गुजरात हाईकोर्ट ने मोदी के फैसले को सही ठहराया … कोई भी राज्य धर्म के आधार पर या संख्या के आधार पर भेदभाव नही कर सकती … अल्पसंख्यकवाद सम्विधान की मूलभावना के खिलाफ है — गुजरात हाईकोर्ट |
ताज्जुब इस बात का है कि देश की कोई भी राष्ट्रीय मीडिया इसे नही दिखाया | मित्रो, भारत सरकार से हर वर्ष सिर्फ मुसलमानों के लिए मुस्लीम रिलीफ फंड और अल्पसंख्यक कल्याणफंड गुजरात सरकार को मिले .. हर राज्यों में भी मिलते है | लेकिन गुजरात सरकार ने केंद्रको कहा कि वो इस फंड को पुरे गुजरात के नागरिको के लिए खर्च करेंगे क्योकि मेरी सरकार हिन्दू या मुस्लिम में कोई भेदभाव नही करती | इस पर केंद्र ने गुजरात सरकार केद्वारा अल्पसंख्यक फंड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी | फिर ये मामला गुजरात हाईकोर्ट मेंगया और चार सालो की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस भास्कर जी की खंडपीठ ने कहा की गुजरात सरकार का कदम बिलकुल सही है |
किसी भी राष्ट्र के लिए सिर्फ एक खास समुदाय के लिए अलग से स्पेशल इंतजाम करना ये अलगाववाद को बढ़ावा देता है | और हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा की गुजरात सरकार इस फंड को सभी धर्म के बच्चो के कल्याण के लिए खर्च कर सकती है | मित्रो, इसके पहले सिब्बल और कई दुसरे केन्द्रीय नेताओ ने बार बार ये कहा की मोदी ने करोड़ो रूपये जो अल्पसंख्यक कल्याण के लिए भेजे गये थे उसे खर्च नही किये | लेकिन ये दोगले नेता कभी जनता को ये नही बताये की इस बारे में कोर्ट में केस चल रहा है .., और जितना फण्ड सोनिया कांग्रेस गुजरात को दे रही थी मुसलमानों के नाम पर ( ५५०/- रूपये ५२००० मुस्लिम के लिए केवल ) मोदी जी राज सरकार की तरफ से हर गरीब लड़की को २२५०/- दे रहे थे जिसका फायदा करीब २००००० मुस्लिम युवा भी उठा रहे थे !
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क्या आपको पता हे ???
प.बंगाल के ३८००० गावो में से ८०० गाव पूर्ण तय हिन्दू बिहीन हो गाये
असम के एक पूर्ब राज्यपाल कि रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन ७ हज़ार घुसपैठिये भारत में प्रबेश करते है परिणाम स्वरुप बंगलादेश की सीमा से लगे हुए आसाम के १५ ,प.बंगाल के १९,बिहार के ९ तथा झारखण्ड के ५ जिले मुस्लिम बहुल हो गए है,प.बंगाल के ३८००० गावो में से ८०० गाव पूर्ण तय हिन्दू बिहीन हो गाये है ये घुसपैठिये स्थानीय मुसलमानों से मिलकर हिन्दूप को भागने में सहयोग करते है, प.बंगाल के १० लोकसभा सीट यानि ७० बिधान सभा क्षेत्रो की स्थित मुसलमान निर्णायक बन गया है,२४ परगना में मुसलमानों की संख्या ५४प्रतिशात, नदिया ४८ प्रतिशत, मुर्शिदाबाद ५२, मालदा ५४, प.दीनापुर के इस्लामी तहसील में ६० प्रतिशत हो गयी है कमोवेश यही स्थित बिहार की भी है. असम में पहली बार जनगणना १८७१ में हुई उस समय वह कि हिन्दू आबादी ९४.५% थी तथा मुस्लिम आबादी मात्र ५ % थी असम में २००१ की जनगणना के अनुसार हिन्दू आबादी घटकर मात्र ६४.४०% तथा मुस्लिम आबादी बढकर ३३% हो गयी है. और अब कश्मीर के बाद हिन्दू आसाम में भी अल्प्संखायेक हो चुके हे ...
पर वोट बैंक के कारण कोई दल इस मुगालिस्तान को बनने से रोक नहीं रहा हे
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