Thursday 29 January 2015

vividh,,,,,,,,

काश कश्मीर में शहीद हुए कर्नल एम् एन राय ने इतिहास से सीख ली होती की शांतिदूतो का कभी भरोसा और विश्वास मत करो .. अपने स्थापना से लेकर आजतक इस कौम का इतिहास सिर्फ धोखा, बेईमानी, खून खराबा का ही है
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सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों को पढने का हुनर,
सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है

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फेसबुक का कमाल"
क्लास के दौरान एक लड़के ने अपना फेसबुक एकाउंट खोला
और
लिखा कि
" मैं क्लास में फेसबुक यूज कर रहा हु।"
फॉरेन प्रोफ़ेसर ने कमेंट किया
"क्लास से निकल जाओ"
प्रिंसिपल ने प्रोफ़ेसर के कमेंट को " लाईक " किया।
दोस्त ने कमेंट किया
"ओए केफे आजा"
माँ ने कमेंट किया
" नालायक कही का,
क्लास नहीं अटेंड करनी तो
सब्जी ले कर घर आ"
बाप ने फौरन कमेंट किया
" देख लो अपने बेटे की हरकतें"
उसी वक्त गर्लफ्रेंड का कमेँट आया
" धोखेबाज तूने तो कहा था कि
'हॉस्पिटल में हूँ दादी आखरी स्टेज पर है 'इसलिए मिलने नहीं आ सकता।"
और
आखिर में खतरनाक कमेँट भी
पढ़िए।
उसी वक्त दादी ने कमेँट किया
" तेरे मुँह में कीड़े पड़े नालायक
" मैं अभी जिन्दा हूँ "
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ओबामा के संकट मोचन है वीर बजरंगी - बजरंग बली के भक्त हैं ओबामा - हर समय साथ रखते हैं जेब में मूर्ति। 

जन्म से क्रिश्चियन बराक ओबामा हिंदू भगवान हनुमानजी में बेहद आस्था रखते हैं और कोई भी संकट आने पर हनुमानजी को याद करते हैं।

इसके पीछे ओबामा के बचपन में घटी एक बेहद दिलचस्प कहानी है।

जीवन के बुरे समय में घटी इस घटना ने ओबामा के मन में हनुमानजी के लिए आस्था पैदा कर दी।...

बराक ओबामा जब मात्र 5 वर्ष के थे उनकी माता ने दूसरी शादी की थी जब वह अपने सौतेले पिता के साथ उनके घर जा रहे थे तब उन्होंने ओबामा को हनुमानजी की मूर्ति दिखाई और उनकी वीरता की कहानियां सुनाई।

बचपन में सुनी इस कहानी से वह अत्यन्त प्रभावित हो गए... हमेशा उनकी जेब में रहती है हनुमानजी की वीरमुद्रा वाली मूर्ति।

उल्लेखनीय है वर्ष 2008 में जब बराक ओबामा पहली बार अमरीकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, उनके शुभचिंतकों ने उन्हें हनुमान की ही मूर्ति उपहार में देने का निश्चय किया।

उनका मानना था कि ऎसा करना ओबामा के लिए भाग्यशाली रहेगा और वह अमरीकी राष्ट्रपति बनने में सफल रहेंगे।

इस मूर्ति को पहले भारत में हिंदू पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार कर प्राण प्रतिष्ठित किया गया।

मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसे ओबामा की प्रतिनिधि सोवाज-मार को सौंपा गया जिन्होंने इसे व्यक्तिगत रूप से ओबामा को दिया।

उनके शुभचिंतकों के अनुसार इस मूर्ति ने उन्हें राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने में मदद की थी - और अब तो वो बजरंगी को भी मानते हैं अपना ईष्ट देव।

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