"विकास जब पागल"होता है ...
कभी शुष्क और बंजर धरती से पटा हुआ कच्छ आज हरियाली की चादर ओढ़े गुजरात की कृषि ग्रोथ बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है...कच्छ में अब नर्मदा का पानी नहरों के जरिये क्रांति ला रहा है भचाऊ में नर्मदा प्रोजेक्ट का बड़ा पम्पिंग स्टेशन है जिससे पूरे कच्छ की सिंचाई व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके.
राज्य की दो-तिहाई भूमि शुष्क व अर्ध-शुष्क उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र के तहत आती है। बावजूद इसके वर्ष 2002-03 में गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार ने सबसे पहले खेतों व उद्योगों की बिजली आपूर्ति में सुधार का फैसला किया। रात में बिजली मिलने से किसानों ने ‘थ्री-फेज’ बिजली पर अपने पम्प चलाए। इससे किसानों को फायदा हुआ। ‘ड्रिंप एवं स्प्रिंक्लर सिंचाई तकनीक’ ने कच्छ जिले की सूरत बदल दी है। जो क्षेत्र कभी पूरी तरह बंजर भूमि के तौर पर जाना जाता था, आज वहां आंवला, खजूर, अंजीर, अनार, आम, अरबी आदि की खूब पैदावार होती है।
अकेले कच्छ जिले से पश्चिम एशिया को 70,000 टन से ज्यादा केसर आम निर्यात किया जाता है। साल 2001 तक ड्रिप तकनीक सिर्फ 10,000 हेक्टेयर भूमि पर ही उपलब्ध थी, किंतु आज सात लाख हेक्टेयर भूमि इससे सिंचित हैं। ये कृषि क्राति का ही नतीजा है कि भारतीय तिलहन व उपज निर्यात प्रोत्साहन परिषद के अनुमानों के अनुसार, इस साल गर्मियों में गुजरात का मूंगफली उत्पादन 4,59,000 टन रहेगा जो कि पिछले साल के 2,94,000 टन से 56 प्रतिशत अधिक है.
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सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाले 10 देश..
आर्थिक विकास और मुद्रा संकट की घड़ी में विदेशी मुद्रा भंडार बहुत काम आता है. इसके बूते देशों की साख तय होती है, अंतरराष्ट्रीय कर्ज की अदायगी होती है.
1. चीन
3081 अरब डॉलर
3081 अरब डॉलर
2. जापान
1188 अरब डॉलर
1188 अरब डॉलर
3. स्विट्जरलैंड
773 अरब डॉलर
773 अरब डॉलर
4. सऊदी अरब
489 अरब डॉलर
489 अरब डॉलर
5. ताईवान
441 अरब डॉलर6. भारत
406 अरब डॉलर
7. हॉन्ग कॉन्ग
393 अरब डॉलर
8. दक्षिण कोरिया
370 अरब डॉलर
9. ब्राजील
360 अरब डॉलर
10. यूरोजोन
344 अरब डॉलर
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344 अरब डॉलर
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"IS OF DOING BUSINESS"
आजादी के बाद भारत पहली बार उन 100 देशों की श्रेणी आया जहा व्यापार करना आसान है.ये "वर्ल्ड बैंक"की रिपोर्ट है
आजादी के बाद भारत पहली बार उन 100 देशों की श्रेणी आया जहा व्यापार करना आसान है.ये "वर्ल्ड बैंक"की रिपोर्ट है
जब वर्ल्ड बैंक किसी देश को इस तरह की श्रेणी के लिए चुनती है तो उस देश की कर प्रणाली,कानून व्यवस्था,दफ्तरों के चक्कर तो नही लगाने पड़ते,आवागमन हेतु रास्ते,उद्योगों के लिए उपयुक्त संसाधन,बिजली,पानी और आर्थिक स्थिति आदी की कड़ाई से जांच करती है.,बिना जानकारी के ,GST और नोटबंदी पर बेतुके विचार रखने वाले लोगो के मुंह पर वर्ल्ड बैंक की ये रिपोर्ट एक तमाचा है.भारत की अर्थव्यवस्था पर आजकल मीडिया जो नकारात्मक हल्ला मचा रहा था इस रिपोर्ट से ये साबित होता है कि मीडिया झूठा है...
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चीन सीमा के पास लद्दाख में बनी दुनिया की सबसे ऊंची वाहन चलने लायक सड़क !
सीमाओं पर ढांचागत सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए भारत ने लद्दाख में वाहन चलने योग्य दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बना दी है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में यह सड़क बना कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। बीआरओ की ओर से बनाई गई यह सड़क लद्दाख के उमलिंगा टॉप से होकर गुजरेगी, जो 19,300 फुट की ऊंचाई पर है।
पिछले कुछ समय से पाकिस्तान और चीन के साथ चल रहे विवाद को लेकर भारत सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा रहा है। इसी को लेकर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने लद्दाख में वाहनों के आवागमन के लिए दुनिया में सबसे ऊंची सड़क बना दी है। बीआरओ के प्रॉजेक्ट हिमांक के तहत इस सड़क का निर्माण किया गया है।
इतनी अधिक ऊंचाई पर सड़क बनाना चुनौतियों से भरा हुआ काम था। यहां की जलवायु निर्माण गतिविधियों के लिए हमेशा ही प्रतिकूल रहती है। गर्मियों में तापमान शून्य से -20 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है, जबकि सर्दियों में यह शून्य से 40 डिग्री नीचे चला जाता है। इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा भी सामान्य स्थानों से 50 फीसदी कम रहती है।
LAC पर 17 भूमिगत सुरंगें ...
अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के साथ ही भारत LAC पर 17 भूमिगत सुरंगें बनाने की योजना पर काम कर रहा है। सड़कों से भिन्न सुरंगें बनने से LAC तक पहुंचने की दूरी काफी कम हो जाएगी। साथ ही हर मौसम में कनेक्टिविटी बनी रहेगी। ऐसे में अगर डोकलाम जैसे विवाद भविष्य में हुए तो भारी बर्फबारी के समय भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर सैनिकों की टुकड़ी या आपूर्ति को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा जबकि अभी सड़क मार्ग बंद हो जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीमा पर सड़क बनाने में जमीन अधिग्रहण और फ़ॉरेस्ट क्लियरंस मिलने में काफी मुश्किल आती है। जबकि सुरंगों के मामले में ऐसा नहीं होगा।
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LAC पर 17 भूमिगत सुरंगें ...
अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के साथ ही भारत LAC पर 17 भूमिगत सुरंगें बनाने की योजना पर काम कर रहा है। सड़कों से भिन्न सुरंगें बनने से LAC तक पहुंचने की दूरी काफी कम हो जाएगी। साथ ही हर मौसम में कनेक्टिविटी बनी रहेगी। ऐसे में अगर डोकलाम जैसे विवाद भविष्य में हुए तो भारी बर्फबारी के समय भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर सैनिकों की टुकड़ी या आपूर्ति को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा जबकि अभी सड़क मार्ग बंद हो जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीमा पर सड़क बनाने में जमीन अधिग्रहण और फ़ॉरेस्ट क्लियरंस मिलने में काफी मुश्किल आती है। जबकि सुरंगों के मामले में ऐसा नहीं होगा।
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लद्दाख में 11,500 फीट की ऊंंचाई पर विद्युत सब स्टेशन तैयार
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की आेर से जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में मोटर वाहन चलने लायक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाने का काम पूरा करने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ने भी लेह-लद्दाख में 11,500 फुट की ऊंचाई पर देश की सबसे ऊँची पारेषण लाइनट्रांसमिशन परियोजना पूरी करने में सफलता हासिल की है. पावर ग्रिड ने 220 केवी एलुसतेंग (श्रीनगर)-लेह पारेषण लाइन के 220 केवी लेह-खालस्ती लाइन खंड की परियोजना पूरी कर ली है.
यह परियोजना 31 अक्तूबर 2017 पूरी हुई ...रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त, 2014 में रखी थी. इससे लेह-लद्दाख क्षेत्र में निमो बाजगो पनबिजली परियोजना से भरोसेमंद बिजली उपलब्ध करायी जा सकेगी.
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अटल जी के ज़माने में जो Indian Airlines और Air India profit में थी वो UPA में 40,000 करोड़ के loss में क्यों चली गयी ...उस ज़माने में जब प्रफुल्ल पटेल उड्डयन मंत्री थे, चुन चुन के सबसे बढ़िया timings Jet Airways को दिए जाने लगे ...IA की एक flight शाम 6 बजे लखनऊ दिल्ली मुंबई जाती थी एकदम फुल । फिर एक दिन ऊपर से फरमान आया और IA की flight 2 बजे और सहारा शाम 6 बजे जाने लगी.... IA पिट गयी और सहारा भर के जाने लगी । इसी तरह अन्य private airlines को आगे बढाया गया AI और IA की कीमत पे ... छोटे airports पे जहां parking slots की दिक्कत होती है, जान बूझ के Air India की flights को ATC लेट करते जिस से कि प्लेन रनवे के एक कोने पर घंटा-घंटा भर खडा रहता.... Passengers लाचार खिड़की से देखते कि Jet की flight आ के चली भी गयी.....
इसी तरह UPA सरकार में BSNL को मार के Airtel और Idea को बढाया , इसी तरह DD को मारा गया । वहाँ दूरदर्शन के एक मित्र ने बताया कि पहले हम लोग शास्त्री भवन में अनाथ टूअर की तरह बैठे रहते थे और मंत्री हमारी ओर ताकते तक न थे । हमारे सामने NDTV और Pvt channels आते तो यही कपिल सिब्बल खुद उठ के बाहर आते थे बरखा दत्त को रिसीव करने...जबकि हम DD वाले 3 घंटे से इंतज़ार कर रहे होते. पर अब मोदी राज में ये हाल है कि मंत्रालय सबसे पहले हमको बुलाते हैं । इनको कोई घुसने नहीं देता । PM के विदेश दौरों पे सिर्फ DD का crew जाता है । लोक सभा और राज्य सभा TV की TRP NDTV से ऊपर जा रही है.....वो तमाम सरकारी उपक्रम जिन्हें UPA ने धीमे धीमे मारा वो सब जी उठे हैं और profit में आ रहे हैं......