अगर बच्चा रात को दांत किटकिटाए तो इसका कारण पेट में कीडे होना है पेट में कीड़ों के कारण बच्चे के पेट में दर्द होता है। कभी बच्चे की भूख मर जाती है तो कभी उसका पेट साफ नहीं होता। कभी-सभी सर्दी, पेट दर्द होना, बुखार और टांसिल्स की शिकायत भी हो जाती है। ये जीव अपनी संख्या में वृद्धि कर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार ये परजीवी गोलकृमी,फीता कृमी,पिनकृमी आदि नामों से जाने जाते हैं। इनमें कुछ हेल्मिन्थवर्ग के जीव हैं। जो धीरे-धीरे अपनी संख्या को बढाते हैं। कुछ सूक्ष्म जीव अमीबा। जैसे होते हैं जो शरीर में सहजीवी के रूप में रहते हैं तथा शरीर में पाचन सहित मल निर्माण क़ी प्रक्रिया में भी भाग लेते है। ये गुदा के अन्दर और मलद्वार पर काटते हैं जिससे बच्चा रोता है। विशेष रूप से यह तकलीफ रात को होती है जिस कारण बच्चा सो नहीं पाता। यदि बच्चा सोते समय दांत पीसे या किटकिटाए या शक्कर या गुड़ जैसे मीठे पदार्थ बहुत अधिक खाये, नामक और गुदा खुजाए, पेट के बल सोए, उसका हाजमा खराब हो, उसके मुंह व सांस से दुर्गन्ध आये तो समझना चाहिए कि पेट में थ्रेड वर्म है।
आइए जानते है इनके आसान और कारगर ईलाज:
-अजवायन का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम लेकर समभग गुड में गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से सभी प्रकार के पेट के कीडे नष्ट होते है।
- सुबह उठते ही बच्चे दस ग्राम (और बडे २५ ग्राम) गुड खाकर दस - पन्द्रह मिनट आराम करें। इससे आंतों में चिपके सब कीडे निकलकर एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर बच्चे आधा ग्राम (और बडे एक - दो ग्राम) अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ खायें। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे एकदम नष्ट होकर मल के साथ शीघ्र ही बाहर निकल जाते हैं।
-अजवायन चूर्ण आधा ग्राम में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बालकों के कीडे नष्ट होते हैं। बडे अजवायन के चुर्ण चार भाग में काला नमक एक भाग मिलाकर दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी के साथ लें।
- अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम, साठ ग्राम मट्ठे या छाछ के साथ और बडो को दो ग्राम १२५ ग्राम मट्ठे के साथ देने से पेट के कीडे नष्ट होकर मल के साथ बाहर निकल जाते है।
-थायमल (अजवायन का सत) रात को खाली कैपसूल में डालकर पानी के साथ लेने से भी कृमियों से छुटकारा मिलता है। पीपलमूल के चूर्ण की लगभग 3 ग्राम मात्रा रात को सोते समय गोमूत्र के साथ लेने से भी लाभ होता है। कड़वी तुंबी के बीजों के बारीक पिसे चूर्ण की दो ग्राम मात्रा सुबह छाछ के साथ देने से भी अमाशय के कृमि नष्ट हो जाते हैं।
खजूर के पत्तों को उबालकर, काढ़ा बनाकर 24 घंटे रखकर बासी करके पीने से भी लाभ होता है। कृमि नष्ट करने के लिए वायविडंग के बारीक पिसे चूर्ण की 60 ग्राम मात्रा 250 ग्राम शहद में मिलाकर रखें इस मिश्रण की 1 या 2 चम्मच मात्रा सुबह चाट लें और फिर पानी से कुल्ले करके मुंह साफ कर लें।
-सुबह आनार का रस थोडी मात्रा में दे इससे कीडे कम होते है
-प्याज का थोडा सा रस पीलाने से कीडे ठीक हो जाते है
-बच्चे को दूध और मीठा न पीलाए इससे कीडे बढते है
-कृमि चिकित्सा के लिए कृमि कुठार रस की एक−एक रत्ती वजन की एक−एक गोली सुबह−शाम शहद के साथ तीन दिन देकर चौथे दिन एक चम्मच कैस्टर आयल (अरण्डी का तेल) दूध में मिलाकर दें। इससे लाभ होता है। भोजन के बाद बच्चों को एक−एक चम्मच विडंगारिष्ट पानी में मिलाकर देने से भी लाभ होता है। वयस्कों को विडंगारिष्ट की दो−दो चम्मच मात्रा का सेवन करना चाहिए।
आइए जानते है इनके आसान और कारगर ईलाज:
-अजवायन का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम लेकर समभग गुड में गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से सभी प्रकार के पेट के कीडे नष्ट होते है।
- सुबह उठते ही बच्चे दस ग्राम (और बडे २५ ग्राम) गुड खाकर दस - पन्द्रह मिनट आराम करें। इससे आंतों में चिपके सब कीडे निकलकर एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर बच्चे आधा ग्राम (और बडे एक - दो ग्राम) अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ खायें। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे एकदम नष्ट होकर मल के साथ शीघ्र ही बाहर निकल जाते हैं।
-अजवायन चूर्ण आधा ग्राम में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बालकों के कीडे नष्ट होते हैं। बडे अजवायन के चुर्ण चार भाग में काला नमक एक भाग मिलाकर दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी के साथ लें।
- अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम, साठ ग्राम मट्ठे या छाछ के साथ और बडो को दो ग्राम १२५ ग्राम मट्ठे के साथ देने से पेट के कीडे नष्ट होकर मल के साथ बाहर निकल जाते है।
-थायमल (अजवायन का सत) रात को खाली कैपसूल में डालकर पानी के साथ लेने से भी कृमियों से छुटकारा मिलता है। पीपलमूल के चूर्ण की लगभग 3 ग्राम मात्रा रात को सोते समय गोमूत्र के साथ लेने से भी लाभ होता है। कड़वी तुंबी के बीजों के बारीक पिसे चूर्ण की दो ग्राम मात्रा सुबह छाछ के साथ देने से भी अमाशय के कृमि नष्ट हो जाते हैं।
खजूर के पत्तों को उबालकर, काढ़ा बनाकर 24 घंटे रखकर बासी करके पीने से भी लाभ होता है। कृमि नष्ट करने के लिए वायविडंग के बारीक पिसे चूर्ण की 60 ग्राम मात्रा 250 ग्राम शहद में मिलाकर रखें इस मिश्रण की 1 या 2 चम्मच मात्रा सुबह चाट लें और फिर पानी से कुल्ले करके मुंह साफ कर लें।
-सुबह आनार का रस थोडी मात्रा में दे इससे कीडे कम होते है
-प्याज का थोडा सा रस पीलाने से कीडे ठीक हो जाते है
-बच्चे को दूध और मीठा न पीलाए इससे कीडे बढते है
-कृमि चिकित्सा के लिए कृमि कुठार रस की एक−एक रत्ती वजन की एक−एक गोली सुबह−शाम शहद के साथ तीन दिन देकर चौथे दिन एक चम्मच कैस्टर आयल (अरण्डी का तेल) दूध में मिलाकर दें। इससे लाभ होता है। भोजन के बाद बच्चों को एक−एक चम्मच विडंगारिष्ट पानी में मिलाकर देने से भी लाभ होता है। वयस्कों को विडंगारिष्ट की दो−दो चम्मच मात्रा का सेवन करना चाहिए।
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