पेपर स्वीट--
यह कागज़ के रोल की तरह दिख रहा है. छूने पर भी कागज़ की तरह ही लगता है. लेकिन खाने पर मुंह में घुल जाता है और खस्तापन घुल जाने पर मुंह में रह जाती है शुद्ध देशी घी की खुशबू और पीठी शकर की मिठास....
यह एक मिठाई है . आंध्र प्रदेश में पोंगल के अवसर पर सभी दुकानों में यह उपलब्ध होती है. इसे तेलुगु में "पूतरे कुलु" कहा जाता है. पूर्वी गोदावरी में एक छोटा सा गाँव है आत्रेयपुरम जो यह मिठाई बनाने के लिए प्रसिद्ध है.यहाँ हर महिला यह मिठाई बनाने में व्यस्त होती है और इसे देश भर में और देश के बाहर भी भेजा जाता है.
इसे बनाना आसान नहीं है, विशेषकर जब इसे बनाते हुए कभी देखा ही ना हो. इसलिए इन लिंक्स पर जा कर इसे बनाते हुए देखा जा सकता है. इसे बनाते हुए देखना भी बड़ा मजेदार लगता है.
यह कागज़ के रोल की तरह दिख रहा है. छूने पर भी कागज़ की तरह ही लगता है. लेकिन खाने पर मुंह में घुल जाता है और खस्तापन घुल जाने पर मुंह में रह जाती है शुद्ध देशी घी की खुशबू और पीठी शकर की मिठास....
यह एक मिठाई है . आंध्र प्रदेश में पोंगल के अवसर पर सभी दुकानों में यह उपलब्ध होती है. इसे तेलुगु में "पूतरे कुलु" कहा जाता है. पूर्वी गोदावरी में एक छोटा सा गाँव है आत्रेयपुरम जो यह मिठाई बनाने के लिए प्रसिद्ध है.यहाँ हर महिला यह मिठाई बनाने में व्यस्त होती है और इसे देश भर में और देश के बाहर भी भेजा जाता है.
इसे बनाना आसान नहीं है, विशेषकर जब इसे बनाते हुए कभी देखा ही ना हो. इसलिए इन लिंक्स पर जा कर इसे बनाते हुए देखा जा सकता है. इसे बनाते हुए देखना भी बड़ा मजेदार लगता है.
इसमें "जया" नामक बिना पॉलिश किया हुआ चावल ही उपयोग में लाया जाता है.
सामग्री -
चावल - 2/3 कप
घी- 1/3 कप
पीठी या पिसी शकर - 2/3 कप
इलायची पावडर - 1 छोटा चम्मच
चावल को धो कर दो तीन घंटे के लिए भिगो कर रखे. फिर इसे बारीक पीस ले. इसका पतला घोल कर ले.
इसे बनाने के लिए एक विशेष मटकी आती है जिसे सूखे पाम के पत्ते जलाकर उस पर उलटा रखा जाता है. इस मटकी को कुछ बूँद तेल लगा कर कपडे से फैला देते है.
चावल के घोल में एक रुमाल के आकार का मलमल का साफ़ कपड़ा भिगोकर और जल्दी से गरम मटकी के ऊपर से खिंच देते है. चावल का घोल गरम मटकी पर पक के कागज़ की तरह दिखने लगता है. इसे सावधानी से हटा के अलग रखते चले. इन पेपर शीट्स को लम्बे समय तक रखा जा सकता है और यह आंध्र प्रदेश में बाज़ार में भी मिलती है.
अब हर एक शीट पर दो चम्मच पिघला घी डाले फिर इलायची मिली पिसी शकर या गुड फैला दे. फिर इसे मोड़ कर रोल बना दे. गुड के साथ बनाते समय इसमें बारीक कतरे सूखे मेवे भी मिलाये जाते है.
सामग्री -
चावल - 2/3 कप
घी- 1/3 कप
पीठी या पिसी शकर - 2/3 कप
इलायची पावडर - 1 छोटा चम्मच
चावल को धो कर दो तीन घंटे के लिए भिगो कर रखे. फिर इसे बारीक पीस ले. इसका पतला घोल कर ले.
इसे बनाने के लिए एक विशेष मटकी आती है जिसे सूखे पाम के पत्ते जलाकर उस पर उलटा रखा जाता है. इस मटकी को कुछ बूँद तेल लगा कर कपडे से फैला देते है.
चावल के घोल में एक रुमाल के आकार का मलमल का साफ़ कपड़ा भिगोकर और जल्दी से गरम मटकी के ऊपर से खिंच देते है. चावल का घोल गरम मटकी पर पक के कागज़ की तरह दिखने लगता है. इसे सावधानी से हटा के अलग रखते चले. इन पेपर शीट्स को लम्बे समय तक रखा जा सकता है और यह आंध्र प्रदेश में बाज़ार में भी मिलती है.
अब हर एक शीट पर दो चम्मच पिघला घी डाले फिर इलायची मिली पिसी शकर या गुड फैला दे. फिर इसे मोड़ कर रोल बना दे. गुड के साथ बनाते समय इसमें बारीक कतरे सूखे मेवे भी मिलाये जाते है.
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