Friday 7 March 2014

भारत मे गुरुकुल पद्धति

आज से कुछ डेढ़ सौ वर्ष पूर्व तक भारत मे गुरुकुल पद्धति थी ,जिसमे शिक्षा से ज्यादा संस्कारो पर ज़ोर दिया जाता था और उन्ही संस्कार के बल पर भारत कभी विश्वगुरु था । लेकिन अंग्रेज़ जब भारत आए और उन्होने यहा पर संस्कारवान पुरुष और शीलवान कन्याओ को देखा था उनके होश उड़ गए उन्होने कभी सपने मे भी नहीं सोचा था की एक पुरुष एक कन्या (पत्नी ) के साथ अपनी पूरी उम्र गुजार सकता है । उन्होने कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की थी कोई बालक अपने माता पिता को बुढ़ापे मे कंधो पे बैठाकर तीर्थ करवा सकता है । लेकिन जब ये सब उन्होने भारत मे देख लिया तो उन्होने सोचा की इतना संस्कारवान और शीलवान देश हमारा गुलाम क्यूँ बनेगा । तब उनके अधिकारी विलियम एडम के कहने पर टीबी मैकाले नाम के अंग्रेज़ ने भारत का सर्वे किया और ब्रिटिश संसद को वो रिपोर्ट पेश की ------- इस रिपोर्ट मे मैकाले कहता है की भारत संपन्नता की नीव यहा के गुरुकुल है और उनसे मिलने वाले संस्कार है यदि इन संस्कारो और गुरुकूलो को नष्ट कर दिया तो भारत को आसानी से गुलाम बनाया जा सकता है ।
बस फिर क्या था अंग्रेज़ो ने भारत मे कानून बना दिया INDIAN EDUCATION ACT
और हर भारतीय गुरुकुल को अवैध घोषित कर दिया और भारत मे नीव डाली कान्वेंट स्कूली सभ्यता की जिसने देखते ही देखते भारत का सर्वनाश कर दिया और उदाहरण आज आपकी आंखो के सामने है -----गेंगरेप ,हत्या ,समलैंगिकता ,अपहरण ,लूट ,डकैती आदि आदि ...... कई कुरुतिया जो कभी विदेशो मे थी आज भारत मे है
आज अगर आप भारत को बचना चाहते है तो आप भारत की युवा पीढ़ी को फिर से संस्कार प्रदान करे

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