Tuesday, 26 November 2013

गौ मां से इस पद्धति से घी निकालने में

सिर दर्द, माईग्रेन, Sinus, नाक का मांस या हड्डी का बढना, नींद न आना, यादाश्त कमजोर, खर्राटे, नाक का बहना, ज्यादा छीके आना, एलर्जी, Brain Stroke, Blood Clotting in Brain, कमजोरी, आखो की कमजोरी, isnophilia एवं मानसिक रोगों का एक अदभुत ईलाज 

बनाने की विधि::
सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद गौ मां के थन से बछडो के पीने के पश्चात दूध निकाला जाता है, फ़िर उस दूध को दही के रूप में जमाया जाता है तत्पश्चात दही को सूर्योदय से पूर्व सागोन, शीशम या अन्य किसी औषधीय पेड की लकडी से बनाए गए मथनी यंत्र से नियमित गति से मथा जाता है और उससे मक्खन प्राप्त किया जाता है फ़िर उस प्राप्त मक्खन को मद्धम मद्धम आंच पर गर्म किया जाता है फ़िर जो पदार्थ प्राप्त होता है उसे घी कहते है
इस घी में HDL (अच्छा कोलेस्ट्रोल) होता है जो (LDL,VLDL)
बुरे कोलेस्ट्राल को कम करता है और शरीर को पोषण और ताकत देता है कई बिमारिया दूर करता है

प्रयोग की विधि::
रात को सोते समय उपर लिखी विधि से बनाए हुए घी को हल्का गर्म करे और ड्रापर की सहायता से २-२ बूंदे नाक में डाले और लेटे रहे, ये घी ऐसी ऐसी जगह पर जाता है जहां कोई दवा काम नही करती

कमजोरी दूर करने और पोषण के लिए: एक चम्मच घी को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पिलाए, इससे शरीर ताकतवर बनेगा और अगर गर्भवती महिलाए भी ये अजमाती है तो उनका प्रसव बहुत आराम से होगा बिना कष्ट के

जानकारी:: भारतीय नस्ल की गौ मां से इस पद्धति से घी निकालने में कम से कम 26 लीटर और अधिक से अधिक 34 लीटर दूध लगता है

सूचना:: कुछ कंपनिया या डेयरी फ़ार्म जर्सी और भैंस के दूध से मशीन द्वारा क्रीम निकालते है जिसे Butter Oil कहते है वो असल में घी नही होता और इसके काफ़ी नुकसान होते है जैसे मोटापा, कोलेस्ट्राल, बीपी आदि आजकल हम जो खा रहे है वो ये ही Butter Oil है जो क्रीम से बनता है अगर आपको पूरा फ़ायदा लेना है तो उपर लिखी सही विधि से घी बनाए और कई बीमारियो से छुटकारा पाए

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