भारत में बहुत सारे लँगर लगते हैं। आजकल देखा गया है कि अधिकतर लंगरों में भी थर्मोकोल की प्लेटें आदि प्रयोग होती हैं।
मेरी प्रार्थना है कि थर्मोकोल की प्लेटों का प्रयोग बन्द कर के पत्तों की बनी पत्तलों का प्रयोग करने के लिए हर व्यक्ति अपने स्तर पर एक जन जागृति करें। इससे एक तरफ तो हम अपने इर्द गिर्द प्रदूषण को कम करेंगे और दूसरा पत्तलें शत प्रतिशत स्वदेशी हैं। ये पत्तल अपने आप मिट्टी में मिल कर खत्म हो जाते है और खाद का भी काम करते है, इससे हमारे भारतवासियों को ही काम मिलेगा। जबकि थर्मोकोल (ये चीनी उत्पाद है) का प्रयोग करके हम अपने आपको और देश को ही लुटवाएँगे।
स्वदेशी अपनाओ भारत को विदेशी लूट से बचाओ, अपना स्वाभिमान जगाओ स्वदेशी से स्वावलम्बी भारत बनाओ...
मेरी प्रार्थना है कि थर्मोकोल की प्लेटों का प्रयोग बन्द कर के पत्तों की बनी पत्तलों का प्रयोग करने के लिए हर व्यक्ति अपने स्तर पर एक जन जागृति करें। इससे एक तरफ तो हम अपने इर्द गिर्द प्रदूषण को कम करेंगे और दूसरा पत्तलें शत प्रतिशत स्वदेशी हैं। ये पत्तल अपने आप मिट्टी में मिल कर खत्म हो जाते है और खाद का भी काम करते है, इससे हमारे भारतवासियों को ही काम मिलेगा। जबकि थर्मोकोल (ये चीनी उत्पाद है) का प्रयोग करके हम अपने आपको और देश को ही लुटवाएँगे।
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