'मुझे बच्चों सहित जबरन बनाया मुस्लिम, फिर से बनूंगा हिंदू'
यूपी में बड़ौत के गांव गढ़ी कंगरान निवासी
शीशपाल शर्मा से मोहम्मद अब्दुल्ला बना 40 वर्षीय यह व्यक्ति अपनी पत्नी और चार बच्चों समेत रविवार को 12 बजे से पहले दिल्ली बस स्टैंड पर विहिप के जिलाध्यक्ष सहदेव सिंह से मिला। इसके बाद बड़ौत कोतवाली पहुंचा। सीओ बड़ौत सीपी सिंह ने उससे पूछताछ की। उसने बताया पांच साल पहले बड़ौत के ही एक मौलाना ने उसे बहला फुसलाकर गुमराह किया था। शामली का एक मौलाना भी उसके साथ था। वह उनकी बातों में आकर उनके साथ मुजफ्फरनगर के मीरापुर क्षेत्र के धर्म परिवर्तन के लिए चर्चित एक बड़े मदरसे में गया था।
वहां उसका और उसके तीन बच्चों मुकुल (10), शिवम (11) और तनु (आठ) का धर्म परिवर्तन कराकर तीनों के नाम क्रमश: सलमान, समीर और आयशा किए थे। सलमान को मदरसे में पढ़ने को जयपुर, समीर को पंजाब भेजा। जबकि आयशा को उसी मदरसे में रखा, जहां धर्म परिवर्तन कराया। इसके बाद वह लोनी में रह कर वॉल पेंटिंग का काम करने लगा।
शीशपाल शर्मा से मोहम्मद अब्दुल्ला बने व्यक्ति ने बताया कि अब तक इसलिए चुप रहा, क्योंकि उसे उसके बच्चों से नहीं मिलने दिया जा रहा था। उसे डर था कि अगर पुलिस से शिकायत की तो बच्चों के साथ कुछ गलत न हो जाए। अब जैसे ही बच्चे उसके पास आए, वह पुलिस के पास आ गया।
यूपी में बड़ौत के गांव गढ़ी कंगरान निवासी
शीशपाल शर्मा से मोहम्मद अब्दुल्ला बना 40 वर्षीय यह व्यक्ति अपनी पत्नी और चार बच्चों समेत रविवार को 12 बजे से पहले दिल्ली बस स्टैंड पर विहिप के जिलाध्यक्ष सहदेव सिंह से मिला। इसके बाद बड़ौत कोतवाली पहुंचा। सीओ बड़ौत सीपी सिंह ने उससे पूछताछ की। उसने बताया पांच साल पहले बड़ौत के ही एक मौलाना ने उसे बहला फुसलाकर गुमराह किया था। शामली का एक मौलाना भी उसके साथ था। वह उनकी बातों में आकर उनके साथ मुजफ्फरनगर के मीरापुर क्षेत्र के धर्म परिवर्तन के लिए चर्चित एक बड़े मदरसे में गया था।
वहां उसका और उसके तीन बच्चों मुकुल (10), शिवम (11) और तनु (आठ) का धर्म परिवर्तन कराकर तीनों के नाम क्रमश: सलमान, समीर और आयशा किए थे। सलमान को मदरसे में पढ़ने को जयपुर, समीर को पंजाब भेजा। जबकि आयशा को उसी मदरसे में रखा, जहां धर्म परिवर्तन कराया। इसके बाद वह लोनी में रह कर वॉल पेंटिंग का काम करने लगा।
शीशपाल शर्मा से मोहम्मद अब्दुल्ला बने व्यक्ति ने बताया कि अब तक इसलिए चुप रहा, क्योंकि उसे उसके बच्चों से नहीं मिलने दिया जा रहा था। उसे डर था कि अगर पुलिस से शिकायत की तो बच्चों के साथ कुछ गलत न हो जाए। अब जैसे ही बच्चे उसके पास आए, वह पुलिस के पास आ गया।
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