथ एक क्षेत्र पर अधिकार जमाना शुरू किया तो झगड़ा होना स्वाभाविक था ! तो दोनों का झगड़ा UNO मे गया !
UNO तो इसी लिए बनाया गया है दो देशो के झगड़ो का निपटारा करने के लिए ! लेकिन सब जानते है UNO काम करता है अमेरिका के इशारे पर ! पूरी तरह से ये अमेरिका का जेब मे रहने वाला संघठन हो गया है अमेरिका किसी देश पर हमला करना चाहे तो UNO उसको बदल नहीं सकता ! जैसा आपने इराक के केस मे देखा !
ईराक के केस मे UNO द्वारा बनाई गई report कहती है कि ईराक के पास कोई nuclear weapon नहीं है !अमेरिका कहता है "है " ! UNO कहता है नहीं है ! तो UNO ने कहा हम ईराक पर युद्ध की अनुमति नहीं देते ! तो अमेरिका ने कहा तुम बाजू मे बैठो हम युद्ध शुरू करते हैं ! तो UNO के सारे नियमो का उलंघन करके अमेरिका ने युद्ध शुरू किया UNO कुछ नहीं कर पाया क्यूंकि UNO एक ऐसा शेर है जिसके दाँत नहीं है जो सिर्फ दहाड़ सकता है काट नहीं सकता !
और UNO रहता भी अमरीका की जेब मे है ! क्यूंकि अमेरिका के funds पर UNO की बहुत सी नीतिया चलती है funds तो और भी देश देते हैं पर अमेरिका कुछ ज्यादा देता है इसलिए UNO को उसकी बात माननी पड़ती है !
तो इसी तरह से 1979 मे ईरान - ईराक का मामला UNO मे गया पर UNO ने इस पर कोई फैसला नही दिया !लिहाजा दोनों देशो मे एक दूसरे के खिलाफ युद्ध करने का तय कर लिया ! उसी समय मे सदाम हुसेन ईराक का राष्ट्रपति बना ! और इसको अमेरिका ने राष्ट्रपति बनवाया ! क्यूंकि अमेरिका द्वारा समर्थित ईराक मे एक पार्टी है उसका नाम है baath पार्टी ! जिसका leader था सदाम हुसेन !
तो baath पार्टी को सत्ता मे लाने का काम अमेरिका ने करवा दिया ! सदाम हुसेन को leader बनाने का काम अमेरिका ने करवा दिया ! जिस समय सदाम हुसेन लीडर बना उस समय ये पढ़ाई करता था law का student था ! 2nd year मे पढ़ता था ! अमेरिका से इसकी बहुत नजदीकी रही !तो अमेरिका ने स (media) माचार पत्रो मे पैसा देकर , मेगजीनों मे पैसा देकर इसका ज्यादा प्रचार करवा दिया और सदाम हुसेन फिर leader हो गया और बाद मे राष्ट्रपति बन गया !! और उसने अमेरिका के कहने पर ईरान के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया !!
इधर अमेरिका ने सदाम हुसेन को हथियार बेचना शुरू किया ! और उधर ईराक को हथियार बेचना शुरू किया ! दोनों देशो ने भरपूर हथियार खरीदे और एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल किये ! दस साल तक युद्ध चलता रहा ! लाखो लाखो लोग मारे गए ! और हजारो करोड़ डालर के हथियार इसमे खर्च हो गए !
10 साल के बाद क्या हुआ जब अमेरिका की कंपनियो ने भरपूर हथियार बेच लिए ! उनके सारे गोदाम खाली हो गए ! तब अमेरिका ने दोनों देशो से कहा अब शांति वार्ता करो ! 10 साल तक युद्ध करवाया फिर कहा शांति वार्ता करो ! तो शांति वार्ता करवाने के लिए फिर एक UNO मे सतर बुलाया ! ईरान ईराक दोनों देशो को आमने सामने बैठाया गया ! और कहा गया अगर वहाँ तेल है तो तेल की खोज कर लो मिलेगा तो आधा आधा बाँट लो !
कितना सरल उपाय है तेल की खोज कर लो मिलेगा तो आधा आधा बाँट लो ! लेकिन दस साल के बाद जब युद्ध हो गया हथियार बिक गए ! खजाने खाली हो गए ! लाखो लोग मारेगे ! फिर कहा तेल खोजो और बाँट लो ! तब दोनों देशो ने कहा हम तेल की खोज करे हमारे पास तो इतने पैसे नहीं है ! सारे पैसे तो हथियार खरीदने मे खर्च हो गए !
तो दोनों देशो को अमेरिका ने कहा अच्छा ठीक आपके पास पैसे नहीं है तो पैसे हम लगा देते हैं ! rights हमको देदो ! तो अमरीकी कंपनियो को तेल खोजने का पूरा अधिकार मिल गया और उन्होने वहाँ तेल खोजना शुरू किया ! दो साल बाद अमेरिकी कंपनियो ने कहा इस इलाके मे कोई तेल नहीं है !
