Monday 3 March 2014

जापान के एक वैज्ञानिक ने एक प्रयोग में यह पाया की पानी को आप जिस भावना से रोज़ देखते है , उसका असर उससे जमाये हुए बर्फ के कणों के आकार पर पड़ता है | जिस पानी को अच्छी भावनाएं प्रेषित की उसके कण एकदम व्यवस्थित आकर के थे |
जिस पानी को घृणा और अन्य नकारात्मक भावनाएं प्रेषित की उसके कण सही आकार में नहीं बने |
हमारे भोजन का अधिकांश हिस्सा जल है , जब हम भोजन को भोग लगाते है तो मन्त्र बोलते है , अच्छी और पवित्र भावना के साथ परमात्मा को याद करते है , ऐसा भोजन करने से हमारी सारी व्याधियां और विकार दूर होते है |
इसी तरह पूजा का जल भी मन्त्रों से अभिमंत्रित होने के कारण शक्ति युक्त हो जाता है , ऐसे जल का छिडकाव और आचमन हमें शक्तियों से भर देता है |
हमें गर्व है वैज्ञानिक धर्म के पालन करने का |

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