चेन्नई की गलियों में इडली और
दोसा बेच प्रतिदिन 20 रुपए कमाने वाली शरद
बाबू की मां ने कभी सपने में
भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन
उनका बेटा हजारों लोगों के रोजगार का माध्यम
बनेगा। शरद बाबू ने बुलंद हौसले की बदौलत
अपनी तकदीर की कहानी खुद लिखी और
हजारों परिवार के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरी।
आज वे अहमदाबाद स्थित फूड किंग केटरिंग
सर्विसेज लिमिटेड के मालिक हैं।
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस
(बिट्स) पिलानी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग और
आईआईएम (मुंबई) से एमबीए करने वाले शरद
बाबू 15 नवंबर को जमशेदपुर में
एक्सएलआरआई में शुरू होने जा रहे मैनेजमेंट
फेस्ट ऑन्सम्बल-2013 में देश के बिजनेस
स्कूलों के विद्यार्थियों को बिजनेस के गुर
बताएंगे।
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दोसा बेच प्रतिदिन 20 रुपए कमाने वाली शरद
बाबू की मां ने कभी सपने में
भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन
उनका बेटा हजारों लोगों के रोजगार का माध्यम
बनेगा। शरद बाबू ने बुलंद हौसले की बदौलत
अपनी तकदीर की कहानी खुद लिखी और
हजारों परिवार के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरी।
आज वे अहमदाबाद स्थित फूड किंग केटरिंग
सर्विसेज लिमिटेड के मालिक हैं।
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस
(बिट्स) पिलानी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग और
आईआईएम (मुंबई) से एमबीए करने वाले शरद
बाबू 15 नवंबर को जमशेदपुर में
एक्सएलआरआई में शुरू होने जा रहे मैनेजमेंट
फेस्ट ऑन्सम्बल-2013 में देश के बिजनेस
स्कूलों के विद्यार्थियों को बिजनेस के गुर
बताएंगे।
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