तो दोनों देश खामोश होकर शांत बैठ गए ! 10 साल पहले खबर आई थी washington post मे कि इसमे भरपूर तेल है ! तो इन लोगो ने शिकायत किया washington post के खिलाफ ! जब washington post के खिलाफ शिकायत हुए तो washington post के एडिटर ने शमा मांग लिया कि गलती हो गई ! और गलत खबर छ्प गई माफ कर दी जिये हमको ! तो कहा गया ये खबर तो सेटे लाईट से आई थी ! तो उन्हों ने कहा सेटे लाईट भी गलती कर सकता है ! मशीन है ! मशीन तो गलती कर सकती है ! जब आदमी गलती कर सकता है आदमी ने मशीन को बनाया हैतो मशीन भी गलती कर सकती है !
तो ये chapter यहाँ खत्म हो गया ! लेकिन खूबसूरती इस घटना की ये रही कि दोनों देश एक दूसरे के खून के पियासे हो गए ! एक ही कोम को मानने वाले एक ही महजब को मानने वाले , एक साथ अलहाह की प्राथना करने वाले लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन हो गए और इतने दुश्मन हो गए कि उनके बटवारे हो गए ! और झगड़े शुरू हो गए और आजतक रुके नहीं !
तो युद्ध कैसे करवाया जाता है इसका एक उदाहरण आपने पढ़ा इसी तरह vietnam मे हुआ था ! इसी तरह कोरिया मे हुआ था इसी तरह चिली,कोसारिका,कोलम्बिया जैसे देशो मे हुआ था ! तो ये अमेरिका अपने हथियार बेचने के लिए किस हद तक जा सकता है उसका एक उदाहरण आपके सामने है !!
पूरी post पढ़ने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद !!
यहाँ जरूर click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=-yuR4EAJCY8
दोस्तो बात है 1979 की ! अमेरिका का एक अखबार है जिसका नाम है washington post ! उसमे july के महीने मे एक खबर आई ! 16 जुलाई 1979 को अमेरिका के washington post अखबार के front page पर एक खबर छपी ! खबर ये थी कि ईरान और इराक नाम के दो पड़ोसी देश ! इनके बीच मे एक क्षेत्र है उसको अरबी भाषा मे shatt-al-arab कहते हैं तो shatt-al-arab नाम का जो क्षेत्र है उसमे बहुत अधिक मात्रा मे तेल छिपा हुआ है ! ये खबर अमेरिका के washington post अखबार मे छपी !!
अब ये खबर जब छपी तो दोनों देशो की सरकारो के कान खड़े हो गए ! तो उन्होने देखना शुरू किया कि ये जो shatt-al-arab नाम का क्षेत्र है इसमे इतना अधिक तेल है ! और खबर जब छपी तो उसमे refrence दिया गया कि अमेरिका के जो अन्तरिक्ष मे सैटेलाइट है उनसे मिली जानकारी के अनुसार !
तो दोनों देशो को और ज्यादा विश्वास हो गया !
तो ईरान और इराक दोनों देशो के कान खड़े हो गए और दोनों देशो ने कहना शुरू किया ये जो shatt-al-arab क्षेत्र है ये हमारा है ! ईरान ने claim हमारा है इराक ने claim किया नहीं हमारा है ! जब दोनों देशो ने एक साथ एक क्षेत्र पर अधिकार जमाना शुरू किया तो झगड़ा होना स्वाभाविक था ! तो दोनों का झगड़ा UNO मे गया !
UNO तो इसी लिए बनाया गया है दो देशो के झगड़ो का निपटारा करने के लिए ! लेकिन सब जानते है UNO काम करता है अमेरिका के इशारे पर ! पूरी तरह से ये अमेरिका का जेब मे रहने वाला संघठन हो गया है अमेरिका किसी देश पर हमला करना चाहे तो UNO उसको बदल नहीं सकता ! जैसा आपने इराक के केस मे देखा !
ईराक के केस मे UNO द्वारा बनाई गई report कहती है कि ईराक के पास कोई nuclear weapon नहीं है !अमेरिका कहता है "है " ! UNO कहता है नहीं है ! तो UNO ने कहा हम ईराक पर युद्ध की अनुमति नहीं देते ! तो अमेरिका ने कहा तुम बाजू मे बैठो हम युद्ध शुरू करते हैं ! तो UNO के सारे नियमो का उलंघन करके अमेरिका ने युद्ध शुरू किया UNO कुछ नहीं कर पाया क्यूंकि UNO एक ऐसा शेर है जिसके दाँत नहीं है जो सिर्फ दहाड़ सकता है काट नहीं सकता !
और UNO रहता भी अमरीका की जेब मे है ! क्यूंकि अमेरिका के funds पर UNO की बहुत सी नीतिया चलती है funds तो और भी देश देते हैं पर अमेरिका कुछ ज्यादा देता है इसलिए UNO को उसकी बात माननी पड़ती है !
