Friday 5 January 2018

पकडे जाने पर चोर कुत्ते की तरह भागा राहुल गांधी का सलाहकार अलंकार सवाई ..........!!!
 सीमा पर भारतीय बारूद झेलते झलते पाकिस्तान ने भारत में राहुल गांधी को सलाह दी थी की अगर मोदी को सत्ता से हटाना है तो ..हिन्दुओ को जातियों के आधार पर फूट डाल के उनको आपस में लड़ा दो ..इस राह पर चलते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस की बी टीम नक्सलियों और कम्यूनिस्टो से संपर्क बढ़ाना शुरू किया 
.भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह के नारे लगाने वाले देश के गद्दारों सहित देश के ग्रामीण अंचलो को बारूद से लहुलुहान करने वाले नक्सलियों से कांग्रेस ने नजदीकियां बढाई. इसके बाद देश के कई राज्यों में जाति आधारित आंदोलनों को कांग्रेस ने सपोर्ट किया .समय गुजरता रहा , इस बीच गुजरात में जाति आधारित आन्दोलन के जरिये कांग्रेस ने दिल्ली के बामपंथी संस्थानों में पैदा हुए नक्सलियों को खाद पानी दिया , फिर आये गुजरात के चुनाव जिसमे एक नक्सली सामने आया .जिग्नेश मेवानी ...
राहुल गांधी ने अपने इस प्यादे के साथ खुल के नजदीकियां बढाई ..चुनाव के बाद जिग्नेश बन गया विधायक  चुनाव होने के बाद राहुल ने पर्दे के पीछे से इस नक्सली को देश के अन्य राज्यों में काम पर लगा दिया . महाराष्ट्र में पहुंचे जिग्नेश मेवानी और कश्मीर को भारत से अलग करने की मांग करने वाला उमर .इन दोनों के पहुँचते ही .महाराष्ट्र जातीय दंगो से झुलस गया..आग बुझी भी नही थी की राहुल गांधी ने नक्सली जिग्नेश मेवानी को दिल्ली में बुलाया ताकि मोदी के खिलाफ इसे राष्ट्रीय फेम मिल सके .. फिर  दिल्ली के प्रेस क्लव में  मेवानी की प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गयी ..इस प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को दिख गया राहुल सलाहकार अलंकार सवाय .
रिपब्लिक चैनल के रिपोर्टरों की टीम ने उसको पहचान लिया और उस पर सवालों की बौछार कर दी कि क्या ये प्रेस कॉन्फ्रेंस राहुल गांधी द्वारा प्रायोजित/आयोजित है.? यदि नहीं तो वो यहां सारी व्यवस्था स्वयं क्यों सम्भाल रहा है.? यह सवाल सुनते ही अलंकार सवाई पहले तो प्रेसक्लब के गलियारों में छुपकर सवाल से बचने की कोशिश करता रहा। लेकिन रिपोर्टर ने जब पीछा नहीं छोड़ा तो वो प्रेस क्लब से निकल भागा। रिपोर्टर वहां भी उसके पीछे हो लिया तो अलंकार सवाई रिपोर्टर से बचने के लिए सड़क पर तेजी से भागने लगा। और एक चलते हुए ऑटो में किसी नट की तरह उछलते हुए बैठकर भाग निकला।.
 कुलदीप नैयर द्वारा अपनी अपनी किताबों में लिखा  कि कुख्यात आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले द्वारा अपने उग्रवादी दल की स्थापना के बाद चंडीगढ़ के पंचतारा होटल में की गई पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के बिल का भुगतान तत्कालीन कांग्रेसी सरकार के गृहमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने किया था। जरनैल सिंह भिंडरावाले ने पंजाब और देश को धर्मोन्माद की आग में झोंका था। जिग्नेश मेवानी जातीय उन्माद की हिंसक आग में झोंक रहा है। इस काम में दोनों की मददगार कांग्रेस ही बनी है। चोरों की तरह भागा अलंकार सवाई अपने आप में जिंदा सबूत है।कांग्रेस की देशतोड़ो राजनीति का...

.कांग्रेस कभी भी मुसलमानों को नहीं भड़क आएगी वह हिंदुओं को ही जाति में बांटेगी अगर मुसलमान को भड़का आएगी तो हिंदू मुसलमान हो जाएगा और भाजपा जीत जाएगी... कांग्रेस कभी भी हिंदू-मुसलमान नहीं करना चाहेंगे

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