Sunday, 11 January 2015



यूरोपीय देशों मैं कैसे रहते है मुस्लिम ?
सामान्यत: यूरोप के सभी प्रमुख देशों-ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, आदि में मुसलमानों के अनेक सामाजिक रीति-रिवाजों पर प्रतिबंध है।
प्राय: सभी यूरोपीय देशों में मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने तथा मीनारों के निर्माण तथा उस पर लाउडस्पीकर लगाने पर प्रतिबंध है।
बिट्रेन में इंडियन मुजहीद्दीन सहित 47 मुस्लिम आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ब्रिटेन का कथन है कि ये संगठन इस्लामी राज्य स्थापित करने और शरीयत कानून को लागू करने का अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हिंसा का प्रयोग करते हैं।
जर्मनी में भी बुर्के पर पाबन्दी है। जर्मनी के एक न्यायालय ने मुस्लिम बच्चों के खतना (सुन्नत) को ‘मजहबी अत्याचार’ कहकर प्रतिबंध लगा दिया है तथा जो डाक्टर उसमें सहायक होगा, उसे अपराधी माना जाएगा। जर्मनी के कोलोन शहर की अदालत ने बुधवार को सुनाए गए एक फैसले में कहा कि धार्मिक आधार पर शिशुओं का खतना करना उनके शरीर को कष्टकारी नुकसान पहुंचाने के बराबर है.और प्राकृतिक नियमों में हस्तक्षेप है
जर्मनी में मुस्लिम समुदाय इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं और वे इस बारे में कानूनविदों से मशविरा कर रहे हैं. आशा है विश्व के सारे देश जल्द ही जर्मनी का अनुसरण करने लगेंगे.
इसी तरह फ्रांस विश्व का पहला यूरोपीय देश था जिसने पर्दे (बुर्के) पर प्रतिबंध लगाया।

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आतंक की 'इंटर्नशिप' में भारत के डिग्रीधारी युवा
आईबीएन-7 | 10-Jan 13:32 PM
नई दिल्ली। फ्रांस में ही नहीं भारत में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब प्रोफेशनल डिग्री धारी नौजवान तक आतंक की तरफ मुड़ गए। दुनिया के सबसे बेरहम आतंकी संगठन आईएसआईएस का मोहरा भारतीय नौजवानों के दिमाग में नफरत के जेहाद का जहर भर रहा है।
ये फ्रांस में खूनी खेल खेलने वाले सईद क्वाचि का फेसबुक एकाउंट है तो भारत में गिरफ्तार हुए 25 साल के इंजीनियर मेहदी मसरुर बिस्वास का ट्विटर एकाउंट है। मेहदी पर दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के पक्ष में शमी विटनेस नाम से ट्विटर हैंडल चलाने का आरोप है।

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