तो इसी तरह से 1979 मे ईरान - ईराक का मामला UNO मे गया पर UNO ने इस पर कोई फैसला नही दिया !लिहाजा दोनों देशो मे एक दूसरे के खिलाफ युद्ध करने का तय कर लिया ! उसी समय मे सदाम हुसेन ईराक का राष्ट्रपति बना ! और इसको अमेरिका ने राष्ट्रपति बनवाया ! क्यूंकि अमेरिका द्वारा समर्थित ईराक मे एक पार्टी है उसका नाम है baath पार्टी ! जिसका leader था सदाम हुसेन !
तो baath पार्टी को सत्ता मे लाने का काम अमेरिका ने करवा दिया ! सदाम हुसेन को leader बनाने का काम अमेरिका ने करवा दिया ! जिस समय सदाम हुसेन लीडर बना उस समय ये पढ़ाई करता था law का student था ! 2nd year मे पढ़ता था ! अमेरिका से इसकी बहुत नजदीकी रही !तो अमेरिका ने स (media) माचार पत्रो मे पैसा देकर , मेगजीनों मे पैसा देकर इसका ज्यादा प्रचार करवा दिया और सदाम हुसेन फिर leader हो गया और बाद मे राष्ट्रपति बन गया !! और उसने अमेरिका के कहने पर ईरान के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया !!
इधर अमेरिका ने सदाम हुसेन को हथियार बेचना शुरू किया ! और उधर ईराक को हथियार बेचना शुरू किया ! दोनों देशो ने भरपूर हथियार खरीदे और एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल किये ! दस साल तक युद्ध चलता रहा ! लाखो लाखो लोग मारे गए ! और हजारो करोड़ डालर के हथियार इसमे खर्च हो गए !
10 साल के बाद क्या हुआ जब अमेरिका की कंपनियो ने भरपूर हथियार बेच लिए ! उनके सारे गोदाम खाली हो गए ! तब अमेरिका ने दोनों देशो से कहा अब शांति वार्ता करो ! 10 साल तक युद्ध करवाया फिर कहा शांति वार्ता करो ! तो शांति वार्ता करवाने के लिए फिर एक UNO मे सतर बुलाया ! ईरान ईराक दोनों देशो को आमने सामने बैठाया गया ! और कहा गया अगर वहाँ तेल है तो तेल की खोज कर लो मिलेगा तो आधा आधा बाँट लो !
कितना सरल उपाय है तेल की खोज कर लो मिलेगा तो आधा आधा बाँट लो ! लेकिन दस साल के बाद जब युद्ध हो गया हथियार बिक गए ! खजाने खाली हो गए ! लाखो लोग मारेगे ! फिर कहा तेल खोजो और बाँट लो ! तब दोनों देशो ने कहा हम तेल की खोज करे हमारे पास तो इतने पैसे नहीं है ! सारे पैसे तो हथियार खरीदने मे खर्च हो गए !
तो दोनों देशो को अमेरिका ने कहा अच्छा ठीक आपके पास पैसे नहीं है तो पैसे हम लगा देते हैं ! rights हमको देदो ! तो अमरीकी कंपनियो को तेल खोजने का पूरा अधिकार मिल गया और उन्होने वहाँ तेल खोजना शुरू किया ! दो साल बाद अमेरिकी कंपनियो ने कहा इस इलाके मे कोई तेल नहीं है !
तो दोनों देश खामोश होकर शांत बैठ गए ! 10 साल पहले खबर आई थी washington post मे कि इसमे भरपूर तेल है ! तो इन लोगो ने शिकायत किया washington post के खिलाफ ! जब washington post के खिलाफ शिकायत हुए तो washington post के एडिटर ने शमा मांग लिया कि गलती हो गई ! और गलत खबर छ्प गई माफ कर दी जिये हमको ! तो कहा गया ये खबर तो सेटे लाईट से आई थी ! तो उन्हों ने कहा सेटे लाईट भी गलती कर सकता है ! मशीन है ! मशीन तो गलती कर सकती है ! जब आदमी गलती कर सकता है आदमी ने मशीन को बनाया हैतो मशीन भी गलती कर सकती है !
तो ये chapter यहाँ खत्म हो गया ! लेकिन खूबसूरती इस घटना की ये रही कि दोनों देश एक दूसरे के खून के पियासे हो गए ! एक ही कोम को मानने वाले एक ही महजब को मानने वाले , एक साथ अलहाह की प्राथना करने वाले लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन हो गए और इतने दुश्मन हो गए कि उनके बटवारे हो गए ! और झगड़े शुरू हो गए और आजतक रुके नहीं !
तो युद्ध कैसे करवाया जाता है इसका एक उदाहरण आपने पढ़ा इसी तरह vietnam मे हुआ था ! इसी तरह कोरिया मे हुआ था इसी तरह चिली,कोसारिका,कोलम्बिया जैसे देशो मे हुआ था ! तो ये अमेरिका अपने हथियार बेचने के लिए किस हद तक जा सकता है उसका एक उदाहरण आपके सामने है !!
पूरी post पढ़ने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद !!
यहाँ जरूर click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=-yuR4EAJCY8
No comments:
Post a Comment