Monday, 4 November 2013

क्या यही न्याय है ?

कोंगेसी मंत्री बाबूलाल नागर पर बलात्कार का आरोप साबित होने पर भी घर का खाना देने से कोर्ट ने मान लिया और दोष साबित नही होने के बावजूद भी संत श्री आसाराम जी बापू जी को घर का खाना देनेसे कोर्ट क्यों राजी नही ? क्या यही न्याय है ? अगर हा तो ऐसे न्याय को और न्यायाधीश को आग में फूँक देना चाहिए धिक्कार है ऐसे दोगले कानून पर."

जिस देश मे सैकड़ों निर्दोषों की जान लेने वाले आतंकवादी कसाब को बिरयानी खिलाई जाती है, उसी देश मे करोड़ों गरीबों की जिंदगी बना देने बापूजी को जेल मे गंगाजल भी नहीं ले जाने दिया तो बताओ कि क्यो हम इस अंधे कानून पे भरोसा करे ? आखिर क्यों हम आशारामजी बापू का समर्थन ना करे ??

पूरे विश्व मे हिंदुओं के एकमात्र देश भारत मे 70 % हिन्दू होने के बावजूद फर्जी सेकुलरिस्म के नाम पर हिंदुविरोधी कानून बनाए जा रहे हो, आर्थिक लाभ देने वाली गौ-माता की हत्या रोकने के लिए कानून ही नहीं है, भ्रष्टाचार के कारण 65 % जनता की आय 30 रुपया प्रतिदिन है, गरीब-किसान आत्महत्या कर रहे है, वहाँ देश की पढ़ी-लिखी जनता विदेशी मीडिया और सरकार के अत्याचार मे आवाज भी नहीं उठा रहे...... आश्चर्य है..

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 संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा स्थित कार्यालय के समक्ष कल हजारों सिखों ने प्रदर्शन कर 1984 के सिख विरोधी दंगों की अन्तर्राष्ट्रीय जांच की मांग की। इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए यूरोप के विभिन्न भागों से हजारों की संख्या में सिख एकत्र हुए थे। प्रदर्शन के आयोजकों के अनुसार प्रदर्शन में भाग लेने वालों की संख्या दस हजार थी, जबकि पुलिस ने यह संख्या चार हजार बताई।

प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय को एक ज्ञापन भी सौंपा। जेनेवा स्थित भारतीय राजनयिकों ने सिखों के ज्ञापन पर कुछ कहने से इन्कार किया, किन्तु कहा कि इस मामले में भारत की न्यायिक व्यवस्था के अन्तर्गत कार्रवाई चल रही है।


इंडियन मुजाहिद्दीन मोदी को मारना चाहता है....
आइएसआइ मोदी को मारना चाहती है.... 
लश्कर-ए-तय्यबा मोदी को मारना चाहते है.... 
नक्सली मोदी को मारना चाहते है.... आल क़ायदा मोदी को मारना चाहते है.... 
तथाकथित सेक्युलर दल मोदी को मारना चाहते है.... 

अगर देश के सभी "गद्दार" और "देश द्रोही" मोदी को मारना चाहते है,
तो मोदी की "देश भक्ति" का इससे बड़ा सुबूत भला और क्या हो सकता है !!
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