Saturday 31 May 2014

महाभारत के भीष्म जी ने दीर्घ आयु प्राप्त करने के यह उपाय बताये हैं

महाभारत के भीष्म जी ने दीर्घ आयु प्राप्त करने के यह उपाय बताये हैं
१) सदाचार से दीर्घ आयु, श्री और कीर्ति प्राप्त होती है ।
२) नास्तिकता,आलस्य,गुरू की आज्ञा और शास्त्र की आज्ञा का उल्लंघन करना ये बातें आयु का नाश करती हैं ।
३) शील और मर्यादा को छोड़ना और व्याभिचार करना ये दो बातें आयु का नाश करती हैं ।
४) क्रोध न करना, सत्य का पालन करना, हिंसा न करना, असूया ( चुगली ) न करना, कुटिल्ता न करना, इससे १०० वर्ष की आयु प्राप्त होती है ।
५) नाखून खाना, उच्छिष्ट भक्षण करना इनसे आयु का नाश होता है ।
६) ब्रह्ममुहूर्त में उठकर धर्म का विचार करना और दोनो संधिकाल में संध्या करना । इससे भी दीर्घायु प्रप्त होती है ।
७) व्याभिचार न करना , क्योंकि व्याभिचार से आयुष्य का नाश होता है ।
८) माता पिता और आचार्य को नमस्कार करना ।
९) ग्राम के पास शौच न करना ।
१०) जूता, वस्त्र, पात्रदूसरे का वर्ता हुआ धारण न करना । अपने एक पाँव से दूसरा पाँव न घसीटना, नित्य ब्रह्मचर्य से रहना ।
११) आक्रोश, झगड़ा न करना ।
१२) किसी को मर्मवेदी वाक्य न बोलना । निन्दा न करना , हीन से किसी पदार्थ को स्विकार न करना ।
१३) पाँव गीले रख कर भोजन करना ।
१४) केशों को न खींचना, सिर पर प्रहार न करना । दोनो हाथों से सिर न खुजलाना ।
१५) दुर्गन्ध वायु में न ठहरना ।
१६) छुट्टी के दिन पढ़ना नहीं ।
१७) सोने के समय दूसरा वस्त्र पहनना ।
१८) कभी कभी उपवास करना ।
१९) एक पात्र में दूसरे के साथ भोजन न करना ।
२०) रजस्वाला स्त्री का बनाया हुआ भोजन न करना ।
२१) निषिद्ध अन्न का सेवन न करना ।
२२) दिन में दो बार ही भोजन करना और बीच में कुछ न खाना ।
२३) जिस अन्न में केश हों उसको न खाना ।
२४) संध्याकाल में न सोना, न पढ़ना और न खाना ।
२५) सदा प्रयत्न करते रहना । क्योंकि प्रयत्नशील मनुष्य को ही सुख प्राप्त होता है ।
२६) ऐसी अपनी शक्ति बढ़ानी कि जिससे शत्रुओं का हमला न हो सके तथा अपने नौकर और स्वजन अपना अनादर न कर सकें ।
२७) सदा ही श्रेष्ठ पुरुषों का जीवन चरित्र पढ़ना 

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