Tuesday, 26 November 2013

खाना पकाने में आयुर्वेदिक सिद्धांतों की पूरी तरह से अवहेलना

आयुर्वेदिक कूकिंग आज कल कूकरी शोज़ की और रेसिपीज़ की भरमार है . पर हम खाना पकाने में आयुर्वेदिक सिद्धांतों की पूरी तरह से अवहेलना कर देते हैं , जिसकी वजह से आज स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याएँ आ रही है .अगर कोई ऐसी बिमारी है जो वर्षों से ठीक नहीं हो रही तो खाने में ये आजमा कर देखे . - सूप बनाते समय उसमे दूध नहीं डाले . 
- दही खट्टा हो तो उसमे दूध नहीं डाले . 
- ओट्स पकाते समय उसमे दूध दही साथ साथ न डाले . 
- चाय कॉफ़ी में शहद ना डाले . 
- पूरी , भटूरे , मिठाइयां डालडा घी में ना बना कर शुद्ध घी में बनाए . 
- नमकीन चावलों में , सब्जी की करी में दूध न डाले . 
- खट्टे फलों के साथ , फ्रूट सलाद में क्रीम या दूध न डाले . 
- दही बड़ा विरुद्ध आहार है . 
- ४ बजे के बाद केले , दही , शरबत , आइसक्रीम आदि का सेवन ना करे . 
- आटा लगाने के लिए दूध का इस्तेमाल ना करे . 
- गर्मियों में हरी मिर्च और सर्दियों में लाल मिर्च ला सेवन करे . 
- सुबह ठंडी तासीर की और शाम के बाद गर्म तासीर के खाने का सेवन करे . 
- पकौड़ों के साथ चाय या मिल्क शेक नहीं गरम कढ़ी ले . 
- फलों को सुबह नाश्ते के पहले खाए . किसी अन्य खाने के साथ मिलाकर ना ले .कच्चा सलाद भी खाने के पहले खा ले . 
- दही वाले रायते को हिंग जीरे का तडका अवश्य लगाएं . 
- दाल में एक चम्मच घी अवश्य डाले . 
- खाली पेट पान का सेवन ना करे . 
- खाने के साथ पानी नहीं ज़्यादा पानी डाला छाछ या ज्यूस या सूप पियें . 
- अत्याधिक नमक और खट्टे पदार्थ सेहत के लिए ठीक नहीं . 
- बघार लगाने में खूब हिंग , जीरा , सौंफ , मेथीदाना , धनिया पावडर , अजवाइन आदि का प्रयोग करें .

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